Anis Shah Tag: ग़ज़ल/गीतिका 114 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Anis Shah 9 Jun 2022 · 1 min read उमीद-ए-फ़स्ल का होना है ख़ून लानत है ग़ज़ल उमीद-ए-फ़स्ल का होना है ख़ून, लानत है पलट के आया नहीं मानसून, लानत है गिराने के लिए ही प्यार का मकाँ तूने ख़ुलूस-ओ-अम्न का खींचा सुतून, लानत है सरों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 228 Share Anis Shah 20 May 2022 · 1 min read जब भी देखा है दूर से देखा ग़ज़ल जब भी देखा है दूर से देखा तुमने मुझको ग़ुरूर से देखा दोनों की ही ख़ता बराबर थी सिर्फ़ मुझको क़ुसूर से देखा तुझको छोटा दिखाई देता हूँ क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 380 Share Anis Shah 7 May 2022 · 1 min read पिता मुसल्सल ग़ज़ल- रहे मुस्कान चेहरों पर तो अपनी हर ख़ुशी दे दी हमारे हो हसीं लम्हे पिता ने ज़िंदगी दे दी कहीं ये वक़्त मुझको छोड़ कर आगे न हो... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · ग़ज़ल/गीतिका 6 3 534 Share Anis Shah 6 May 2022 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल न तो रहमान से मतलब न तो है राम से मतलब सियासी लोग हैं इनको तो क़त्ले-आम से मतलब मुहब्बत के गुलों को छीन लेते हैं वो हाथों से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 260 Share Anis Shah 19 Mar 2022 · 1 min read जो मौका रहनुमाई का मिला है ग़ज़ल जो ज़िम्मा रहनुमाई1 का मिला है उन्हें मौक़ा 2 कमाई का मिला है हमें बैठा दिया गूँगों की सफ़3 में ये तोहफ़ा लब-कुशाई4 का मिला है नहीं है आईना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 5 449 Share Anis Shah 2 Mar 2022 · 1 min read ये सज़ा है कि दुआ है क्या है ग़ज़ल ये सज़ा है कि दुआ है क्या है इश्क़ ने'मत है बला है क्या है दाग़-ए-ख़ूँ , रंग-ए-हिना है, क्या है तेरे दामन पे लगा है, क्या है शोर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 256 Share Anis Shah 26 Feb 2022 · 1 min read जैसे हर शय हुई तब्दील बुरी लगती है ग़ज़ल जैसे, हर शय हुई तब्दील बुरी लगती है तू नहीं साथ तो ये झील बुरी लगती है जब भी दीवार पे पड़ती हैं निगाहें मेरी तेरी तस्वीर के बिन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 264 Share Anis Shah 9 Feb 2022 · 1 min read सभी के मान की दुश्मन बनी है ग़ज़ल सभी के मान की दुश्मन बनी है अना* इंसान की दुश्मन बनी है *(अना=ego) तुम्हारी चुग़लियाँ करने की आदत हमारे कान की दुश्मन बनी है बनी है जड़ फ़सादों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 216 Share Anis Shah 20 Jan 2022 · 1 min read एक छोटी सी ही तकरार लिए बैठे हैं ग़ज़ल एक छोटी सी ही तकरार लिए बैठे हैं। हाथ में अपने वो तलवार लिए बैठे हैं।। अपने होठों पे हम इज़हार लिए बैठे हैं। और वो है कि बस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 262 Share Anis Shah 12 Jan 2022 · 1 min read मिलेगा क्या तुझे इस द्वेष की अब अग्नि में जल कर ग़ज़ल मिलेगा क्या तुझे इस द्वेष की अब अग्नि में जल कर। जलाकर प्रेम का दीपक ह्रदय को अपने उज्ज्वल कर।। बदन तो कर लिया है साफ़ तूने अपना मल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 