Dr fauzia Naseem shad 2580 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr fauzia Naseem shad 16 May 2024 · 1 min read महसूस करो महसूस करो दिल से बस रिश्ते की गहराई , कोई खून से जुड़ता है कोई एहसास से जुड़ता है । डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 1 10 Share Dr fauzia Naseem shad 16 May 2024 · 1 min read कमी नहीं कमी नहीं , ज़माने में ऐसे लोगों की , जो फक्त लफ़्ज़ो से कलेजे को चीर देते हैं । डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 1 7 Share Dr fauzia Naseem shad 13 May 2024 · 1 min read ये हक़ीक़त एक कहानी सुनानी पड़ती है, ये हक़ीक़त बतानी पड़ती है। झूठ का दाम कुछ नहीं होता । सच की क़ीमत चुकानी पड़ती है। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · मुक्तक 1 12 Share Dr fauzia Naseem shad 12 May 2024 · 1 min read मैं कभी तुमको मुझको अल्फ़ाज़ न मिले हैं 'माँ ', मैं कभी तुमको लिख नहीं पाई । डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 1 14 Share Dr fauzia Naseem shad 12 May 2024 · 1 min read माँ मेरी बे'बसी हाय ! ये मजबूरी सी , किस क़दर फ़ासला ये दूरी सी । सबके होते भी माँ मेरी । ज़िंदगी बिन तेरे अधूरी सी । डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 1 14 Share Dr fauzia Naseem shad 12 May 2024 · 1 min read इसके जैसा माँ की अज़मत को क्या कहे कोई , इसके जैसा न कोई दुनिया में । डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 1 14 Share Dr fauzia Naseem shad 10 May 2024 · 1 min read वक़्त ने जिनकी वक़्त ने वक़्त की दुहाई दी । चोट इसकी कहां दिखाई दी । वक़्त की धुंध में खो गये ऐसे, वक़्त ने जिनकी खुद ग़वाही दी । डाॅ फौज़िया नसीम... Hindi · शेर 1 23 Share Dr fauzia Naseem shad 10 May 2024 · 1 min read खुद को रखती हूं मैं खुद को रखती हूँ मैं निगाहों में, खुदको मैं भी पसंद करती हूं । डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 1 22 Share Dr fauzia Naseem shad 9 May 2024 · 1 min read जो समझना है जो समझना है आप समझेंगे, हम त' आरूफ़ कभी नहीं देंगे। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 22 Share Dr fauzia Naseem shad 7 May 2024 · 1 min read रिश्ता कमज़ोर उम्मींदें उससे बंध गई होंगी , रिश्ता कमज़ोर हो गया होगा । डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 1 21 Share Dr fauzia Naseem shad 6 May 2024 · 1 min read समय भी दो थोड़ा जीवन को जीवन सा व्यतीत करो थोड़ा सुख के साथ दुःख को स्वीकार करो थोड़ा अपने इच्छित कार्यो को समय भी दो थोड़ा अपने मन की इच्छाओं को संतुष्ट करो... Hindi · कविता 1 22 Share Dr fauzia Naseem shad 5 May 2024 · 1 min read रात तन्हा सी रात तन्हा सी दिल को फिर भायी आपकी याद बे'पनाह आयी सोच का इख़्तिलाफ कैसा था बात मेरी समझ नहीं आयी भूल कर तुझको मेरे जीने की कोई सूरत नज़र... Hindi · कविता 2 18 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read आप में आपका इससे बढ़ कर पता नहीं कुछ भी। आप में आपका नहीं कुछ भी । कह भी सकता था अलविदा हमसे । उसने हमसे कहा नहीं कुछ भी । खुद को... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 39 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read हमें क़िस्मत ने ज़िंदगी ने कहाँ सताया है, हमें क़िस्मत ने आज़माया है। याद रक्खा नहीं भुलाया है। दिल मेरा किस क़दर दुखाया है। लौट आओगे एक दिन तुम भी, दीप उम्मीद का... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 27 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read बिछड़कर मुझे बिछड़कर मुझे तुम मुद्दत हुई है। तुम्हें क्या ख़बर कैसी हालात हुई है। मुझे शायरी की जो चाहत हुई है। ज़माने को क्यूं इस पे हैरत हुई है। कहां तुमको... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 32 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read कुछ तो मेरी वफ़ा का चलना था साथ-साथ हमारे तुम्हें मगर, रस्ते में तन्हा छोड़ के अच्छा नहीं किया। कुछ तो मेरी वफाओं का रख लेते तुम भरम, हाथ अपने तुमने जोड़ के अच्छा नहीं... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 31 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read दिल में एहसास दिल में एहसास भर नहीं पाये । तुमको छूकर गुज़र नहीं पाये । इतने नज़दीक तेरे आकर भी, हाय ! हम क्यों बिखर नहीं पाये। कैसी मजबूरियां थी किस्मत में,... