Arun Prasad Tag: कविता 342 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Arun Prasad 28 Apr 2022 · 1 min read पिता के लिए ------------------------------------- पिता की छाया होती है। पिता का कंधा होता है। पिता का हौसला होता है। पिता की डांट होती है। पिता का क्रोध होता है। पिता की शिक्षा होती... Hindi · कविता 429 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read शाश्वत हो हमारा गणतन्त्र दिवस --------------------------------------- शाश्वत हो हमारा गणतन्त्र दिवस। हमें रहे बचाए सदा होने से परवश। हमारी आकांक्षा को प्रभु का वर रहे। स्वतंत्रताएँ सारे विश्व में अमर रहे। प्राप्त हो गणतन्त्र को... Hindi · कविता 203 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read हिमालय ढह रहा है रोकने की जिद करो यारो ----------------------------------------------------- हिमालय ढह रहा है रोकने की जिद करो यारो. कहीं गंगा न गुम जाये इसे सीमित करो यारो. पहेली क्यों बुझाने में लगे हो कौन दोषी है? पराभव आ... Hindi · कविता 191 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read शीर्षहीन ------------------------------------- सूरज की किरणें,जीवन का संकल्प है। पृथ्वी से इतर सारे ग्रहों पर गल्प है। जीव ईश्वर का गतिज-यंत्र तो नहीं! और शक्ति-दाता सूर्य,तंत्र तो नहीं। प्राण का विश्लेषण है... Hindi · कविता 383 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read संकल्प प्रीत का -------------------------------------------- देखा मैंने तुम्हें अंधेरे से निकलती हुई प्यार बरबस दिल के अंदर भर गया। तुम्हारे चेहरे पर डरा हुआ देखा तुम्हें सारे हौसले देने तुम्हें दिल मचल गया। तुम्हारे... Hindi · कविता 264 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read जीवन और ईश्वर ------------------------------ जीवन शाश्वत है प्रारंभ नहीं,अंत नहीं। आस्था के कारण मानना नहीं, ईश्वर का अस्तित्व। आस्था के कारण नहीं, ईश्वर। ईश्वर तो है उपस्थित। कहने से नहीं किसी के। उपस्थित... Hindi · कविता 383 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read इतिहास के अन्दर ---अरुण कुमार प्रसाद ------------------------------------ शृंखलाबद्ध है इतिहास। पृथ्वी का और ब्रह्मांड का भी। मनुष्य का बेतरतीब है सिर्फ। ब्रह्मांड में हर जर्रा भगवती का रूप है क्योंकि सब ही नयी... Hindi · कविता 307 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read हम और तुम ------------------------------------------------- मिट्टी खोदकर तुमने कंद,मूल,जड़ी-बूटी निकाले। मिट्टी खोदकर हमने निकाला स्वर्ण। तुम इतना ही क्यों कर पाये? मंदिरों में लेटकर साष्टांग, तुमने प्रार्थनाएँ की। मंदिरों में लिटाकर साष्टांग, हमने दक्षिणा... Hindi · कविता 472 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read किसे कर्म कहें! ------------------------ किसे कर्म कहें? भारत को या महाभारत को? गीता ने पार्थ को जो बताया? अर्जुन का अनुशरण? दुर्योद्धन का असत्य घोषित सच्चा कथन? युधिष्ठिर का निर्णय जुए का? दु:शासन... Hindi · कविता 169 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 2 min read सात दिन सात सुख,दु:ख ------------------------------- सप्ताह का प्रथम दिन उत्सव सा महकता है। बिस्तर से उतरते हुए, देहरी से उतर रास्ते पर आते हुए मन शांत और मष्तिष्क निश्चिन्त। चुनौतियों से भिड़ने,देह प्रस्तुत। दोस्त... Hindi · कविता 293 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read दर्प ------------------------- दर्पण में अपना चेहरा देखकर दर्पण को चिढ़ाना दर्प है। समर्पित मन से खुद को अर्पण करना व्यक्तित्व-बिम्ब के विंदु,रेखाओं में और आकलन अपना खुद का खुद से संपर्क... Hindi · कविता 357 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 2 min read वक्त नहीं बचा था व्यक्त करने व्यथा -------------------------------------------------- वक्त नहीं बचा था व्यक्त करने व्यथा। पीड़ा आसमान का ही बहुत था, वह सुनाने में विभोर। मुझे अवसर