289 Share Anis Shah 23 Dec 2021 · 1 min read ओ बे-घर परिंदे ठिकाना बना ले ग़ज़ल ओ बे-घर परिंदे ठिकाना बना ले। किसी दिल में तू आशियाना बना ले।। कड़ी धूप तुझको परेशां करेगी। सफ़र में कहीं शामियाना बना ले।। ये लहजे को क्यों तल्ख़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 396 Share Anis Shah 9 Dec 2021 · 1 min read करो बचाव मगर वार भी ज़रूरी है ग़ज़ल करो बचाव मगर वार भी ज़रूरी है। है हाथ ढाल तो तलवार भी ज़रूरी है।। दिलों के बीच जो दीवार हो गयी हो खड़ी। तो फिर मकान में दीवार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 232 Share Anis Shah 30 Nov 2021 · 1 min read मेरी आँखें छलकते पैमाने ग़ज़ल मेरी आँखें छलकते पैमाने। क्यों भटकते हैं आप मय-ख़ाने।। जान-ओ-दिल आपके हैं क़दमों में। कीजिएगा क़ुबूल नज़राने।। तुम हवा करके अपने दामन से। क्यों लगे हो ये आग भड़काने।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 243 Share Anis Shah 14 Nov 2021 · 1 min read मुसीबतों में ये जीवन दिखाई देता है ग़ज़ल मुसीबतों में ये जीवन दिखाई देता है। ये रहनुमा मुझे रहजन दिखाई देता है।। *रहनुमा=नेता, पथ प्रदर्शक। रहजन=लुटरा, डाकू। न जाने क्यों तुम्हें सज्जन दिखाई देता है। ये साधु... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 273 Share Anis Shah 3 Nov 2021 · 1 min read हर सिम्त उजालों से पुरनूर नज़र आये दीपावली की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ ग़ज़ल हर सिम्त चराग़ों से, पुरनूर नज़र आये। ये रात अमावस की, पूनम सी निख़र आये।। कुछ ऐसा असर लाये, इस साल ये दीवाली।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 217 Share Anis Shah 29 Sep 2021 · 1 min read है इतना शोर ये सुनसान क्यों नहीं होता ग़ज़ल है इतना शोर ये सुनसान क्यों नहीं होता। हमारा दिल है कि वीरान क्यों नहीं होता ।। ये जान मेरी निकल जाती तेरे जाने से । तू जान कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 234 Share Anis Shah 23 Sep 2021 · 1 min read अपने दिल के करीब हो कोई ग़ज़ल अपने दिल के करीब हो कोई। एक ऐसा हबीब* हो कोई।।*प्रिय जख़्म देकर लगाये ख़ुद मरहम। काश! ऐसा रकीब* हो कोई।।*प्रतिद्वंद्वी जो चमन पर लुटाये ज़ाँ अपनी। ऐसी इक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 212 Share Anis Shah 11 Jun 2021 · 1 min read ये सफ़र मुश्किल भरा आसां नज़र आता नहीं ग़ज़ल ये सफ़र मुश्किल भरा आसां नज़र आता नहीं। है बियाबां दूर तक मैदां नज़र आता नहीं।। तुम तो पत्थर में भी अपना ढूढ़ लेते हो ख़ुदा। क्यों तुम्हें इंसान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 249 Share Anis Shah 5 Jun 2021 · 1 min read ज़िन्दगी को कर लिया है डर में क़ैद ग़ज़ल ज़िन्दगी को कर लिया है डर में क़ैद। इक वबा ने कर दिया है घर में क़ैद।। हो गये सैयाद के सब डर में क़ैद। ख़ुद परिंदे हो गये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 295 Share Anis Shah 3 Jun 2021 · 1 min read कैसा अपना खिलाड़ी निकला ग़ज़ल कैसा अपना खिलाड़ी निकला। बिगड़ा खेल अनाड़ी निकला।। मुँह का स्वाद बिगाड़ा इसने। ये तो सड़ी सुपाड़ी निकला।। तय होगी कैसे ये दूरी। तू तो पंचर गाड़ी