बसंत कुमार शर्मा Tag: ग़ज़ल/गीतिका 73 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid बसंत कुमार शर्मा 4 Sep 2018 · 1 min read गुनगुनाने से रहे जिन्दगी है कीमती यूँ ही लुटाने से रहे हर किसी के गीत हम तो गुनगुनाने से रहे पैर अंगद से जमे हैं सत्य की दहलीज पर हो रही मुश्किल बहुत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 258 Share बसंत कुमार शर्मा 31 Aug 2018 · 1 min read गुनगुनाने से रहे जिन्दगी है कीमती यूँ ही लुटाने से रहे हर किसी के गीत तो हम गुनगुनाने से रहे पैर अंगद से जमे हैं सत्य की दहलीज पर हो रही मुश्किल बहुत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 252 Share बसंत कुमार शर्मा 28 Aug 2018 · 1 min read स्वयं से आज मिलने जा रहा हूँ खयालों में जिसे बुनता रहा हूँ हुआ जब सामना घबरा रहा हूँ गली में प्रेम की मुश्किल बहुत है दिल-ए-नादान को समझा रहा हूँ अलग है प्यार की खुशबू सभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 243 Share बसंत कुमार शर्मा 27 Jul 2018 · 1 min read बचपन सी सौगात न कोई झूठी मूठी बात न कोई बचपन सी सौगात न कोई सच के आगे झूठ कपट की होती है औकात न कोई जिसमें सपने देख न पायें होती ऐसी रात न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 470 Share बसंत कुमार शर्मा 23 Jul 2018 · 1 min read ढूँढ रहा हूँ बड़े जतन से सिले थे’ माँ ने, वही बिछौने ढूँढ रहा हूँ ढूँढ रहा हूँ नटखट बचपन, खेल-खिलौने ढूँढ रहा हूँ नदी किनारे महल दुमहले, बन जाते थे जो मिनटों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 529 Share बसंत कुमार शर्मा 25 Jan 2018 · 1 min read मुहब्बत में वफ़ाएँ ढूंढते हैं लोग जाने क्यों मुहब्बत में किसी को भी मिले हैं क्या, कभी भी फूल उल्फत में कहाँ चिंता वतन की अब, यहाँ पर लोग करते हैं तिजारत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 470 Share बसंत कुमार शर्मा 20 Jan 2018 · 1 min read झूठी मूठी बात न करिए झूठी मूठी बात न करिए वादों की बरसात न करिए नाजुक है दिल टूट न जाए, इससे भीतरघात न करिए ख्यात न हों, कुछ बात नहीं है, पर खुद को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 369 Share बसंत कुमार शर्मा 19 Sep 2017 · 1 min read ठहर जाता तो अच्छा था मापनी 1222 1222 1222 1222 इधर जाता तो अच्छा था, उधर जाता तो अच्छा था. रहा भ्रम में, कहीं पर यदि, ठहर जाता तो अच्छा था. उभर आता तो अच्छा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 479 Share बसंत कुमार शर्मा 20 Aug 2017 · 1 min read प्रेम पर होती टिकी हर देश की बुनियाद है कैद हैं धनहीन तो, जो सेठ है,आजाद है झुग्गियों की लाश पर बनता यहाँ प्रासाद है थाम कर दिल मौन कोयल डाल पर बैठी हुई, तीर लेकर हर जगह बैठा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 297 Share बसंत कुमार शर्मा 26 Jul 2017 · 1 min read तमन्ना हमें न जन्नत की कब किसी से यहाँ मुहब्बत की. जब भी’ की आपने सियासत की. जुल्म सहती रही सदा धरती, आसमां ने कहाँ शहादत की ताव दे मूँछ पर सभी बैठे, कौन बातें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 217 Share बसंत कुमार शर्मा 13 Jul 2017 · 1 min read आ तो सही इक बार मेरे गाँव में आ तो सही इक बार मेरे गाँव में अद्भुत अतिथि सत्कार मेरे गाँव में हर वक्त रहते हैं खुले सबके लिए सबके दिलों के द्वार मेरे गाँव में तालाब नदियाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 366 Share बसंत कुमार शर्मा 13 Jun 2017 · 1 min read मुहब्बत होती है स्वीट कभी नमकीन, मुहब्बत होती है जग में बहुत हसीन, मुहब्बत होती है थोड़ा थोड़ा त्याग, तपस्या हो थोड़ी, फिर न कभी ग़मगीन, मुहब्बत होती है चढ़ती है परवान, नाम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 440 Share बसंत कुमार शर्मा 8 Jun 2017 · 1 min read चलो फटे में टाँग अड़ाएँ यार चलो नेता