Satish Sharma Language: Hindi 204 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Satish Sharma 15 Mar 2023 · 1 min read फागुन के दिन सुन सखि, फागुन के दिन आये ! ऋतु बसन्त का साथ लिए ये फूल फूल मुस्काये !! फूले टेशू लाल दहकते सरसों, महुआ खूब महकते सेमल ने अपनी छाया में... Hindi 195 Share Satish Sharma 22 Jan 2023 · 1 min read फिर बसन्त आएगा फिर बसन्त आयेगा। रूखी इन डालियों पर नव यौवन छायेगा ।। मुरझाए झुलसे ये पेड़ फिर हरे होंगे । गांठ गांठ पोर पोर मधुर रस भरे होंगे ।। इठलाते फूलों... Hindi 76 Share Satish Sharma 1 Jun 2022 · 1 min read ढीले मंसूबे ढीले मंसूबे ले कर के , कार्य करोगे । तो असफलता की राहों पर पाँव धरोगे ।। देंगे मूर्ख सलाह, कहाँ तक विजय मिलेगी । जीवन की बगिया पुष्पित हो... Hindi · मुक्तक 238 Share Satish Sharma 31 May 2022 · 1 min read ग्रीष्म ऋतु कोयल काली कूक रही है अम्बुआ की डाली डाली । सुबह सबेरे फुदक रही है मुदित मगन हो मतवाली ।। बुलबुल लेकर तान सुरीली मधुर कण्ठ से गाती है ।... Hindi · कविता 181 Share Satish Sharma 16 May 2022 · 1 min read गर्मी के आतप 🌷🌷🌷 गर्मी के आतप से व्याकुल , ढूँढ़ रहे पशु पानी । भटक रहे हैं दर दर अपनी , किससे कहें कहानी ।। घर के बाहर पानी भरकर , रख... Hindi · कविता 308 Share Satish Sharma 10 Apr 2022 · 1 min read श्री राम श्री राम तू नाम भज रे मन , परम् सुंदर, प्रिय मधुर धन करुणा सिंधु,अपार गुन गन दीन - बन्धु ,दयानिधि, प्रभु धनुष शोभित जिनके तन , श्री राम नाम... Hindi · गीत 1 189 Share Satish Sharma 17 Feb 2022 · 1 min read जगत में जगत में जी रहा ऐंसे । सदा रहना यहां जैंसे ।। दो पल की जिंदगानी है। खतम होगी कहानी है ।। समय का खेल है जग में । मिलें कंटक... Hindi · कविता 254 Share Satish Sharma 16 Feb 2022 · 1 min read क्या से क्या क्या से क्या हो गए हम। कल कहाँ से चले थे अब कहाँ खो गए हम।। फूलों से वो बने घर । खुशबुओं के वो मंजर ।। माँ के चूल्हे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 200 Share Satish Sharma 14 Feb 2022 · 1 min read बसंत ★ बसंत ★ चारों ओर फूल खिले, रंग से सुगंध मिले । धीमी धीमी हवा चले, आया ये बसंत है ।। आम बौर भा रही है, कोयलिया गा रही है... Hindi · कविता 203 Share Satish Sharma 5 Feb 2022 · 1 min read शारदे माँ शारदे ! माँ, है नमन । चरणों मे तेरे है नमन ।। वाणी से तेरी वंदना मैं कर संकू । अधर पर आराधना स्वर धर सकूं ।। गा मधुर गीतों... Hindi · गीत 1 478 Share Satish Sharma 2 Feb 2022 · 1 min read गुमराह कर रहा गुमराह खुद सरदार अब । कैंसे मंजिल पाएं , बरखुरदार अब ।। तोड़कर तटबंध सारे बह रही । इस नदी में है कहाँ मझधार अब ।। अपने अपने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 211 Share Satish Sharma 7 Jan 2022 · 1 min read मन की मन में ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ मन की मन में रह गई मेरे मन की बात । अवसर रही तलाशती, मैं तो सारी रात ।। सुने कौन पीड़ा मेरी , सब बेबस लाचार । किसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 339 Share Satish Sharma 28 Dec 2021 · 1 min read