चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ Tag: ग़ज़ल/गीतिका 47 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 28 Feb 2017 · 1 min read हाय! आशिक़ों के जो निकले दम होंगे हुस्न के यूँ भी क्या सितम होंगे यूँ बढ़ाओगे बात जीतनी ही बात में उतने पेचो ख़म होंगे हो चुके बिछते बिछते संगे राह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 458 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 8 Feb 2017 · 1 min read कहाँ मैं थोक हूँ मैं भी तो यार खुदरा हूँ मुझे निहार ले क़िस्मत सँवार सकता हूँ फ़लक़ से टूट के गिरता हुआ मैं तारा हूँ कहाँ ये मील के पत्थर मुझे सँभाले भला पता था गो के इन्हें रास्ते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 515 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 7 Feb 2017 · 1 min read आह! यह क्या से क्या हो गया बावफ़ा बेवफ़ा हो गया आह! यह क्या से क्या हो गया उनसे आँखे मिलीं मेरा जी ख़ूब था बावरा हो गया एक क़त्आ- आप तक़्दीर के हैं धनी हिज़्र में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 239 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 6 Feb 2017 · 1 min read साक़ी इधर भी ला न ज़रा और ढाल कर मैं लुट चुका हूँ वैसे भी अब तू न चाल कर जैसा भी मेरा दिल है उसे रख सँभाल कर साहिल पे अब है डूब रही या मेरे ख़ुदा हाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 275 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 4 Feb 2017 · 1 min read सो मिल गया है आज मुझे दार, क्या करूँ? हूँ जामे चश्म तेरा तलबगार, क्या करूँ? तक़्दीर से पै आज हूँ लाचार, क्या करूँ? कोई तो आह! शौक से मारा नज़र का तीर जी चाहे गो के फिर भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 254 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 3 Feb 2017 · 1 min read कोई ग़ाफ़िल कहाँ भला जाए जी मेरा भी सुक़ून पा जाए तेरा जी भी जो मुझपे आ जाए काश आ जाऊँ तेरे दर पे मैं और वाँ मेरा गाम लड़खड़ा जाए जाने से तेरे जाए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 312 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 17 Jan 2017 · 1 min read कल सताएगा मगर, लगता है कोई सीने से अगर लगता है जी क्यूँ फिर सीना बदर लगता है तूने तो की थी दुआ फिर भी मगर ओखली में ही ये सर लगता है पास आ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 282 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 11 Jan 2017 · 1 min read आतिशे उल्फ़त को हर कोई हवा देने लगे बोसा-ओ-गुल फोन पर अब रोज़हा देने लगे हाए यूँ उश्शाक़ माशूकः को क्या देने लगे ख़ैर जब जब मैं रक़ीबों की मनाया मुझको तब गालियाँ वे सह्न पर मेरे ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 248 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 6 Jan 2017 · 1 min read सजाकर जो पलक पर आँसुओं का हार रखता है कहोगे क्या उसे जो तिफ़्ल ख़िदमतगार रखता है औ तुर्रा यह के दूकाँ में सरे बाज़ार रखता है कहा जाता है वह गद्दार इस दुनिया-ए-फ़ानी में जो रहता है इधर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 347 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 5 Jan 2017 · 1 min read चाँद सह्न पर आया होगा होगी आग के दर्या होगा देखो आगे क्या क्या होगा ख़ून रगों में लगा उछलने चाँद सह्न पर आया होगा रस्म हुई हाइल गो फिर भी मुझको वह ख़त लिखता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 532 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 4 Jan 2017 · 1 min read उल्फत की रह में आग का दर्या ज़ुरूर है फिर भी नहीं है शम्स, उजाला ज़ुरूर है देखे न देखे कोई, तमाशा ज़ुरूर है तुझसे भी नाज़ लेकिन उठाया नहीं गया बज़्मे तरब में आज तू आया ज़ुरूर है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 368 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 2 Jan 2017 · 1 min read किस सिफ़त का ऐ मेरे मौला तेरा इजलास है इस शबे फ़ुर्क़त में तारीकी तो अपने पास है क्यूँ हुआ ग़ाफ़िल उदास इक यूँ भी अपना ख़ास है दूर रह सकती है कोई जान