Ambarish Srivastava 133 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read ‘सामने होगा सागर’ ...: छंद कुंडलिया. सागर खोजा ज्ञान का, किन्तु मिली दो बूँद. उन बूंदों में शिव-शिवा, बैठे आँखें मूँद. बैठे आँखें मूँद, साधकर साधक मन को. बाँटें ज्ञान सहेज, भूलकर भौतिक तन को. सबकी... Hindi · कुण्डलिया 334 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read समझ सकें यदि मर्म...: छंद कुण्डलिया दुविधा में चन्दा बहुत, कैसे कह दे मर्म. रहे प्रकाशित सूर्य से, सत्य सनातन धर्म. सत्य सनातन धर्म, उसी से सब हैं जन्में. हाय! बँट गए पंथ, द्वेष उपजा क्यों... Hindi · कुण्डलिया 299 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read बंधु जानिये मर्म...दोहे अतिशय धन की लालसा, बनी कोढ़ में खाज. भौतिकता में बह रहा, 'हिन्दू' राज समाज.. धर्ममार्ग या पंथ की. पल में हो पहचान. धर्म उसे ही जानिये, जिसमें हो विज्ञान..... Hindi · दोहा 657 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read झूठ की अम्मा रो दी...:हास्य कुण्डलिया : मोदी, राउल भूख में, भटके रेगिस्तान. मस्जिद देखी सामने. संकट में थी जान. संकट में थी जान, तंग हो राउल बोलें, मैं हमीद औ तुम शफीक, बन मस्जिद हो लें.... Hindi · कुण्डलिया 231 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read शहीदों के लहू का वो ...: गीत कारगिल के शहीद कैप्टेन मनोज कुमार पाण्डेय को समर्पित... (जन्म : 25 जून 1975, सीतापुर, उत्तर प्रदेश -- वीरगति: 3 जुलाई 1999, कश्मीर) शहीदों के लहू का वो फुहारा याद... Hindi · गीत 1k Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read भाभी बोलीं बाय-बाय...: हास्य घनाक्षरी रोज रोज आते जाते, भाभीजी को छेड़ें भैया, बाय-बाय चार बच्चों, वाली अम्मा गोरी हो . भैया रोज लेते मौज, भाभी होतीं परेशान. अच्छी नहीं खींचतान, ना ही जोराजोरी हो... Hindi · कविता 631 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read मित्र के प्रति : मुक्तक कवि मित्र डॉ० मनोज दीक्षित के प्रति.... प्यारे भ्राता पिंगल ज्ञाता कोमल कविता साधक हो. उड़ते मुक्त जहाँ चंचल मन उन राहों में बाधक हो. मित्र नमन उस पावनता को... Hindi · मुक्तक 487 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read 'मेघ बरसें बने तन ये चन्दन' : नवगीत राह तकती धरा आस में मन मेघ बरसें बने तन ये चन्दन आ चुका है असाढ़ी महीना चिपचिपी देह बहता पसीना हर कोई है उमस में ही व्याकुल चैन मिलता... Hindi · गीत 412 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read 'सैनिक मत बलिदान करें!'...: मुक्तक महारथी हैं सत्ता के जो जागें, सुधरें, ध्यान धरें. सबसे ऊपर देश हमारा, इसका ही गुणगान करें, आतंकी यदि कैम्प चल रहे, नष्ट करें इनको जाकर, राजनीति की बलिवेदी पर... Hindi · मुक्तक 235 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read पति ने पटका देखकर....:हास्य 'कुण्डलिया' पत्नी घूमे यार सँग, करे प्रेम व्यवहार. पति ने पटका देखकर, प्रेमी को दो बार. प्रेमी को दो बार पटक, शाबासी पायी. मार, घुमाता परनारी को, वह चिल्लाई, चढ़ा प्रेम... Hindi · कुण्डलिया 579 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read छमिया, मुखड़ा तो दिखा...:हास्य-कुण्डलिया कपड़ा मुँह पर था बँधा. दोपहिया पर नार. छमिया, मुखड़ा तो दिखा, खोल दुपट्टा यार. खोल दुपट्टा यार, आदमी खुलकर बोला. तब विचलित कचनार, सहम मुखमंडल खोला, मुँह बच्ची का... Hindi · कुण्डलिया 350 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read यहीं यमलोक दिखा दे....हास्य-कुण्डलिया सोती पत्नी के निकट, बैठी नागिन झूम. बोला पति डस ले वहीं, मत क़दमों को चूम. मत क़दमों को चूम, विष भरे दांत चुभा दे, बहुत कर चुकी तंग, यहीं... Hindi · कुण्डलिया 204 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read सॅंभले मानव जाति...