अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 413 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 5 Mar 2021 · 1 min read शब्द-स्वर की स्वामिनी बोलो जय माता की!! घनाक्षरी छंद शब्द-स्वर की स्वामिनी, हे माता हंसवाहिनी- भाव में प्रवाह कर, छंद में विराजिए। सुमातु हे सुहासिनी माँ अम्ब वीणावादिनी कंठ को सुकंठ कर, कंठ... Hindi · घनाक्षरी 2 1 349 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 13 Mar 2021 · 1 min read सिर पर टोपी है रखी - आधार - दोहा छंद समांत - आल , अपदांत ***************गीतिका :- ?? सिर पर टोपी है रखी, मन में बहुत सवाल । इधर उधर अब झांकते,नहीं गल रही दाल।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 212 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 13 Mar 2021 · 1 min read देवनागरी लिपि ?अटल मुरादाबादी? "देवनागरी कहलायी है" वर्ण-वर्ण इसका अदृभुत है सबके मन को भायी है। ऋषियों, मुनियों की यह वाणी देवनागरी कहलायी है। वामन स्वर व्यंजन की माला, देश काल की... Hindi · गीत 2 427 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 13 Mar 2021 · 1 min read कब पूरे होतें है यारों कब पूरे होतें यारो, दुनिया में किसके सपने। एक विपद के आगे ही सब,चूर चूर होते सपने।। साथी बहुत मिलेंगे पथ में, साथ निभाते हैं कितने । बीच भंवर में... Hindi · गीत 2 290 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 13 Mar 2021 · 1 min read देख तेरे भारत में बापू गांधी जयंती पर राष्ट्र पिता महात्मा गांधी को शत् शत् नमन और सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। निवेदित है एक यक्ष प्रश्न उकेरती रचना ???? देख तेरे' भारत में बापू,इक... Hindi · कविता 2 320 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 13 Mar 2021 · 1 min read अटल ??अटल मुरादाबादी✍️? Hindi · कविता 2 410 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 13 Mar 2021 · 1 min read विषय:होली ?????????????? दस्तक देता आज है,होली का त्यौहार । प्यार मुहब्बत बाँटकर,शुद्ध करें आचार।।(१) रंगो से खेलें सदा,रखकर उनका ध्यान । बुरा किसी को ना लगे,होली की पहचान ।।(२) होली की... Hindi · दोहा 2 205 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 13 Mar 2021 · 1 min read पप्पू भैया को मिला,कोई जब न विचार ???????? एक कुंडलियां छंद ************** पप्पू भैय्या को मिला,कोई जब न विचार। लोगों को भरमित करें, करते झूठ प्रचार।। करते झूठ प्रचार, करें नित बहकी बातें। होकर वह लाचार, काटते... Hindi · कुण्डलिया 2 429 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 13 Mar 2021 · 1 min read व्यंग अहंकार का रावण बैठा,सत्ता के गलियारों में। छंद-गीतिका समांत-ओं पदांत-में लावणी छंद आधारित (मात्रा १६,१४) एक गीतिका ??? अहंकार का रावण बैठा,सत्ता के गलियारों में। जब उनको कुर्सी मिल जाती,जा छुपते दीवारों में।। घूम रहे देखो व्यभिचारी,खुले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 414 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 21 Mar 2021 · 1 min read मत्तगयंद सवैया*मोर पखा अति भाल सजे* २११×८ भगण किरीट सवैया मोहि चिढावत बात बनावत,मोहन मातु रहे समुझावत। गोद लियो नहिं मातु जनो हरि गोकुल ग्वाल रहे बतियावत।। ग्वाल धमाल करें नित ही हर ओर यही बस... Hindi · कविता 2 1 260 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 21 Mar 2021 · 1 min read आये जबहिं चुनाव आते जबहि चुनाव , लुभाते नेता जी। वादे करें नित रोज़ , रिझाते नेता जी। बीते यूँ ही साल,किया न पूरा' वादा। सपने फिर इस साल, दिखाते नेता जी। बदलें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 458 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 3 Apr 2021 · 2 min read जिसने राम नाम गुण गाया छंद चौपाई — ???? राम नाम सबको अति भाया। राम जपे सो जग तर पाया।