Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Dec 2016 · 1 min read

तो अब वह घसछुला बेगार वाला याद आता है

न तू बोलेगा तुझको क्या पुराना याद आता है
तो ले मुझसे ही सुन ले मुझको क्या क्या याद आता है

मुझे तो, रंग में आकर तेरा वह ग़ुस्लख़ाने में
फटे से बाँस जैसा सुर मिलाना, याद आता है

जब अपने सह्न की यारो मुझे है घास छिलवानी
तो अब वह घसछुला बेगार वाला याद आता है

कहीं अब मौज़ में आकर लुगाई से न कह देना
के तू मारी थी जो पहला तमाचा याद आता है

तेरी तो तू कहे ग़ाफ़िल मुझे तो अब शबे हिज़्राँ
न कोई और बस इक तू लड़ाका याद आता है

-‘ग़ाफ़िल’

410 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2325.पूर्णिका
2325.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हिरनी जैसी जब चले ,
हिरनी जैसी जब चले ,
sushil sarna
यह गोकुल की गलियां,
यह गोकुल की गलियां,
कार्तिक नितिन शर्मा
शुम प्रभात मित्रो !
शुम प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
#आज_का_मुक्तक
#आज_का_मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
जल
जल
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
अन्न पै दाता की मार
अन्न पै दाता की मार
MSW Sunil SainiCENA
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
Shashi Dhar Kumar
*याद  तेरी  यार  आती है*
*याद तेरी यार आती है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शहर में नकाबधारी
शहर में नकाबधारी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
"ई-रिश्ते"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं तो इंसान हूँ ऐसा
मैं तो इंसान हूँ ऐसा
gurudeenverma198
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-158के चयनित दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-158के चयनित दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*पुस्तक (बाल कविता)*
*पुस्तक (बाल कविता)*
Ravi Prakash
💐प्रेम कौतुक-445💐
💐प्रेम कौतुक-445💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रिश्ते मोबाइल के नेटवर्क जैसे हो गए हैं। कब तक जुड़े रहेंगे,
रिश्ते मोबाइल के नेटवर्क जैसे हो गए हैं। कब तक जुड़े रहेंगे,
Anand Kumar
धर्म खतरे में है.. का अर्थ
धर्म खतरे में है.. का अर्थ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
एक पल में ये अशोक बन जाता है
एक पल में ये अशोक बन जाता है
ruby kumari
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
‘ चन्द्रशेखर आज़ाद ‘ अन्त तक आज़ाद रहे
‘ चन्द्रशेखर आज़ाद ‘ अन्त तक आज़ाद रहे
कवि रमेशराज
किसी का यकीन
किसी का यकीन
Dr fauzia Naseem shad
चलना सिखाया आपने
चलना सिखाया आपने
लक्ष्मी सिंह
गज़ल सी रचना
गज़ल सी रचना
Kanchan Khanna
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
पूर्वार्थ
गोरी का झुमका
गोरी का झुमका
Surinder blackpen
रिश्ता
रिश्ता
अखिलेश 'अखिल'
“ धार्मिक असहिष्णुता ”
“ धार्मिक असहिष्णुता ”
DrLakshman Jha Parimal
ये गजल नही मेरा प्यार है
ये गजल नही मेरा प्यार है
Basant Bhagawan Roy
सच तो हम इंसान हैं
सच तो हम इंसान हैं
Neeraj Agarwal
Loading...