aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 76 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 5 Sep 2017 · 1 min read स्त्री/ पुरुष रोहिणी के आफिस में आज वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन उसी के जिम्मे था ,पूरे दफ्तर में उसकी कार्यकुशलता के चर्चे थे,थक कर शरीर चूर था परन्तु बेस्ट वर्कर... Hindi · लघु कथा 1k Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 9 Jul 2017 · 1 min read मनभावन सावन १ बूँदों का नृत्य सोंधी मिट्टी महकी हवा बहकी । ##################### २ मोर मचला घन गाई गज़ल नृत्य छलका । ####################### ३ मोरनी मोर घन घटा का शोर मस्तानी भोर।... Hindi · हाइकु 1k Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 2 Aug 2017 · 1 min read "मानवता" कौन कहता है कि मानवता मिट चुकी है कहीं कहीं पर ये सो गई है खास कर इन्सानों में ज़रूरतों,जज्बातों,जिम्मेदारियों की परतों में दब कर खो गई है फिर भी... Hindi · कविता 673 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 27 Dec 2017 · 1 min read जीवन! जीवन लगता है जी, वन सा रास्तों का कोई ठौर नहीं आये थे एक दम अकेले अंत में साथ जाएगा ऐसा भी दिखता कहीं कोई और नहीं ऐ, जी ,... Hindi · कविता 606 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 19 Apr 2017 · 1 min read " नीला" नीले का है विस्तार वृहद समझेगा कोई क्या ? अनहद! अम्बर अनन्त फैला नीला नीले सागर का उर गीला अम्बर से झर झर कर बूँदें सागर की गागर भरती हैं... Hindi · कविता 588 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 2 May 2017 · 2 min read "रक्षा कवच" सत्या के अति इमानदार पिता यूँ तो सरकारी महकमें में स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर कार्यरत थे पर सत्या को माँ के उदर में स्थापित हुए अभी कुछ पंद्रह हफ्ते... Hindi · लघु कथा 620 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 20 Apr 2017 · 1 min read "मेरे लिए" ज़िदगी नें कुछ यूँ साथ निभाया है मेरी किस्मत देख कर सूरज गरमाया और चाँद का मन भी भरमाया है उन्हें यूँ लगता है कि मेरे ऊपर उन्हीं का साया... Hindi · कविता 562 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 22 Aug 2017 · 3 min read १-- वो कुत्ता ही था ? हम लोगों ने बहुत से जानवरों को बहुत करीब से देखा है ,कभी कभी उनका व्यवहार हमारी समझ से बाहर होता है नििश्छल और निष्कपट । कुछ देखे सुने अनुभव... Hindi · कहानी 569 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 10 Jun 2017 · 1 min read सुनो बलात्कारी सूरज भी खुश नहीं आग बरसा रहा निर्लज्ज निकम्मों को सबक देना चाह रहा चाँद भी उदास सा चेहरा छिपा रहा मासूम पर ज़बरदस्ती का मातम मना रहा शापित मानवता... Hindi · कविता 491 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 26 Sep 2017 · 2 min read धरोहर रेशम ने बड़ी मेहनत से प्रोजेक्ट तैयार किया,कई दिनो की अथक मेहनत के फलस्वरूप बेहतरीन परिणाम निकल कर आया था, इंटरनेट का पेट खंगाल खंगाल कर जानकारियाँ एकत्रित कर कंप्यूटर... Hindi · लघु कथा 525 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 7 Jun 2017 · 1 min read बेटी सुगंधा को आज पहली बार महसूस हुआ कि वो अवांछनीय ,अकेली नहीं है। शादी को दो साल हो चले थे,हँसी खुशी के साथ दिन पंख लगा कर उड़ रहे थे... Hindi · लघु कथा 516 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 29 May 2017 · 2 min read "दण्ड" नयन आज बहुत खुश था,उसके तेरहवें जन्मदिवस पर मामाजी उपहार में एक असली क्रिकेट सेट ले कर आये थे,कब से उसके मन मे इसी उपहार की तमन्ना थी,दोस्तों को फोन... Hindi · लघु कथा 472 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 21 Jan 2018 · 2 min read यादों