कुण्डलिया ईश्वर से प्रतिभा मिले, सत्संगति से ख्याति. अहंकार उपजे स्वयं, सॅंभले मानव जाति.. सॅंभले मानव जाति, सत्य जीवन का जाने. हो विनम्र दे स्नेह, शत्रु इसको ही माने. अम्बरीष हों... Hindi · कुण्डलिया 231 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read पर पंक्षी के पंख नोचता...:मुक्तक जेठ मास में भीषण गर्मी लू घातक बीमारी है. सूखे ताल-तलैया बोरिंग जलसंकट अब भारी है. खाली खेत बाग़-वन गायब नदियाँ नाला बनीं हुई, पर पंक्षी के पंख नोचता ए०... Hindi · मुक्तक 593 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read स्नेह और नीर …..:मुक्तक स्नेह से नीर मित्र भारी है किन्तु इनकी सदा से यारी है स्नेहवश नीर उपजे आँखों में जिसमें डूबी जमीन सारी है आज समवेत स्वर में गायें हम गीत में... Hindi · मुक्तक 430 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read आपा खोया रँगरूटों नें ...मुक्तक बरस रहा बारूद, बाग़ में, बचे, छुपे, संज्ञान लिया, अधिकारी की देख शहादत, गरजे सीना तान दिया. नहीं सुना आदेश तभी थी, दाल सियासी नहीं गली, आपा खोया रँगरूटों नें... Hindi · मुक्तक 186 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read छटपटाता कसमसाता ....:मुक्तक मथुरा के जवाहरबाग़ काण्ड में शहीद जवानों के प्रति श्रद्धांजलि... माफिया का राज अब तो असलहों से शान है. छटपटाता कसमसाता जेब में ईमान है. जिनके बेटे हैं कफ़न में... Hindi · मुक्तक 220 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read असहिष्णुता किधर है...:मुक्तक त्यौहार में मजा ले, कुछ ख़ास काट डाला, बक़रे का नाम देकर, फ्रिज घर का पाट डाला, हाकिम की जांच में जब, गोमांस वो ही निकला, असहिष्णुता किधर है? अखबार... Hindi · मुक्तक 180 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read जड़े होठों पर ताले...:शाश्वत कुण्डलिया छंद बहता क्योंकर अनवरत पक्षपात का द्रव्य. अर्जुन अवसर पा रहा, हाथ मले एकलव्य.. हाथ मले एकलव्य, जड़े होठों पर ताले. किन्तु द्रोंण द्रव पियें मगन होकर मतवाले, अर्जुन का हो... Hindi · कुण्डलिया 1 277 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read ग़ज़ल : सबसे ही अलग बात है... ___________________________________ अपने लिए तलाश तो ईमानदार की. भूले मगर वो राह हैं परवरदिगार की. पढ़िए कुरआन-ए-पाक वफ़ा मुल्क से भी हो, जेहाद हो खुदी से मगर बात प्यार की रौंदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 397 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read चौराहों पर दण्ड उन्हें दें.....गीत आओ साथी सुनो कहानी, अपने हिन्दुस्तान की. व्यर्थ यहाँ होती है पूजा आरक्षण भगवान की. मजहब से जब बांटा भारत तब यह हिन्दू देश हुआ शुद्ध धार्मिक है यह धरती... Hindi · गीत 213 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read ग़ज़ल: करिए न ऐसा काम.... बेशक लिखें दीवान में मसला जुबान का उससे कहें न राज जो कच्चा है कान का जर है न औ जमीन न जोरू का है पता नक्शा रहा है खींच... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 329 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read रंग हरा यदि किन्तु....: छंद कुण्डलिया. केसरिया सविता उगे, केसरिया हो अस्त. हरियाली उस सूर्य से, जिसमें सारे मस्त. जिसमें सारे मस्त, हरा ही मन को भाये. सूरज से ही चाँद, चमकता कौन बताये? बनें सनातन... Hindi · कुण्डलिया 424 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read वाह! कमाया नाम.....: छंद कुण्डलिया ________________________________ कुण्डलिया: पेरिस पर हमले किये, वाह! कमाया नाम. इससे कोई मत करे, परिभाषित इस्लाम.. परिभाषित इस्लाम, पहन सेना सी वर्दी. क़त्ल, भले. निर्दोष, कहाँ यह दहशतगर्दी? उचित मिले उपचार,... Hindi · कुण्डलिया 203 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read वाह वाह क्या बात....छंद कुण्डलिया. ___________________________________ लड़ते हैं गोमांस पर, भक्षक, श्वान सियार. गिरफ्तार रक्षक करे, भ्रमित वही सरकार? भ्रमित वही सरकार, 'बीफ' दे जिसे सहारा. इसको पशु-बलि मान, नही सद्भावी धारा. देख पाशविक कृत्य,... Hindi · कुण्डलिया 260 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read हमारा ही घर खूब....: मुक्तक मज़हब से मुल्कों को बाँटा तुम्ही ने. चुभाया बदन में ये काँटा तुम्ही ने. बना सेक्युलर सिर्फ चूना लगाया, हमारा ही घर खूब छाँटा तुम्ही ने.. --इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर' Hindi · मुक्तक 202 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read करिए नष्ट समूल....