Jeewan Singh 'जीवनसवारो' Tag: कविता 80 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 15 Jun 2023 · 1 min read मोबाइल महिमा जयमोबाइल,जयमोबाइल,जयमोबाइल सारी दुनिया वाले हो गए तेरे कायल ! तेरे प्रेम से दिल अब सबके ही घायल जयमोबाइल जय.... टेस्ट मैच के कछुआ जैसी थी जिंदगी तुमने ट्वेंटी-ट्वेंटी मैच सी... Hindi · कविता 1 293 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 13 Jun 2023 · 1 min read परिणय प्रनय कभी क्षणिक अति अवसाद में सोचता था ये जीवन व्यर्थ मिला ! पर जब तुम आयी जीवन में 'जीवन' को एक नया अर्थ मिला !! इस थमे हुए जीवन पथ... Hindi · कविता 4 4 307 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 11 Jun 2023 · 1 min read सियाचिनी सैनिक दुनिया जहॉ मौत देखती हम वहॉ खेल लेते है ! बस तिरंगे की शान में हर मुश्किल झेल लेते हैं ! दुनिया की सबसे ऊंची ये सियाचिन की है चौकी... Hindi · कविता 1 2 216 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 10 Jun 2023 · 2 min read चेहरे की तलाश चेहरे ही चेहरे चहकते हैं आसपास फिर भी ये दुनिया है क्यों हताश । चेहरा जो मुखौटा जैसा दिखता हो मुझे भी है एक ऐसे चेहरे की तलाश.... ये बदलते... Hindi · कविता 1 2 426 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 9 Jun 2023 · 1 min read मिट्टी बस मिट्टी इंसान और घड़ा दोनों एक से लगते माटी से बनते माटी में ही जा मिलते ! संवरते दोनों जब अंदर से सहारा पाये और थपकियाँ दे बाहर थोड़ा मारा जाये... Hindi · कविता 637 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 6 Jun 2023 · 1 min read सैनिक की कविता जब तक ये सीमाओं में सिहों का सिंहनाद रहेगा ! तब तक सरहद पे दुश्मन हमेशा यूं ही बर्बाद रहेगा ! जब तक हे मॉ भारती तेरा ऑचल आबाद रहेगा... Poetry Writing Challenge · कविता 6 4 335 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 5 Jun 2023 · 1 min read पर्यावरण प्रतिभाग बोला एक बीज एक दिन क्या मुझे मिट्टी में बोओगे ! तुम तो व्यस्त हो लगते.... क्या जमीन पर बिखेरोगे ! समय नही?कोई बात नही.... मैं खुद ही उग आऊंगा... Poetry Writing Challenge · कविता 3 2 425 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 5 Jun 2023 · 1 min read प्रेम प्रेम तो एक बहती नदिया जहाँ झुकाव वही बह जाती हैं ! सागर को मान प्रेम पड़ाव वही लगाव वही रह जाती है ! बना बांध रोक दो कही तोड़... Poetry Writing Challenge · कविता 1 365 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 4 Jun 2023 · 1 min read विवश प्रश्नचिन्ह ??? कौन सुनेगा यहाँ,किस-किस से कहूं मैं ? हर ओर घिरा हूं कैसे-कैसे चक्रव्यूह में ? कितना झेलूगा और कितना सहू मैं ? कितनी हड्डिया गलाऊ, बहाऊ लहू मैं ? इस... Poetry Writing Challenge · कविता 2 4 303 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 4 Jun 2023 · 1 min read कविताश्री कारक क्रौंच आदिकवि कंठ से कविता निकल सतत् बहे कविता सरिता की धारा सी अविरल! समाये काव्य,कथा,इतिहास,शास्त्र,साहित्य सकल कहे महानायक चरित,महाद्वन्द,मनोभाव कोमल! घोलती रस भक्ति, श्रंगार, वीर और बहु रसायन... Poetry Writing Challenge · कविता 2 325 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 2 Jun 2023 · 