अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' Language: Hindi 96 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 11 Sep 2016 · 1 min read संतोष *कुंडलिनी* वैभव पा कर क्या करे, जब है मृत्यु विराम। खा ले सुख की रोटियां, हो जीवन सुख धाम। हो जीवन सुख धाम, नित्य हों नूतन कलरव। है मन का... Hindi · कविता 1 395 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 11 Sep 2016 · 1 min read दृग बाण से उर भेद कर *गीतिका* दृग बाण से उर भेद कर पलकें झुका कर चल दिये। फिर से हृदय में प्रेम का इक ज्वार ला कर चल दिये। मधुमास करता प्रेम का है अंकुरण... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 245 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 11 Sep 2016 · 1 min read गीतिका *गीतिका* उम्र बीतती जा रही, भज ले मुरलीधर। छोड जगत की चाकरी, बन हरि का चाकर। वही सत्य शाश्वत अचल, प्रेमार्णव सुखदा। एक वही रस कुंभ है, मधुराधिपति मधुर। हरता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 461 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 7 Aug 2016 · 1 min read हम खरी खरी बोले हैं *मुक्तक* मन में कपट हाथ में औषधि, आडंबर के चोले हैं। बात कहाँ पक्की करते वे , बार - बार ही डोले हैं। घर जाकर फटकार दिया यदि, दिखा दिया... Hindi · मुक्तक 485 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 7 Aug 2016 · 1 min read नयन में उतर जाओ *मुक्तक* नयन के द्वार से आकर मे'रे उर में उतर जाओ। महक बन प्रेम के गुल की हृदय में तुम बिखर जाओ। सकल - जग- प्राणियों में बिंब तेरा ही... Hindi · मुक्तक 243 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 5 Aug 2016 · 1 min read शिव वंदन *मुक्तक* भोले तो निश्छल भावों के प्यासे हैं। सुमिरन से पावन करने में गंगा से हैं। भक्तों के शुचि प्रेमामृत की उर्जा से। बिष पीकर भी रहते अच्छे खासे हैं।... Hindi · मुक्तक 1 496 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 3 Aug 2016 · 1 min read सावन *कुंडलिनी छंद* सावन आया देखकर, दादुर भरी छलांग। पोखर के तट ध्यान में, बगुले रचते स्वांग। बगुले रचते स्वांग, झपटते मौका पाकर। दादुर के बस कंठ, चीखते हैं पछताकर। अंकित... Hindi · कविता 1 529 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 1 Aug 2016 · 1 min read जग को सजाने चला हूँ जग सजाने चला हूँ ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ *गीतिका* दशा मैं हृदय की बताने चला हूँ। स्वयं के प्रभो को मनाने चला हूँ। जगत जिस जहर से जला जा रहा है। अनल द्वेष... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 318 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 31 Jul 2016 · 1 min read धरा *मुक्तक* धधकती धरा धैर्य खोने लगी है। हृदय से कटुक आज होने लगी है। सहन कर्म कर अब मनुज के अनैतिक। प्रकृति दंड देकर डुबोने लगी है। अंकित शर्मा 'इषुप्रिय'... Hindi · मुक्तक 1 517 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 31 Jul 2016 · 1 min read सावन भादों जितना बरसे *मुक्तक* व्याकुल प्रिय से मिलने को मन, करता है प्रभु से मनुहार। उर अंतस की दीवरों से, बार बार रिसता है प्यार। मेघों के अति प्रेमामृत से, बुझी नहीं धरती... Hindi · मुक्तक 250 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 29 Jul 2016 · 1 min read राष्ट्र बेल *मुक्तक* राष्ट्र-बेल को ज्ञान-बल, प्रेम- नीर से सींच। कीडे जो छुप खा रहे, उनका जबडा खींच। पुष्प,पत्र,फल में महक, मधुर रहेगा स्वाद। देख अनैतिकता कहीं, मत लेना दृग मींच। अंकित... Hindi · मुक्तक 1 235 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 28 Jul 2016 · 1 min read