का बसेरा" मेरे गाँव का बरगद यादों का बसेरा है उन हवा में हिलती जड़ों से झूूलता बचपन जी उठता है आज भी बेशक उम्र हो चली है पचपन इसकी छाँव में... Hindi · कविता 487 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 15 Nov 2017 · 1 min read रिफ्यूज सिर पर उलझे हुए बालों का टोकरा.... सिर से निकाल कर जूँ मारती,अपने में खोई कभी हँसती,कभी बिसुरती और कभी खुदसे बातें करने में मशगूल, बडे बाग के दढियल आम... Hindi · लघु कथा 500 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 16 Apr 2017 · 1 min read "कोलाहल या हलाहल" यह कोलाहल कैसा है बिल्कुल हलाहल जैसा है पिघला सीसा सा कानों में टपकता है किसी अग्नि दैत्य सा कोमलकर्ण की ओर लपकता है इसके असर से चेतन भी अचेत... Hindi · कविता 495 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 10 Sep 2017 · 1 min read "सिय ,पिय की बाट जोहती" . कंकेली छाँह बैठ सिय ,पिय की बाट जोहती आवें प्रिय ,हो रसकेली स्वप्न मधुर टोहती बीतें बिछोह के पल निष्ठुर गूँजें केली के सुर सुमधुर, हिय, सिय का हो... Hindi · कविता 2 472 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 13 May 2017 · 1 min read " सरप्राइज़" सुबह सुबह सबको यथास्थान दफ्तर,स्कूल भेजकर निवृत हुई तो सोचा कि बचा खुचा काम भी सँवार दूँ, फिरआराम से पंखे के नीचे लेट कर नई आई रीडर्स डाइजेस्ट खोलूँगी।उसी समय... Hindi · लघु कथा 1 523 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 15 May 2017 · 1 min read ओस पत्तों पर ठहरी ओस की बूँदें नाजुक हल्की सी हवा से थरथराती सूरज की पहली किरण में झिलमिलाती नज़र पड़ते ही अन्तस को छू दें तरल आकृति, छोटे बच्चे के... Hindi · कविता 400 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 15 Aug 2017 · 1 min read कुल दीपक निरंजन की पडोस वाली भाभीजी आज जैसे तय करके आईं थी कि उसे समझा कर ही जायेंगी ,बेटी कैसी हो? अरे निरंजन भई तुम्हारी बेटी के बारे में सारा मुहल्ला... Hindi · लघु कथा 414 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 17 Dec 2017 · 1 min read फागुन " जागे कृष्ण कन्हाई गोपियों की टोली आई खेलें सब जन होली अब झूम के गुल रंग उडायें गायें मस्त हवायें धानी वसन में धरा नाचे घूम के खेलें सब... Hindi · गीत 398 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 19 Jun 2017 · 1 min read विधाता की पाती तितली और खगकुल रंगों के ऐसे गुरुकुल अप्रतिम सुन्दरता के भरे हैं जैसे घटकुल ये नयनों के निहोरा! ____________________ नाजुक परों के कैनवस पर मोहक चित्र कारी कौन है वो... Hindi · कविता 425 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 3 Nov 2017 · 2 min read समय का फेर आज सालों बाद पैतृक गाँव आना हो पाया,विदेश में जन्मे बढे बच्चों को अपनी जमीन से जो मिलाना था।लंबरदार की हवेली पर नजर पडते ही पल भर में अपना सारा... Hindi · लघु कथा 405 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 9 Aug 2019 · 1 min read उद्धार एक भारत,नेक भारत यही सदा से हमारा नारा है, कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तलक एक एक इंच हमारा है । 370 और 35A के पाश की जकड़, आतंकवाद की पकड़,... Hindi · कविता 1 409 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 12 May 2017 · 1 min read कश्मीर का दर्द (५ हाइकु) #१ सेब के फूल सुगन्धित सजीले मस्तक शूल । ***************************** #२ बर्फ की घाटी हरी भरी श्यामला लहू ने पाटी ! ***************************** #३ गुल बहार पत्थर लगी मार हत चिनार... Hindi · हाइकु 409 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 14 Jul 2017 · 1 min read मेरा पुनर्जन्म आज भी .याद है वो पल मुझको अपनी कोख से जब जाया था तुझको उस वक्त केवल तू नहीं जन्मी थी जन्म हुआ था ऐक माँ का भी दरअसल.