Amber Srivastava 135 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Amber Srivastava 17 Dec 2020 · 1 min read कुदरत। जाने कैसे मुकाम पे आकर, ये दुनिया गई ठहर है, पिंजड़े में जानवरों को रखता था इंसान, आज कैद घर में हर पहर है, जाने कैसी शाम है ये, और... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 31 74 2k Share Amber Srivastava 1 Feb 2021 · 1 min read प्रेम-एक कल्पना। यूं ही मेरे ख़्यालों में तुम, बिन कहे चली आती हो, इतना तो बताओ ऐ काल्पनिक साथी, तुम क्या मेरी कहलाती हो, तुम शामिल मेरे ख़्यालों मे हो, एक सौगात... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 21 71 1k Share Amber Srivastava 20 Jul 2020 · 1 min read जो छूट गए सो छूट गए। कहां ढूंढे और कैसे मनाए उन्हें, कुछ बिछड़ गए कुछ रूठ गए , ज़िंदगी नाम है आगे बढ़ने का, जो छूट गए सो छूट गए, जो हिस्सा थे रोज़ की... Hindi · कविता 11 10 414 Share Amber Srivastava 16 Aug 2020 · 1 min read जो भी हो। ज़िंदगी का ज़िंदगी पे, असर चाहे जो भी हो, अंत में इंसान अकेला ही है, फिर हमसफर चाहे जो भी हो, ख़ुद ही पहुंचता हर मुकाम पे, फिर रहगुज़र चाहे... Hindi · कविता 10 4 474 Share Amber Srivastava 20 Jun 2020 · 1 min read आपकी सुबह। सुबह हो आपकी ऐसी जिसमें, हर पल खुशियों का तरन्नुम हो, दिन बन जाए ख़ूबसूरत इतना, कि ताउम्र जिसका तसव्व़ुर हो, हर एक पल आपके दिन का, बन जाए ख़ुशियों... Hindi · कविता 9 4 526 Share Amber Srivastava 3 Jul 2020 · 1 min read अंबर। काश दूर कहीं ये अंबर भी, नीले अंबर में खो जाए, धरती पे मौजूद ये अंबर भी, नीले अंबर सा हो जाए, निश्चित है इस अंबर का भी, एक न... Hindi · कविता 9 6 404 Share Amber Srivastava 13 Jul 2020 · 1 min read समझिए जनाब। बाअदब हर बात कहते हैं माना, सबसे बाइज़्ज़त मिलते हैं आप, ख़ुद को भी इज्ज़त बक्शिए ज़रा, कि अहमियत अपनी भी समझिए जनाब, कभी-कभी ख़ामोशी के भी, समझने चाहिए इशारे... Hindi · मुक्तक 9 8 440 Share Amber Srivastava 29 Jul 2020 · 1 min read चल आ ज़िंदगी। चल आज हम फिर से ख़ुद को, एक दूजे के रू-ब-रू करते हैं, तू भी क्या याद रखेगी ज़िंदगी, कि तुझे फिर से शुरू करते हैं, किन्हीं कारणों से जो... Hindi · कविता 9 10 392 Share Amber Srivastava 17 Aug 2020 · 1 min read शुरूआत। बीत गए हैं दिन कितने, और बीत गई है कितनी रात, मैं था चुप तो बातों की, आप ही कर लेते शुरूआत, एक पहल से ही जुड़ जाते हैं सिरे,... Hindi · कविता 9 8 431 Share Amber Srivastava 1 Jul 2020 · 1 min read चलते-चलते। जीवन-पथ पे चलते-चलते, यूं ही मिला कुछ लोगों का साथ, हर सुबह उन्हें संदेश मैं देता, तभी होती थी दिन की शुरुआत, क्या ख़ूब था वो शब्दों का सिलसिला, जो... Hindi · कविता 8 4 514 Share Amber Srivastava 4 Jul 2020 · 1 min read एक प्यारी सी गुड़िया। सुबह-सवेरे अक्सर मुझको, एक प्यारी सी गुड़िया नज़र आती है, ढेरों आशीष मैं देता उसको, जब-जब वो मुस्काती है, अपनी मस्ती में चहलकदमी करती, रोज़ स्कूल वो जाती है, बच्चे... Hindi · कविता 8 6 374 Share Amber Srivastava 6 Jul 2020 · 1 min read जीवन। कभी पल ख़ुशियों के मीठे-मीठे, कभी ज़हर का कड़वा घूंट दिया, कोई शिकायत तुझसे नहीं, ऐ जीवन तूने सब कुछ ही दिया, उम्मीदों की शमा कभी रौशन रही, कभी बुझता... Hindi · कविता 8 6 585 Share Amber