बन जाएँ और फटे में टाँग अड़ाएँ शेयर जैसे सुबह उछलकर, लुढ़क शाम को नीचे आएँ जंतर मंतर पर जा बैठें, मूंगफली का भाव बढ़ाएँ दिखे अगर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 233 Share बसंत कुमार शर्मा 31 May 2017 · 1 min read मौन मुझे स्वीकार नहीं है यदि करना इनकार नहीं है, क्यों करता इकरार नहीं है चुप चुप रहना उसकी आदत, मौन मुझे स्वीकार नहीं है दिल से कभी न कह पायेगा, करता मुझसे प्यार नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 329 Share बसंत कुमार शर्मा 24 May 2017 · 1 min read शब्द पानी हो गए छोड़कर हमको किसी की जिंदगानी हो गए ख्वाब आँखों में सजे सब आसमानी हो गए प्रेम की संभावनाएँ थीं बहुत उनसे, मगर, जब मिलीं नजरें परस्पर, शब्द पानी हो गए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 297 Share बसंत कुमार शर्मा 11 May 2017 · 1 min read कोई रिश्ता निभाया जा रहा है कोई रिश्ता निभाया जा रहा है मुझे फिर से बुलाया जा रहा है पड़ीं हैं नींव में चुपचाप ईंटे, भले बोझा बढाया जा रहा है अभी कुछ शांत हैं लहरें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 528 Share बसंत कुमार शर्मा 9 May 2017 · 1 min read ख्वाब भी तेरा सताता है मुझे नींद में आकर जगाता है मुझे ख्वाब भी तेरा सताता है मुझे झूमती आती घटायें बदलियाँ, प्यार का मौसम बुलाता है मुझे सर्दियों में सूर्य भाया था बहुत, गर्मियों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 242 Share बसंत कुमार शर्मा 5 May 2017 · 1 min read सूरज पर चढ़ रही जवानी ओढ़े हुए आग की चादर, करने आया है मनमानी तपा रहा जमकर धरती को, सूरज पर चढ़ रही जवानी यहाँ बहुत दुश्मन पानी के, सुखा रहे हैं धीरे धीरे मर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 262 Share बसंत कुमार शर्मा 19 Apr 2017 · 1 min read जो करो तुम बस करो जी जान से आपकी झोली भरेगी ज्ञान से. यदि करोगे मित्रता विद्वान से. हाथ फैलाना नहीं अपने कभी हाथ ऊपर रख जियो बस शान से है सुरक्षित देश का हर नागरिक, सैनिकों के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 261 Share बसंत कुमार शर्मा 12 Apr 2017 · 1 min read हमें न पत्थरबाज चाहिए होना सबका काज चाहिए, हमको ऐसा राज चाहिए जिसे फ़िक्र हो आम जनों की, सर पर उसके ताज चाहिए अन्दर बाहर सदा एक हो, हमको वह आवाज चाहिए नया मुकाम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 636 Share बसंत कुमार शर्मा 10 Apr 2017 · 1 min read मगर खत्म अपनी कहानी नहीं है नहीं आज बचपन जवानी नहीं है मगर खत्म अपनी कहानी नहीं है मुझे जिन्दगी ने सताया है जी भर मगर हार मैने भी मानी नहीं है भरा प्रेम से है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 231 Share बसंत कुमार शर्मा 8 Apr 2017 · 1 min read मुहब्बत आप करते है सताया है बहुत हमने, शिकायत आप करते हैं हमारे ख्वाब में आकर, शरारत आप करते हैं ये माना हम नहीं दिल में, बताओ फिर जरा ये भी हमारी चिट्ठियों की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 320 Share बसंत कुमार शर्मा 1 Apr 2017 · 1 min read अप्रैल फूल बनाकर हँस लो अप्रैल फूल बनाकर हँस लो सबको आज हँसाकर हँस लो रूठा हुआ शाम से कोई उसको सुबह मनाकर हँस लो क्यों बैठो हो गाल फुलाकर थोड़ा सा पिचकाकर हँस लो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 206 Share बसंत कुमार शर्मा 28 Mar 2017 · 1 min read भूल गया घर द्वारा मन बचपन के वे खेल खिलोने, निश्छल चंचल प्यारा मन ढूंढ रहा कागज़ की कश्ती, सुधियों में आवारा मन कभी नगर में कभी गाँव में, कभी धूप है छाँव कभी नदिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 433 Share बसंत कुमार शर्मा 26 Mar 2017 · 1 min read जब वफ़ा पर सवाल होता है जब वफ़ा पर सवाल होता है तब बुरा दिल का’ हाल होता है जब तलक हम सँभल नहीं पाते फिर नया इक बवाल होता है याद आता है बचपना