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बहुत सुन्दर भाव आदरणीय अंकित शर्मा जी
परन्तु शायद कुण्डली छंद एक दोहा व दो रोला से मिलकर बना होता है पर यहां एक हा रोला है
वाह्ह्ह्
बहुत सुन्दर भाव आदरणीय अंकित शर्मा जी
परन्तु शायद कुण्डली छंद एक दोहा व दो रोला से मिलकर बना होता है पर यहां एक हा रोला है