indu parashar Language: Hindi 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid indu parashar 26 Jun 2023 · 1 min read उपहार उपहार सभी बच्चों के हृदय में, पुस्तकों से प्यार होगा। और युवाओं के करों में, सार्थक रोजगार होगा। देश के सारे बुजुर्गों, के लिए सम्मान होगा। देशद्रोही,भ्रष्ट जन के, लिए... Hindi · अनयूज़्ड 77 Share indu parashar 26 Jun 2023 · 1 min read जगमग दीप जलाएंँ जगमग दीप जलाएंँ घर आंँगन देहरी द्वार सभी पर दीपक की सत्ता है। हो अंधकार का नाश, ये संभव दीपक कर सकता है। लेकर माटी की देह, जो तन पर... Hindi · अनयूज़्ड 115 Share indu parashar 26 Jun 2023 · 1 min read नव वर्तिका जलाएं नव वर्तिका जलाएं दीपों की बस्ती में आकर, देखा मैंने घना अंधेरा। दीपक सारे ओंधे- सीधे सब को अंधकार ने घेरा। बुझी हुई बाती थी उनमें, और नेह का नाम... Hindi 68 Share indu parashar 21 Jun 2023 · 1 min read मुक्तक चली रे, चली रे, चली रे, चली, मगन मन पिया की डगर पे चली। पिया से मिलन आज हो कर रहे, न आवागमन का अहो डर रहे। **** जो छुपाई... Hindi · अनयूज़्ड 1 170 Share indu parashar 21 Jun 2023 · 1 min read मुक्तक हो समागम अगर बुद्धि का ज्ञान का, योग्यता का प्रतिभा के सम्मान का, आइए हम सभी आज दर्शन करें, मां वाणी व, वाणी के वरदान का। हां अमर हैं ये,... Hindi · अनयूज़्ड 1 179 Share indu parashar 21 Jun 2023 · 1 min read यंत्रवत् मानव बच्चों की फंतासी कहानियों, कार्टून कैरेक्टर्स में, देखा- सुना था, रोबोट यंत्रों में जान आते। किंतु अब समाज में जगह-जगह दिखाई दे रहे हैं ... हाड़- मांस के इंसानों को... Hindi · अनयूज़्ड 208 Share indu parashar 21 Jun 2023 · 1 min read हे वीणापाणि ! हे वीणापाणि ! हे माता ! हे बुद्धि ज्ञान की , निर्झरणी। हे परमेश्वरी , हे ज्ञान निधि , हे हंस वाहिनी, तमहरणी । हे विद्या रूपणि , कमलाक्षी ,... Hindi · अनयूज़्ड 206 Share indu parashar 21 Jun 2023 · 1 min read *गणपति वंदना* सूर्य सा प्रचंड तेज, वक्रतुंड बुद्धि देव। महाकाय गणदेव, आज चले आइए। आपकी कृपा महान, सभी करें गुणगान, विघ्नहारी, शुभकारी, मुश्किलें हटाइए। रिद्धि बढ़े, सिद्धि बढ़े, भावना की वृद्धि बढ़े,... Hindi · अनयूज़्ड 116 Share indu parashar 21 Jun 2023 · 1 min read भगवत गीता से (जीवन प्रश्नों के उत्तर) *भगवान कौन* तत्व जो रहा गगन में व्याप्त, वही तो कण-कण में है व्याप्त। तत्व जो तेरे अंदर आत्म, वही तो है सब का परमात्म। *ईश्वर कहांँ रहता है* ?... Hindi 52 Share indu parashar 21 Jun 2023 · 1 min read सुखधाम हे! राम राम, हे! राम राम, हे! राम राम, हे! राम राम। धरती हो जाती जब कातर, मानवता पर छाते विकार। दुख के बादल घिर आते जब, तब ही होता... Hindi · नई किताब 56 Share indu parashar 21 Jun 2023 · 1 min read मांग रहे हैं ज्ञान कुंद पुष्प की माल है, मांँ वाणी के कंठ। भक्ति में डूबे हुए, मुदित सभी आकंठ। धवल वस्त्र को धारती, धवल पद्म आसीन। ज्ञान बुद्धि सब सिद्धियांँ,मांँ तेरे आधीन। मांँ... Hindi 67 Share indu parashar 21 Jun 2023 · 1 min read गण देव गण देव देव देव गण देव, बुद्धि प्रिय बुद्धिनाथ, आपकी शरण पड़े, बुद्धि दान दीजिए। अंब अंब वाणी अंब, मातु करो न विलंब, चेतना की शक्ति बांँट, कृतकृत्य कीजिए। कृष्ण... Hindi · नई किताब 101 Share indu parashar 1 Jun 2023 · 2 min read 4.माँ तुम बिना सारा जग सूना 4.मांँ तुम बिन सारा जग सूना चली गई हो मांँ तुम जबसे , सारा जग सूना लगता है । नहीं जानती क्या थीं मांँ तुम, नहीं कोई अपना लगता है... Poetry Writing Challenge 1 67 Share indu parashar 1 Jun 2023 · 1 min read 1. वीणापाणी हे वीणापाणि ! हे माता ! हे बुद्धि ज्ञान की , निर्झरणी। हे परमेश्वरी , हे ज्ञान निधि , हे हंस वाहिनी, तमहरणी । हे विद्या रूपणि , कमलाक्षी ,... Poetry Writing Challenge 1 197 Share indu parashar 2 Mar 2023 · 1 min read *पुष्पवान के ठाठ*, पीत पात सब झर गए *पुष्पवान के ठाठ* मनसिज, मनमथ आ गए, सुन फागुन के गीत, सुधियों ने अंँगड़ाई ली, कसक उठी है प्रीत। कोयल स्वागत गा रही, लग्न बांँचते मोर, टेसू महावर ले खड़े,... Hindi · Nature 243 Share indu parashar 7 Jun 2022 · 2 min read पिता, पिता बने आकाश पिता न बदले थे न बदलोगे,जमाना गर बदल जाए। रहे जैसे रहे वैसे,जमाना भर बदल जाए। हिमालय सी वो ऊंचाई,वहीं सागर सी गहराई। हृदय में प्रेम की ऊष्मा, कहां थी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 6 6 786 Share