जो चले ... जो चले रहें बदलकर मंजिलों को ढूंढते । उनको मंजिल न मिले अनुभव मिलेगा ।। किस तरह कोमल कुसुम पथ को सजाते और फिर उन पर मृदुल कलियां बिछाते दूसरों... Hindi · कविता 178 Share Satish Sharma 22 Dec 2021 · 1 min read एक प्रेम कहानी एक प्रेम कहानी... कभी अधूरी नहीं हो सकती यह बात अलग है कि विपरीत परिस्थितियों के चलते कोई एक हृदय किसी कोने में उसे छुपाए रखता है ! घने बीहड़... Hindi · कविता 1 1 346 Share Satish Sharma 19 Dec 2021 · 1 min read आवाज रहट की खट खट की आवाज रहट की । अंतर्मन की यह पीड़ा का गीत लिए जो गाती जाती । और समय का पहिया चलता भर भर घिरियाँ पानी लाती ।। पुरवैया... Hindi · कविता 294 Share Satish Sharma 15 Dec 2021 · 1 min read ऑंसू दिल का दर्द कहाँ से बहता कौन करुण पीड़ा को कहता टूटे मन से विपदाओं को आखिर कोई कैंसे सहता सजल नयन नीरस होते तब सूखी आंखों से क्या रोते... Hindi · कविता 2 2 238 Share Satish Sharma 29 Nov 2021 · 1 min read कहाँ बुरा कहाँ बुरा है जग इतना सुंदर तो है । भले दिखे न बाहर पर अंदर तो है ।। यह कबाड़ इसमें भी कविता सोई है । यह सरिता निर्बाध स्वमन... Hindi · कविता 1 467 Share Satish Sharma 25 Nov 2021 · 1 min read भोर का रूप उदित सूर्य की स्वर्णिम किरणें दीप्ति मान हैं । और गुनगुनी धूप सुशोभित आसमान हैं ।। भोर हुई बीती रजनी सब तारे डूबे । सप्त रंग के सुमन लिए सुंदर... Hindi · कविता 399 Share Satish Sharma 17 Nov 2021 · 1 min read अपनों के मेले अपनों के मेलों की भीड़ में अकेले हैं । शिखरों तक जाने में दर्द कई झेले हैं ।। टूटे हुए ख्वाबों के टुकड़ों को जोड़ा है । पत्थर के पंथों... Hindi · गीत 167 Share Satish Sharma 16 Nov 2021 · 1 min read निर्झर लघु निर्झर का मृदु जल शीतल बहता जाता कल- कल अविरल ऊँचे - नीचे प्रस्तर पथ को स्निग्ध नीर से सिंचित करता जीवन के संघर्षों से नित तप्त प्राण की... Hindi · कविता 347 Share Satish Sharma 24 Oct 2021 · 1 min read सिसकियों में रात कटती सिसकियों में रात कटती आँख में आँसू पले हैं । सुबह होते ही बसेरा छोड़कर फिर से चले हैं ।। अब कहाँ आगे रुकेंगे रात यह, अज्ञात है । बिना... Hindi · कविता 1 1 161 Share Satish Sharma 22 Aug 2021 · 1 min read राखी नहीं महज राखी , दो धागों का त्योहार है । यह तो भैया बहिना के अरमानों का संसार है ।। धन दौलत से कभी न मोल सकोगे । बहन के... Hindi · कविता 1 420 Share Satish Sharma 19 Aug 2021 · 1 min read रिश्ते सारी उम्र गुजारी जिनने , संघर्षों के गलियारों में । वही स्वर्ण कण खोज सके हैं , सरिताओं की मझधारों में ।। जब तन से श्रम बिंदु गिरेंगे , तब... Hindi · कविता 202 Share Satish Sharma 8 Aug 2021 · 1 min read फायदा क्या है गली में बैठकर रोने से फायदा क्या है । मंजिल है दूर तो सोने से फायदा क्या है ।। है कौन शख्स जमाने में जो दागदार न हो । अपने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 403 Share Satish Sharma 25 Jul 2021 · 1 min read जय गणेश जय गणेश कलि कष्ट निकंदन। दीन दुखी जन के उर चंदन ।। चार भुजा शोभित अति सुंदर। शिव गौरी बिहरित मन मंदिर ।। वक्र तुंड लम्बोदर देवा । सकल