जब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 469 Share बसंत कुमार शर्मा 22 Mar 2017 · 1 min read गम तो बांटो जरा किसी के नीर भरी हैं उसकी अँखियाँ बीत रहीं हैं चुप-चुप रतियाँ साजन गए विदेश न लौटे कौन सुने अब मन की बतियाँ सूनी सूनी अमराई है, सखियों की राह तकें अमियाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 295 Share बसंत कुमार शर्मा 22 Mar 2017 · 1 min read है समाज का दर्पन कविता जीने का अवलंबन कविता मेरे दिल की धड़कन कविता कसी हुई है गति यति लय पर, छंदों का अनुशासन कविता भावों का कागज़ पर चित्रण, शब्दों का है अंकन कविता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 251 Share बसंत कुमार शर्मा 21 Mar 2017 · 1 min read चर्चा करें मीडिया वीर हो जाये जनता चुनाव में, थोड़ा सा भी यदि गंभीर सही लोग आयेंगे चुनकर, बदलेगी सबकी तकदीर अंधे बहरों के शासन में,अबला किसे सुनाये पीर चौराहों पर लुटे द्रोपदी, खींच... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 389 Share बसंत कुमार शर्मा 20 Mar 2017 · 1 min read दिल से जरा गुजरना साहब कष्टों से क्या डरना साहब रोज रोज क्या मरना साहब लगे हुए हम सब लाइन में इक दिन पार उतरना साहब पूजा पाठ भले मत करना पीर किसी की हरना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 626 Share बसंत कुमार शर्मा 20 Mar 2017 · 1 min read तो किस्मत हार जाती है लगन से की गई मेहनत, नहीं बेकार जाती है अगर दम कोशिशों में हो, तो किस्मत हार जाती है बड़ी बेचैन रहती है, किनारे पर भी’ ये कश्ती कभी इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 484 Share बसंत कुमार शर्मा 18 Mar 2017 · 1 min read हर साँझ सुरमई है हर भोर है सुहानी, हर साँझ सुरमयी है जब से मिले हैं तुमसे, चेहरे पे हर ख़ुशी है गुलशन में’ ही मगन है, चाहत नहीं गगन की इक फूल से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 450 Share बसंत कुमार शर्मा 16 Mar 2017 · 1 min read जिन्दगीं में और आफत अब न हो हो चुकी जो भी सियासत अब न हो मुल्क से मेरे बगावत अब न हो आपको सौंपा है’ दिल अनमोल ये इस अमानत में खयानत अब न हो हमसे’ पीकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 242 Share बसंत कुमार शर्मा 6 Mar 2017 · 1 min read शूल होते हैं' फूल होते हैं शूल होते हैं’ फूल होते हैं प्यार में सब कबूल होते हैं हर कहीं हम झुका नहीं करते कुछ हमारे उसूल होते हैं प्यार के पल ही’ संपदा अपनी बाकी’... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 185 Share बसंत कुमार शर्मा 2 Mar 2017 · 1 min read मेरे प्यार की खुशबू हमारी कोशिशें कम हों तो’ किस्मत हार जाती है कहीं चप्पू बिना कश्ती, नदी के पार जाती है किया वादा तो है उसने, मुझे मंदिर में मिलने का अगर शनिवार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 273 Share बसंत कुमार शर्मा 1 Mar 2017 · 1 min read नाम मेरा गुलफाम नहीं है नाम मेरा गुलफाम नहीं है लेकिन वह गुमनाम नहीं है खेत और खलिहानों जैसा कोई तीरथ धाम नहीं है पकड़े हैं चाक़ू तलवारें जिन हाथों को काम नहीं है जिसको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 195 Share बसंत कुमार शर्मा 28 Feb 2017 · 1 min read विश्व में माँ भारती अप्रतिम धरा फूल टेसू के खिले हैं हो रही अरुणिम धरा सज रहे हैं रंग होली के, हुई मधुरिम धरा भस्म कर दो होलिका में,आज सारी नफरतें बाँटिये मतहै न हिंदू, है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 240 Share बसंत कुमार शर्मा 27 Feb 2017 · 1 min read अगर हृदय में प्यार न होता सुखमय ये संसार न होता अगर हृदय में प्यार न होता काँटों से यदि प्यार न पाते फूलों का घर द्वार न होता लोभ मोह में अगर न पड़ते रिश्तों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 225 Share बसंत कुमार शर्मा 26 Feb 2017 · 1 min read जटाधारी शिव जी बड़े