दिनेश एल० "जैहिंद" 287 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid दिनेश एल० "जैहिंद" 16 Feb 2018 · 1 min read ## धोखा : नौ दोहे धोखा: नौ दोहे धोखा है ये जिन्दगी, मिली हमको उधार । झूठे तन कर घूमते, _ बने हम होशियार ।। लालच बड़ी बला बुरी, _ है धोखे की यार ।... Hindi · दोहा 2 1 3k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 10 Jul 2017 · 1 min read सावन के झूले सावन के झूले // दिनेश एल० "जैहिंद" आओ सखियों ! झूला झूलें, पेंग बढ़ाकर नभ को छू लें । चलो चलें हम जी भर खेलें, झूम-झूम खूब मज़े ले..लें ।।... Hindi · कविता 2k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 3 May 2018 · 1 min read श्री रामचंद्र जी पर 7 दोहे श्री रामचंद्र जी पर 7 दोहे // दिनेश एल० “जैहिंद” ( 7 दोहे आप सबों के समक्ष रामनवमी के उपलक्ष्य में श्री रामचंद्र जी को भेंट सहित ) जबहिं विश्नु... Hindi · दोहा 3 1 2k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 10 Aug 2017 · 1 min read कुम्हार और मिट्टी कुम्हार और मिट्टी #दिनेश एल० "जैहिंद" चकित चाक पे चिकनी मिट्टी चकराया चतुर कुम्हार ।। तू तो लागे मुझे ईश्वर सरीखा तू भी मूरति गढ़े हजार ।। कहा कुम्हार कान... Hindi · कविता 1k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 4 Apr 2017 · 1 min read नमन वीर शहीदों को * नमन वीर शहीद को * है धरती पर कई देश जवानो,, देशों में एक देश मेरा भारत है !! इस देश की खातिर मरने वाले,, लाखो रखते दिलों में... Hindi · कविता 1k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 12 Nov 2017 · 1 min read उगता सूरज: कुछ दोहे उगता सूरज: कुछ दोहे @ दिनेश एल० “जैहिंद” ले सबक प्रभाकर से, जीवन-रथ तू हाँक । जैसे सूरज गति करे, _ जीवन-पथ तू साध ।। चलके तू रवि-राह से, रवि... Hindi · दोहा 1k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 14 Dec 2017 · 1 min read भूख: पाँच दोहे भूख: पाँच दोहे // दिनेश एल० "जैहिंद" भोजन संग भूख मरे, ___ भूख मारना पाप । साँच कहूँ भोजन बिना, भजन करो क्या आप ।। जैसे धरती सत्य है, ___वैसे... Hindi · दोहा 1k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 18 Jun 2017 · 1 min read ### नारी, तुम शक्ति हो ! ### नारी, तुम शक्ति हो ! युग बीते, अंधकार छँटे, अज्ञानता हटी । शिक्षित हुए, ज्ञानी बने, साक्षरता बढ़ी ।। लोग, कुटुंब, समाज की विवशता घटी । जग में बड़ा... Hindi · कविता 1k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 15 Dec 2020 · 1 min read #कोरोना दोहे# कोरोना दोहे //दिनेश एल० "जैहिंद" अब दो हज़ार बीस तो, बन बैठा यमराज, ज़िंदगी तो ठहर गई, ठप्प पड़े सब काज,, साँस रुके अरु दम फुले, हिया बड़ा घबराय, मौत... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 38 97 1k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 3 May 2018 · 2 min read सूर्य और पवन : 15 दोहे ** सूर्य और पवन की कथा: 15 दोहे ** // दिनेश एल० “जैहिंद” बात चली जब ग्रीष्म की आई किस्सा याद । अब तो लिखने मैं चला ..कुछ दोहे नाबाद... Hindi · दोहा 1k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 13 Nov 2017 · 2 min read [[[ बेटी के नाम पत्र ]]] बेटी के नाम पत्र // दिनेश एल० “जैहिंद” जयथर/मशरक 06. 11. 2017 प्रिय पुत्री “शुभेच्छा” शुभाशीष ! परसो ही तुम्हारा पत्र मिला, पढ़कर सब समाचार मालूम हुआ । यह जानकर... Hindi · लेख 1k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 18 May 2021 · 1 min read वर्षागमन वर्षागमन //दिनेश एल० "जैहिंद" गर्मी के दिन बीत जाते हैं,, बारिश के दिन तब आते हैं। प्यासी धरती प्यास बुझाती,, चहुँ ओर हरियाली लहराती।। उमड़-घुमड़ कर आते हैं,, गरज-गरज कर... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 8 1k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 26 May 2023 · 2 min read गुणवत्ता का ह्रास गुणवत्ता का ह्रास // दिनेश एल० "जैहिंद" ना संस्कृति की बात करो, ना अब संस्कार पर बोलो। हे मनुज, तुम कितने गिर चुके अब अपने आप ही तोलो।। नीति-न्याय की... Poetry Writing Challenge · कविता 3 1k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 16 Oct 2021 · 4 min read अंतहीन उत्सव अंतहीन उत्सव //दिनेश एल० "जैहिंद" चोटिल विमला चौकी पर लेटी हुई थी। वह सिर दर्द और चोट की पीड़ा से परेशान थी। सिर में ६ टांगे लगे थे। उसका चेहरा... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 12 11 930 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 30 May 2023 · 6 min read प्राचीन दोस्त- निंब प्राचीन दोस्त- निंब // दिनेश एल० "जैहिंद" आज रविवार का दिन है। सभी जानते हैं इस दिन छुट्टी रहती है। गाँव के स्कूलों की छुट्टी थी। राजू का भी स्कूल... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 5 1k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jul 2019 · 2 min read ~ बच्चों की शैतानी ~ संस्मरण : बच्चों की शैतानी @दिनेश एल० "जैहिंद" बच्चे गजब के शैतान होते हैं | कोई-कोई बच्चे तो शैतानी की हद पार कर जाते हैं | मगर कुछ-एक बच्चे बड़े... Hindi · कहानी 1 873 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 11 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ #बेटियाँ / दिनेश एल० "जैहिंद" ( १ ) बसी है इनमें मानव जन्म की कुंडलियाँ | छुपी हैं आदि से अंत तक की कहानियाँ | होती हैं हमारी बेटियाँ हमारे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 806 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 1 Feb 2021 · 1 min read #प्रेम में पल-पल# प्रेम में पल-पल // दिनेश एल० "जैहिंद" बार-बार तेरी याद आने का क्या राज़ है। सुहानी बरसात के वो दिन मुझे याद हैं।। यादकर क्षण काटना तेरे प्यार में, पल-पल... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 32 103 734 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 16 Dec 2021 · 1 min read चुनाव: कुछ दोहे चुनाव: कुछ दोहे // दिनेश एल० " जैहिंद" राजनीति से चिढ़ हुई, खत्म हुए हैं चाव / पाँच वर्ष की चोट ले, सहलाए अब घाव // नेताओं की आँख में,... Hindi · दोहा 1 2 699 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 4 Jul 2021 · 4 min read {{{{लालूजी का ब्रह्म पिशाच}}}} ## लालूजी का ब्रह्म पिशाच ## लेखक: दिनेश एल० "जैहिंद" जीत की खुशी में कुछ इतने मगन हुए लालूजी कि मत पूछिए ..! कुछ ज़्यादा ही रोहू मछली और मिठाइयाँ... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 4 693 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 1 Jun 2023 · 1 min read [[[सामाजिक सद्भाव]]] सामाजिक सद्भाव // दिनेश एल० "जैहिंद" (१) खुदा के वास्ते खुदा की बात भूल जा खुदा न आएगा ! खुदा खुदा कहते कहते तू मर जाएगा खुदा न आएगा !!... Poetry Writing Challenge · कविता 2 739 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 25 Feb 2018 · 1 min read ** विरही पपीहा ** ** विरही पपीहा ** ¤ दिनेश एल० “जैहिंद” पपीहा, विरही-पपीहा कितना है वो दुख सहा ।। रातो दिन है रट लगाए है पी कहाँ - है पी कहाँ ।। पिया... Hindi · कविता 645 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 4 Jul 2021 · 4 min read [[[गप्पू काका]]] कथा : #गप्पू_काका गप्पू काका के बड़े भाई के तीन बच्चे शहर से गाँव अपने घर स्कूल की गर्मी की छुट्टियों में आए हुए थे ! यहाँ भी मझिले भैया... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 605 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 13 Nov 2017 · 1 min read ## प्रेम गीत ## प्रेम गीत @ दिनेश एल० “जैहिंद” धड़कनों में आप आकर देखिए । दिल में ये बात लाकर देखिए ।। अकेले कटता नहीं ये सफर । है मुश्किलों से भरी ये... Hindi · गीत 632 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 10 Aug 2019 · 2 min read [[[ युद्ध ]]] युद्ध // दिनेश एल० "जैहिंद" धांय.. धांय... धांय ..... , तड़... तड़.... तड़.... , धडाम... धड़ाम.... की कर्कश आवाजों के साथ पहाडियों व जंगली मैदानों का वातावरण गूँज उठा था... Hindi · लघु कथा 670 