bhagirathprasad59 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid bhagirathprasad59 2 Jun 2022 · 1 min read नीड हे नवल सरल खग तू है अबल जैसे सर में खिलता है कमल। कितना मनभावन मनमोहक प्रकृति के कृति का तू द्योतक। अभी नयन कपाट खुले ही नहीं तेरे भाल... Hindi · कविता 1 268 Share bhagirathprasad59 23 May 2022 · 6 min read मेरी पहली हजामत चेहरे पर मुलायम रोयें धीरे-धीरे दाढ़ी मूँछ का रूप धारण करते जा रहे थे। स्वयं को ही मुझे अत्यंत अटपटा लग रहा था। कभी प्रकृति को कोसता भी था कि... Hindi · हास्य/हास्य-व्यंग्य 113 Share bhagirathprasad59 17 May 2022 · 1 min read जिंदगी का दौर ढल जाती हैं जिंदगी ढलते सूरज की तरह। ज्यों हो अगवानी चांद की एक नई जिंदगी की तरह। जिंदगी के काफिले से, निशान मिट जाते हैं। संघर्ष कर किसी तरह... Hindi · कविता 239 Share bhagirathprasad59 15 May 2022 · 1 min read तेरी महिमा तेरी महिमा बड़ी निराली, सबके जेब में रहने वाली। एक हाथ कर दिया नकारा, दूजे से ही काम हो सारा। क्या ठेला या ठेलिया वाला, रिक्शा, गाड़ी, तांगा वाला। नौकर,... Hindi · कविता 273 Share bhagirathprasad59 1 May 2022 · 1 min read मेरे विचार साहित्य पीडिया एक ऐसा स्वतंत्र ई मंच है जिसने कितने नवोदित रचनाकारों को अवसर प्रदान कर उन्हें गुमनामी के अंधेरे से निकालने का अथक प्रयास किया है, उन्हें प्रेरित किया... Hindi · लेख 164 Share bhagirathprasad59 30 Apr 2022 · 1 min read सन्नाटा सूनी है वह चहारदीवारी हंगामा था कभी डोलता। पसरा वहां सियापा है, सन्नाटा है अब बोलता। दीवारें जो चीखती थी आज मूक हो गए मौन इक दूजे से हुए अजनबी... Hindi · कविता 86 Share bhagirathprasad59 24 Apr 2022 · 1 min read मैं.... शाख की असंख्य पत्तियों में से मैं भी एक हूं। नन्हा सा, कोमल, लचीला, नवजन्मा हूं, नेक हूं। वायु वेग मुझको हिलाती, डुलाती, झुलाती है। स्वयं शांत हो कर हम... Hindi · कविता 110 Share bhagirathprasad59 21 Apr 2022 · 7 min read गुल्लक एक हाथ में टूटी गुड़िया थामे चार वर्षीया रंजना दूसरे हाथ से अपने अश्रुपूरित नेत्रों को पोंछती हुई एवं सुबकते हुये श्याम के कमरे में दाखिल हुई। श्याम-- उसका अग्रज... Hindi · लघु कथा 164 Share bhagirathprasad59 19 Apr 2022 · 3 min read ये कहां आ गए हम ... हमारे देश की शिक्षा पद्धति प्राचीन काल में सर्वश्रेष्ठ थी। डिग्रियां नहीं बंटती थी किंतु गुरुओं द्वारा शिष्यों का हर क्षेत्र में विकास किया जाता था, उनके नैतिक मूल्यों का,... Hindi · लेख 111 Share bhagirathprasad59 17 Apr 2022 · 1 min read पिता पिता माता का श्रृंगार है, सुहाग है उनकी संतानें कुल का चिराग है। हो चाहे अभाव, न महसूस होने दे खुद पी ले आंसू , न किसी को रोने दे।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 5 116 Share bhagirathprasad59 15 Apr 2022 · 7 min read रस्म की आग मुन्नी अपनी नन्ही कोमल हथेलियों से दद्दा रामजतन का पाँव हौले-हौले दबा रही थी। रामजतन कोमल नन्हे हाथों का स्पर्श पाकर शनैः शनैः नींद के आगोश में समाता जा रहा... Hindi · लघु कथा 1 230 Share bhagirathprasad59 14 Apr 2022 · 6 min read पापा “ मैं उसको छुटकी ही बुलाता था “ कहते कहते सत्येन्द्र बाबू थम सा गए थे । सत्येन्द्र बाबू जिन्होंने पंद्रह वर्ष पूर्व अपनी जीवन संगिनी को खो दिया था... Hindi · लघु कथा 358 Share bhagirathprasad59 