(१) कष्ट मिटें संकट मन पीरा। शांत होय मन होतअधीरा।(२) नाम जानकी जो जन लेवे। उसको... Hindi · कविता 2 1 267 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 4 Apr 2021 · 1 min read श्वेत कबूतर बहुत उड़ाए श्वेत कबूतर बहुत उड़ाये,अब कुछ अलग उड़ाना है। दुनिया के ठेकेदारों को ,कुछ करके दिखलाना है। माना हम उद्दंड नहीं पर,कायर भी तो सोच नहीं, छुरी पीठ में भौंक रहा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 210 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 7 Apr 2021 · 1 min read समय की तेज धारा में गीतिका विधाता छंद समय की तेज धारा में ,बहा जाता है मेरा मन। फरेबी है जहाँ सारा ,कहाँ ढूढूं मैं अपना पन। समय की दौड़ में भूला , मैं अपना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 3 233 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 10 Apr 2021 · 1 min read चिरंजीलाल की बातें याद आयेंगीं हमें हर पल चिरंजीलाल की बातें। वो तल्खियाँ ,वो तल्ख़ बातें , तल्खियों में भी घुली, गुदगुदाती तल्ख़ बातें। याद आयेंगीं हमें हर पल चिरंजीलाल की बातें। वक्त... Hindi · कविता 2 345 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 22 Apr 2021 · 1 min read अरुणिम लाली संग भोर हुई अरुणिम लाली संग भोर हुई। दिनकर ने मन की डोर छुई।। उपवन से शबनम की बूंदें, गायब ज्यों कोई छुई-मुई।। रवि रश्मि रथ आरूढ हुए, जीवन ने नव उत्कर्ष छुए।... Hindi · कविता 2 236 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 25 Apr 2021 · 1 min read भगवान महावीर जयंती*२५/४/२०२१ भगवान महावीर जयंती *२५/४/२०२१ *२४वें ्तीर्थंकर *हिंसा, पशु बलि,तथा जांति पांति के भेदभाव के खिलाफ *भगवान गौतमबुद्ध के समकालीन। * जन्म-२५००वर्ष पूर्व बिहार के वैशाली, वर्तमान मुजफ्फरपुर जिले के बसाढ... Hindi · कविता 2 1 368 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 28 Apr 2021 · 1 min read हाथ में दीपक उठाकर चल दिए है अंधेरों में कटी जिनकी उमर, हाथ में दीपक उठाकर चल दिए। ************************* ताल लय जिनको नहीं कुछ भी खबर, बेसुरे भी आज तबला पीटते। खा रही संगीत को खुद... Hindi · गीत 2 1 237 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 30 Apr 2021 · 1 min read मेरे' ईश्वर बता तू ये' क्या हो रहा है। २१२ २१२ २१२ २१२२ आज दुनिया ये सारा वतन रो रहा है। मेरे ईश्वर बता तू ये क्या हो रहा है। बेचते मौत को खैरख्वाह' देश के ही, ल्हाश का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 226 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 1 May 2021 · 1 min read है शासन भी अंधा बहरा,हमरी किस्मत मजबूर हुई। मजदूर दिवस पर मजदूरों को समर्पित एक गीत ?