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Tag: कविता
342 posts
पिता के लिए
पिता के लिए
Arun Prasad
शाश्वत हो हमारा गणतन्त्र दिवस
शाश्वत हो हमारा गणतन्त्र दिवस
Arun Prasad
हिमालय ढह रहा है रोकने की जिद करो यारो
हिमालय ढह रहा है रोकने की जिद करो यारो
Arun Prasad
शीर्षहीन
शीर्षहीन
Arun Prasad
संकल्प प्रीत का
संकल्प प्रीत का
Arun Prasad
जीवन और ईश्वर
जीवन और ईश्वर
Arun Prasad
इतिहास के अन्दर
इतिहास के अन्दर
Arun Prasad
हम और तुम
हम और तुम
Arun Prasad
किसे कर्म कहें!
किसे कर्म कहें!
Arun Prasad
सात दिन सात सुख,दु:ख
सात दिन सात सुख,दु:ख
Arun Prasad
दर्प
दर्प
Arun Prasad
वक्त नहीं बचा था व्यक्त करने व्यथा
वक्त नहीं बचा था व्यक्त करने व्यथा
Arun Prasad
भूली-बिसरी यादें
भूली-बिसरी यादें
Arun Prasad
आदत है हमें गरीबी की
आदत है हमें गरीबी की
Arun Prasad
सड़क पर संसद
सड़क पर संसद
Arun Prasad
आ चलो नीचे उतर लें
आ चलो नीचे उतर लें
Arun Prasad
ईश्वर तूने हमें अति कठिन दिन दिये
ईश्वर तूने हमें अति कठिन दिन दिये
Arun Prasad
विरोध का चरित्र विरोधात्मक नहीं है
विरोध का चरित्र विरोधात्मक नहीं है
Arun Prasad
गुस्सा और दूसरी कविताएं
गुस्सा और दूसरी कविताएं
Arun Prasad
सुख की चाह
सुख की चाह
Arun Prasad
आदमी रोज मरता है
आदमी रोज मरता है
Arun Prasad
भोग की नियति तो है ही ध्वंस
भोग की नियति तो है ही ध्वंस
Arun Prasad
मनहूस दिन के बीच
मनहूस दिन के बीच
Arun Prasad
किस्सा कवि होने का
किस्सा कवि होने का
Arun Prasad
अंतर्बोध
अंतर्बोध
Arun Prasad
मेरा जो रुदन,तुम्हारा हास
मेरा जो रुदन,तुम्हारा हास
Arun Prasad
मेरे गाँव की माटी में
मेरे गाँव की माटी में
Arun Prasad
आकाश से नीचे उतर लें
आकाश से नीचे उतर लें
Arun Prasad
स्वर्ग के द्वार पर
स्वर्ग के द्वार पर
Arun Prasad
दंगा_(चार)
दंगा_(चार)
Arun Prasad
वे मरनेवाले
वे मरनेवाले
Arun Prasad
आज भी
आज भी
Arun Prasad
नट,नटी का ‘कोरोना’संवाद
नट,नटी का ‘कोरोना’संवाद
Arun Prasad
ईश्वर तूने हमें अति कठिन दिन दिये
ईश्वर तूने हमें अति कठिन दिन दिये
Arun Prasad
दीप हूँ मैं
दीप हूँ मैं
Arun Prasad
गीत --रात ढल गयी खोई -खोई ,सुबह रहा है पंख पसार
गीत --रात ढल गयी खोई -खोई ,सुबह रहा है पंख पसार
Arun Prasad
मैं स्त्री हूँ
मैं स्त्री हूँ
Arun Prasad
अतीत पिघल गया
अतीत पिघल गया
Arun Prasad
यह लाश अचिन्ह है?
यह लाश अचिन्ह है?
Arun Prasad
मन प्रफुल्लित गात पुलकित है तुम्हारा
मन प्रफुल्लित गात पुलकित है तुम्हारा
Arun Prasad
कौन है खूबसूरत
कौन है खूबसूरत
Arun Prasad
युद्ध जीवित है
युद्ध जीवित है
Arun Prasad
सिकंदर भी मरता है।
सिकंदर भी मरता है।
Arun Prasad
थका हुआ सुबह
थका हुआ सुबह
Arun Prasad
सूत्र कुरु कुल रण का
सूत्र कुरु कुल रण का
Arun Prasad
मरना सूर्य का
मरना सूर्य का
Arun Prasad
अन्तिम चक्र
अन्तिम चक्र
Arun Prasad
आदमी का शहर रहने दो इसे
आदमी का शहर रहने दो इसे
Arun Prasad
आम आदमी
आम आदमी
Arun Prasad
इस शहर को लूटने वाले इस शहर के लोग हैं
इस शहर को लूटने वाले इस शहर के लोग हैं
Arun Prasad
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