भोले'-भाले, जटाधारी’ शिव जी पियें विष के' प्याले, जटाधारी’ शिव जी सुकोमल सुमन सज्जनों के लिए हैं, हैं दुष्टों को' भाले, जटा धारी’ शिव जी बड़ी ठंड कैलाश पर्वत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 499 Share बसंत कुमार शर्मा 25 Feb 2017 · 1 min read आँसू पीर तेरी और मेरी सह गए अनमोल आँसू आँख में बस कैद होकर रह गए अनमोल आँसू कोशिशें तो लाख कीं उसने छुपाने की मगर फिर भी लेकिन राज सारा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 530 Share बसंत कुमार शर्मा 23 Feb 2017 · 1 min read हर एक समस्या हल होगी आज न हो पाई,कल होगी हर एक समस्या हल होगी नम होंगे जब तेरे नैना मेरी भी आँख सजल होगी वो कभी कभी तू आना आगे मेरी भी कभी पहल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 238 Share बसंत कुमार शर्मा 21 Feb 2017 · 1 min read मगर हार मैंने भी मानी नहीं है नहीं आज बचपन जवानी नहीं है मगर खत्म अपनी कहानी नहीं है मुझे जिन्दगी ने सताया है जी भर मगर हार मैने भी मानी नहीं है भरा प्रेम से है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 245 Share बसंत कुमार शर्मा 15 Feb 2017 · 1 min read ख्वाब नहीं आज बचपन जवानी नहीं है मगर खत्म अपनी कहानी नहीं है भरा प्रेम से दिल लबालब है मेरा किसी के लिए बदगुमानी नहीं है कहाँ से मिलेंगे किसी को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 355 Share बसंत कुमार शर्मा 9 Feb 2017 · 1 min read थोड़ी दुनियादारी रख भले सभी से यारी रख थोड़ी दुनियादारी रख जो भी कह, बस मुँह पर कह दिल में तू न कटारी रख जंगल में यदि छुपना हो चीते जैसी धारी रख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 463 Share बसंत कुमार शर्मा 8 Feb 2017 · 1 min read हाथ मुठ्ठी भर चना है रात दिन चिंता में डूबा, पास जिसके घी घना है घास पर मैं मस्त बैठा, हाथ मुठ्ठी भर चना है साथ में जब तक रहे कह न पाए कुछ कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 237 Share बसंत कुमार शर्मा 2 Feb 2017 · 1 min read ऋतु बसंत की जब है आती ऋतु बसंत की जब है आती कली कली दिल की खिल जाती फूल खिले हैं रंग बिरंगे, तोड़ रहीं हैं कलियाँ बंधन यहाँ वहां सारी बगिया में, करते फिरते भँवरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 497 Share बसंत कुमार शर्मा 28 Jan 2017 · 1 min read वंदना माँ शारदा की तुम ज्ञान का भंडार माँ, वरदान ऐसा दो हमें हर पल चलें सद् मार्ग पर,सद्ज्ञान ऐसा दो हमें चलते रहें संसार में, अटके बिना भटके बिना सेवा करें इस देश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 418 Share बसंत कुमार शर्मा 19 Jan 2017 · 1 min read मुस्कुराना सीख लो रिश्ते बनाना सीख लो, रिश्ते निभाना सीख लो खुशियाँ अगर हो चाहते, तो मुस्कुराना सीख लो चलते चलो रुकना नहीं, हो दूर ये मंजिल भले चिंता नहीं तूफान की, उसको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 234 Share बसंत कुमार शर्मा 17 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ देश क्या परदेश में भी, छा रहीं हैं बेटियाँ हर ख़ुशी को आज घर में, ला रहीं हैं बेटियाँ बाग हमने जो लगाये, थे यहाँ पर देख लो फूल सबमें... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 634 Share बसंत कुमार शर्मा 7 Jan 2017 · 1 min read हमारे दिल में भारत हो न शिकवा हो शिकायत हो मुहब्बत ही मुहब्बत हो रहे महफूज हर बन्दा खुदा इतनी इनायत हो भलाई हो गरीबों की नहीं इस पर सियासत हो चलें सब साथ में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 262 Share बसंत कुमार शर्मा 6 Jan 2017 · 1 min read चैन कहाँ आराम कहाँ अब चैन कहाँ आराम कहाँ अब खुशियों वाली शाम कहाँ अब जिसने प्रेम सिखाया जग को राधा का वो श्याम कहाँ अब इक दूजे के लिये बने, वो लक्ष्मण सीता राम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 443 Share Page 1 Next