Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jun 2023 · 1 min read

मुक्तक

हो समागम अगर बुद्धि का ज्ञान का,
योग्यता का प्रतिभा के सम्मान का,
आइए हम सभी आज दर्शन करें,
मां वाणी व, वाणी के वरदान का।

हां अमर हैं ये, अक्षर कहें हम जिन्हे,
मधु झंकार वीणा की बोलें किन्हे,
ग्रंथ रचना के, ये ही आधार हैं।
शिल्प, रस, भाव, रंगों में घोलें इन्हें।

आज कलछी, कलम साथ ले हम बढ़ें ,
नित्य नई, उन्नति के शिखर पर चढ़ें,
यह धरा, तो धरा, हम गगन नाप लें,
नित्य इतिहास, नूतन नवल हम गढ़ें।
इंदु पाराशर

1 Like · 176 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from indu parashar
View all
You may also like:
24/251. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/251. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
स्वयं को जानिए
स्वयं को जानिए
Dr.Pratibha Prakash
चंदन माँ पन्ना की कल्पनाएँ
चंदन माँ पन्ना की कल्पनाएँ
Anil chobisa
सोना बोलो है कहाँ, बोला मुझसे चोर।
सोना बोलो है कहाँ, बोला मुझसे चोर।
आर.एस. 'प्रीतम'
कौन जात हो भाई / BACHCHA LAL ’UNMESH’
कौन जात हो भाई / BACHCHA LAL ’UNMESH’
Dr MusafiR BaithA
चतुर लोमड़ी
चतुर लोमड़ी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ख़ुद को मुर्दा शुमार मत करना
ख़ुद को मुर्दा शुमार मत करना
Dr fauzia Naseem shad
चले हैं छोटे बच्चे
चले हैं छोटे बच्चे
कवि दीपक बवेजा
वह पढ़ता या पढ़ती है जब
वह पढ़ता या पढ़ती है जब
gurudeenverma198
*समझो मिट्टी यह जगत, यह संसार असार 【कुंडलिया】*
*समझो मिट्टी यह जगत, यह संसार असार 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
सब पर सब भारी ✍️
सब पर सब भारी ✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आ जाओ घर साजना
आ जाओ घर साजना
लक्ष्मी सिंह
फितरत
फितरत
Akshay patel
*रामलला का सूर्य तिलक*
*रामलला का सूर्य तिलक*
Ghanshyam Poddar
रोज हमको सताना गलत बात है
रोज हमको सताना गलत बात है
कृष्णकांत गुर्जर
चाहे मिल जाये अब्र तक।
चाहे मिल जाये अब्र तक।
Satish Srijan
जीवन की बेल पर, सभी फल मीठे नहीं होते
जीवन की बेल पर, सभी फल मीठे नहीं होते
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*अगर आपको चिंता दूर करनी है तो इसका सबसे आसान तरीका है कि लो
*अगर आपको चिंता दूर करनी है तो इसका सबसे आसान तरीका है कि लो
Shashi kala vyas
नदी की तीव्र धारा है चले आओ चले आओ।
नदी की तीव्र धारा है चले आओ चले आओ।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
भक्त गोरा कुम्हार
भक्त गोरा कुम्हार
Pravesh Shinde
चींटी रानी
चींटी रानी
Dr Archana Gupta
कभी
कभी
हिमांशु Kulshrestha
"निशान"
Dr. Kishan tandon kranti
*सपनों का बादल*
*सपनों का बादल*
Poonam Matia
लोकतंत्र का मंत्र
लोकतंत्र का मंत्र
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
हम कहाँ जा रहे हैं...
हम कहाँ जा रहे हैं...
Radhakishan R. Mundhra
ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ
ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ
Bidyadhar Mantry
जिस दिन आप कैसी मृत्यु हो तय कर लेते है उसी दिन आपका जीवन और
जिस दिन आप कैसी मृत्यु हो तय कर लेते है उसी दिन आपका जीवन और
Sanjay ' शून्य'
#मुक्तक
#मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
सोच~
सोच~
दिनेश एल० "जैहिंद"
Loading...