Comments (6)
14 Jun 2022 08:19 PM
बहुत सुन्दर।मेरी रचना पिता की याद भी पढ़े और अपनी प्रतिक्रिया देकर मुझे कृतज्ञ करे
8 Jun 2022 02:16 PM
बहुत ही उम्दा रचनाएं।
कृपा”मेरा गुरूर है पिता”रचना पढ़कर कृतार्थ करें।
8 Jun 2022 12:12 PM
बेहतरीन कविता, इंदु पाराशर जी।
यदि समय मिले तो कृपया मेरी रचना ” पिता का साया” का भी अवलोकन करने का कष्ट कीजिएगा।
साभार।
8 Jun 2022 10:30 AM
वन्दनीय ..भावपूर्ण .. सार्थक सृजन .. आदरणीया
— “पिता” विषय पर मेरी मौलिक रचना “पिता महज एक व्यक्ति नहीं है” को अपना स्नेहाशीष प्रदान करें ।
कविता पर पहुंचकर प्रथम उसे भावपूर्ण होकर जरूर पढ़े, तद्नुरूप like & comment करें ।
7 Jun 2022 09:25 PM
सुन्दर भावपूर्ण रचना ।
बहुत सुंदर
कृपया मेरी रचना
अब आ भी जाओ पापाजी का अवलोकन जरूर करें