निकला।। ढूँढ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 235 Share Anis Shah 30 May 2021 · 1 min read तुम देख लो अभी मुझे होशो-हबास है ग़ज़ल तुम देख लो अभी मुझे होशो-हबास है। फिर कैसे मान लूं कि बुझी मेरी प्यास है।। मुझ पर भी कुछ निगाह-ए-इनायत हो साक़िया। होठों पे तिश्नगी है ये ख़ाली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 259 Share Anis Shah 24 May 2021 · 1 min read दिल को क्या हो गया कुछ पता ही नहीं ग़ज़ल दिल को क्या हो गया कुछ पता ही नहीं। ज़िंदगी में रहा कुछ मज़ा ही नहीं।। पी के मदहोश होते थे हम भी कभी। तेरी आंखों में अब वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 252 Share Anis Shah 12 May 2021 · 1 min read मुश्किलों से निकाल दे या रब ग़ज़ल मुश्किलों से निकाल दे या रब। इस वबा* को तू टाल दे या रब।।*महामारी तूने ही तो दिया उरूज* इसे। *उदय अब इसे तू जवाल* दे या रब।।*पतन गर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 4 291 Share Anis Shah 8 May 2021 · 1 min read कैसा है इम्तिहान या मौला ग़ज़ल कैसा है इम्तिहान या मौला। मुश्किलों में है जान या मौला।। नाक मुह पर लगे हुए पहरे। क़ैद में हैं ये कान या मौला।। दे दिया क्यों हमें लवील... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 306 Share Anis Shah 22 Apr 2021 · 1 min read मसनद पर भी बेहूदापन नहीं गया ग़ज़ल मसनद पर भी बेहूदापन नहीं गया। तेरी बातों में ओछापन नहीं गया।। कितनी मीठी नदियां तुझमें जज़्ब हुई। पर सागर तेरा खारापन नहीं गया।। और नये कुछ ख़्वाब दिखा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 4 233 Share Anis Shah 20 Apr 2021 · 1 min read हमारी जान के लाले पड़े हैं ग़ज़ल हमारी जान के लाले पड़े हैं। वो ज़िद बंगाल की पाले, पड़े हैं।। कहां से लेके आयें दाल आटा। दुकानों पर अभी ताले पड़े हैं।। मरे हैं भुख के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 6 247 Share Anis Shah 11 Feb 2021 · 1 min read आप रुख़ पर नक़ाब रखते हैं ग़ज़ल आप रुख़ पर नक़ाब रखते हैं। अब्र में माहताब रखते हैं।। तुमको साये में धूप लगती है । सर पे हम आफ़ताब रखते हैं।। शौक़ से कीजिए जफ़ा हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 5 258 Share Anis Shah 28 Jan 2021 · 1 min read अभी आया हूं अपने चाक दामन को रफू करके ग़ज़ल अभी आया हूं अपने चाक दामन को रफ़ू करके। है छोड़ा मुफ़लिसी ने यूं मुझे बे-आबरू करके।। दुखी ख़ुद को बनाया है खुशी की आरज़ू करके। सुकूं खोया है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 247 Share Anis Shah 17 Jan 2021 · 1 min read अब कोई भी इंसाफ़ की जंजीर नहीं है ग़ज़ल अब कोई भी इंसाफ़ की ज़ंजीर नहीं है। ये दौर भी तो दौरे-जहाँगीर नहीं है।। सच देखना है तुझको तो घर से भी निकल, देख। टी वी जो दिखाता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 6 505 Share Anis Shah 11 Jan 2021 · 1 min read चारागरी वो कर रहे कुछ इस अदा के साथ ग़ज़ल चारागरी वो कर रहे कुछ इस अदा के साथ। देते मिला के ज़ह्र भी हमको दवा के साथ।। मँझधार में है कश्ती न पतवार हाथ में। वो चाहते हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 