Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Mar 2017 · 1 min read

भूल गया घर द्वारा मन

बचपन के वे खेल खिलोने, निश्छल चंचल प्यारा मन
ढूंढ रहा कागज़ की कश्ती, सुधियों में आवारा मन

कभी नगर में कभी गाँव में, कभी धूप है छाँव कभी
नदिया की धारा में तृण सा, भटक रहा बंजारा मन

कभी सोच में डूबा रहता, पुलकित होकर कभी कभी
हिरनी जैसा मार कुलाचें, दौड़े खूब कुँवारा मन

तुमसे आँखें चार हुई तो, खुशियाँ आईं जीवन में
भेद मिटा तेरे मेरे का, अब है एक हमारा मन

चले निरंतर कपिला सा वह, ऊँचे ऊँचे शिखर छुए
कभी बहे गंगा यमुना की, बन पावन जलधारा मन

गीत ग़ज़ल छंदों के नभ में, निशि दिन पंछी सा उड़ता
साध रहा सुर लय तालों को, मेरा ये इकतारा मन

ढूंढ रहा है मन के रिश्ते, लैपटॉप मोबाइल में
आभासी दुनियाँ में खोया, भूल गया घर द्वारा मन

425 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दिल कि आवाज
दिल कि आवाज
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
** चीड़ के प्रसून **
** चीड़ के प्रसून **
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
हर दिन के सूर्योदय में
हर दिन के सूर्योदय में
Sangeeta Beniwal
पर्यावरण है तो सब है
पर्यावरण है तो सब है
Amrit Lal
मैंने खुद के अंदर कई बार झांका
मैंने खुद के अंदर कई बार झांका
ruby kumari
मां का प्यार पाने प्रभु धरा पर आते है♥️
मां का प्यार पाने प्रभु धरा पर आते है♥️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
3001.*पूर्णिका*
3001.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*सूनी माँग* पार्ट-1
*सूनी माँग* पार्ट-1
Radhakishan R. Mundhra
Your heart is a Queen who runs by gesture of your mindset !
Your heart is a Queen who runs by gesture of your mindset !
Nupur Pathak
*समीक्षकों का चक्कर (हास्य व्यंग्य)*
*समीक्षकों का चक्कर (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
और ज़रा-सा ज़ोर लगा
और ज़रा-सा ज़ोर लगा
Shekhar Chandra Mitra
जो थक बैठते नहीं है राहों में
जो थक बैठते नहीं है राहों में
REVATI RAMAN PANDEY
है जो बात अच्छी, वो सब ने ही मानी
है जो बात अच्छी, वो सब ने ही मानी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Started day with the voice of nature
Started day with the voice of nature
Ankita Patel
हममें आ जायेंगी बंदिशे
हममें आ जायेंगी बंदिशे
Pratibha Pandey
वायु प्रदूषण रहित बनाओ।
वायु प्रदूषण रहित बनाओ।
Buddha Prakash
संसार में सही रहन सहन कर्म भोग त्याग रख
संसार में सही रहन सहन कर्म भोग त्याग रख
पूर्वार्थ
विश्व भर में अम्बेडकर जयंती मनाई गयी।
विश्व भर में अम्बेडकर जयंती मनाई गयी।
शेखर सिंह
कैसे भूल सकता हूँ मैं वह
कैसे भूल सकता हूँ मैं वह
gurudeenverma198
कभी कभी
कभी कभी
Shweta Soni
कलम लिख दे।
कलम लिख दे।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
-- दिव्यांग --
-- दिव्यांग --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
अपनी कद्र
अपनी कद्र
Paras Nath Jha
शिव अविनाशी, शिव संयासी , शिव ही हैं शमशान निवासी।
शिव अविनाशी, शिव संयासी , शिव ही हैं शमशान निवासी।
Gouri tiwari
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"दो पल की जिंदगी"
Yogendra Chaturwedi
क्यों पड़ी है गांठ, आओ खोल दें।
क्यों पड़ी है गांठ, आओ खोल दें।
surenderpal vaidya
राक्षसी कृत्य - दीपक नीलपदम्
राक्षसी कृत्य - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
आज उन असंख्य
आज उन असंख्य
*Author प्रणय प्रभात*
प्रबुद्ध लोग -
प्रबुद्ध लोग -
Raju Gajbhiye
Loading...