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 27 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read क्या कहें कितना प्यार करते हैं क्या कहें कितना प्यार करते हैं। जो भी है बे' शुमार करते हैं। दिल को बस बे'क़रार करते हैं, खवाह-मखाह इंतज़ार करते हैं। कैसे आये न एतबार हमें । जब... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 28 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read तुमको खोकर ज़िंदगानी में ऐसा हाल न हो। तुमको खोकर मुझे मलाल न हो॥ मुख़्तलिफ़ लोग साथ रह लेंगे, दरमियां सोच का बवाल न हो। भीग जाएगा अश्को से दामन । मेरे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 28 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read अपने दिल से तेरे नज़दीक आ भी सकते हैं। अपने दिल से लगा भी सकते हैं। कोई परदा नहीं है तुझसे मेरा, अपनी नज़रे झुका भी सकते हैं। ज़िंदगी तुझसे है मेरे हमदम,... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 26 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read मेरा दामन भी तार- तार रहा दिल पे कब मेरा इख़्तियार रहा । दिल हमेशा ही बे'क़रार रहा ।। शिद्तों में जो बे'शुमार रहा । मेरी आंखों का इंतिज़ार रहा ।। वो हमें भूल ही नहीं... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 24 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read दर्द आंखों से अजनबी जैसा हम से मिलता है। दर्द आँखों से तब पिधलता है।॥ जान जाती है उस के जाने से । ख़्वाहिशों का भी दम निकलता है। टूटता है यकीन खुद... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 25 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read कुछ नमी अपने साथ लाता है कुछ नमी, अपने साथ लाता है। जब भी तेरा ख़्याल आता है।। देख कर ही सुकून मिलता है। तेरा चेहरा नज़र को भाता है।। कुछ भी रहता नहीं है यादों... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 18 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read दिल किसी से दुश्मनी इस तरह निबाहेगा । वो तेरी हाँ में हाँ मिलायेगा ॥ टूट जाएगा काँच की मानिंद । दिल किसी से अगर लगायेगा ।। हाय ये दूरियाँ है दिल वाली... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 23 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read फूल है और मेरा चेहरा है हमने माना अभी अंधेरा है। पास लेकिन बहुत सवेरा है।। मैल दिल में कोई नहीं रखना । दिल में रख का अगर बसेरा है। छीन लेता है साथ अपनों का।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 4 19 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read दर्द लफ़ज़ों में नैन अपने यूँ ही न खोये हैं। दर्द लफ़्ज़ों में लिख के रोये हैं।। जागी आँखें गवाही दे देंगी । नींद अपनी कभी न सोचे हैं।। दिल शिकस्ता नहीं हुआ... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 16 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read दिल नहीं ऐतबार मेरी ख़्वाहिश ने मुझ को लूटा है, ख़्वाब देखा जो मैने, झूठा है। यूँ ही तुम से खफा नहीं हैं हम , दिल नहीं, ऐतबार टूटा है। कुछ नहीं तुझ... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 23 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read दिल में भी दिल में भी, इत्मिनान रखेंगे, फ़ासला दरमियान रक्खेंगे । आप की सोच मुखत्लिफ़ हम से, हम भी इसका ध्यान रक्खेंगे । वार तुम पर तो कर नहीं सकते, ख़ाली अपनी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 21 Share Dr fauzia Naseem shad 2 May 2024 · 1 min read एक लम्हा भी एक लम्हा भी नहीं जिसका एतबार के क़ाबिल, यह ज़िंदगी पानी पर लिखे लफ़्ज़ों की तरह है। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 2 22 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read कुछ तो बाक़ी ज़िन्दगी बे’जवाब रहने दो । मेरी पलकों पे ख़्वाब रहने दो।। खुद की इस्लाह कर सकूं मैं भी । मुझको कुछ तो खराब रहने दो।। इतने ज़्यादा गुनाह नहीं अच्छे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 26 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read आपसा हम जो फूल से हम जो खिल नहीं पाये । तुम से मिलना था मिल नहीं पाये ।। दर्द रिसता है आज भी उन से । ज़ख्म दिल के जो सिल नहीं... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 24 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read दिल का तुमसे सवाल हम ये कैसा मलाल कर बैठे, दिल का तुम से सवाल कर बैठे । प्यार करना हमें न आया मगर, इश्क में हम कमाल कर बैठे । खोये थे हम... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 23 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read जीत कर तुमसे हर ख़ुशी तुम पे वार जायेंगे। जीत कर तुमसे हार जायेंगे। ज़िन्दगी, मुस्कुरा के हम तेरा, क़र्ज़ सारा उतार जायेंगे। पेशरू दिक़्क़तें तभी होंगी, आप हद से जो पार जायेंगे।