Srivastava 9 Jul 2020 · 1 min read दिखावा। जीवन रुपी सर्कस में, हर इंसान एक मसखरा है, कोई है हर पल उदास यहां, तो किसी का जीवन मस्ती भरा है, सभी हैं बनते ज्ञानी यहां पे, हर कोई... Hindi · कविता 8 6 395 Share Amber Srivastava 17 Jul 2020 · 1 min read एक पराई। अपनेपन से पास वो आती, कांधे पे मेरे सिर को झुकाती, आँखों में उसकी दिखी सच्चाई, जब-जब मेरे पास वो आई, कैसा अनोखा रिश्ता उससे, अपनी लगती है एक पराई,... Hindi · कविता 8 4 539 Share Amber Srivastava 22 Jul 2020 · 1 min read मुलाकात ख़ुद के साथ। आप ही सोच के देखिए हुज़ूर, क्या ये भी कोई बात हुई, मिलते रहे हैं सभी से अब तक, पर ख़ुद से ना मुलाकात हुई, जाने कितने दिन बीते, जाने... Hindi · कविता 8 8 404 Share Amber Srivastava 30 Jul 2020 · 1 min read शुक्रिया। बीते हुए उन दिनों को आज, याद मैंने कुछ यूं किया, आता था जवाब कुछ लोगों का, और मैं कहता था "जी शुक्रिया", हो सकता है दिल ना मिले हो... Hindi · कविता 8 8 494 Share Amber Srivastava 15 Aug 2020 · 1 min read सुखांत। अच्छी बुरी हर याद को आज, चलिए तहस-नहस करते हैं, थोड़ी सी दूरी हर रिश्ते से करके, नज़रअंदाज़ हर बहस करते हैं, ना आएं अब यादों में किसी की, और... Hindi · कविता 8 11 441 Share Amber Srivastava 21 Aug 2020 · 1 min read आज में सिमटी हैं ख़ुशियाँ। यादों के जुगनूओं सा चमकता हुआ, गुज़रा हुआ हर पल होगा, आज में सिमटी हैं ख़ुशियाँ तमाम, फिर मेरे बिना एक कल होगा, अनबन कहिए या मन-मुटाव, हर तनाव का... Hindi · कविता 8 8 440 Share Amber Srivastava 10 Jun 2020 · 1 min read उंगली। आठ उंगलियां हाथों में, किसी एक का कीजिये इस्तेमाल, उंगली करने की कला सीखिए, फिर देखिए इसका कमाल, सबके मामलों में उंगली कीजिये, ऊटपटांग पूछिए सवाल, दिखने में उंगली छोटी... Hindi · कविता 7 10 332 Share Amber Srivastava 11 Jul 2020 · 1 min read रंगीन तबियत। उम्र हो गई पैंतीस के पार, बस बड़प्पन आना बाकी है, समझदारी तो फिर भी आ गई, बस लड़कपन जाना बाकी है, रंग बदलती ये ज़िंदगी यहां, कभी खुशहाल तो... Hindi · कविता 7 4 514 Share Amber Srivastava 15 Jul 2020 · 1 min read आस-पास। इंसानों का अस्तित्व तो एक दिन ख़त्म हो जाता है, लेकिन किसी से जुड़ी अच्छी भावनाऐं, हमेशा रह जाती हैं, यहीं-कहीं,आस-पास, कभी न ख़त्म होने के लिए। इसीलिए कहते हैं... Hindi · लेख 7 10 377 Share Amber Srivastava 18 Jul 2020 · 1 min read नई सुबह घर आती है। सूरज की पहली किरण, हर सुबह घर आती है, जीवन है नाम आशाओं का, हर पल यही सिखाती है, कभी-कभी ये सुबह ना भाऐ, कभी यही सुहाती है, नई उमंग... Hindi · कविता 7 4 450 Share Amber Srivastava 19 Jul 2020 · 2 min read मुरादाबाद और लाॅकडाउन। कुछ ही महीने हुए थे कि मेरा छोटा भाई देहरादून से मुरादाबाद आ गया और अपनी पत्नी और बेटी के साथ मानसरोवर कॉलोनी में रहने लगा,मैं सिर्फ एक दिन के... Hindi · लेख 7 4 615 Share Amber Srivastava 28 Jul 2020 · 1 min read अब मोह बढ़ने लगा है। कुछ रिश्तों के साथ ये मन, कुछ ज़्यादा ही जुड़ने लगा है, थोड़ा संभल जा ऐ दिल, कि अब मोह बढ़ने लगा है, लगाव-जुड़ाव का ये बंधन, अब सिर पे... Hindi · कविता 7 10 338 Share Amber Srivastava 31 Jul 2020 · 1 min read आत्मविश्वास। माना कि वक्त बलवान है, पर इंसान तू भी तो आम नहीं, वक्त भी ये माने एक दिन, कि