❤️? चल छोड मुसाफिर दौड़ चलें,यह दुनिया हमसे दूर हुई। शहरों में अपना नहिं कोई,भ्रम तन-मन से काफूर हुई।। ये महल बनाऐ... Hindi · गीत 2 2 351 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 2 May 2021 · 1 min read बेच रहे जो माल ब्लैक में उनका मां संहार करो विधा- गीत आधार छंद-लावणी बेच रहे जो माल ब्लैक में,उनका मां संहार करो। दुनिया में जो दीन दुखी हैं,उनका बेड़ा पार करो।। **************************** जीवन रक्षा दवा नहीं है,जीने को अब... Hindi · गीत 2 2 261 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 6 May 2021 · 1 min read करें जो मातु चिंतन उन्हीं पर मातु मरती है। मंच को नमन! मां शारदे के चरणों समर्पित विधाता छंद ? (१) करे मन से समर्पण जो सभी कुछ वार देती है। शरण में जो जभी आया उसे संस्कार देती... Hindi · कविता 2 1 246 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 6 May 2021 · 1 min read पप्पू भैया की नहीं, कहीं गल रही दाल। विधा- गीतिका छंद-दोहा रस-व्यंग सिर पर टोपी है रखी, मन में बहुत सवाल । पप्पू भैया की कहीं,नहीं गल रही दाल। मोदी जी पर नित नये,लगा रहे आरोप, झूठे अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 366 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 7 May 2021 · 1 min read पहले जीते फिर जीतेंगे,यह विश्वास जगाना होगा। आधार छंद चौपाई(स्वैच्छिक) मात्रा भार 16 समांत....आना पदान्त...... होगा #गीतिका ******** अनुशासन अपनाना होगा। सबको यह समझाना होगा।।(१) मन में दृढ विश्वास रखो अब, भय आतंक मिटाना होगा।।(२) इक दूजे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 229 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 8 May 2021 · 1 min read मां की ममता का मोल नहीं मां की ममता का मोल नहीं, मां की ममता का तोल नहीं। मां प्यार भरा इक सागर है। मां अमित प्रेम की गागर है।। मां के आंचल की छाया में,... Hindi · गीत 2 407 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 8 May 2021 · 1 min read कनखियों से देखकर वह मुस्कुराती जा रही है। २१२२ २१२२ २१२२ २१२२ छंद-द्विमनोरम कनखिओं से देखकर वह मुस्कुराती जा रही है। और मादक गंध अपनी नित बहाती जा रही है। केश बादल से घनेरे हैं घटाएं छांव की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 362 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 8 May 2021 · 1 min read मीत आओ,साथ गाओ गीतिका छंद - सुगति छंद (मात्रिक ) मापनी - 2122 समांत - आओ गीतिका :- ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;; मीत आओ। साथ गाओ।। भोर निकला, जाग जाओ। बन उजाला, खुद दिखाओ। कुछ सुऩो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 400 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 17 May 2021 · 1 min read मौन को भी तोड़कर फिर एक स्वर फिर से उठेगा २१२२ २१२२ २१२२ २१२२ विधा -गीतिका मत कभी खोना भरोसा वक्त यह भी सब कटेगा। हो अंधेरा चाहे' जितना एक दिन हरगिज छॅटेगा।।(१) चांद भी डरता नहीं है देखकर काली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 342 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 24 May 2021 · 1 min read नहीं आप उसको युॅ ठुकराइएगा १२२ १२२ १२२ १२२ छंद-वाचिक भुजंगप्रयात (मापनीयुक्त) विधा - गीतिका समांत-आइएगा अपदान्त। हुई भूल हमसे न अब गाइएगा । मिलो प्यार से मान अब जाइएगा ।।१। चलो भूल जाएं गिले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 322 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 27 May 2021 · 1 min read दांव पाकर कर रहे हैं बदजुबानी आज फिर २१२२ २१२२ २१२२ २१२ छंद -गीतिका (मात्रिक मापनीयक्त) याद आता है वो बचपन शादमानी आज फिर। बन रही है खूबसूरत सी कहानी आज फिर।।(१) फूल बनकर खिल रही है ज़िंदगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 279 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 3 Jun 2021 · 1 min read मझधार में कश्ती है ना ठोर ठिकाना है ग़ज़ल/गीतिका दिनांक ३/६/२१ *वाद्विभक्ती* 24 मात्रिक, मापनीयुक्त २२१ १२२२/२२१ १२२२ मझधार में कश्ती है ना ठोर ठिकाना है। मिलते थे मुहब्बत से गुज़रा वो ज़माना है।