Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Nov 2017 · 1 min read

सिंदूर: एक रक्षक

सिंदूर: एक रक्षक
// दिनेश एल० “जैहिंद”

कवि – एकनिष्ठता का द्योतक सिंदूर
पतिव्रता का पोषक सिंदूर ।
सिंदूर रचता सकल परिवार
स्त्री–लाज का रक्षक सिंदूर ।।

सुहागन – है नहीं उधार का सिंदूर
है नहीं चुटकी भर सिंदूर ।
ये मेरे जीवन की ज्योति
है मेरा सम्मान ये सिंदूर ।।

अभागन – हूँ मैं इस जीवन से मजबूर
थक – हारकर चकनाचूर ।
किन पापों की सजा है मेरी
क्यूँ मैं हूँ इस सिंदूर से दूर ।।

कवि – कर लिये सारे सिंगार
सिंदूर बिन सब बेकार ।
सिंदूर कोई चीज नहीं
है नारी – जीवनोद्धार ।।

सुहागन – भ्रमित नारी भूल रही क्यों
कौन–सा सुख कहाँ ढूँढ रही यों ।
ऐसा सुख नहीं कहीं धरा पर
घुला सुख सुहागन होने में ज्यों ।।

अभागन – मेरा जीवन अभिशाप बना
सबकी नजरों में पाप बना ।
मैं अभागन जीवन अभागा
बिन सिंदूर अब संताप बना ।।

===============
दिनेश एल० “जैहिंद”
09. 09. 2017

Language: Hindi
521 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्यार का यह सिलसिला चलता रहे।
प्यार का यह सिलसिला चलता रहे।
surenderpal vaidya
यह तुम्हारी नफरत ही दुश्मन है तुम्हारी
यह तुम्हारी नफरत ही दुश्मन है तुम्हारी
gurudeenverma198
जागरूक हो हर इंसान
जागरूक हो हर इंसान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मैं
मैं
Seema gupta,Alwar
2860.*पूर्णिका*
2860.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सिर्फ लिखती नही कविता,कलम को कागज़ पर चलाने के लिए //
सिर्फ लिखती नही कविता,कलम को कागज़ पर चलाने के लिए //
गुप्तरत्न
आत्म बोध
आत्म बोध
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जीने का हौसला भी
जीने का हौसला भी
Rashmi Sanjay
क्या ?
क्या ?
Dinesh Kumar Gangwar
खुद को इतना हंसाया है ना कि
खुद को इतना हंसाया है ना कि
Rekha khichi
क्या कर लेगा कोई तुम्हारा....
क्या कर लेगा कोई तुम्हारा....
Suryakant Dwivedi
स्वयं की खोज कैसे करें
स्वयं की खोज कैसे करें
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
भ्रांति पथ
भ्रांति पथ
नवीन जोशी 'नवल'
అందమైన తెలుగు పుస్తకానికి ఆంగ్లము అనే చెదలు పట్టాయి.
అందమైన తెలుగు పుస్తకానికి ఆంగ్లము అనే చెదలు పట్టాయి.
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
Dr Shweta sood
माणुष
माणुष
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
तुम भी 2000 के नोट की तरह निकले,
तुम भी 2000 के नोट की तरह निकले,
Vishal babu (vishu)
तौबा ! कैसा यह रिवाज
तौबा ! कैसा यह रिवाज
ओनिका सेतिया 'अनु '
*शुभ गणतंत्र दिवस कहलाता (बाल कविता)*
*शुभ गणतंत्र दिवस कहलाता (बाल कविता)*
Ravi Prakash
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )
DrLakshman Jha Parimal
गीतिका।
गीतिका।
Pankaj sharma Tarun
"तस्वीर"
Dr. Kishan tandon kranti
■ आज की ग़ज़ल
■ आज की ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
"डिजिटल दुनिया! खो गए हैं हम.. इस डिजिटल दुनिया के मोह में,
पूर्वार्थ
जिस्मौ के बाजार में दिलजार करते हो
जिस्मौ के बाजार में दिलजार करते हो
कवि दीपक बवेजा
अति वृष्टि
अति वृष्टि
लक्ष्मी सिंह
पिता, इन्टरनेट युग में
पिता, इन्टरनेट युग में
Shaily
ग़ज़ल कहूँ तो मैं ‘असद’, मुझमे बसते ‘मीर’
ग़ज़ल कहूँ तो मैं ‘असद’, मुझमे बसते ‘मीर’
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"विचित्रे खलु संसारे नास्ति किञ्चिन्निरर्थकम् ।
Mukul Koushik
जीवनसंगिनी सी साथी ( शीर्षक)
जीवनसंगिनी सी साथी ( शीर्षक)
AMRESH KUMAR VERMA
Loading...