285 Share Anis Shah 22 Oct 2020 · 1 min read खींच लायी जुस्तजू ये गाम तेरे शहर में ग़ज़ल खींच लायी जुस्तजू ये गाम तेरे शहर में। थी बितानी एक मुझको शाम तेरे शहर में।। कोई पागल कोई दीवाना समझता है मुझे। दे दिये मुझको ये कैसे नाम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 4 267 Share Anis Shah 25 Sep 2020 · 1 min read आसमाँ में किसने तारे भर दिये ग़ज़ल आसमाँ में किसने तारे भर दिये। किसने सूरज में शरारे भर दिये ।। झील को तो उसने मीठा कर दिया। और समंदर सारे खारे भर दिये।। वो मुसव्विर खूब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 455 Share Anis Shah 8 Sep 2020 · 1 min read मैं सोता हूँ तो ये आकर झिंझोड़ देता है ग़ज़ल मैं सोता हूँ तो ये आकर झिंझोड़ देता है। तेरा ख़याल मेरा ख़्वाब तोड़ देता है वो आज़माता है यूं जोर मुझपे अक्सर ही। मिला के हाथ कलाई मरोड़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 509 Share Anis Shah 22 Aug 2020 · 1 min read अजी! अंदर बहुत अंदर चुभा है ग़ज़ल अजी! अंदर बहुत अंदर चुभा है। तुम्हारी बातों का नश्तर चुभा है।। नहीं नींद आती है रातों में हमको। इन आँखों में कोई मंज़र चुभा है।। बिछा ली याद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 547 Share Anis Shah 13 Aug 2020 · 1 min read दौलत में मिलेगा न वो शोहरत में मिलेगा जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं के साथ ग़ज़ल दौलत में मिलेगा न वो, शोहरत में मिलेगा। गर दिल में मुहब्बत है, मुहब्बत में मिलेगा।। हम ढूढ़ रहे है उसे, अमरित में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 426 Share Anis Shah 11 Aug 2020 · 1 min read हम अपने दिल के हाथ ही बेज़ार हो गये ग़ज़ल - 221 2121 1221 212 हम अपने दिल के हाथ ही बेज़ार हो गये। जलवों का तेरे जब से तलवगार हो गये।। दिल चाहता नहीं कि रिहाई हो क़ैद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 313 Share Anis Shah 11 Aug 2020 · 1 min read बात दिल की बयान होती है ग़ज़ल बात दिल की बयान होती है। आँखों की भी ज़बान होती है।। हर क़दम पर ही आज़माती, क्या। ज़िन्दगी इम्तिहान होती है।। पंख तो साथ बस निभाते हैं। हौसलौं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 434 Share Anis Shah 9 Aug 2020 · 1 min read क्या करेगा कोई बुरा मेरा ग़ज़ल क्या करेगा कोई बुरा मेरा। जब निग़हबां है ये ख़ुदा मेरा।। मुझको बैशाखियां थमा कर वो। छीन लेता है हौसला मेरा।। आज हैं चंद हमसफ़र मेरे। कल तो होगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 401 Share Anis Shah 31 Jul 2020 · 1 min read हो हक़ में फैसला मेरे कोई उमीद नहीं ग़ज़ल हो हक़ में फैसला मेरे कोई उमीद नहीं। कोई गवाह भी तो पास चश्म-दीद नहीं।। ये दाम इतने मिले जितने की ख़रीद नहीं।। कि कारोबार बचा भी तो अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 6 262 Share Anis Shah 31 Jul 2020 · 1 min read दिल में तेरी यादों का अब हरदम रहता मेला है ग़ज़ल (बह्र - मुतदारिक मख़बून मुसक्किन महज़ूफ अरकान-फेलुन *7 फे) दिल में तेरी यादों का अब हरदम रहता मेला है। फिर भी जाने क्यों मेरा दिल खाली खाली रहता है।