Simmy Hasan 101 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Simmy Hasan 2 Feb 2021 · 1 min read नाम तुम्हारे नाम तुम्हारे ख़त लिखना था, दिल का हाल बयां करना था.. लिखना था अच्छे लगते हो, जज़्बातों के सच्चे लगते हो... याद तुम्हारी क्यों आती है? आँखों को अच्छे लगते... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 19 50 878 Share Simmy Hasan 24 May 2018 · 2 min read उपभोग की वस्तु "औरत" कला और साहित्य दोनों ने औरत को निखारने के नाम पर उसे नंगा किया, बजाए इसके की वो उनमे आत्मविश्वास भरता, उनके भीतर छिपी हुई कुशलता को निखरता, उसने उसके... Hindi · लेख 2 1 694 Share Simmy Hasan 26 Mar 2018 · 1 min read "एक रूपाजीवा" एक स्त्री बिकती है, या बेच दी जाती है जिस्मफ़रोशो की मंडी में; संसार के लिए , खो देती है स्त्रीत्व, न बहन, न बेटी, न बेटी, न माँ; रह... Hindi · कविता 2 656 Share Simmy Hasan 20 Jan 2020 · 1 min read भगवान मेरे हिस्से का भगवान अंधा बहरा दिल का खुरदुरा दिल की नरम रेत पर खींचता है पत्थर से लकीर फिर उन पत्थरों को एहसासों के समन्दर मे उछाल लगाता है... Hindi · कविता 3 641 Share Simmy Hasan 19 Apr 2018 · 1 min read इंसाफ बुझ रहीं हैं अब तो जल जल के मशालें भी यूँ आँधियों से कब तक लड़ते चराग होंगे कब तक रहेंगे फिरते इंसाफ की तलब में कब तक लूटेगी अस्मत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 636 Share Simmy Hasan 14 Jul 2020 · 1 min read महानता सुनो किसे पुकारती हो तुम इस बियाबान में ये जंगल इंसानों का है हर एक सुनाना चाहता है बस अपनी ही और इस शोर में क्या तुम कह सकोगी जो... Hindi · कविता 7 5 671 Share Simmy Hasan 29 May 2023 · 1 min read काहीलियत जिस्म बिस्तर पे पसर जाता है रूह कहती है उठ नमाज़ पढ़ ले, जिस्म को हिला नहीं जाता बिस्तर और कस के चिमट जाता है थोड़ी देर रुक जा ना... Hindi · हास्य 2 722 Share Simmy Hasan 22 Mar 2018 · 1 min read पतंग डोर से नथी पतंग डोलती रहती है उंगलियो के इशारो पर कन्नी ,मंझा ,ढील इनमे उलझी हवाओ के चक्कर काटती डोर से नथी पतंग .... इतराती इठलाती पंछियो को भी... Hindi · कविता 3 589 Share Simmy Hasan 23 Feb 2020 · 1 min read बाबा बस वही एक चेहरा है जाना पहचाना सा जो मेरी उम्र के साथ बदलता गया शदाबी से झुर्रियों तक पर मेरे लिए मुहब्बतों के रंग कभी मुर्झा न सके उस... Hindi · कविता 4 2 548 Share Simmy Hasan 9 Jul 2020 · 1 min read सिपाही सुनो सिपाही कुछ सुनाओ न अच्छा सा झरबेरियों पर उगी खट्टी मीठी बेरियों पर बच्चों के पत्थर और बया के घोसलों के बारे में या उस जंगल के बारे में... Hindi · कविता 9 2 512 Share Simmy Hasan 27 Jul 2020 · 1 min read वबा रोज़ ब रोज़ लोग मर रहे हैं कुछ वबा से, कुछ भूख से कुछ सपनो के मर जाने से और कुछ उन बंदिशों से जो तुमने लाद रखे है उनपर... Hindi · कविता 8 4 534 Share Simmy Hasan 3 May 2018 · 1 min read दौर हर बड़े मुद्दे को एक नये मुद्दे से दबाया गया , जुल्म जब भी बढा और जुल्म ढ़ाया गया .. चीखें बेटियों की दबाने के लिए , तालिब ए इल्मों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 553 Share Simmy Hasan 6 Jun 2018 · 1 min read अनाथ सोच रही हूं, मरने से पहले .. अपनी कब्र , फूलों से सजा दूंगी.. और कुछ पैसे