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 28 Mar 2017 · 1 min read हाइकु मेरे सात हाइकु ( १ ) मानसिकता दर्शाती उदारता हुआ विकास ! ( २ ) नीच विचार दिखाता संकीर्णता रूका विस्तार ! ( ३ ) परिवर्तन है विधि का विधान... Hindi · हाइकु 620 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 15 Apr 2017 · 1 min read सच और झूठ सच और झूठ #दिनेश एल० "जैहिंद" पीछे छूट गई सच बचा रह गया अब झूठ । रिश्ते-नाते, यारी-दोस्ती सब हो गए ठूँठ ।। झूठ की चादर ओढ़ सच बैठ गई... Hindi · कविता 565 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 22 Oct 2021 · 10 min read दुर्गोत्सव दुर्गोत्सव // दिनेश एल० "जैहिंद" दशहरे के दिन चल रहे थे। दुर्गोत्सव अपने चरण पर था। आए दिन लोग मेला घूमने की प्लानिंग करते हुए नज़र आ रहे थे। कोई... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 9 6 577 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 18 Jun 2017 · 1 min read ## प्रेम ## ((( प्रेम ))) ईश से प्रेम है सांसारिक मुक्ति किताबी बातें । ********** कुटुंब-प्रेम होता मायावी बँधन अक्षर: सत्य । *********** प्रेम-बँधन खुशहाल परिवार विश्व में शांति । *********** विभिन्न... Hindi · हाइकु 602 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 28 Mar 2017 · 1 min read ==== भेद - भाव ==== कविता -- [[[[भेद-भाव]]]] भेद-भाव की दुर्भावना को ना कभी मन में पनपने दो || मस्तिष्क अपना स्वस्थ हो ईर्ष्या-बीज को ना पड़ने दो || छुआ-छूत व ऊँच-नीच को मन से... Hindi · कविता 578 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jul 2019 · 1 min read $$ कुंडलिया छंद $$ दो कुंडलियाँ / दिनेश एल० "जैहिंद" (१) धर्म पाखंड छोड़ दे, ......कर इंसानी कर्म | कर्म से नसीब सँवरे, ..... यही ईश्वरी मर्म || यही ईश्वरी मर्म, ......जान ले तू... Hindi · कुण्डलिया 547 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 10 Jul 2017 · 1 min read परिंदों की भाषा परिंदों की भाषा // दिनेश एल० " जैहिंद" देख परिंदे दुश्मन को फर्र-फर्र कर उड़ जाते । किसी वार को भाप के वो झटके से मुड़ जाते ।। कैसा भी... Hindi · कविता 586 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 24 Apr 2022 · 1 min read (((मन नहीं लगता))) "मन नहीं लगता" झंझावतों से ऊब कर, संघर्षों से अब टूट कर, मेरा मन कहता है सही-सही -- "मन नहीं लगता है !" गृहस्थी की जरूरतों से, बाज़ारों की हसरतों... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 6 596 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 25 Mar 2017 · 1 min read [[[[ परिंदे की भाषा ]]]] (((( परिंदे की भाषा )))) तुम हो कितने कठोर, निष्ठुर, चतुर, चालाक , ख़ुद को आदमी और मुझको परिंदे कह गये ! हम भी तो रहे कितने सीधे-साधे, निरे बुद्धू... Hindi · मुक्तक 542 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 4 Jul 2021 · 9 min read "तीन चरित्रहीन पत्ते" कहानी: तीन चरित्रहीन पत्ते लेखक: दिनेश एल० "जैहिंद" ब्लू ह्वेल सभागार मेहमानों, आगन्तुकों व श्रोताओं से खचाखच भर चुका था । विशेष कर महिलाओं व उनके साथ आए हुए बच्चों... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 1 522 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 6 May 2017 · 1 min read मानव जीवन मानव जीवन / दिनेश एल० "जैहिंद" कौन जाना वह जीवन क्यों पाया ।। इस धरती पर वह क्योंकर आया ।। यह जीवन तो है एक कठिन प्रश्न,, मानव कभी इसे... Hindi · कविता 548 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 14 Aug 2017 · 2 min read कृष्ण ! तुम कहाँ हो ? लघुकथा: कृष्ण ! तुम कहाँ हो ? ##दिनेश एल० "जैहिंद" सर्व विदित है, औरतें बातूनी होती हैं । उन्हें पड़ोसियों की बातें करने में जो आनंद आता है वो आनंद... Hindi · लघु कथा 2 577 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 10 Aug 2019 · 2 min read नानी के घर नानी के घर // दिनेश एल० "जैहिंद" इहे कवनो तीन-चार साल के रहल होखेम | हम अपन घर के आस-पास, द्वारे या अँगना में खेलते होखेम | हमार बार-बार नजर... Hindi · लेख 527 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 31 May 2017 · 1 min read ⛅ हमारी रंगीन दुनिया ☔ ⛅ हमारी रंगीन दुनिया ☔ ?