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 8 287 Share Anis Shah 31 Jul 2020 · 1 min read प्रेम का दीपक जो दिल में जल रहा है ग़ज़ल प्रेम का दीपक जो दिल में जल रहा है। स्वार्थ का तम उसके नीचे पल रहा है।। प्यार में उसके कोई कब छल रहा है। प्यार मां का तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 6 241 Share Anis Shah 4 Apr 2020 · 1 min read माना कि आदमी हूँ मैं कोई भला नहीं ग़ज़ल माना कि आदमी हूँ मैं कोई भला नहीं। पर सोचते हो जितना तुम उतना बुरा नहीं।। ऐसा नहीं है कि मुझसे हुई हैं ख़ता नहीं। आदम की ज़ात हूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 442 Share Anis Shah 4 Apr 2020 · 1 min read दौर-ए-गर्दिश है अपने घर रहिये ग़ज़ल दौर-ए-गर्दिश है अपने घर रहिये । दिल नहीं लग रहा मगर रहिये।। दूर रहिये ज़रूर लोगों से। हाल से सबके बा-ख़बर रहिये ।। दुश्मने-ज़ां वबा है *कोरोना*। बात डर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 237 Share Anis Shah 28 Mar 2020 · 1 min read हाथ मेरे हैं बँधे हाथ मिलाऊँ कैसे ग़ज़ल हाथ मेरे हैं बँधे हाथ मिलाऊँ कैसे। पास होकर भी तेरे पास मैं आऊँ कैसे।। मेरे अंदर भी मचलता है समंदर लेकिन। तेरे होठों की अभी प्यास बुझाऊँ कैसे।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 201 Share Anis Shah 1 Mar 2020 · 1 min read गुज़रते वक़्त की जज़ीर खींच ली जाये ग़ज़ल गुज़रते वक़्त की ज़ंजीर खींच ली जाये । मिले हैं यार तो तस्वीर खींच ली जाये ।। सहीह आपका अंदाज़े गुफ़्तगू तो नहीं। यूं बात बात पे शमशीर खींच... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 396 Share Anis Shah 1 Mar 2020 · 1 min read वो शख़्स दो को हमेशा ही तीन कहता है ग़ज़ल वो शख़्स दो को हमेशा ही तीन कहता है। कमाल फिर भी तो ख़ुद को ज़हीन कहता है।। ज़माना उसके लिए महजबीन कहता है। वो ख़ुद को फिर भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 300 Share Anis Shah 7 Jan 2020 · 1 min read तुम्हारी जिंदगी में ये ख़ुदा खुशियों के रँग भर दे ग़ज़ल तुम्हारी जिंदगी में ये खुदा खुशियों के रंग भर दे। रहो हर मर्ज़ से तुम दूर लम्बी उम्र भी कर दे।। कभी महसूस होंठों पे हो तुमको प्यास की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 494 Share Anis Shah 23 Nov 2019 · 1 min read हिंदू तू हो गया मैं मुसलमान हो गया ग़ज़ल हिंदू तू हो गया मैं मुसलमान हो गया। वो आदमी कमाल जो इंसान हो गया।। क्या खूब हमने नाम भी उस रब के रख लिये। मेरा ख़ुदा हुआ तेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 240 Share Anis Shah 27 Sep 2019 · 1 min read रहा अब नहीं वो ज़माना गया ग़ज़ल-122 122 122 12 रहा अब नहीं वो ज़माना गया। गये तुम तो मौसम सुहाना गया।। हसीं पल निगाहों में हैं आज भी । तेरा रूठना औ मनाना गया।। शरारत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 192 Share Anis Shah 8 Jul 2019 · 1 min read जिंदगी हम तुझे जीने निकले ग़ज़ल जिंदगी हम तुझे जीने निकले। लोग कहते हैं कि पीने निकले।। हो गया फिर से लहू से ही तर। जख़्मे दिल अपना जो सीने निकले।। ली छुपा हमने अँगूठी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 310 Share Page 1 Next