मेरा पुनर्जन्म... Hindi · कविता 359 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 29 Sep 2017 · 1 min read आत्मविश्वास' (मेरेअंदर का आकाश) मेरे अंदर मेरा अपना निजी आकाश है. वो बहुत विशाल,वृहद, अनंत और विराट है . मेरी अपनी आकाश गंगा में चमकते हैंं अनगिनत सितारे, सोच के सितारे चाहत के नक्षत्र... Hindi · कविता 1 362 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 5 Jun 2017 · 1 min read करनी और भरनी आज पुराने घर के आँगन में अकेली निस्सहाय बैठी शगुन के हृदय में दुख का समंदर ठाठें मार रहा है,तूफानी लहरें उठ उठ कर दिल की दीवारों से टकरा लहूलुहान... Hindi · लघु कथा 367 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 5 Sep 2017 · 1 min read आँसू आँसुओं की अपनी ही जुबान होती है, हर आँसू के दिल में छिपी इक दा्स्तान होती है, माँ की आँख से ढलhके ममत्व का सागर, बहन के नयन से छलके... Hindi · मुक्तक 363 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 17 May 2023 · 1 min read किसान वो किसान और उसकी.किसानी ही है जिसका कोई सानी हो नहीं सकता पत्थरों को फोड़ कर धाराओं को मोड़ कर और कोई जीव को जीवन देने हेतु बीज बो नहीं... Poetry Writing Challenge 386 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 11 Jun 2018 · 1 min read किसान वो किसान और उसकी.किसानी ही है जिसका कोई सानी हो नहीं सकता पत्थरों को फोड़ कर धाराओं को मोड़ कर और कोई जीव को जीवन देने हेतु बीज बो नहीं... Hindi · कविता 375 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 13 Jul 2017 · 1 min read सौभाग्य" (लघु कथा) आज बेटे की ईन्जिनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने पर उसके दीक्षान्त समारोह में उपस्थित माँ अपने अतीत में गोते लगाने लगी।आज उसे देखने लड़का व उसका परिवार आ रहा था,खबर... Hindi · लघु कथा 373 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 1 Jul 2018 · 1 min read लहू का रंग केवल सैनिकों का लहू लाल होता है श्वेत रक्तधारियों की तो बस जिह्वा में उबाल होता है । अगर इन्हें विरोध करना हो सरकारी नीति का तो ये ही उल्लंघन... Hindi · कविता 382 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 10 Jun 2017 · 1 min read कश्मीर का दर्द-२ शहीद ले.उमर फैयाज़ को समर्पित (५ हाइकु) १ झेलम तीरे पहले जैसा समाँ ! सुकूँ नहीं रे। २ पके अनार पड़ोसियों का प्यार अब दुष्वार। ३ सोच बीमार कशमीर की... Hindi · हाइकु 324 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 28 Apr 2017 · 2 min read ' पितृ भोज' १९८८ में मैं नई नई, दिल्ली शहर में रहने आईं थी.मन मे राजधानी की बड़ी विराट और चमकीली तस्वीर ,कहीं अन्दर एक अनजाना सा डर भी निहित था ,आखिर मै... Hindi · लघु कथा 348 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 12 Mar 2018 · 1 min read बुलबुल एक सन्समरण निज अनुभव#१ अलस्सुबह रोजमर्रा के जरूरी काम निपटा कर विद्यालय जाने के लिये तैयार होने पीछे वाले कमरे में गई तो बाहर तार पर बैठी दो बुलबुलों के कलरव ने... Hindi · कहानी 2 320 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 19 Aug 2017 · 1 min read " क्यों" आज संभाग में कठपुतली चंद जी का वार्षिक दौरा था,उनके पहुँचने में चंद लम्हे बाकी थे पर तैयारी पूरी हो चुकी थी। सब चाक चौबंद,सफाई ऐसी जैसे कभी गंदा था... Hindi · लघु कथा 325 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 16 Apr 2017 · 1 min read वो थकी आँखें शून्य में निहारती वो थकी आँखें ज्यों ढूँढती हों समय के साथ खो गई अपनी पाँखें जब डैनों में जान थी शक्ति थी, उनमें निहित ऊँची उड़ान थी तब समेट... Hindi · कविता 293 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 19 Apr 2017 · 1 min read "मुक्ति" किसी के प्यार का मोती हूँ किसी के नेत्रों की ज्योति हूँ नज़र के वार को संभालो अब आज से मैं स्वयं की होती हूँ उन्मुक्त उड़ना है मुझको पंख... Hindi · कविता 283 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 9 Jun 2017 · 1 min read छोटी छोटी बातें पानी आँखों के समंदर मे हहराता खारा पानी निशब्द रह कर भी सुना जाता है दर्द की परतों में दबी सुन्न कहानी। ***************************** बचपन गये लम्हे वो बचपन के फिर... Hindi · कविता 1 275 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 29 May 2017 · 1 min read मुग्धा कलियों से कोमलता पाई लचक वल्लरी से आई गात महकती फूलों सी भँवरे के मन को है भायी। अँखियों में मादकता बसती मोहिनी सूरत मन भरमाई लहराते गेसू नागिन से... Hindi · कविता 265 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 24 Mar 2018 · 1 min read लौट आओ ना खिडकी से दिखता छायादार पेड अब भी वहीं खडा है वह हरा भी है और उसकी शाख पर झूला भी पडा है परन्तु हृदय व्यथित है सुबह सवेरे गोरैया का... Hindi · कविता 255 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 19 Apr 2017 · 1 min read "सरफरोश दीवाने" सर फरोशी की तमन्ना ले कर दीवाने चल पड़े थे मादरे वतन को बेगानों से बचाने मस्ताने चल पड़े थे सर फरोशी की तमन्ना ले कर दीवाने चल पड़े थे... Hindi · कविता 255 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 5 Sep 2017 · 2 min read शिक्षक शिक्षक जो स्वयम् को जला कर, स्वयम् को गला कर जहाँ को रौशन करे शिक्षक को मै ऐसी मोमबत्ती हर्गिज़ नहीं कहूँगी. .... पर सच कहती हूँ ताउम्र मैं मेरे... Hindi · कविता 246 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 15 Apr 2017 · 1 min read _" आतंकवाद से त्रस्त मन की पुकार " मुझे नई सुबह की तलाशहै रात के अँधेरे में आग के घेरे में जल रहा आज जिन्दगी का पलाश है मुझे नई सुबह की तलाश है . कहीं मारकाट मची... Hindi · कविता 251 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 17 Dec 2017 · 1 min read सूरज सूरज भैया केे टेस्ट ट्यूब में ं खदबदाता लावा यूँ तो आग का समंदर है अनगिनत दावानल समेटे अपने उदर के अन्दर है इन्हीं की प्रयोग शाला में रचे जाते... Hindi · कविता 241 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 12 May 2017 · 1 min read "विडम्बना" देवालय में स्थापित पाषाण कृति पूजित होती नित नतमस्तक हो मस्तक घिसते मिल जाते कितने शूरवीर शक्ति से लेकर अभय दान चल पड़ते करने दूषित शक्ति का प्रतिरूप जीवित जो... Hindi · कविता 256 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 15 Sep 2017 · 1 min read चाहिए राष्ट्रभाषा पूरी करने को राष्ट्र की आशा हर देश को चाहिए निज की एक भाषा यह भाषा ही बुनती है तार बाँधने को देशवासियों के मन और भरने को उनमें झंकार... Hindi · कविता 235 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 7 May 2017 · 1 min read शब्दों का खेला "शब्दों का खेला" शब्द हथियार है ं बेसोचे उछाल दो तो दोधारी तलवार हैं शब्द संप्रेषण उत्कृष्ट तो पट जाती टूटते रिश्तों की गहरी खाई और ढह जाती दरार बनी... Hindi · कविता 225 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 17 Aug 2018 · 1 min read श्रद्धेय अटल जी को नमन इरादों पर अटल रहे हार हर्गिज नहीं मानी असंभव को संभव करने की रार जो ठानी काल के कपाल पर अमिट लेख लिख गये मेरे देश को कमतर समझने वालों... Hindi · कविता 228 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 15 Apr 2017 · 1 min read ओस पत्तों पर ठहरी ओस की बूँदें नाजुक हल्की सी हवा से थरथराती सूरज की पहली किरण में झिलमिलाती नज़र पड़ते ही अन्तस को छू दें तरल आकृति, छोटे बच्चे के... Hindi · कविता 225 Share Page 1 Next