परेशानियों से तू परेशान नहीं, वक्त चाहे जितना डराए तुझे, एक... Hindi · कविता 7 8 521 Share Amber Srivastava 1 Aug 2020 · 1 min read रंग-ए-दुनिया। ज़िंदा नज़र आती ये दुनिया सारी, एक मुर्दों की बस्ती है, क्यों उलझता तू बातों में उनकी, बातें ही जिनकी सस्ती है, ना कर भरोसा दुनिया का, वक्त के साथ... Hindi · कविता 7 8 407 Share Amber Srivastava 2 Aug 2020 · 1 min read अलगाव-मजबूरी से दूरी बेहतर। अलगाव, इस शब्द का मतलब ये बिल्कुल नहीं की आप लोगों से मुंह मोड़ लें या विमुख हो जाएं, इसका मतलब ये है कि आपकी तरफ से आप दूसरों को... Hindi · लेख 7 8 580 Share Amber Srivastava 19 Aug 2020 · 1 min read हो सके तो। दिल खोलकर कीजियेगा आलोचना मेरी, बेशक चाहे मुझको कोस लीजियेगा, पर ऐसा भी क्या किया है मैंने, हो सके तो एक बार ये भी सोच लीजियेगा, वक्त ख़ुद ही एक... Hindi · मुक्तक 7 8 457 Share Amber Srivastava 22 Aug 2020 · 1 min read कुछ जज़्बात। कुछ जज़्बात ऐसे भी हैं जो, लफ्ज़ों में किसी को दिखा नहीं सकते, ऐसा कुछ भी किसी से कहिए मत, जिसे आप निभा नहीं सकते, आपका साथ मुझसे, कुछ ऐसे... Hindi · शेर 7 6 452 Share Amber Srivastava 30 May 2020 · 1 min read एक धागा मित्रता का। जिस जगह से नहीं लगाव कोई, उस जगह की ओर मैं मुड़ने लगा, बस यूं ही अचानक मैं मिला था तुझसे, फिर तुझसे मैं जुड़ने लगा, बातों के साथ मुलाकातें... Hindi · कविता 6 2 425 Share Amber Srivastava 11 Jun 2020 · 2 min read कहानी एक कविता की। 26 अप्रैल 2017, इस शाम को कुछ ऐसा घटित हुआ जिसका कहीं न कहीं मुझे कब से इंतज़ार था, बाइज़्ज़त एक महिला के लिए कविता के रूप में अपनी कुछ... Hindi · कहानी 6 1 367 Share Amber Srivastava 17 Jun 2020 · 1 min read दिल ही दिल में। ऐ दोस्त ये एहसास-ए-मोहब्बत भी, एक दिलकश हसीन नज़राना है, दिल में रौशन ख़्यालों पर, दिल ही दिल में इतराना है, अनकहे अल्फ़ाज़ का मज़ा है अलग, कि नहीं कुछ... Hindi · शेर 6 4 401 Share Amber Srivastava 18 Jun 2020 · 1 min read अजीब एहसास । हैं जो बिल्कुल अंजाने से, फिर भी लगते पहचाने से, कुछ जाने-पहचाने बरसों के, पर हैं बिल्कुल अंजाने से, बिना कहे भी कभी-कभी, बहुत से एहसास हो जाते हैं, कारवाँ-ए-ज़िंदगी... Hindi · शेर 6 12 284 Share Amber Srivastava 25 Jun 2020 · 1 min read ये कैसा ईश्वर? ये कैसा ईश्वर है जो अपनी ही, सुनना चाहे जयकार, सुने बिना ये प्रशंसा अपनी, कर न सके किसी का उद्धार, एक पल में चला आया था जो, सुन के... Hindi · कविता 6 9 352 Share Amber Srivastava 5 Jul 2020 · 1 min read कभी कहीं। कई बार सुना आज माना है, जीवन एक बहती धारा है, कभी कहीं है बेबस बहुत, तो कहीं मौजूद कोई सहारा है, कहीं सुना कि काबिल है, कहीं सुना कि... Hindi · कविता 6 4 518 Share Amber Srivastava 16 Jul 2020 · 1 min read बदल गया हूं मैं भी थोड़ा। बदल गया हूं मैं भी थोड़ा, जबसे बदला ये ज़माना है, विश्वास कीजिए फिर भी मेरा, कि अंदाज़ वही पुराना है, ना ही कहीं कोई शिकवा किसी से, ना किसी... Hindi · कविता 6 4 1k Share Amber Srivastava 4 Aug 2020 · 1 min read एकतरफा संवाद। एकतरफा चलते संवादों में, मैं कब तक कुछ कह पाऊंगा, आप हाथ तो बढ़ा कर देखिए जनाब, मैं हमेशा साथ निभाऊंगा, ना होगा मुझसे अनादर कभी, ना कभी मैं दिल... Hindi · कविता 6 6 639 Share Amber Srivastava 8 Aug 