कब तक जिस्म से जान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 260 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 29 Dec 2016 · 1 min read कोई नहीं है यूँ जो तुम्हें आदमी बना दे मतलब नहीं है इससे अब यार मुझको क्या दे है बात हौसिले की वह दर्द या दवा दे है रास्ता ज़ुदा तो मैं अपने रास्ते हूँ उनके भी रास्ते का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 281 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 29 Dec 2016 · 1 min read तो अब वह घसछुला बेगार वाला याद आता है न तू बोलेगा तुझको क्या पुराना याद आता है तो ले मुझसे ही सुन ले मुझको क्या क्या याद आता है मुझे तो, रंग में आकर तेरा वह ग़ुस्लख़ाने में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 463 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 28 Dec 2016 · 1 min read बात हो जाए अब आर या पार की जी में सूरत उभर आई फिर यार की कोई पाज़ेब इस क़द्र झंकार की हुस्न के शह्र में मैं भटक जाता पर याद उसकी हमेशा ख़बरदार की हूँ मैं हैरान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 240 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 27 Dec 2016 · 1 min read ख़ूबसूरत शै को अक़्सर देखिए मेरा दिल है आपका घर देखिए जी न चाहे फिर भी आकर देखिए आप हैं, मैं हूँ, नहीं कोई है और क्या मज़ा है ऐसे भी गर देखिए देखते रहने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 252 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 26 Dec 2016 · 1 min read लोग कहते हैं वो शीशे में उतर जाते हैं देखा करता हूँ उन्हें शामो सहर जाते हैं पर न पूछूँगा के किस यार के घर जाते हैं मैं हज़ारों में भी तन्हा जो रहा करता हूँ वे ही बाइस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 236 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 10 Dec 2016 · 1 min read सब हमारा ही नाम लेते हैं जामे लब शब् तमाम लेते हैं लेकिन उल्फ़त के नाम लेते हैं दिल पे तीरे नज़र चलाके ग़ज़ब आप भी इंतकाम लेते हैं ज़िक़्रे आशिक़ अगर हो महफ़िल में सब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 265 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 9 Dec 2016 · 1 min read अब सवाले इश्क़ पर तू हाँ कहेगा या नहीं पेचो ख़म बातों का, तेरी ज़ुल्फ़ों सा सुलझा नहीं अब सवाले इश्क़ पर तू हाँ कहेगा या नहीं मेरी उल्फ़त की उड़ाई जा रही हैं धज्जियाँ यह तमाशा क्या मेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 473 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 5 Dec 2016 · 1 min read किसी ग़ाफ़िल का यूँ जगना बहुत है भले दिन रात हरचाता बहुत है मगर मुझको तो वह प्यारा बहुत है वो हँसता है बहुत पर बाद उसके ख़ुदा जाने क्यूँ पछताता बहुत है जुड़ा है साथ काँटा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 258 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 28 Nov 2016 · 1 min read वक़्त गुज़रा तो नहीं लौट कर आने वाला बात क्या है के बना प्यार जताने वाला घाव सीने में कभी था जो लगाने वाला अब मेरे दिल में जो आता है चला जाता है क्यूँ काश जाता न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 370 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 25 Nov 2016 · 1 min read सोचता हूँ तो है मुद्दआ कुछ नहीं वस्ल का हिज़्र का सिलसिला कुछ नहीं या के जी में तेरे था हुआ कुछ नहीं लोग पाए हैं तुझसे बहुत कुछ अगर तो मुझे भी मिला देख क्या कुछ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 241 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 20 Nov 2016 · 1 min read तू भी इल्ज़ाम लगाना तो ख़बर कर देना जब तसव्वुर से हो जाना तो ख़बर कर देना या के मुझको हो भुलाना तो ख़बर कर देना देखकर नाज़ो अदा तेरी, है मुम्क़िन जो बहुत, जब हो ग़ुस्ताख़ ज़माना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 280 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 19 Nov 2016 · 1 min read ज़माने तेरी मिह्रबानी नहीं हूँ शजर हूँ, तिही इत्रदानी नहीं हूँ चमन का हूँ गुल मर्तबानी नहीं