दिनेश एल० “जैहिंद” श्वेत बादलों के आगोश में चाँद दिखा है । आभास होता कि सीप में मोती छिपा है ।। चित्र की बनावट है... Hindi · कविता 554 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 9 Feb 2017 · 2 min read ***छुआ-छूत का अंत *** छुआ-छूत का अंत #दिनेश एल० "जैहिंद" सोनहो गाँव में हर जाति के लोग रहते हैं, ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य व शूद्र | शुद्र जातियों में डोम, चमार, दुसाद आदि हैं |... Hindi · लघु कथा 556 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 25 Mar 2017 · 1 min read #### उठो जवानो ..... ! (((( उठो जवानो ! )))) नहीं सोओ अब रण बाँकुरे सोकर क्यों वक्त गँवाते हो || नहीं समय है अब सोने का चुस्ती क्यों नहीं दिखाते हो || उठो जवानों... Hindi · कविता 505 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 18 May 2021 · 1 min read वर्षागीत वर्षागीत // दिनेश एल० "जैहिंद" कौन है ऐसा जिसे मेघा नहीं सुहाता,,,,,, बाल-गोपाल शोर मचाते हैं, युवा-नर-नारी मौज़ मनाते हैं | सजनी यादों में खो जाती है, कुँवारे सपनों में... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 2 4 515 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 13 Nov 2017 · 1 min read सिंदूर: एक रक्षक सिंदूर: एक रक्षक // दिनेश एल० “जैहिंद” कवि – एकनिष्ठता का द्योतक सिंदूर पतिव्रता का पोषक सिंदूर । सिंदूर रचता सकल परिवार स्त्री–लाज का रक्षक सिंदूर ।। सुहागन – है... Hindi · कविता 529 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jun 2023 · 1 min read जबरदस्त विचार~ जबरदस्त विचार~ कर्म और भाग्य में बस दो कदम की दूरी है परन्तु ये फासला उस वक़्त और अधिक बढ़ जाता है जब आप सच्चे, ईमानदार व सरल होते हैं।... Hindi · Quote Writer 1 875 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 10 Aug 2017 · 1 min read ..... मोम-सा वो पिघलता ही रहा ! मोम-सा वो पिघलता ही रहा ! // दिनेश एल० "जैहिंद" हाल-ए-जिंदगी पर सुबकता ही रहा ।। चक्षु से झर-झर अश्क बहता ही रहा ।। लिया कुछ नहीं सिर्फ दिया ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 536 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 9 Apr 2019 · 1 min read **अंधविश्वास** ** अंधविश्वास ** // दिनेश एल० “जैहिंद” आशा और निराशा के बीच ये दुनिया झूलती है | विश्वास औ अविश्वास पर ही ये दुनिया चलती है || पास की आशा... Hindi · कविता 495 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 10 Aug 2019 · 1 min read हाइकु : माँ सरस्वती माँ सरस्वती // दिनेश एल० "जैहिंद" हंस वाहिनी तू वीणापाणि हे माँ विद्यादायिनी माता भारती जन कल्याण कर करूँ विनती हे सरस्वती नमन तुझे मेरा प्रकाश दात्री तू ज्ञानेश्वरी हे... Hindi · हाइकु 484 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 13 Nov 2017 · 1 min read धन तेरस: पाँच दोहे धन तेरस: पाँच दोहे // दिनेश एल० “जैहिंद” कार्तिक कृष्ण त्रयोदश, धन तेरस कहलाय । हिंदु धरमावलम्बी हो, __ प्रसन्न इसे मनाय ।। सोना, रजत अरु गहने, नई वस्तु खरीदाय... Hindi · दोहा 500 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 12 Nov 2017 · 1 min read क्या-क्या नाम दूँ !!! क्या-क्या नाम दूँ !!! // दिनेश एल० “जैहिंद” कटीली, रसीली, नशीली हैं ये गोरियाँ छबीली, सजीली,रंगीली हैं ये गोरियाँ और भला क्या-क्या नाम दूँ, और भी हैं नाम हजार इनके... Hindi · गीत 1 508 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 18 May 2021 · 1 min read बरसात के प्यारे गड्ढे "बरसात के प्यारे गड्ढे" (हास्य क्षणिकाएँ) // दिनेश एल० "जैहिंद" (१) गाँव के फेक छोरों से नकचढे होते बरसात के ये बरसाती गड्ढे अगर तुम घुस के जाओगे तो ठीक... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 3 482 Share Page 1 Next