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24 Sep 2016 · 1 min read

बड़ी मग़रूर किस्मत हो गई है

हमें जबसे मुहब्बत हो गई है
मुहब्बत भी सियासत हो गई है

चलो फिर इश्क़ में खाते हैं धोखा
हमें तो इसकी आदत हो गई है

गया चैनो सुक़ूँ यानी के सब कुछ
कहें भी क्या के उल्फ़त हो गई है

जिए जाते हैं फिर भी देखिए हम
गो बेग़ैरत सी ग़ैरत हो गई है

फ़क़त हमसे है पर्दा क्या समझ लूँ
किसी की हमपे नीयत हो गई है

तेरे जाने से उजड़े घोसले सी
हमारे दिल की हालत हो गई है

दुहाई बारहा देने से ग़ाफ़िल
बड़ी मग़रूर किस्मत हो गई है

-‘ग़ाफ़िल’

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