1 min read ऐ जिंदगी.... ये जिंदगी सिखाए जिसे सीखा सकती कोई किताब नही ! हार के सबक से बड़ा जीतने वाले का खिताब नही ! राज छुपा सकता है पर्दा नही कर सकता दफन... Poetry Writing Challenge · कविता 2 2 461 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 2 Jun 2023 · 2 min read रोटी रूदन जो उगाते वे रह जाते भूखे फांके से भूखे- प्यासे सूखे निवाले न खाते,खाते धोखे ये अति अंधेर अंधों के देखे देख मैं रह-रह कर रोती हूं हाँय ! मैं... Poetry Writing Challenge · कविता 2 2 562 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 1 Jun 2023 · 1 min read नेता बनाम नेताजी(व्यंग्य) ऊंट किस करवट बैठेगा ये बताना है आसान । बंद मुठ्ठी में क्या है तुम लगा सकते अनुमान ।। पर क्या होगा नेता की अगली पार्टी का नाम । ये... Poetry Writing Challenge · कविता 1 429 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 1 Jun 2023 · 1 min read मेरा स्वप्नलोक नही सुंदर सुरबालाओं से हो सजा सुंदर परिलोक ! नही सभ्य,सौम्य भद्रपुरुषों का वो भव्य-भुवन भद्रलोक !! मेरा तो पावन मनभावन है मेरे सपनों का वो स्वप्नलोक ! जहाँ नारी,सज्जन,बहुजन... Poetry Writing Challenge · कविता 2 359 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 1 Jun 2023 · 1 min read माॅ प्रकृति रंग-बिरंगे फूलों-कलियों,तितलियों से सौंदर्य बढ़ाती भौरों,चिड़ियों और कोकिल कंठो से संगीत सुनाती कीट-पतंगों,मधुप,झीगुरों से तुम सरगम बजवाती वन-उपवन,मधुबन,मधुर-मधुर मालकोश सुनवाती जब मैना,मोनाल,बुलबुल,कोयल सब संग में गाती हे प्रकृति! तुम भी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 255 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 1 Jun 2023 · 1 min read लोकतंत्र का मंत्र जन से ही जनतंत्र जन ही लोकतंत्र की धूरी जनमत से ही होती हैं लोकतंत्र की शर्तें पूरी ! ये जनता की ताकत जन-जन की आवाज हैं यहाँ जनता ही... Poetry Writing Challenge · कविता 1 322 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 1 Jun 2023 · 1 min read दूर मजदूर प्रभुजी तुमने ही बनाया ये जग ये नदियां,ये मैदान और पहाड़ । मैनें तो बस मोड़ी है नदियां खोदे मैदान और तोड़े पहाड़ । हाँ तुमने ही बनाए पेड़-पौधे कीट-पतंगे,पशु-पक्षी... Poetry Writing Challenge · कविता 365 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 1 Jun 2023 · 1 min read कलमी आजादी देते है सम्मान अभिव्यक्ति की आजादी को आजादी पाने मारते ठोकर सोने-चाँदी को । तेरे शब्द,तेरी कलम,जो तेरी अभिव्यक्ति है । दशा,दिशा,दुनिया,रास्ते बदलने की शक्ति है ।। तेरी आजादी;कलम ज्यादा,कम... Poetry Writing Challenge · कविता 301 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 1 Jun 2023 · 1 min read ये दुनिया है ये दुनिया है… दूना कर देती है जो भी करोगें उसे… दूना कर देती है हॅसोगे तो हॅसेगी,रोओगे तो… सूना कर देती है खुश रहे तो खुशीयों को… दूना कर... Poetry Writing Challenge · कविता 239 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 1 Jun 2023 · 2 min read जीने का सलीका ये तेरी पावन मातृभूमि, नही है भूमि मात्र । सूत्रधार तू हर गाथा का नही है मात्र पात्र ।। कर इसको सादर नमन् भूमि है ये महान । यही है... Poetry Writing