जगत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 452 Share Satish Sharma 11 Jul 2021 · 1 min read आस.. बादलों की उमस से आदमी बेचैन होता है। न दिन में काम कर पाता न सुख से ,रात सोता है ।। कभी बादल हवाओं को क्रोध से कोस लेता है... Hindi · मुक्तक 224 Share Satish Sharma 15 Jun 2021 · 1 min read कब तलक दर्दे गम को साथ लेकर कब तलक चलते रहोगे । अंतर्मन की वेदना में कब तलक जलते रहोगे ।। माना कि जो कुछ हुआ वह बुरा था,होना नहीं था ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 330 Share Satish Sharma 7 Jun 2021 · 1 min read हाइकू( (जापानी विधा) 1 शरद रात गहन अंधकार मधुर बात 2 बहती नदी छल छलाती पीड़ा सहती नदी 3 भोर की वेला जंगल की तरफ़ जाते आदमी 4 चलती टी वी चीखते है... Hindi · हाइकु 1 420 Share Satish Sharma 4 Jun 2021 · 1 min read जिसका जाना तय होता है जिसका जाना तय होता है रुकता नहीं चला जाता है । मृत्यु के हाथों जीवन को सौ -सौ बार छला जाता है ।। कौन रहा है यहाँ हमेशा सबको तो... Hindi · गीत 266 Share Satish Sharma 9 May 2021 · 1 min read माँ माँ मां की ममता सागर जैंसी गहरी अथाह । आकाश से भी ऊंची विशाल आत्मीय चाह ।। जिसके हृदय में करुणा की है घनी पीर। जिसकी आंखों में प्रेमरूप है... Hindi · कविता 1 2 288 Share Satish Sharma 16 Apr 2021 · 1 min read जय दुर्गे जय दुर्गे दुर्निवार कर , दे अभय हमें । जगत सिंधु ,के ग्राहों पर , दे विजय हमें ।। कलिकाल कुठार लिए जग में प्रतिपल विचरित । हैं व्यथित भक्त... Hindi · गीत 312 Share Satish Sharma 13 Apr 2021 · 1 min read नव वर्ष भरा हर्ष सरस् उत्कर्ष उल्लासित नवल वर्ष ।।1।। मन में उमंग झंकृत तरंग सारंगी स्वर नादित मृदंग ।।2।। प्रिय कल रव प्रमुदित भव उमगित हिय नव पल्लव ।।3।। खिले सुमन... Hindi · गीत 227 Share Satish Sharma 4 Apr 2021 · 1 min read अंतः पीड़ा तिल तिल करके ढले रात भर, वो जंगल से जले रात भर । जिनके घर कंगाली पसरी उन्हें दीवाली कैसी होली छीन ले गया क्रूर काल भी जिनके आनंदों की... Hindi · कविता 1 437 Share Satish Sharma 28 Mar 2021 · 1 min read होली होली के रंग में अपनों के संग में जीवन जियो तो मोद की उमंग में जो तुम्हारे पास लेकर आये आस अपनेपन का उसे हो जाये अहसास भूखे को रोटी... Hindi · कविता 3 2 264 Share Satish Sharma 27 Mar 2021 · 1 min read वो दीपक से जले रात भर तिल तिल करके ढले रात भर, वो दीपक से जले रात भर । जिनके घर कंगाली पसरी उन्हें दीवाली कैसी होली छीन ले गया क्रूर काल भी जिनके आनंदों की... Hindi · कविता 1 1 479 Share Satish Sharma 25 Mar 2021 · 1 min read जिंदगी जिंदगी नूतन सृजन का नाम है हौंसलों का बस यही पैगाम है चलते हैं मीलों उठाये भार जो उनको पल भर भी कहाँ आराम है जीते हैं जीवन फकीरों की... Hindi · कविता 2 264 Share Satish Sharma 10 Mar 2021 · 1 min read मनुज धर्म मंदिर मस्जिद गुरुद्वारों में जाकर टेका मत्था । तीर्थ यात्रा करने जाते बड़े बनाकर जत्था ।। पर हृदय में दया न देखी निज स्वार्थ में लागे । परहित से मुँह... Hindi · कविता 1 3 406 Share Satish Sharma 2 Mar 2021 · 1 min read माँ, पीताम्बरा त्रिलोक में अभय प्रदायनी ! दे दे