श्रम की सार्थकता *कुंडलिनी* कण कण मधु संचित किया, लेकर सतत पराग। मधुमक्खी का श्रम हुआ, औरों का ही भाग । औरों का ही भाग, समर्पित कर निज क्षण क्षण। भरता जीवन स्वाद,... Hindi · मुक्तक 364 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 28 Jul 2016 · 1 min read प्रेम *मुक्तक* भेद नहीं कुछ प्रेम में, है तो बस अनुराग। मूर्ति हृदय प्रिय की बसे, और असीमित त्याग। प्रेम विवश जगदीश भी, लगा सजाने केश। क्रिया भले ही तुच्छ हो,... Hindi · मुक्तक 403 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 28 Jul 2016 · 1 min read सूर्य को आंखें दिखाना आ गया *गीतिका* सूर्य को आंखें दिखाना आ गया। आंधियों में पग जमाना आ गया। फौजियों के हौसले को देखकर। मुश्किलों में पग बढाना आ गया। मृत्यु के मुख धैर्य उनका देखकर।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 403 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 22 Jul 2016 · 1 min read कश्मीर *कुंडलिया* भारत के दिवि की बहुत, बदल रही तस्वीर। पाकिस्तानी पी जहर, धधक रहा कश्मीर। धधक रहा कश्मीर, घिरी जन जन पर आफत। कर दहशत का अंत, बनेगा दिवि कब... Hindi · कविता 506 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 21 Jul 2016 · 1 min read आव्हान *कुंडलिनी छंद* हे शिक्षक! करना तुम्हें, सृजित राष्ट्र -नव -तंत्र। हर बालक में फूक दो, राष्ट्र भक्ति का मंत्र। राष्ट्र - भक्ति का मंत्र, बना दे उनको तारक। लिख कर... Hindi · कविता 2 633 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 20 Jul 2016 · 1 min read झूला *मुक्तक* झूलती सखियाँ सयानी, गा रहीं मल्हार। प्रेम के इस राग में भर, व्यक्त करतीं प्यार। यौवनांगा है नवल प्रिय, से प्रणय की आस। मौसमी अब प्रेम की रह-, रह... Hindi · मुक्तक 393 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 20 Jul 2016 · 1 min read बुढापे का दुख *दो दोहे* श्रमिक बना सुत ने किया, कितना आज तटस्थ। हाय बुढापे में हुआ, सतनय पिता दुखस्थ। ***** बुरा रोग है दीनता, यमघट तक है संग। क्या युवक क्या वृध्दजन,... Hindi · दोहा 1 458 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 19 Jul 2016 · 1 min read कब तक पीर छुपाएं सैनिक *गीतिका* कब तक पीर छुपाएं सैनिक, कब तक रक्त गिरायें। विलखाती व्याकुल घाटी की, कब तक व्यथा छुपायें। निकल रहे बरसाती मेंढक, निज औकात बताकर। दूध- मुखी विष-कुंभों को हम,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 559 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 19 Jul 2016 · 1 min read सैनिक शौर्य *दो मुक्तक* आतंकी की मौत पर, जिसको लगती चोट। आज उजागर हो गया, मन में उसके खोट। काला दिन गद्दार की, कहे मौत को पाक। हों ऐसे दिन रोज ही,... Hindi · मुक्तक 1 355 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 15 Jul 2016 · 1 min read नयनों की चोट *मुक्तक* वो लगाकर घात बैठे आज करने नैन चोट। तृप्ति के आधार मुख पर कर लिये हैं केश ओट। चाहतें मन में जगा उसने किया हमको अधीर। फिर प्रणय की... Hindi · मुक्तक 417 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 7 Jul 2016 · 1 min read इजाजत है सितम कर लो ***************************************** *गजल* सदा-ए-दिल इजाजत है सितम कर लो मगर फिर भी दुआ देंगे। तुम्हें तकलीफ गर हो तो ते'री दुनिया भुला देंगे। हमारी हो गयी आदत गमों के संग जीने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 348 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 7 Jul 2016 · 1 min read सरस्वती वंदना *सरस्वती वंदना* सरस्वती माँ करें वंदना , हम तेरे ही बालक हैं। दूर करो माँ वो अँधियारे, जो जीवन में बाधक हैं। माँ निर्मल मति