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जिन्दगी का सवाल आया है।
Dr fauzia Naseem shad
रिश्ता तुझसे मेरा तभी टूटे,
Dr fauzia Naseem shad
इब्तिदा से हमें नहीं मतलब,
Dr fauzia Naseem shad
ज़िंदगी हो जिसमें, वो सुब्ह नज़र में रखना ,
Dr fauzia Naseem shad
आपकी याद जब नहीं है तो क्यूं,
Dr fauzia Naseem shad
एहसासों को अपने अल्फ़ाज़ देना ,
Dr fauzia Naseem shad
कैसी निःशब्दता
Dr fauzia Naseem shad
उफ़ ये गहराइयों के अंदर भी,
Dr fauzia Naseem shad
सूखते ही ख़्याल की डाली ,
Dr fauzia Naseem shad
कसौठी पे अपनी
Dr fauzia Naseem shad
ज़िन्दगी से नहीं कोई शिकवा
Dr fauzia Naseem shad
तेरा दीदार जब नहीं होता
Dr fauzia Naseem shad
इतना रोए कि याद में तेरी
Dr fauzia Naseem shad
उनके आने से ही बहार आए
Dr fauzia Naseem shad
याद हम बनके
Dr fauzia Naseem shad
इतना रोए हैं कि याद में तेरी,
Dr fauzia Naseem shad
कोई इल्ज़ाम के नहीं क़ाबिल ,
Dr fauzia Naseem shad
जब मुकद्दर को आज़माएंगे ,
Dr fauzia Naseem shad
उसकी मर्ज़ी पे सर झुका लेना ,
Dr fauzia Naseem shad
गुस्सा क़ाबू जो कर नहीं पाये,
Dr fauzia Naseem shad
आज पर दिल तो एतबार करे ,
Dr fauzia Naseem shad
याद हम बनके
Dr fauzia Naseem shad
ज़िन्दगी से नहीं कोई शिकवा,
Dr fauzia Naseem shad
उम्मीद खुद से करेंगे तो ये
Dr fauzia Naseem shad
वो हक़ीक़त पसंद होती है ।
Dr fauzia Naseem shad
ज़िन्दगी तेरी बनना जायें कहीं,
Dr fauzia Naseem shad
याद हम बनके तेरे दिल में महक जाएंगे,
Dr fauzia Naseem shad
उनके आने से ही बहार आए
Dr fauzia Naseem shad
शिद्दतों का ख़ुमार है शायद,
Dr fauzia Naseem shad
वक़्त की फ़ितरत को महफूज़ करें कैसे,
Dr fauzia Naseem shad
ख्वाब कैसे कोई मुकम्मल हो,
Dr fauzia Naseem shad
मायने लफ़्ज़ के नहीं कुछ भी ,
Dr fauzia Naseem shad
मिल के बिछड़ गये,
Dr fauzia Naseem shad
ख़ुद से बचकर कोई जाए
Dr fauzia Naseem shad
कितने हैं , हम आईना जैसे,
Dr fauzia Naseem shad
इतने बीमार हम नहीं होते ,
Dr fauzia Naseem shad
रिज़्क़ तू सबको दे मेरे मौला,
Dr fauzia Naseem shad
ग़ौर से ख़ुद को देख लो तुम भी ।
Dr fauzia Naseem shad
हृदय की वेदना को
Dr fauzia Naseem shad
ख़्याल इसका कभी कोई
Dr fauzia Naseem shad
गर्दिश -ए - वक़्त ने बदल डाला ,
Dr fauzia Naseem shad
जानते हैं कि टूट जाएगा ,
Dr fauzia Naseem shad
कितना तन्हा, खुद को वो पाए ।
Dr fauzia Naseem shad
सब मुकम्मल है अपनी नज़रों में ।
Dr fauzia Naseem shad
यादों की तेरी ख़ुशबू,
Dr fauzia Naseem shad
मुझमें मुझसा नज़र नहीं आया ।
Dr fauzia Naseem shad
भूल सकते थे आपको हम भी ,
Dr fauzia Naseem shad
''फ़ासला बेसबब नहीं आया,
Dr fauzia Naseem shad
अपनी आंखों को मींच लेते हैं।
Dr fauzia Naseem shad
तुमने सुनना ही कब हमें चाहा,
Dr fauzia Naseem shad