13 Apr 2022 · 1 min read स्मृति क्या नहीं पथ यूं तेरा, कि पहुंचे वहां किया था जहां से कभी तूने आगाज। थोड़ा तू मुझ पर रहम कर ऐ निष्ठुर बचपन मेरा मुझको देता है आवाज। वो... Hindi · कविता 114 Share bhagirathprasad59 12 Apr 2022 · 2 min read हिन्दी एक अनिवार्य विषय हमारे देश के गैर हिंदी भाषी क्षेत्रों द्वारा माननीय अमित शाह जी के इस बयान का कि हिंदी को अनिवार्य विषय किया जाना चाहिए का विरोध अत्यंत दुखद है। विरोध... Hindi · लेख 1 2 124 Share bhagirathprasad59 6 Apr 2022 · 1 min read कैसा है ये तंत्र हमारा कैसा है ये तंत्र हमारा जन-जन के मन खौफ समाया। देख रहे हैं कई बुराइयाँ खौफ से खामोशी अपनाया।। कृषि प्रधान इस देश में मरते, जन-जन का जो पेट हैं... Hindi · कविता 1 2 125 Share bhagirathprasad59 6 Apr 2022 · 7 min read अपनापन जीवन की अंजान यात्रा में वह नितांत अकेला रह गया था। अपने हमराही को खोये उसे दस वर्ष हो गये थे। उसे ऐसा प्रतीत होता था मानो हृदय की धड़कन... Hindi · लघु कथा 175 Share bhagirathprasad59 5 Apr 2022 · 1 min read महंगाई का दौर महंगाई के दौर में सस्ता हुआ है खून का रिश्ता। दौलत रिश्ते का आधार बाकी सब हो गए बेकार। एक चुटकी सिंदूर रहा है जीवन भर का साथ। मांग वही,... Hindi · कविता 1 168 Share bhagirathprasad59 5 Apr 2022 · 1 min read एक तरीका मित्र हमारे थे हैरान, देखके वाहन का चालान पूछे कोई है निदान, मैंने कहा सुनो दो ध्यान। नंबर प्लेट पे वाहन के, नीली लाल पट्टी बनवाओ ' पुलिस' लिखा कर... Hindi · कविता 1 2 119 Share bhagirathprasad59 5 Apr 2022 · 1 min read क्षुधा दावानल से प्रखर अनल, अजर, अमर और रहे अटल। हर तन में सुप्त यह चिंगारी, पशु पक्षी हो या नर नारी। प्रदीप्तमान यह काल संग, जाने कितने हैं इसके रंग।... Hindi · कविता 126 Share bhagirathprasad59 5 Apr 2022 · 1 min read गांव और शहर गांव को गांव ही रहने दो उसे मत बनाओ शहर। उसे मत बनाओ शहर। जहां घुला है ज़हर। यहां रिश्ते में रसता है। अपनापन बसता है। क्या जानो इस अपनापन... Hindi · कविता 118 Share bhagirathprasad59 5 Apr 2022 · 1 min read श्वान और इंसान एक इंसान को काटने को ज्यों ही एक कुत्ता लपका। तभी एक अनुभवी कुत्ता उन दोनों के बीच टपका। उसने उस व्यक्ति को काटने से उसे रोका। और यह कह... Hindi · कविता 1 206 Share bhagirathprasad59 5 Apr 2022 · 1 min read गंगा व्यथा अविरल निर्मल मेरी धारा, जाने कितनों को है तारा। अगणित औषधि इसमें घुले, जाने कितनों के पाप धुले। थी मुझमें वह ईश्वरीय शक्ति, कितनों को मिल गई मुझसे मुक्ति। थी... Hindi · कविता 1 114 Share bhagirathprasad59 5 Apr 2022 · 1 min read कौन बनेगा करोड़पति टी वी पर आ रहा था, कौन बनेगा करोड़पति। बड़ी तन्मयता से देख रहे थे पत्नी और पति। पति ने पत्नी का ध्यान कार्यक्रम से हटाया। फिर बड़े प्यार से... Hindi · कविता 108 Share bhagirathprasad59 5 Apr 2022 · 1 min read कोराेना का दौर कोरोना के विकट दौर में मन बहुत घबराया था। लॉकडॉउन के साथ ही बंधु यह संदेशा आया था। वर्क फ्रॉम होम करें अब ऑफिस नहीं है आना। ऑफिस का हर... Hindi · कविता 1 177 Share bhagirathprasad59 5 Apr 2022 · 1 min read काल तू चल या तू न चल,वह सदा ही चलता रहता है। दिन रात और सर्दी गर्मी पतझड़ वसंत ये कहता है। नैसर्गिक कृत्य उसी का है, जो हमें धरा पर... Hindi · कविता 101 Share