Challenge · कविता 276 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 1 Jun 2023 · 1 min read बदलता भारत सचमुच में ही बदल रहा है मेरा भारत लोकतंत्र,विद्या,आस्था की बने इमारत कामयाबी की लिखती नित नई इबारत सोने की चिड़िया बनाने सब प्रयासरत नवयुग में नव पीढी़ पाती है... Poetry Writing Challenge · कविता 250 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 1 Jun 2023 · 1 min read शक्तिशालिनी तेरी चूड़ियां बोलती है जितनी काश ! उतना तुम बोल पाती । तुम लट सुलझाती हो जितनी काश ! उतनी खुद सुलझ पाती । लक्ष्मीरूप तुम्हें ये दुनिया बताती क्यों... Poetry Writing Challenge · कविता 317 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 1 Jun 2023 · 1 min read आश किरण फूटेगा ज्वालामुखी, बहेगा अब लावा । अर्ज दर्ज,विनती नही,करेंगे अब दावा ।। जलायी है ये मशाल,मिटेगा ये अंधेरा । हटेगा हर मुखौटा, दिखेगा हर चेहरा ।। मिल रहे हैं हाथ,... Poetry Writing Challenge · कविता 345 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 1 Jun 2023 · 1 min read आश भरी ऑखें इस घटाटोप अंधियारे में कभी तो पौ फटती होगी ! इस गुमनाम गलियारे में कही तो लौ जलती होगी !! इस घनघोर सी निराशा में कही तो आशा बटती होगी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 2 293 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 1 Jun 2023 · 1 min read वयम् संयम सुन टुकड़े-टुकड़े की भभकियां अब नही सिहर जाता मैं ! देख बिखरने की साजिशें अब नही बिखर जाता मैं !! चन्द लोगों की खताओं पर अब नही विफर जाता मैं... Poetry Writing Challenge · कविता 1 2 257 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 1 Jun 2023 · 1 min read दूसरे दर्जे का आदमी पहले दर्जे के इस चक्कर में बन गया दूसरे दर्जे का आदमी ! आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बना खुद बन गया रोबोट का डमी !! सिद्धहस्त सर्जन से भी नही अब रोबोट... Poetry Writing Challenge · कविता 1 246 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 1 Jun 2023 · 1 min read शांति तुम आ गई क्लांत,अशांत जग सारा जैसे ही तुम आ गई… जैस गुमसुम मंजर में ताजी बयार आ गई… उमस भरे मौसम में ठंडी फुहार आ गई… पतझड़ पछाड़ ज्यों बसंत बहार आ... Poetry Writing Challenge · कविता 217 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 1 Jun 2023 · 1 min read कहना ही है कई बातें कहते-कहते कही तो रूक गया था ! यूं ही बतियाते-बतियाते कभी तो थक गया था ! ये झेप-झिझक के चलते सही में ही झुक गया था ! यूं... Poetry Writing Challenge · कविता 232 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 1 Jun 2023 · 1 min read विश्ववाद बढ़ती सभ्यता नित नये मुकाम पर है लघु मानव केंद्र के नये आयाम पर है ! चहुंओर अमन है चहकता ये चमन है हे मानवश्रेष्ठ ! तेरे सृजन को नमन... Poetry Writing Challenge · कविता 1 477 Share Jeewan Singh 'जीवनसवारो' 23 May 2023 · 1 min read अपना सपना : आमंत्रण पर बन आभारी कर आचमन करू सृजन ! है धरा धरातल जुता-जुताया करू रोपित जो किया अर्जन ! शब्दों का संयोजन मेरा बनता जाए जन-संदेश ! सुघड़ जायें सारे... Poetry Writing Challenge · कविता 3 2 320 Share Previous Page 2