भगति ,अनपायनी !! पीताम्बरा ! जगदीश्वरी !! बल्गामुखी ! मातेश्वरी !! साक्षात कृपा प्रदायनी ! दे दे भगति ,अनपायनी !! कलि मल ग्रसित... Hindi · गीत 1 2 491 Share Satish Sharma 23 Feb 2021 · 1 min read झूला झूलें... झूला झूलें बृज में , कुँअर कन्हाई । मात यशोदा मंगल गावत , लाल लिए उर लाई ।। छवि राजत अनमोल अनोखी , अतुलनीय जग माहीं। ब्रह्मा विष्णु शिव अरु... Hindi · गीत 201 Share Satish Sharma 22 Feb 2021 · 1 min read सपनो में भटके ये लोग दिन में परछाईं से डरते , सपनों में भटके ये लोग । ऊपर न नीचे जा पाते , बीच में ही लटके ये लोग ।। गुब्बारों सी हवा भरी है... Hindi · कविता 2 211 Share Satish Sharma 15 Feb 2021 · 1 min read धूप आ गई है धूप आँगन में सुनहरी और फुदकने लगी है गौरैया भू पर सुबह की प्रिय गुनगुनी इस धूप में पंख फैलाये खड़ा है मोर ऊपर हरे तोते जा... Hindi · कविता 3 3 292 Share Satish Sharma 14 Feb 2021 · 1 min read कविता जिसने जैसी समझी कविता । उतनी उसके अतन्स पहुंची ।। साहित्य सरोवर नीर लिए । जा गहरे मन मानस पहुंची ।। कवि का है प्रतिबिंब जगत । कल्पना सृजन हित... Hindi · कविता 2 3 267 Share Satish Sharma 13 Feb 2021 · 1 min read चलकर जो.. चलकर जो थक गए तो आराम है जरूरी । यह भी तो जिंदगी का एक काम है जरूरी ।। कोल्हू के बैल जैसे चलने में फायदा क्या । कदमों के... Hindi · कविता 4 7 368 Share Satish Sharma 11 Feb 2021 · 1 min read बसंत का आगमन शुभागमन है यह बसंत का वसुधा के यौवन अनंत का सुंदर पुष्प खिल उठे तरुवर आनंदित उल्लास भरे मन पवन बसंती बही सुगंधित हुए मुदित वन पर्वत उपवन निरख ज्योत्स्ना... Hindi · कविता 2 3 360 Share Satish Sharma 11 Feb 2021 · 1 min read आईना आईना न झूठ न सच बोलता है । वो दिखाता है जो सामने डोलता है ।। परिंदा ऊँचाई का अंदाज लगा लेता है । उसके बाद उड़ने को पर खोलता... Hindi · कविता 2 3 606 Share Satish Sharma 9 Feb 2021 · 1 min read तुम कर सकते हो तुम कर सकते हो जिन्हें पूर्ण , वो स्वप्न अधूरे रहे अगर । फूलों से जिसे सजा सकते हो , कंटकमय वो रही डगर ।। इस निष्क्रियता के लिए प्रश्न... Hindi · कविता 1 4 283 Share Satish Sharma 5 Feb 2021 · 1 min read हो गए जो हो गए जो पत्थर के गम सहते - सहते । मौन हो गए निज गाथा कहते कहते ।। उनकी पीड़ा की गहराई जाने कौन , जिनके ऑंसू सूख गए बहते... Hindi · कविता 3 2 282 Share Satish Sharma 2 Feb 2021 · 1 min read बिल्ली बिल्ली तुम न हमें पकड़ना अपनी दम पर मत अकड़ना अब न सहेंगे तुम्हारी घुड़की हम चूहों से नहीं झगड़ना तुमसे लम्बी पूंछ हमारी ज्यादा नुकीले दांत हमारे बिल में... Hindi · कविता · बाल कविता 2 3 352 Share Satish Sharma 31 Jan 2021 · 1 min read संध्या शीत की संध्या सुनहरी धूप से , दे रही आभास कोमल स्नेह का । शनैःशनैः लेती विदा मद्धिम हुई , सकुचती सी पथ लिए निज गेह का । स्वच्छ निर्मल... Hindi · कविता 1 1 236 Share Satish Sharma 27 Jan 2021 · 1 min read गुबरीले इन्हें बिठाओं मत गुलाब पर भंवरों के संग , लगते भँवरे जैंसे ,पर जहरीले हैं ।। इनके चटक रंग से भ्रमित मत हो जाना , ये गोबर में रहने वाले... Hindi · कविता 1 288 Share Page 1 Next