हूँ ख़रा हूँ कभी भी मुझे आज़मा लो उतर जाने वाला मैं पानी नहीं हूँ ग़ज़ल हूँ, वही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 308 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 3 Nov 2016 · 1 min read शाइरी काफ़ी नहीं सूरत बदलने के लिए मंज़िले उल्फ़त तो है अरमाँ पिघलने के लिए है नहीं गर कुछ तो बस इक राह चलने के लिए बन्द कर आँखें इसी उम्मीद में बैठा हूँ मैं कोई तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 504 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 3 Nov 2016 · 1 min read लुटाया भी जी आदमी आदमी पर क़शिश तो है इसमें है यह सिरफिरी, पर लगी आज तुह्मत मेरी दोस्ती पर ये मंज़र तस्सवुर में लाकर तो देखो के हो चाँद तो, गुम सी हो चाँदनी, पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 346 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 26 Oct 2016 · 1 min read क्यूँ नहीं दिल पर मेरे डाका पड़ा देखिए कुछ हज़ल सी हुई क्या? *** इश्क़ तो यारो मुझे मँहगा पड़ा वक़्ते वस्लत मैं जो पीकर था पड़ा देख उसको, क्या हुआ इक चश्म ख़म क्या कहें किस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 608 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 22 Oct 2016 · 1 min read हुस्न के शह्र में आ गए हो मियाँ आ रहीं यूँ जो बेताब सी आँधियाँ शर्तिया है निशाना मेरा आशियाँ मैंने देखा है झुरमुट में इक साँप है और हैं बेख़बर सारी मुर्गाबियाँ मान लूँ क्या के अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 367 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 21 Oct 2016 · 1 min read गया जो देखकर इक बार चारागर, नहीं लौटा किसी दिल के दरीचे से कोई जाकर नहीं लौटा जूँ निकला अश्क राहे चश्म से बाहर, नहीं लौटा वो क़ासिद, जो भी मेरा ख़त गया लेकर तेरी जानिब न कोई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 499 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 20 Oct 2016 · 1 min read एक अदना दिल तो था लेकिन मुझे टूटा लगा अब वही बेहतर बताएगा के उसको क्या लगा इश्क़ में नुक़्सान मेरा पर मुझे अच्छा लगा यूँ शिकन आई जबीं पर उसके, मुझको देखकर वह मुझे फ़िलवक़्त मेरे दर्द का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 347 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 8 Oct 2016 · 1 min read मैं ख़ुश्बू हूँ बिखरना चाहता हूँ तू जाने है के मरना चाहता हूँ? मैं ख़ुश्बू हूँ बिखरना चाहता हूँ।। अगर है इश्क़ आतिश से गुज़रना, तो आतिश से गुज़रना चाहता हूँ। न सह पाता हूँ ताबानी-ए-रुख़,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 440 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 5 Oct 2016 · 1 min read मुझे क्यूँ तीरगी में रौशनी मालूम होती है चले तू जब तो बलखाती नदी मालूम होती है मुझे फिर जाने जाँ क्यूँ तिश्नगी मालूम होती है तू मेरे सिम्त जब भी आ रही मालूम होती है मेरे ज़ेह्नो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 272 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 29 Sep 2016 · 1 min read तुह्मत तो लाजवाब मिले, होश में हूँ मैं मुझको तो अब शराब मिले, होश में हूँ मैं और वह भी बेहिसाब मिले, होश में हूँ मैं सच्चाइयों से ऊब चुका हूँ बुरी तरह अब इक हसीन ख़्वाब मिले,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 475 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 24 Sep 2016 · 1 min read बड़ी मग़रूर किस्मत हो गई है हमें जबसे मुहब्बत हो गई है मुहब्बत भी सियासत हो गई है चलो फिर इश्क़ में खाते हैं धोखा हमें तो इसकी आदत हो गई है गया चैनो सुक़ूँ यानी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 231 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 21 Sep 2016 · 1 min read सोचता था लिखूँ तुझको उन्वान कर तू मना कर दिया जाने क्या जानकर सोचता था लिखूँ तुझको उन्वान कर पा लिया मैं ख़ुशी उम्र भर की सनम दो घड़ी ही भले तुझको मिह्मान कर फिर रहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 370 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 