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 27 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read अभी ख़ुद से बाहर हक़ीक़त को दिल की वो लिखते कहाँ हैं। बिख़रना था उनको बिख़रते कहाँ हैं। समेटे हुए हैं वो ख़ुद में ही ख़ुद को, अभी ख़ुद से बाहर निकलते कहाँ हैं।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 23 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read जुदा नहीं होना आप हम से ख़फ़ा नहीं होना। चाहे कुछ हो जुदा नहीं होना। बद्दुआ देके तुम किसी को भी, अपने 'रब' का बुरा नहीं होना। तुम भी इंसा हो ये ख़्याल... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 4 23 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read दर्द अपना ख़ुद को यूं ही निखार लेते हैं। दर्द अपना संवार लेते हैं। देख लेते हैं आईना जब भी, अपनी नज़रे उतार लेते हैं। बे’खुदी में शुमार मत करना, तुमको अक्सर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 4 25 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read आप में आपका आपको क्या पता नहीं कुछ भी। आप में आपका नहीं कुछ भी। कह भी सकता था अलविदा लेकिन, उसने मुझसे कहा नहीं कुछ भी। जिसकी मुझको तलाश है अब तक,... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 30 Share Dr fauzia Naseem shad 1 May 2024 · 1 min read मलाल न था तुमको मेरा कभी ख़्याल न था। कैसे कह दूँ मुझे मलाल न था।। पढ़ के जिसको उलझ गये इतना। लफ़्ज़ सादा थे, कोई जाल न था।। जिसकी ख़ातिर, वार ते... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 20 Share Dr fauzia Naseem shad 29 Apr 2024 · 2 min read कितना बदल रहे हैं हम ? कितना बदल रहे हैं हम ? ये ऐसा विचारणीय प्रश्न है, जिसकी गहराई में जाकर ही हम इसका सही उत्तर दे सकते हैं, ये सही है कि आज वक़्त ही... Hindi · लेख 2 28 Share Dr fauzia Naseem shad 29 Apr 2024 · 2 min read उम्मीद प्राय: जीवन में मिलने वाले दुःख असफलताएं हमें निराशा और नाउम्मीदयों से भर देती है वहीं हमारे जीवन की गतिशीलता को भी पूर्णता अवरुद्ध कर देती हैं जो कि किसी... Hindi · लेख 2 30 Share Dr fauzia Naseem shad 28 Apr 2024 · 3 min read उम्मीद उम्मीद ****** उम्मीद जिसे हम आस , आशा, ख़्वाहिश, अपेक्षा, भरोसा आदि जैसे असंख्य नामों से जानते है, यक़ीनन उम्मीद वह खूबसूरत एहसास है जो हमारी ज़िंदगी में खुशियों के... Hindi · लेख 2 25 Share Dr fauzia Naseem shad 24 Apr 2024 · 1 min read मेरी मायूस सी ज़िन्दगी मुझको भी तू मुस्कुराने के बहाने दे दे , मेरी मायूस सी आंखों में कुछ ख़्वाब सुहाने दे दे । डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 2 28 Share Dr fauzia Naseem shad 23 Apr 2024 · 1 min read दिल को तेरी ज़िंदगी से नहीं कोई शिकवा, दिल को तेरी कमी खटकती है । डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 2 23 Share Dr fauzia Naseem shad 23 Apr 2024 · 1 min read डोर रिश्तों की डोर रिश्तों की टूट जाती है । ख़त्म गुंजाइशे जब होती है ।। -डॉ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 2 23 Share Dr fauzia Naseem shad 22 Apr 2024 · 1 min read रिश्तों के लफ़्ज़ों की उधेड़ बुन में जब लफ़्ज़ छूटते हैं, रिश्तों के कच्चे धागे पल भर में टूटते हैं । डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 1 25 Share Dr fauzia Naseem shad 22 Apr 2024 · 1 min read दम उलझता है दम उलझता है सांस लेने में , कशमकश ज़िंदगी में कितनी है । डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 2 24 Share Dr fauzia Naseem shad 20 Apr 2024 · 1 min read अपनी नज़र में रक्खा अपनी नज़र में रक्खा जब सब हिसाब है , फिर क्या गुनाह कोई फिर क्या सवाब है । डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 2 25 Share Dr fauzia Naseem shad 20 Apr 2024 · 1 min read खुद से खुद को ख़ुद से ख़ुद को जुदा कहना, कितना मुश्किल है अलविदा कहना । डॉ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 2 26 Share Dr fauzia Naseem shad 17 Apr 2024 · 1 min read Apni Qimat अपनी क़ीमत कोई नहीं रक्खी , तुम मेरा मोल क्या लगाओगे । डॉ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 4 2 36 Share Dr fauzia Naseem shad 13 Apr 2024 · 1 min read खुद के होते हुए भी पूछ मत हमसे आलम ए तंहाई । ख़ुद के होते हुए भी तंहा हैं ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 2 49 Share Page 1 Next