पेशगी में, माली को दे कर .. वसीयत कर जाऊंगी, की मेरी कब्र... Hindi · कविता 2 531 Share Simmy Hasan 22 Mar 2018 · 1 min read चहकार गर्मी के इस मौसम में, एक सूखे दरख्त की शाख पर. एक नन्ही सी चिड़िया बैठी; जाने क्या क्या कहती है.. कभी कूदती इस डाल पर; कभी उस दाल पर... Hindi · कविता 2 553 Share Simmy Hasan 12 Apr 2018 · 1 min read हे राम ! हे राम ! तुम्हारी सेना ने , कैसा अनर्थ कर डाला है ? जहाँ वास तुम्हारा होता है , वहाँ घोर पाप कर डाला है .. एक फूल सी बच्ची... Hindi · कविता 3 1 511 Share Simmy Hasan 31 May 2021 · 1 min read गाँव की बारिश बारिशों में जब शहर की सड़कों पर जम जाता है पानी, कीचड़ और फिर बेचैन करने वाली उमस तब याद आता है गाँव बारिशों से महक उठते हैं घर, आँगन,... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 5 530 Share Simmy Hasan 1 May 2018 · 1 min read हिजड़ा हमारे समाज का एक हिस्सा जिसे समाज पता नहीं क्यूँ अपनाने में शर्माता है , तौहीन समझता है ,वो है किन्नर य़ा हिजड़ा जो जन्म तो इसी समाज में लेते... Hindi · लेख 2 503 Share Simmy Hasan 26 Mar 2021 · 1 min read नारी सुरक्षा एक छोटी सी बच्ची से लेकर 80 साल की वृद्धा तक जिसके बस स्त्री होने से ही हिल जाए पुरुषों का पुरुषत्व जाग जाए उनकी विभत्स कुत्सित वासना प्रवृत्ति जहाँ... Hindi · कविता 4 505 Share Simmy Hasan 19 Jul 2020 · 1 min read बलिया बाग़ियों की सर ज़मीन, सौ बार तेरा शुक्रिया.. सुर्खरू हैं हम की हमने, जन्म बलियाँ में लिया.. सौ बार तेरा शुक्रिया.. सौ बार तेरा शुक्रिया.. था यही का बागी मंगल,... Hindi · कविता 11 3 538 Share Simmy Hasan 28 Jun 2020 · 1 min read स्त्री गावँ की कच्ची सड़क पर टहलती उस वृद्धा से अनायास ही मिली थी और ठहर गयी कुछ क्षण 70 पार मृदुल स्नेह वाली जीवन के इस ठहराव पर भी जो... Hindi · कविता 7 8 516 Share Simmy Hasan 28 Jul 2021 · 4 min read कौन था? कहानी कोई पचास बरस पहले की है जब टेलीफोन और यातायात के साधन सिर्फ शहरों की शोभा बढ़ाते थे, गांवों में न बिजली के तार थे न बल्ब, ऐसी ही... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 6 489 Share Simmy Hasan 7 May 2018 · 1 min read प्रतीक कण कण में ज़िसका वास फिर क्यूँ उसका एक निवास ये प्रतीक बस नाम मात्र है हर हृदय में करे जो निवास क्या वो कोई मलमल का लठ्ठ जिस पर... Hindi · कविता 2 513 Share Simmy Hasan 17 Oct 2020 · 1 min read शिलालेख मैं अगर थोड़ी मजहबी नहीं होती तो अपनी कब्र पर एक पत्थर लगवाती शिलालेख जैसा कुछ और उनसब के नाम भी जिनसे मैं प्रेम करती थी और बदले में बस... Hindi · कविता 9 4 491 Share Simmy Hasan 15 Jun 2023 · 1 min read इम्तेहान बात उन दिनों की है जब हम साइकिल से स्कूल जाया करते थे बड़े मजे के दिन थे उन्ही में से एक किस्सा आज याद आ गया तो सोचा बात... Hindi · Humour · हास्य 1 562 Share Simmy Hasan 7 Apr 2018 · 1 min read समाज बिंदिया दीदी ने उसकी चूड़ियाँ तोड़ डाली, काकी ने उसका सिंदूर पोछा और बाकि बचे मांग के सिंदूर को धो डाला वो अवाक थी हत्प्रभ् जिसने कभी उसे पत्नी का... Hindi · लघु कथा 3 1 466 Share Simmy Hasan 15 Jun 2020 · 1 min read मन की गिरहें.. मन की गिरहें, यूँहीं नहीं बनती की हर गिरह का.. अपना दर्द है अपनी कहानी , और ये गिरहें इस तरह चुभती हैं , की छीन लेती हैं आंखों से... Hindi · कविता 4 2 481 Share Simmy Hasan 8 Nov 2020 · 1 min read खेद है खेद है छोटा सा शब्द सारी सम्भावनाओं पर फेर देता है पानी पर कवि खुद से उपजता है इन्ही विषमताओं से लड़ता की तुम सबके खेद के लिए मुझे खेद... Hindi · कविता 3 1 453 Share Simmy Hasan 28 Apr 2018 · 1 min read जनाज़ा ख्वाबों का ... ज़िन्दगी के कांधों पर , लेकर जनाज़ा ख्वाबों का ... उजड़े बिखरे ,टूटे फूटे चल रहे थे ..जल रहे थे ... न अश्क थे, न दर्द था .. बस खुश्क... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 514 Share Simmy Hasan 20 Jun 2018 · 1 min read चाँद चाँद जैसे निर्जर वृक्ष का, एकलौता फल। जो ऊगा है सांझ की बेला में.. रात की शोभा बढ़ाने, की कम हो अंधेरा... ताकि न करना पड़े, जुगनुओं को मशक्कत.. राह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 506 Share Simmy Hasan 15 Aug 2020 · 1 min read तिरंगा वो लड़े पर झुके नहीं लड़खड़ाए, पर गिरे नहीं कुरबां हुए वतन पर और लुटा गए अपनी मुहब्बतें आजादी की शक्ल में हमारे आजाद मुस्तकबिल के लिए ये तिरंगा महज़... Hindi · कविता 8 1 460 Share Simmy Hasan 21 Oct 2020 · 1 min read चलन कुछ जाने पहचाने लोग बहुत डराते हैं की अंदर तक सहम जाए मन दिल जैसे कोई भींचे मुट्ठियों में बेल्ट, चप्पल, जूते सबसे खतरनाक की इनकी शिकायत भी जायज़ नहीं... Hindi · कविता 5 1 444 Share Simmy Hasan 3 Nov 2021 · 1 min read एक बूंद सुकून मेरी ज़िंदगी के आखिरी लम्हों में कोई झूठ मत रखना कोई फ़रेब मत रखना मत रखना कोई झूठी उम्मीद तसल्ली... ख़्वाब बस उस एक लम्हे में एक बूंद सुकून डाल... Hindi · कविता 1 2 461 Share Simmy Hasan 29 Jan 2022 · 4 min read कुर्ती " रंग , जाति, धर्म या अमीरी-गरीबी के हिसाब से लोगों में फर्क करना इंसानियत के कानूनों के ख़िलाफ़ है सबको आपस मे मिलजुल कर रहना चाहिए, आपसी भाई चारे... Hindi · लघु कथा 1 458 Share Simmy Hasan 7 Jul 2020 · 1 min read टूटे पत्थर... हथौड़े का भार , यूँ तो कम नहीं.. पर कंधे पर, जिम्मेदारियों की गठरी.. भारी है , इस लोहे के बोझ से.. जिससे तोड़ पत्थर, खरीद सकती हूं चंद निवाले..... Hindi · कविता 8 2 484 Share Simmy Hasan 4 Jul 2020 · 1 min read अंधेरे डूबते सूरज की तरह आकाश से दूर एक छोर पर खो रही हूं या उग रहीं हूँ नहीं पता पर थकन इतनी की अब जी चाहता है बस उतार दूं... Hindi · कविता 7 5 450 Share Simmy Hasan 18 Nov 2020 · 1 min read हँसती हुई औरतें हँसती हुई औरतें, बड़ी निर्लज्ज होती हैं। चूल्हा,चौका ,बर्तन.. घास, गाय, गोबर, उपले... यहाँ तक कि, देहरी की सांकल से बंधी, निकाल लेती हैं ; आज़ादी का एक क्षण, खुद... Hindi · कविता 4 470 Share Simmy Hasan 8 May 2018 · 1 min read हथियार... हथियार मिटाते हैं इंसानियत, लातें हैं भयावह तबाही .. असीम शांति की , गुंज उठती हैं चीखें .. दर्द भरी , कराहती आवाजें .. बिखर जाते हैं इंसान , बन... Hindi · कविता 2 1 419 Share Simmy Hasan 31 Jul 2020 · 1 min read वादियां अपनी मस्ती में कोई दीवाना, गीत उल्फत के गा रहा होगा.. या कोई परवाना किसी शम्मा को, वफ़ा ए मुहब्बत सीखा रहा होगा.. चाँद फिर चांदनी के आंचल में, धीरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 5 437 Share Simmy Hasan 16 May 2021 · 1 min read बनिहारिनें धान रोपने जाती बनिहारिनों की कतारें भींगतीं जातीं, गाती जातीं गीत....