14 Sep 2016 · 1 min read मुझे ज़िन्दगी का नशा सा हुआ है नहीं जानता तू के याँ क्या हुआ है ग़ज़ब, तूने जो भी कहा था, हुआ है फ़लक़ से यहाँ रात बरसी है आतिश सहर कोहरे का तमाशा हुआ है अरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 279 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 14 Sep 2016 · 1 min read हुस्न कोई गर न टकराता कभी तू बता मेरी तरफ देखा कभी और देखा तो बुलाया क्या कभी चाहेगा जब पास अपने पाएगा क्या मुझे है ढूढना पड़ता कभी तू नहीं करता परीशाँ गर मुझे तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 300 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 12 Sep 2016 · 1 min read दरमियाँ अपने ये पर्देदारियाँ जल रहीं जो याँ दिलों की बस्तियाँ कब गिरीं इक साथ इतनी बिजलियाँ बातियों में अब नहीं लज़्ज़त रही अब बिगाड़ेंगी भला क्या आँधियाँ अंजुमन भी किस तरह का अंजुमन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 221 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 10 Sep 2016 · 1 min read मेरा सादा सा दिल है और सादी सी ही फ़ित्रत है जला है जी मेरा और उसपे मुझसे ही शिक़ायत है न कहना अब के ग़ाफ़िल यूँ ही तो होती मुहब्बत है मुझे तो होश आ जाए कोई पानी छिड़क दे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 526 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 29 Aug 2016 · 1 min read क्या आँच दे सकेंगे बुझते हुए शरारे गुल सूख जाए हर इक या ग़ुम हों चाँद तारे गाएंगे लोग फिर भी याँ गीत प्यारे प्यारे ऐ अब्र! है बरसना तो झूमकर बरस जा है गर महज़ टहलना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 408 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 26 Aug 2016 · 1 min read ग़ाफ़िल की सुह्बतों का असर भी तो कम नहीं रुख़ यूँ सँवारने का हुनर भी तो कम नहीं। आरिज़ पे आँसुओं का गुहर भी तो कम नहीं।। सैलाब और प्यास नमू एक ही जगह, ऐसी ख़ुसूसियत-ए-नज़र भी तो कम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 280 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 16 Aug 2016 · 1 min read वो ग़ाफ़िल को ताने सुनाने चले हैं बताओ जी क्या क्या बनाने चले हैं अदब के जो याँ कारख़ाने चले हैं जो हों कानफाड़ू जँचें बस नज़र को अब ऐसी ही ख़ूबी के गाने चले हैं न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 283 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 11 Aug 2016 · 1 min read जो अपने थे कभी मुझको तो सारे याद रहते हैं भले तुझको नहीं उल्फ़त के किस्से याद रहते हैं मुझे हर बेमुरव्वत वक़्त गुज़रे, याद रहते हैं कभी अपने नहीं थे जो उन्हें अब याद करना क्या जो अपने थे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 347 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 2 Aug 2016 · 1 min read मुहब्बत का मेरे भी वास्ते पैग़ाम आया है मिला चौनो क़रारो बेश्तर आराम आया है सुना है जी चुराने में मेरा भी नाम आया है न कोई राबिता था तब न कोई राबिता है अब मगर फिर भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 546 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 30 Jul 2016 · 1 min read मगर जाता है क्यूँ बताता है नहीं दोस्त किधर जाता है और जाता है तो किस यार के घर जाता है पास आ मेरे सनम जा न कहीं आज की रात या मुझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 374 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 28 Jul 2016 · 1 min read भूल जाओ किसका आना रह गया क्या बताऊँ? क्या बताना रह गया सोचता बस यह, ज़माना रह गया क्या यही चारागरी है चारागर! जख़्म जो था, वो पुराना...! रह गया लोग आए, शाम की, जाते बने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 699 Share चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 26 Jul 2016 · 1 min read रात ही जब हुई मुख़्तसर आदाब दोस्तो! आज रात फ़िलबदीह में हुई बहुत ही छोटी बह्र की एक ग़ज़ल कुछ यूँ- मतला- गो है आवारगी बेश्तर हो गए शे’र अपने मगर एक क़त्आ- क्या गुमाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 498 Share