(१) अब लोग लगे खुद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 499 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 6 Jun 2021 · 1 min read बाल गीत सर्दी ने अब दस्तक दी है सादर संप्रेषित है एक बाल- गीत ************************ सर्दी ने अब दस्तक दी है। सूरज बाबा हांप रहे हैं। मुनिया को सर्दी ने जकड़ा टिल्लू विल्लू कांप रहे हैं। बबुआ ठिठुर... Hindi · गीत 2 1 234 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 6 Jun 2021 · 1 min read बाल गीत"आओ मिलकर पेड़ लगाएं" आओ बच्चों अब काम करे। जग में अपना भी नाम करें। काम करें कुछ ऐसा वैसा, हो जो सबके मन का जैसा। मम्मी भी ख़ुश ,पप्पा भी ख़ुश , ख़ुश... Hindi · गीत 2 1 366 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 8 Jun 2021 · 1 min read सुनकर चौदह बरस का सुनकर चौदह बरस का, हुआ राम वनवास। दुखी हुए संताप से,सब जन हुए उदास। सब जन हुए उदास,घोर मातम सा छाया। हृदय हुए गमगीन , गीत विरहन का गाया। कहै... Hindi · कुण्डलिया 2 379 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 14 Jun 2021 · 1 min read मुंह पर मास्क लगाकर प्यारे,घर से बाहर जाना होगा। आधार छंद चौपाई, भार 16 प्रदत्त समान्त..... आना प्रदत्त पदान्त...... होगा #गीतिका ******** अनुशासन अपनाना होगा। सबको यह समझाना होगा।।(१) मन में दृढ विश्वास रखो अब, भय आतंक मिटाना होगा।।(२)... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 199 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 14 Jun 2021 · 1 min read पीत चुनरिया पीत वसन है गीतिका ****** पीत चुनरिया पीत वसन हैं। फूलों से सज्जित उपवन हैं। फूलों पर मंडराते फिरते, मनमौजी भंवरों के मन है। पीली सरसों के महकाते, मन को भाते खेत सघन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 722 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 14 Jun 2021 · 1 min read कहां गायब हुए हो तुम कन्हैया लौट अब आओ 'आयो नंदगोपाल सभी देशवासियों को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई व अशेष शुभकामनाएं। मंच को सादर निवेदित गीतिका ??? छंद:विधाता कहां गायब हुए हो तुम कन्हैया लौट अब आओ। बिछाए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 280 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 14 Jun 2021 · 1 min read तीन रूप में होती नारी *********************** ?एक गीत? तीन रूप में होती नारी, बचपन में लगती वह प्यारी। ******************** बचपन होता बहुत अनूठा, बात बात में रूठा रूंठा। मम्मी की वह लाड़ो रानी, पापा की... Hindi · गीत 2 230 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 18 Jun 2021 · 1 min read बेवफा बेवजह मत गिला कीजिए २१२ २१२ २१२ २१२ बेवफा बेवजह मत गिला कीजिए। एक कारण हमें भी बता दीजिए। हुश्न पाकर कभी मत करो तुम गुमां, प्यार का जज्ब थोड़ा सा पी लीजिए। हुश्न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 540 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 19 Jun 2021 · 1 min read बोल अंधेरों पे आ गुनगुनाने लगे छंद-वाचिक स्रग्विणी २१२ २१२ २१२ २१२ बोल अधरों पे' आ गुनगुनाने लगे। प्यार की बोलियां ही सुनाने लगे।। खुल गईं खिड़कियां आज सब प्यार की, शब्द दिल की दशा ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 317 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 20 Jun 2021 · 1 min read लौट पहलू में अब तुम सनम आइए। २१२ २१२ २१२ २१२ लौट पहलू में अब तुम सनम आइए। हमको इतना न अब और तड़फाइए।।