जगदीश लववंशी 526 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next जगदीश लववंशी 4 Sep 2022 · 1 min read काम का बोझ बोझ काम का बढ़ रहा, होती रोज थकान। बीत गए दिन बहुत से, बिन देखें मुस्कान।। नित नित पड़ती डांट है, चाहे कर लो काम। काम ख़त्म होता नहीं, हो... Hindi 3 567 Share जगदीश लववंशी 22 Oct 2022 · 1 min read धन तेरस समुद्र मंथन जब हुआ, प्रकटे धनवंतरी भगवान। हाथों में ले अमृत कलश, चिकित्सा का दिया वरदान।। पावन माह था कार्तिक का, तिथि थी कृष्ण त्रयोदशी । तब से शुरू धन... Hindi 3 196 Share जगदीश लववंशी 7 Nov 2022 · 1 min read मन को भाए है प्रभु इतना कीजिए, सुखमय हो संसार। किसी आंख में फिर बहे, कभी न अश्रु की धार।। देख दृश्य संसार का, मन होता बेहाल। रोज हो रहे हादसे, आती मौत... Hindi 3 109 Share जगदीश लववंशी 24 Jan 2023 · 1 min read जीवन अनमोल है। गहन वन में खड़ा हूं अकेला, दिख नहीं रही है भोर की बेला, चारों तरफ कैसा यह विष फैला, प्रेम स्नेह का नहीं जग में मेला, जब अपने भी हो... Hindi 3 240 Share जगदीश लववंशी 7 Jun 2023 · 1 min read श्री हरि भक्त ध्रुव आओ बच्चों तुम्हें सुनाऊं एक कहानी, जिसमे है एक राजा और दो दो रानी, यह कथा है विष्णु पुराण की, भक्ती,भक्त और भगवान की, उत्तानपाद राजा सुनीति सुरुचि थी रानी,... Poetry Writing Challenge 3 500 Share जगदीश लववंशी 25 Jul 2017 · 1 min read आज है हरियाली अमावस्या आज है हरियाली अमावस्या, देखाे धरती की बदली है काया, प्रकृति ने ओढी हरि चुनरिया, नजाराे ने आंखाे काे लुभाया , चहक उठे पंछी, झूम उठे पंथी, महक उठे फूल,... Hindi · कविता 2 2 1k Share जगदीश लववंशी 27 Oct 2018 · 1 min read मेरी प्रीत तुम ही हो मेरी प्रीत, तुमसे जुड़ी हर रीत, हर पथ मिली प्रेरणा, तुमने बदली हर धारणा, स्नेह प्रेम का यह रिश्ता, मन में बसाए मैं चलता , तुम ही... Hindi · कविता 2 288 Share जगदीश लववंशी 12 Apr 2019 · 4 min read !!! राम कथा काव्य !!! हे ! जग के ईश, पुकारता जगदीश । दे दो एक आशीष, चरणों मे नमन शीश । हे! गौरी पुत्र करता प्रणाम, निर्विघ्न पूर्ण हो यह काम । मैं छोटा... Hindi · कविता 2 1 1k Share जगदीश लववंशी 10 Jun 2019 · 1 min read जाग उठ अब है ! नारी जाग उठ अब है! नारी, तू कहाँ किसी से हारी, तुझमे क्षमता है प्रबल , अबला नही ,है सबल, तू धरा का है रूप, दुर्गा का है स्वरूप, कर धारण... Hindi · कविता 2 302 Share जगदीश लववंशी 14 Jun 2019 · 1 min read गाँव की मिट्टी तुम ले आना गाँव की मिट्टी तुम ले आना, अपनो को मेरी चिट्ठी दे आना, तुम साथ हमारे बचपन के पल ले आना, तुम पेड़ो से मीठे मीठे फल ले आना, बड़े बूड़ो... Hindi · कविता 2 1 339 Share जगदीश लववंशी 19 Jun 2019 · 1 min read पिता की नजर पिता की नजर से---- यह क्षण जो मिले, कभी न जाय भूले, हैं कितने अनमोल, लगा सके न मोल, अंतर्मन भर जाता, जब पुत्र संग होता, लौट बचपन आता, सुत... Hindi · कविता 2 427 Share जगदीश लववंशी 20 Jun 2019 · 1 min read टूटा अभिमान तम का नभ में सूरज चमका, टूटा अभिमान तम का, चहुँओर लाली छाई, मौसम हुआ सुखदायी, छोड़ चले पंछी नीड़, भू पर बढ़ने लगी भीड़, बह रही हवा मंद मंद, कवि लिख... Hindi · कविता 2 242 Share जगदीश लववंशी 5 Jul 2019 · 1 min read साथी जब पथ पर हो साथी संग, फिर हो चाहे कैसी ही जंग, भागेगा ही अरि छोड़ मैदान, जग कहता सुनो लगा कान, दुःख भी पूछकर आएगा, सुख रूठकर नही जाएगा,... Hindi · कविता 2 368 Share जगदीश लववंशी 13 Jul 2019 · 1 min read मेहनत पथ थे कितने दुर्गम, चलता गया लेकर गम, मुश्किल थी मेरी राह, साथ थी उनकी एक चाह, पैरों में चुभते थे शूल, पर चाहत थी मेरी फूल, रोज आती थी... Hindi · कविता 2 318 Share जगदीश लववंशी 14 Jul 2019 · 1 min read डॉक्टर आप जगत के हो ईश समान, मिलती दुआएँ भर आसमान, दिन हो या रात सेवा को तत्पर, खुशियाँ भर देते हो घर - घर, आप भेदभाव कभी न पालते, सबको... Hindi · कविता 2 237 Share जगदीश लववंशी 17 Jul 2019 · 1 min read कैसी आई है सदी कैसी आई हैं सदी, देखो प्यासी है नदी, भरा विपुल जल, फिर भी सूना कल, कहाँ है सावन झूले, सब हम जन भूले, रिश्ते गए सिमट , भरी हैं कड़वाहट,... Hindi · कविता 2 227 Share जगदीश लववंशी 18 Jul 2019 · 1 min read सावन पुकार रहा सावन भी पुकार रहा, देख धरा के हाल। ताकते जन जन अम्बर, सूख गए सब ताल ।। हे ! मेघ बरस जाइए, सुन हमारी पुकार । मच रहीं हैं उथल... Hindi · दोहा 2 362 Share जगदीश लववंशी 2 Aug 2019 · 1 min read खुशियाँ तू मुट्ठी में भर ले नन्हा नन्हा बीज धरा से निकला, खोल आँखे ,वो देखने जग चला, चारो ओर थी बड़ी चहल पहल, सुबह सुबह सब जन रहे टहल, जैसे - जैसे दिन चढ़ा ,दूर... Hindi · कविता 2 428 Share जगदीश लववंशी 16 Aug 2019 · 1 min read मेहनत का फल मीठा बूँद -बूँद से ही घड़ा भरता, चलते चलते कछुआ जीतता, व्यर्थ नहीं होता कभी परिश्रम, मेहनत का फल मीठा होता, छोटा नही कोई काज, स्वयं पर हैं हमे नाज, दिन... Hindi · कविता 2 652 Share जगदीश लववंशी 29 Aug 2019 · 1 min read हलधर हलधर करते मेहनत, बहे पसीना रोज । नित साहूकार ठगते, खूब मनाए मौज ।। खूब मनाए मौज, दाम सही न कभी मिले। खुशियाँ मनती खूब, जब हो भरपूर फसलें।। पर... Hindi · कुण्डलिया 2 1 254 Share जगदीश लववंशी 23 Sep 2019 · 1 min read बेटियाँ प्रार्थना मेरी सुनकर, मुझे मिला वरदान । घर में आई चेतना, हो रहे मधुर गान ।। उन्नति की राहें खुली, सुंदर लगा जहान । जीवन हुआ हैं सुखमय, खूब मिला... Hindi · दोहा 2 1 244 Share जगदीश लववंशी 20 Oct 2019 · 1 min read ध्रुव राजा उत्तानपाद का, हैं सुत ध्रुव महान । सौतेली माँ सुरुचि ने, बहुत किया अपमान ।। माता का आशीष ले, ध्रुव चला वन राह । छह माह कठिन तप किया,... Hindi · दोहा 2 249 Share जगदीश लववंशी 1 Nov 2019 · 1 min read तीज त्यौहार हमारे सब तीज त्यौहार । लाते खुशियों का उपहार ।। सब मिलजुल कर मनाते । प्रेम स्नेह भी खूब बहाते ।। बच्चे बूढ़े सब देखते । हर प्रथा खूब निभाते... Hindi · कविता 2 187 Share जगदीश लववंशी 2 Nov 2019 · 1 min read गाँव का प्यार अनगिनत तुम्हारे उपकार । करूँ तुम्हे नमन बारम्बार ।। बचपन पास तुम्हारे बीता । हर सुख तुमसे ही मिलता ।। दिल की बात तुम्हे सुनाता । हर पल मैं तुमको... Hindi · कविता 2 384 Share जगदीश लववंशी 11 Nov 2019 · 1 min read कालयवन (१) म्लेच्छ नरेश कालयवन, आया मथुरा द्वार । लेकर ईच्छा युद्ध की, लाया सेन अपार ।। (२) श्री कृष्ण रणछोड़ हुए, रखने शिव का मान । धर्म को बचाने चले,... Hindi · दोहा 2 452 Share जगदीश लववंशी 8 Dec 2019 · 1 min read बना ले तू मधुर संबंध बना ले तू मधुर संबंध , छोड़ मोह माया बंधन । जगा ले सोई चेतना , कर ले अब ईश वंदन ।। सुख नाता तोड़ गया, प्रेम का पड़ा अकाल... Hindi · कविता 2 496 Share जगदीश लववंशी 15 Dec 2019 · 1 min read शुद्ध के लिए युद्ध देखो हमारी रैली चली चली। जागरूकता फैलाने गली गली। होगी मिलावट दूर हमने ठाना, कभी न जाएगी जनता छली।। प्रदेश छोड़कर भागेंगे मिलावटखोर । मिलेगा नहीं अब उनको कहीं ठौर।... Hindi · मुक्तक 2 531 Share जगदीश लववंशी 31 Dec 2019 · 1 min read यादें कुछ बातें इधर उधर खोज रहा था, उनके चरणों की रज। लगता ऐसा कल की बात हो, ढल गए कितने ही सूरज ।। ये पेड़ ये शिला अब भी खड़े है, कुछ... Hindi · कविता 2 444 Share जगदीश लववंशी 31 Dec 2019 · 1 min read किसान की रात धरा ने ओढ़ रखी, हरी भरी चुनरिया । मौसम हुआ सर्द , बह रही पुरवइया ।। पूस की ठंडी रात, बहुत लंबी होती । करवटे यूँ बदलते, रात नही बीतती... Hindi · कविता 2 425 Share जगदीश लववंशी 31 Dec 2019 · 1 min read जोगा किले की सैर सुबह सुबह कर योगा, चल दिये देखने जोगा, दिन आज सबसे छोटा, साथ थे भाई सब मोटा, मौसम था अति सुहावना, दृश्य भी बड़ा लुभावना, माँ नर्मदा का अथाह जल,... Hindi · कविता 2 259 Share जगदीश लववंशी 1 Jan 2020 · 1 min read और मैं अकेला नव वर्ष की बेला, और मैं अकेला, जिनसे मिला उर, वही हैं आज दूर, पूस की हैं रात, हुई न हैं बात , चहुँओर हैं जश्न, झूम रहे है जन,... Hindi · कविता 2 210 Share जगदीश लववंशी 4 Jan 2020 · 1 min read चले जा रहे है चले जा रहे है, बिना सोचे हम । देख दुनिया को, बढ़े जा रहे है हम ।। हर क्षण अनमोल, लुटा रहे हम । भूल मुस्कान को, जी रहे है... Hindi · कविता 2 2 202 Share जगदीश लववंशी 19 Jan 2020 · 1 min read धूप को तरसते गमले बदल गए लोग, बदल गए भोग, नहीं रही वो हवा, नहीं रही वो दवा, नैतिकता बेअसर, घुला मजहबी जहर, भूल गए सब शांति, जगह जगह अशांति, बची न लोक लाज,... Hindi · कविता 2 1 556 Share जगदीश लववंशी 27 Jan 2020 · 1 min read यह राष्ट्र हमारा है यह राष्ट्र हमारा है, जान से प्यारा है, आओ मिलकर खुशियाँ मनाए, गणतंत्र पर्व पर गीत गुनगुनाए, बह रही देखो स्वतंत्र हवाएं, मिलकर सब आनन्द उठाए, यह राष्ट्र हमारा है,... Hindi · कविता 2 1 290 Share जगदीश लववंशी 11 Feb 2020 · 1 min read जब चला शुद्ध का युद्ध जब चला शुद्ध का युद्ध.... गली गली शहर शहर, दिन रात हर पहर पहर, फैला था जो जहर जहर, बरपा रहा था कहर कहर, जब चला शुद्ध का युद्ध..... अमानक... Hindi · कविता 2 279 Share जगदीश लववंशी 22 Feb 2020 · 1 min read नवरंग समाए बिन होली देखकर तेरी मेरी राहे । बहुत बेचैन ये निगाहें ।। एक दूजे को हम चाहे । सूनी पड़ी कब से बाहें ।। प्रेम का रिश्ता है अटूट । कैसे जाए... Hindi · कविता 2 375 Share जगदीश लववंशी 25 Feb 2020 · 1 min read यही जीवन का सार है काम किसी के आ जाओ । स्वयं को धन्य तुम पाओ । यही जीवन का सार है, परहित में नाम कमाओ ।। यह धन और दौलत । नाम और शोहरत... Hindi · मुक्तक 2 2 349 Share जगदीश लववंशी 29 Feb 2020 · 1 min read कल जाने कौन कहाँ चला जाएगा आओ मिलकर बनाए, आज का दिन खास । मुस्कुराकर