नहीं मिला। इसलिए मृत्यु के साथ हो लिया। उसके साथ... Hindi · कविता 381 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 2 min read भूली-बिसरी यादें ------------------------------------------------------ आपसे मिले तो याद आ गयी कुछ बातें। बिसरने लगी कुछ बातें। क्यांकि आप थे सौन्दर्य दुःस्वप्न की तरह आपाद मस्तक। याद आई हमें फुलों की खुश्बू, आधी रात... Hindi · कविता 849 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 2 min read आदत है हमें गरीबी की ---------------------------- आदत है हमें गरीबी की। जाड़ों में पानी और गर्मियों में,धूप ओढ़ने की। बरसात के दिनों में चुतिया सा चूते छत में भींगने की। तमाम अमीरी को नपुंसक गालियों... Hindi · कविता 279 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read सड़क पर संसद -------------------------------------- संसद सड़क पर आने के लिए ले रहा है जुंबिश भरी अंगड़ाई। क्या-क्या बताए क्या पता सड़क को सहलाये क्या पता हमारे पैरों को तोड़ दे उसमें या,खुदवा दे... Hindi · कविता 434 Share Arun Prasad 1 Dec 2021 · 1 min read आ चलो नीचे उतर लें ------------------------------------- आ चलो आकाश से नीचे उतर लें। आ चलो संताप पृथ्वी का भी हर लें। आदमी के मन में काई सी जमी है। अब उतर कर के सफाई ही... Hindi · कविता 592 Share Arun Prasad 1 Dec 2021 · 2 min read ईश्वर तूने हमें अति कठिन दिन दिये --------------------------------- ईश्वर तूने हमें अति कठिन दिन दिये । क्या कहूँ कैसे हैं हमने ये दिन जिये। शाम कुचला हुआ भोर निढाल सा। रात्रि स्वपन में दिन ये बेहाल सा।... Hindi · कविता 1 260 Share Arun Prasad 4 Nov 2021 · 1 min read विरोध का चरित्र विरोधात्मक नहीं है -------------------------------------------- विरोध का चरित्र विरोधात्मक नहीं है. अवरोध शब्दों का अवरोधात्मक नहीं है. शब्दों में चरित्र कहते हैं मन्त्रों का है. किन्तु, शब्द तो पुरोहितात्म्क नहीं है. व्याख्या जैसी हो,विचार... Hindi · कविता 153 Share Arun Prasad 4 Nov 2021 · 2 min read गुस्सा और दूसरी कविताएं गुस्सा ------------- पुछा तो- नि:निमेष देखते रहे कई एक क्षण गुर्राकर बोले- मेरा सिर खा। दुश्मन ------------------------------------ दुश्मन मित्र से बड़ा कौन होगा! मेरे राह में बनके रोड़ा सिवा इसके... Hindi · कविता 187 Share Arun Prasad 4 Nov 2021 · 1 min read सुख की चाह ---------------------------------- मैं जून में कपास ओढ़कर सोया। उबल रही थी धरती और जल रहा था बतास। नहीं मालूम मुझे दरख्त की छाया क्या होती है? क्या होता है तनावर दरख्त!... Hindi · कविता 191 Share Arun Prasad 3 Nov 2021 · 1 min read आदमी रोज मरता है --------------------------------------------- आदमी रोज मिलता है। पागलपन की हद तक भागता दौड़ता। कोई बात नहीं होती। पर,जानता हूँ,काहे की जल्दी है। शाम की रोटी तवे पर कुरकुरा सिके। आदमी रोज दिखता... Hindi · कविता 349 Share Arun Prasad 3 Nov 2021 · 2 min read भोग की नियति तो है ही ध्वंस ------------------------------------- भोग की नियति तो है ही ध्वंस मैं राम हूँ। परंपरा निभाता हुआ राम। मेरा अस्तित्व किन्तु, है रावण। संस्कारगत लाम। भोग की नियति तो है ही ध्वंस। जीवन... Hindi · कविता 245 Share Arun Prasad 3 Nov 2021 · 1 min read मनहूस दिन के बीच ----------------------------------------------------------- आज मनहूसता से अचानक बाजार में सामना हो गया। क्या महत्वपूर्ण कार्य संपादित करना था मन में ही खो गया। वह मुस्कुराया,मैं झुँझलाकर भद्दी सी गली दे मारा। खाली... Hindi · कविता 1 242 Share Arun Prasad 3 Nov 2021 · 1 min read किस्सा कवि होने का ------------------------------------------- किसी ने लिखा कविता लिखो लिख दिया मैंने। अपरिपक्वता की कविता हो गयी परिपक्व। छप गई। मुझे कविता के पृष्ठ पर छाप गया। कविता में राजतंत्र है। कवि कथा... Hindi · कविता 1 202 Share Arun Prasad 3 Nov 2021 · 1 min read अंतर्बोध ------------------------------------------------------ मैं और तुम