को कर देना, सदाचार अपनाऐं... Hindi · गीत 1 2 3k Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 7 Jul 2016 · 1 min read कुंडलिया *दोहे* योग्य विवश होकर यहाँ, झेल रहे संताप। बना हुआ है देश में, आरक्षण अभिशाप। वंचित हैं वे आज भी, जिनका है अधिकार। जाने 'कब' इस शाप से, होगा जन... Hindi · कविता 274 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 7 Jul 2016 · 1 min read पथिक पग अपने बढाये चला जा * गीत * पथिक पग अपने बढाये चला जा। उत्साह मन में समाये चला जा। शम्मा बुझेगी तू रुकना नहीं। जुनूं के दिये जलाये चला जा। नदियाँ रुकी हैं कहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 417 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 7 Jul 2016 · 1 min read इक नजर *गीतिका* मापनी-122 122 122 12 हमें आपकी इक नजर चाहिये। कयामत भरी बा-असर चाहिये। बना आशियां हम जहां पर रहें। हमें प्रेम का वो शजर चाहिये। न हों बंदिशें ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 326 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 6 Jul 2016 · 1 min read छंद *कुंडलिनी* मानस के हो बिंब तुम, कहाँ छुपाऊँ प्यार। हृदय रखा है सामने , कर लो तुम स्वीकार। कर लो तुम स्वीकार, बने मन मेरा पावस। प्रेमांकुर के पुष्प, करें... Hindi · कविता 475 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 6 Jul 2016 · 1 min read मुस्कान *मुक्तक* भेद भुला कर हम मुस्का दें। गले लगा कर पीर मिटा दें। निश्छल हृदय मिलन से जग में। दिवि को ही धरती पर ला दें। अंकित शर्मा'इषुप्रिय' रामपुर कलाँ,सबलगढ(म.प्र.) Hindi · मुक्तक 1 462 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 2 Jul 2016 · 1 min read भरो हुंकार *गीतिका* करो प्रत्यंचा की टंकार। क्रांति भाव का करो व्यापार। बिना भय के माने कोई न। भरो तुम रोषमयी हुंकार। सुकृत उपसृत कर उर में आप। मोह का तम कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 287 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 30 Jun 2016 · 1 min read क्रांति *गीतिका* वतन में उपद्रव बहुत छा गया है। पुनः क्रांति का अब समय आ गया है। चढा जा रहा चीन उसको भुला दो । हमें लूट आंखे दिखाता गया है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 310 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 29 Jun 2016 · 1 min read उपेक्षित *मुक्तक* मरुस्थल स्वार्थ का फैला नहीं कोई ठिकाना है। उपेक्षित को सदा उम्मीद की कुटिया बनाना है। जगत दाबे करे हमदर्द बनने के हजारों पर। उन्हें तो भाग्य के आगे... Hindi · मुक्तक 503 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 28 Jun 2016 · 1 min read मौन होठों को *मुक्तक* मौन होठों को जरा तुम मुस्कुराहट दीजिये। है खजा सा दिल मुहब्बत की सजावट दीजिये। हर खुशी से ये जहां में हो गया महरूम है। दिल है' तनहा यारियों... Hindi · मुक्तक 386 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 28 Jun 2016 · 1 min read प्रकृति *मुक्तक* वृक्ष नम्रता -त्याग सिखाता, नदियाँ देना सिखलाती। द्युति किरणें दुख रूपी तम, को हर लेना सिखलाती। बूंद बूंद को जोड मेघ सम, बरसाते जल को सबमें। गतिशील प्रकृति कुदरत... Hindi · मुक्तक 499 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 27 Jun 2016 · 1 min read शारदा वंदन *मुक्तक* नमन मैं करूँ अंबिका आपको आप हो ज्ञान भंडार माँ ज्ञान दात्री। उपेक्षित जगत में रहे हैं सदा जो लुटाती रहो प्यार माँ ज्ञान दात्री। खुले द्वार हैं आपके... Hindi · मुक्तक 521 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 27 Jun 2016 · 1 min read *छंद* *छंद* न चीजें स्वदेशी जरा भा रही वेशभूषा स्वदेशी पै' हँसते रहे हैं। न संस्कृति स्वयं की जिन्हें रास आती स्वभाषा पै' जो तंज कसते रहे हैं। निराधार कहते कि... Hindi · कविता 1 506 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 26 Jun 2016 · 1 min read भाव विहग भर रहे उडान *गीतिका* भाव विहग भर रहे उडान। उर नभ में हो रहा वितान। सौम्य सुभगता का उपसार। गुंजित मधुकर सम मृदु गान। नवल सृजन शुचि नये विकल्प। लुप्त आज होता अवसान।