जी लेंगे, कुछ पल तुम्हारे पास ।। दिन बहुत हुए देखे बिन, तरस गए नैन । अकेले में मन परेशान, पाता... Hindi · गीत 2 460 Share जगदीश लववंशी 21 Mar 2020 · 1 min read देश माँगता हमसे वचन आगे आए बचाने वतन, देश मांगता हमसे वचन, ये शत्रु बड़ा ही विकट, आ गया हमारे निकट, संभल जाए झटपट, करिए नहीं छल कपट, मानवता को बचाने आगे आए,, अपनी... Hindi · कविता 2 1 485 Share जगदीश लववंशी 6 Apr 2020 · 1 min read सब कह रहे हैं सूनी सूनी रोड़ है । सूना सूना मोड़ है । सब कह रहे है, यही कोरोना का तोड़ है । घर में रहो डटे । लोगो से रहो कटे ।... Hindi · मुक्तक 2 315 Share जगदीश लववंशी 7 Apr 2020 · 1 min read थोड़ा हँस भी दो ना वतन पर संकट लाया । एक रोग भयंकर आया । खतरे में पड़ी मानवता , चहुँओर अंधकार छाया । आओ मेरे वीर जवान । दिखाए हिन्द की शान । कंधे... Hindi · मुक्तक 2 1 274 Share जगदीश लववंशी 11 Apr 2020 · 1 min read आएगी जग में फिर बहार संकट में हैं वतन । कर ले हम जतन ।। घर से न निकले । दूर दूर सबसे चले ।। मुँह पर मास्क लगाए । भीड़ में न कभी जाए... Hindi · कविता 2 387 Share जगदीश लववंशी 22 Apr 2020 · 1 min read धरा को बचाने ढूँढे विकल्प धरती कर रही पुकार । प्रदूषण मचाता हाहाकार ।। नित्य कट रहे पेड़ हरे हरे। जंगल भी देखो है डरे डरे ।। बंजर भूमि आँसू बहाती । बदहाली की कहानी... Hindi · कविता 2 2 423 Share जगदीश लववंशी 23 Apr 2020 · 1 min read सखा मेरा , मुझको प्यारा जिसको कहता मैं मित्र । दिल मे रखता उसका चित्र ।। वो मेरा होता है अभिन्न । कैसे फिर मैं हो जाऊँ भिन्न ।। अगर वो दुःख से पीड़ित ।... Hindi · कविता 2 2 375 Share जगदीश लववंशी 26 Apr 2020 · 1 min read रिश्ते आओ आओ बच्चों प्यारे प्यारे । लेकर आया कहानी के चटकारे ।। आओ चले रिश्तों की पाठशाला । बनाने एक सुंदर संबंधों की माला ।। घर परिवार के रिश्ते संजोए।... Hindi · कविता · बाल कविता 2 4 480 Share जगदीश लववंशी 1 May 2020 · 1 min read बचपन का बखान आम के बगीचे से खाते आम । खेल खेल कर थकते हर शाम ।। खजूर तेंदू करौंदे और सीताफल। अमरूद कबीट खाते रामफल ।। जंगल जाकर तेंदू पत्ते भी तोड़े... Hindi · कविता 2 2 475 Share जगदीश लववंशी 3 May 2020 · 1 min read जीतेंगे हम एक दिन सब थम चुका, रुक गई हलचल । साँसों को बचाने, लड़ रहे पलपल ।। कितना समझा रहे, फिर भी माने न लोग । मोहल्ले में आ गया, फिर भी जाने... Hindi · कविता 2 7 229 Share जगदीश लववंशी 4 May 2020 · 1 min read आओ घर बैठे करें कुछ काम आओ घर बैठे करें कुछ काम । जिससे सुहावनी बन जाए शाम ।। चल रहा है गर्मी का मौसम । पक्षियों के लिए होता पानी कम ।। छत आँगन में... Hindi · कविता 2 4 264 Share जगदीश लववंशी 5 May 2020 · 1 min read संवाद -कोरोना के साथ जन:- कौन है कहाँ से चला, सच कह तेरा भेद । कितना निर्मम निर्दयी, होता तुझे न खेद ।। कोरोना:- मैं आया हूँ चीन से, लाया हूँ उपहार । आओ... Hindi · दोहा 2 2 485 Share जगदीश लववंशी 7 May 2020 · 1 min read मैं बेबस बैठा हूँ मैं बेबस बैठा हूँ, कब से रूठा हूँ, देख कर प्यारे प्यारे जन, मन होता था अति प्रसन्न, जा रहे सब हमे छोड़, जग के रिश्तों को तोड़, जिनकी गोदी... Hindi · कविता 2 305 Share Previous Page 2 Next