रात और दिन की विपरितताओं की तरह मिले,दुकान पर फूलों की दुकान पर। तुम्हें चाहिए था जयमाल। तुम्हारे दोस्त के लिए। वह विजयी था। मुझे चाहिए... Hindi · कविता 1 374 Share Arun Prasad 1 Nov 2021 · 2 min read मेरा जो रुदन,तुम्हारा हास -------------------------------------------------------- कोई तो इतिहास बनाकर हाथों में हथियार। युद्ध करने होते हैं तैयार । ऐसे हथियारों को लेकर कैसे वे रण में हैं निकल पड़े। उन इतिहासों में जो अहंकार... Hindi · कविता 1 224 Share Arun Prasad 30 Oct 2021 · 1 min read मेरे गाँव की माटी में -------------------------------------------------------------- मेरे गाँव की माटी में है गंध नही अब सोंधी वह। पहले जैसी वर्षा लेकर अब नहीं आता आंधी यह। अब नहीं मचता खेतों में है मेला रोपा-रोपी का।... Hindi · कविता 346 Share Arun Prasad 30 Oct 2021 · 1 min read आकाश से नीचे उतर लें ------------------------------------------- आ चलो आकाश से नीचे उतर लें। आ चलो संताप पृथ्वी का भी हर लें। आदमी के मन में काई सी जमी है। अब उतर कर के सफाई ही... Hindi · कविता 174 Share Arun Prasad 30 Oct 2021 · 1 min read स्वर्ग के द्वार पर -------------------- स्वर्ग के द्वार पर रोक कर माँगा गया हिसाब। कितने तूने पुण्य किये हैं कौन-कौन से पाप। किसको कहते पुण्य,पाप सबकी सूरत अनजानी। मैंने तो बस किया यही पुरी... Hindi · कविता 198 Share Arun Prasad 30 Oct 2021 · 1 min read दंगा_(चार) ----------------- भ्रांति कुछ नहीं नहीं कोई संशय । मैं आहत, मेरे मन का तन है पड़ा क्षत-विक्षत। चेतना शुन्य सी पड़ी हुई। वेदना विराट है खड़ी हुई। विचलित होता हूँ... Hindi · कविता 207 Share Arun Prasad 30 Oct 2021 · 2 min read वे मरनेवाले --------------------------------------------------------------------------------------- ये मरनेवाले वे हैं जो गर्मी में लू से मरते हैं। या ठँढ में शीतलहर से। भूख से मरनेवाले भी और बिगड़ी बिमारियों से तथा। हर मौसम तथा प्रतिकूलताएँ... Hindi · कविता 190 Share Arun Prasad 30 Oct 2021 · 2 min read आज भी ---------------- सभ्यताओं का,अच्छी संस्कृति का प्रतीक है शहर. किन्तु रह गया है बनकर बाजार. दुकानदार पूछता है क्या खरीदोगे सर. गाँव में लोग पूछते थे कैसे हो भाई जी. गाँव... Hindi · कविता 347 Share Arun Prasad 30 Oct 2021 · 2 min read नट,नटी का ‘कोरोना’संवाद ----------------------------- नट प्रिये!आ, आज ध्वंस का नाच करेंगे। मानव का हर भरम तोड़ने आओ, उसको काँच करेंगे। जिस संस्कृति से पाला प्रभु ने, उस विस्मरण हित दंडित कर दें। ।... Hindi · कविता 163 Share Arun Prasad 30 Oct 2021 · 2 min read ईश्वर तूने हमें अति कठिन दिन दिये --------------------------------- ईश्वर तूने हमें अति कठिन दिन दिये । क्या कहूँ कैसे हैं हमने ये दिन जिये। शाम कुचला हुआ भोर निढाल सा। रात्रि स्वपन में दिन ये बेहाल सा।... Hindi · कविता 210 Share Arun Prasad 30 Oct 2021 · 2 min read दीप हूँ मैं ---------- दीप हूँ मैं, मृतिका का तन हमारा। स्नेह से गढ़ता किरण है मन हमारा। मैं अमावस में उगाता चंद्रमा हूँ। हर अंधेरे में तुम्हारा पूर्णिमा हूँ। मैं जलूँ,जलने का... Hindi · कविता 208 Share Arun Prasad 30 Oct 2021 · 1 min read गीत --रात ढल गयी खोई -खोई ,सुबह रहा है पंख पसार ---------------------------------------------- रात ढल गयी खोई -खोई ,सुबह रहा है पंख पसार. चाँद पियासा थककर सोया,प्यासा रह गया मेरा प्यार. दीप जला तों होगा सजनी. शाम ढली तों होगी कल भी.... Hindi · कविता 186 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read मैं स्त्री हूँ ----------------------------------------------------- मैं स्त्री हूँ। मुझे पाकीज़गी से देखिये। शयनकक्ष में पराजित औरत की तरह नहीं। मुझे पवित्रता के साथ कीजिये नमन। मैं हूँ लक्ष्मी,सरस्वती,दुर्गा की प्रतिनिधि नार। हर युग में... Hindi · कविता 2 1 219 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read अतीत पिघल गया ________________________________________ हर मृत्यु