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 512 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 26 Jun 2016 · 1 min read मालती सवैया *मुक्तक* संग भले दिखते जन हैं मन में पर मेल मिलाप नहीं है। वे विष हाथ लिये कहते मन में अपने कोई' पाप नहीं है। घात सदा करते छुपके पहचान... Hindi · मुक्तक 1 458 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 25 Jun 2016 · 1 min read हृदयाभास *मुक्तक* आँख के पथ पद हृदय में धर रहा कोई। प्रेम का संचार मन में कर रहा कोई। नव उमंगे भर रही रोमांच तन मन में। नम्रता से पूर्ण नभ... Hindi · मुक्तक 1 396 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 25 Jun 2016 · 1 min read दर्शन *मुक्तक* कल रहा जो कल रहेगा जानता है कौन। मृत्यु किसकी और जग में जन्मता है कौन। धर्म बदलें मूलतः तो तत्व हैं सब एक। मोहवश इस सत्य को जन... Hindi · मुक्तक 586 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 25 Jun 2016 · 1 min read शारदा वंदन *गीतिका* हे शारदे कपाल झुकाते सदैव हैं। हम आपको भवानि रिझाते सदैव हैं। हो बाँटती प्रसाद विमल प्रेम तत्व का। हम भाव के प्रसून चढाते सदैव हैं। सद्ज्ञान के कपाट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 355 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 25 Jun 2016 · 1 min read मेरा भारत *मुक्तक* है सदाचार की गंगा, संस्कृति से सज सुरभित है। बंधुत्व नाम का अक्षर, उर अंतस में अंकित है। मुनियों के तप से तपकर, निखरी वसुधा भारत की। जिस पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 215 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 24 Jun 2016 · 1 min read शुभसंकल्प विषयों में रमने वाला मन, प्रेमामृत का प्याला हो। सत्य धर्म शुचिता सद्गुण की, गुथीं सुभग इक माला हो। वेगवान हृदयस्थ ज्यो'तिर्मय, जो जग में विचरण करता। कर्मों का प्रेरक... Hindi · मुक्तक 1 260 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 24 Jun 2016 · 1 min read धीरज धर मन श्याम मिलेंगे! *पद* धीरज धर मन श्याम मिलेंगे। दीनानाथ कृपा निज करके,कबहूँ तौ सुध लेंगें। रट नित नाम चरण हरि के ध्या, तब प्रभु कछु रीझेंगें। प्रेममयी गदगद वाणी से, जब दृग... Hindi · कविता 296 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 24 Jun 2016 · 1 min read पुस्तक पन्ने पन्ने में सिमटा है, नभ सा विस्तृत ज्ञान अनंत। बांध रखे है प्रीति वर्ण में, वेगवान पक्षी बलवंत। उमड रहा इक सागर जिसमें, डूब डूब होता उत्थान। जितना पी... Hindi · मुक्तक 1 2 575 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 24 Jun 2016 · 1 min read *बचपन* मधुर मधुर मुस्कान अधर पर, हर्षवान बचपन देखा। संस्कारों के अभिनय में शुचि, मूर्तिमान बचपन देखा। राग नहीं था द्वेष नहीं था, आत्म रम्य व्यवहार सुखद। शुचित सौम्य निर्दोष भाव... Hindi · मुक्तक 521 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 5 Jun 2016 · 1 min read गीतिका *गीतिका* शनै: से पुष्प फिर से मुस्कुराया। हवा ने फिर नया इक राग गाया। मधुर मुख माधुरी मोहित किये थी। निशाकर देख अतिशय खिलखिलाया। भ्रमर भ्रमवश समझ कर फूल देखो।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 504 Share Previous Page 2