(१) वक्त कटता नहीं है तुम्हारे बिना, अब चले आइए अब चले आइए।(२) हुश्न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 237 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 23 Jun 2021 · 1 min read प्यार के गीत गाने लगे २१२ २१२ २१२ प्यार के गीत गाने लगे। स्वप्न में वो जगाने लगे।। वक्त ऐसा हुआ खुशनुमा, लफ्ज उनके तराने लगे। कट गयी रात काली सहज, बात वो जो सुनाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 362 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 23 Jun 2021 · 1 min read कंक्रीट के इस जॅगल में मेरा छोटा गाॅव कहां है। कंक्रीट के इस जंगल में, मेरा छोटा गांव कहां है? सोन चिरैया पूछ रही है रहने को अब ठांव कहां है। **************************** ऊंचे -ऊंचे इन भवनों से दुनिया भी इक... Hindi · गीत 2 223 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 5 Jul 2021 · 1 min read दो सुकूं के ही पल अब दिला दीजिए 212 212 212 212 क्या खता है मिरी अब बता दीजिए। है खता गर मिरी तो सजा दीजिए।। प्यास बढती ही जाती है पल पल मिरी, अब तो आंखों से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 356 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 31 Jul 2021 · 1 min read सांच को आंच होती नहीं था सुना २१२ २१२ २१२ २१२ लोग बहके हुए से इधर दीखते। लोग बहके हुए से उधर दीखते।।(१) नित्य पहने हुए जो धवल वस्त्र हैं, लोग उससे सदा ही इतर दीखते।।(२) काम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 190 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 9 Sep 2021 · 1 min read आंख अपनी चुराना नहीं चाहिए। २१२ २१२ २१२ २१२ प्यार झूठा दिखाना नहीं चाहिए। आंख अपनी चुराना नहीं चाहिए।। प्यार करते रहो निर्बलों से सदा आंख उनको दिखाना नहीं चाहिए। तुम मदद खुद किसी की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 258 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 20 Sep 2021 · 1 min read नाच रहे हैं कान्हा- दाऊ २०/९/२१ छंद-सार विधा-गीतिका १६+१२=२८ अंत में दो गुरु नाच रहे हैं कान्हा दाऊ,खेल रहे हैं होली। सॅग में राधा नाच रहीं हैं,नाच रही सॅग टोली।।(१) रॅग भर-भर पिचकारी मारें,सब हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 323 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 2 Oct 2021 · 1 min read दोहा मुक्तक सुप्रभात संग मोदी जी के आह्वान पर ??? एक दोहा मुक्तक विश्व गुरु भारत बने,मिलकर करो प्रयास। मोदी जी ने दे दिया,है खुलकर आभास। नहीं किसी से हम कभी, कम... Hindi · मुक्तक 2 263 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 2 Oct 2021 · 1 min read कांधे पर पोता लिए मंच को नमन! संप्रेषित है कांधे पर पोता लिए,दादा खुश है आज। भूला सब संताप निज,बदले सभी मिजाज। बदले सभी मिजाज,लहर खुशियों की उठती। देखि खुशी संतान, खुशी खुद को... Hindi · कुण्डलिया 2 395 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 4 Oct 2021 · 1 min read गीत गजल या गीतिका लिखिए मन भरपूर मंच को नमन! ४/१०/२१ काव्य तरंगिणी पटल विधा -गीतिका छंद-दोहा गीत,गजल या गीतिका,लिखिए मन भरपूर। मन के सब संताप को,रखिए हिय से दूर।(१) भाव बहें जल धार से,निर्मल,स्वच्छ अपार, हिय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 218 Share Previous Page 2 Next