पर अतीत पिघल जाता है. पूरा अस्पृश्य रूप में बदल जाता है. जंगलों की भांति बेतरतीब ढ़ल जाता है. आदि और अंत स्वयं में गल जाता है.... Hindi · कविता 230 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 2 min read यह लाश अचिन्ह है? _______________________________________ अलग हैं ब्रह्मांड रचे जाने के नियम. विनतियाँ नहीं चलते वहाँ चलते हैं सिर्फ गणित के समीकरण. इस ब्रह्मांड में, वह यदि अलाव के पास बैठा तो मरेगा भूख... Hindi · कविता 182 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read मन प्रफुल्लित गात पुलकित है तुम्हारा -------------------------------------- मन प्रफुल्लित गात पुलकित है तुम्हारा. चाँद ने क्या कह दिया कुछ. प्रीत को सहला गया कुछ. आंख ने देखे हैं सपने. हृदय ने अरमान खोले. बाजुओं ने कौन... Hindi · कविता 172 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read कौन है खूबसूरत ---------------- कौन है? खूबसूरत! दिन या रात. मेरा वजूद या तुम्हारा प्रेत. प्रातः स्मरणीया प्रकृति या रात्रि के भय की प्रवृति. पर्वत शिखर से सागर के तट से दिन पद्मासन... Hindi · कविता 195 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read युद्ध जीवित है --------------- युद्ध की तिक्तता के बाबजूद युद्ध जीवित है. सभ्यताओं के नष्ट हो जाने के युद्ध हमने लड़े हैं. सभ्यताओं के संस्कार नष्ट हो गये युद्ध फिर भी जीवित है.... Hindi · कविता 174 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read सिकंदर भी मरता है। ------------------------ सिकंदर भी मरता है। मरेंगे सिकंदर जैसे लोग भी। मृत्यु सर्वदा सबके लिए जीवित है लोग करें उसके होने का चाहे जितना शोक ही। प्रपंचित है इतिहास। अचंभित; रोये... Hindi · कविता 184 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read थका हुआ सुबह ----------------------- सुबह थका सा उगा। क्या तुम्हारा भी! नींद लेती रही करवटें मेरे बगल में पड़ी-पड़ी। अन्न को सोचती रही। पानी ने बड़ा उधम मचाया। पेट में रात भर। फलदार... Hindi · कविता 150 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 5 min read सूत्र कुरु कुल रण का --------------------------- जब द्यूत की अवधि हुई पूर्ण। पाण्डव लौटे कुछ और निपुण। भेंटे सबको कौन्तेय तथा। बोले वन के दुःख दर्द व्यथा। अति विनम्र भाव से अभिवादन। सहास्य अधर पर... Hindi · कविता 403 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 2 min read मरना सूर्य का ---------------------------------------------- मरना सूर्य का तय है। सम्पूर्ण जो दिखता है,होना क्षय है। सत्य केवल समय है। विस्तार का सिकुड़ना और विंदु का फैलना ही शाश्वत ब्रह्म है। ब्रह्म है आत्मलीन।... Hindi · कविता 1 1 166 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 2 min read अन्तिम चक्र ______________________________ कोशिकाओं,शिराओं और नसों से निचुड़ता प्राण का अंश । सम्पूर्ण का होना नि:शब्द वक्र और शनै: शनै: चेतना व श्वास का होना भ्रंश । सचेत रहने की जद्दोजह्द करता... Hindi · कविता 186 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read आदमी का शहर रहने दो इसे ------------------------------------------------- आदमी का शहर रहने दो इसे न बनाओ मंदिरों का शहर। दु:ख,दर्द,व्यथा बेबाक कहने दो यहाँ न बनाओ प्रार्थनाओं का नगर। अट्टालिकाओं से सजे पथों पर फुटपाथ भी रहने... Hindi · कविता 151 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read आम आदमी ---------------------- आम आदमी महाभारत की द्रौपदी है आज का आम आदमी। किया जाता है इसलिए इन्हें बार–बार न जानें कहाँ–कहाँ से तार–तार नग्न। दौपदी होने की यही तो नियति है।... Hindi · कविता 174 Share Arun Prasad 29 Oct 2021 · 1 min read इस शहर को लूटने वाले इस शहर के लोग हैं --------------------------------------------------- इस शहर को लूटने वाले इस शहर के लोग हैं। लौह के मोटे कवच को काँच करदे ये लोग हैं। लूटना फितरत है इनकी,लूट से बचने जतन, कह के... Hindi · कविता 133 Share Page 1 Next