जो बरसो से है उनके होंटों पर ओर हर साल की बारिश में मचल उठते है ये गीत और गूंजता... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 4 422 Share Simmy Hasan 1 Jul 2020 · 1 min read "तारा" वो टांक रहा था बड़ी नफासत से, आहिस्ता आहिस्ता.. आसमान के आंचल में रात के अंधेरों तले चाँद सितारे छिड़क रहा था दरियाओं पर कहकशां आज़ाद कर दिए जुगनुओं के... Hindi · कविता 5 5 423 Share Simmy Hasan 20 Jun 2020 · 1 min read वो लड़कियां वो लड़कियां जो अब भी हैं पर हमारी ज़िन्दगियों में नहीं दूर हैं एक बहन होने से या एक बेटी पर अब भी किसी की बहू किसी की बीवी हैं... Hindi · कविता 7 1 467 Share Simmy Hasan 16 Jul 2020 · 1 min read सुनो दोस्त सुनो दोस्त हाशिए पर चलना छोड़ो तलाशों अपनी राहें दिल की सुनो और मौका मिलते ही निकल भागो कहीं दूर जहां महसूस कर सको खुद के पंख ताजी हवाएं अपनी... Hindi · कविता 8 2 458 Share Simmy Hasan 17 Apr 2018 · 1 min read असीफा ! किस किसपे रोऊं ? अब आँसू भी नहीं आते .. आती है तो बस हँसी , हर बात पे ; असीफा ! जो कुचली गई , झुलसी ,मसली गई ..... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 435 Share Simmy Hasan 18 May 2018 · 1 min read मुल्क हर शख़्स यहाँ रोता हुआ मिल जाएगा, दामन अपना भिगोता हुआ मिल जाएगा.. चंद नोटों के लिए हो गयी ज़िन्दगी बर्बाद, हर शख्श ये कहते हुए मिल जाएगा.. भूख की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 433 Share Simmy Hasan 30 Apr 2021 · 1 min read लिखो तुम कविता लिखो धू धू करती लाशों पर लिखो लिखो की किताबों के पन्नो से उठता रहें धुआँ जब जब खोला जाए भारतीय इतिहास का कोना लिखो लिखो की कैसे... Hindi · कविता 3 8 418 Share Simmy Hasan 10 Oct 2020 · 1 min read डर वे डरते हैं। वे डरते हैं अमन से, एकता से, भाईचारे से.. विद्यार्थियों से, विद्वानों से, शिक्षाविदों से.. अधिकारों के लिए उठती हुई आवाज़ों से.. अमन चैन के पैरोकारों से,... Hindi · कविता 7 3 395 Share Simmy Hasan 14 Apr 2018 · 1 min read दर्द भी शर्मा जाए है इतना दर्द की दर्द भी शर्मा जाए इब्ने आदम बता हम बेटियां कहाँ जाएं इल्जाम किरदार का मुझ पे जो तुम लगाते हो गोद से छीन के मसली गई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 413 Share Simmy Hasan 21 Jul 2020 · 1 min read बचपन चारदिवारी में कैद अक्सर मुर्झा जातीं हैं नन्ही कलियाँ की बचपन डरा सहमा सा झांकता दीवारों के उस पार देखता है रंगीन तितलियां खूबसूरत फूल उगता, डूबता सूरज टिमटिमाते जुगनू... Hindi · कविता 7 5 419 Share Simmy Hasan 8 Jun 2018 · 1 min read जनपथ .. जनपथ.. जिस पर चलते हुए, देश की जनता.. करती है तुम्हारा सम्मान, क्योंकि एक गौरवशाली.. मर्यादित स्थान, जिसपर राज कर गयीं.. न जाने कितनी, महान हस्तियां.. सँवार कर देश का... Hindi · कविता 3 414 Share Simmy Hasan 10 Jul 2020 · 1 min read ये बनिहारिने... धान रोपने जाती बनिहारिनों की कतारें भींगतीं जातीं, गाती जातीं गीत....जो बरसो से है उनके होंटों पर ओर हर साल की बारिश में मचल उठते है ये गीत और गूंजता... Hindi · कविता 8 4 377 Share Page 1 Next