पिता की नजर
पिता की नजर से—-
यह क्षण जो मिले,
कभी न जाय भूले,
हैं कितने अनमोल,
लगा सके न मोल,
अंतर्मन भर जाता,
जब पुत्र संग होता,
लौट बचपन आता,
सुत में स्वयं को पाता,
जग का गहरा नाता,
मुझको बड़ा भाता,
देख सुत की मुस्कान,
मिटती सारी थकान,
कितना बड़ा वो हो जाय,
मेरी नजर नन्हा मुन्ना पाय,