2020 · 1 min read मायूसी से मुस्कान तक-सन् 2013 एक दिन था बहुत मायूसी भरा, आज फिर बजता एक साज़ है, ठुकराने चला था उस जीवन को मैं, जिस जीवन पे मुझको नाज़ है, उदास वो दिन बना गुज़रा... Hindi · कविता 6 4 506 Share Amber Srivastava 20 Aug 2020 · 1 min read कौन सा मैं चुप रह गया? जिसको जब जो ठीक लगा, वो कह गया जो कह सका, दूध का धुला तो मैं भी नहीं, कि कहां मैं सब कुछ सह सका, भावनाओं में या आवेश में... Hindi · कविता 6 2 462 Share Amber Srivastava 29 Nov 2020 · 1 min read जीवन-आनंद। कभी थोड़ा सा तीखा है, तो कभी है कलाकंद, कुछ तो बात है जीवन में, कि हर पल है आनंद, कौन जाने कब थमें ये सांसे, धड़कन हो जाए बंद,... Hindi · कविता 6 6 484 Share Amber Srivastava 14 May 2020 · 1 min read चुप। बीत गया अब तो काफी वक़्त, कि अब आप भी चुप, और मैं भी चुप, दे चुका हूं सारी दुआएं मैं शायद, कि अब कलम भी चुप, और शब्द भी... Hindi · कविता 5 1 368 Share Amber Srivastava 3 Jun 2020 · 1 min read डोर। ना सुनाई देती है आहट कोई, ना होता है कोई शोर, कभी-कभी इस जीवन में यूँ ही, बंध जाती हैं कुछ डोर, बेनाम रिश्तों का दुनिया में, होता है अलग... Hindi · कविता 5 6 315 Share Amber Srivastava 7 Jun 2020 · 1 min read ज़िंदगी अभी बाकी है। नयी उम्मीद के रूप में, नयी सुबह फिर जागी है , आखों का खुलना इशारा है, कि ज़िंदगी अभी बाकी है, पूरे करने हैं जो , कई अरमान अभी बाकी... Hindi · कविता 5 2 446 Share Amber Srivastava 8 Jun 2020 · 1 min read सादगी। दूं तुम्हें मैं नाम कोई, या कहूँ सुन्दरता की मूरत, कशमश में है दिल, कि देखूं तुम्हारी सादगी, या देखू तुम्हारी सुरत, न तुम्हारे जैसी सादगी कहीं, न तुम्हारे जैसा... Hindi · कविता 5 8 381 Share Amber Srivastava 13 Jun 2020 · 1 min read सुबह का संदेश। सुबह का एक संदेश ही, अपने आप में सौगात है, नहीं तो आजकल कहां किसी से, हो पाती कोई बात है, दिल से आभारी हूं मैं उनका, जो मुझे भी... Hindi · कविता 5 4 401 Share Amber Srivastava 15 Jun 2020 · 1 min read ओझल। कलम उठती नहीं कुछ लिखने को, आज लिखने का फिर भी करता दिल, जीवन में थे कुछ लोग भी ऐसे, दिल कहता उनसे जाके मिल, कुछ तो अभी भी साथ... Hindi · कविता 5 7 459 Share Amber Srivastava 19 Jun 2020 · 1 min read जवानों तुम्हें सलाम। गर्व है मुझको आप पर, ऐ मेरे देश के जवान, हंसते हंसते देते हैं, आप देश के ऊपर जान, इस देश की धरती धन्य है, जिसपे जन्मे हैं ऐसे जवान,... Hindi · कविता 5 2 274 Share Amber Srivastava 21 Jun 2020 · 1 min read चाय और आपका ख़्याल। सुहानी हसीन सुबह के साथ, एक मीठी चाय की चुस्की हो, मेरे दिल में ख़्याल हो आपका, और होठों पे मुस्की हो, आइए ख़्यालों में बैठ के, बातें दो-चार की... Hindi · कविता 5 4 529 Share Amber Srivastava 22 Jun 2020 · 1 min read अनकहे जज़्बात। तू कितनी मेरी मैं कितना तेरा, बस यही बताना रह गया, नाराज़गी-बेरूखी़ तो अक्सर ही दिखी, बस हक जताना रह गया, ऐसे कई ख़्याल थे जिनको, लफ्ज़ों से सजाना रह... Hindi · कविता 5 7 462 Share Amber Srivastava 23 Jun 2020 · 1 min read वो लेखक भी क्या लेखक? ना तो कोई बड़ा लेखक हूं, ना हूं मैं कोई महात्मा ज्ञानी, फिर भी देख कर थोड़ी सी दुनिया, चार बातें मैंने भी जानी, वो लेखक भी क्या लेखक है,... Hindi · कविता 5 10 323 Share Page 1 Next