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9 Sep 2020 08:03 AM
रेत पर लिखकर मेरा नाम मिटाया ना करो।
आंखें सच बोलती है प्यार छुपाया ना करो।
राहे एहसास में पथराव बहुत हैंं लेकिन।
दिल को शीशे के झरोंखों में सजाया ना करो।
ये जरूरी नहीं कि हर शख्स मसीहा ही हो।
प्यार के ज़ख्म अमानत है दिखाया ना करो।
श़ुक्रिया !
बहुत अच्छा लिखा है ।
शुक्रिया आपका