( छंद दोहा) काले बादल छा चुके, आरक्षण चहुँ ओर. दे अयोग्य को नौकरी, करे देश कमजोर.. इसे पालते स्वार्थी, बँटता नित्य समाज. लाभ सबल ही ले रहे, निर्धन रोते आज.. मूढ़ मलाई... Hindi · दोहा 284 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read करे समर्थन वो गद्दार.... आरक्षण संहारक नारे... विघटनकारी घातक वार, राजनीति का यह हथियार.. करे देश को जो कमजोर. आरक्षण वह जनरल खोर.. सच्चे-भले हुए बेकार. छल-प्रपंच यदि बेड़ा पार.. लुटे सवर्णों का संसार.... Hindi · कविता 2 371 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 2 min read सहिये इस चाबुक की मार...वीर छंद (आल्हा) वीर छंद (आल्हा) संविधान में सबको शिक्षा, औ समानता का अधिकार. तब क्यों अगड़े पिछड़े बाँटे, आरक्षण की बहे बयार.. क्रायटेरिया से जो ऊपर, जनरल बनकर हुए प्रमोट. हैं अयोग्य... Hindi · कविता 252 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read दोहे : अपना यह मंतव्य.... आपस में हम सब करें, न्यायोचित व्यवहार. दलित, दुखी, कमजोर पर, मत हो अत्याचार.. प्रेम त्याग करुणा क्षमा, मानवता के अंग. असुरवृत्ति से हो रही, सदा-सदा से जंग.. यद्यपि हैं... Hindi · दोहा 411 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 2 min read चुनावी कुण्डलिया छंद चुनावी कुण्डलिया छंद : _________________________________ (१) पंजा थामे साइकिल, सधी कमल की चाल. इंजन सीटी दे रहा, हाथी करे धमाल. हाथी करे धमाल, दौड़ता आगे-आगे. ले अंकुश वह देख, महावत... Hindi · कुण्डलिया 668 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 2 min read मगर मेरे भाई न शादी रचाना.... मगर मेरे भाई न शादी रचाना. अगर तुमको आये न खाना पकाना पड़े भूख से आये दिन बिलबिलाना बटन चेन गायब कभी मत लजाना सो बेचारगी में पड़े पिनपिनाना भले... Hindi · कविता 532 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read भारत रत्न लौह पुरुष सरदार पटेल के प्रति .. भारत रत्न लौह पुरुष सरदार पटेल सिंह समान गर्जना स्वर में किन्तु हृदय अति कोमल था. आँधी जैसी चाल तुम्हारी, साथ तुम्हारे दल-बल था. मानचित्र था पल में बदला भारत... Hindi · मुक्तक 432 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read नैनन में है जल भरा... नैनन में है जल भरा, आँचल में आशीष। तुम-सा दूजा नहि यहाँ, तुम्हें नवायें शीश।। कंटक सा संसार है, कहीं न टिकता पाँव। अपनापन मिलता नहीं, माँ के सिवा न... Hindi · दोहा 247 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read पीर हिन्दी की.... हिन्दी मुक्तिका ___________ मित्र उर्दू सुपोषित हरित हो गयी, कामना स्वार्थपरता फलित हो गयी, आज हिन्दी दिवस आ गया साथियों, मातृभाषा पुनः अब व्यथित हो गयी. आज इंग्लिश में अवसर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 456 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read शिक्षक दिवस शिक्षक दिवस जिनके आशीषों से हम सब जीवन में रँग भरते हैं. वे शिक्षकगण गुरुवत निशिदिन कष्ट हमारे हरते हैं. संयम, कठिन परिश्रम, धीरज, अनुशासन जिनसे सीखा, उन सबके प्रति... Hindi · मुक्तक 392 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read मुद्रा का अपमान.. सिक्के घर रख आइये, सबसे मिलता ज्ञान. बाजारों में हो रहा, मुद्रा का अपमान.. मुद्रा के अपमान से, सिक्का रोये एक. अब कोई लेता नहीं, कैसे हम दें फेक?? कहाँ... Hindi · दोहा 409 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read हमारे प्रिय पुत्र भूषण के जन्म दिवस पर ... मंगलमय हो जन्मदिवस यह, स्नेहपूर्ण रसधार मिले। गुरुजन का आशीष रहे, माँ सरस्वती से प्यार मिले।। जीवनपथ हो ज्ञान प्रकाशित हो विनम्र मुखमंडल शुचि, कर्मक्षेत्र में मिले सफलता, संस्कारित संसार... Hindi · मुक्तक 420 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read समसामयिक कुंडलिया छंद ___________________________________ सरिया बिन छत डालते , करते रहे कमाल। कहलाते इंजीनियर मिस्त्री वंशीलाल। मिस्त्री वंशीलाल, आत्मविश्वासी इतने। ढाली अपनी स्लैब, बिना प्रबलन ही उसने। बीते वर्ष पचीस, गिरी छत मन... Hindi · कुण्डलिया 218 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read प्यार करना न इनसे सिखाओ सुकवि प्यार के गीत रच-रच के गाओ सुकवि किंतु आतंक मत भूल जाओ सुकवि! मित्र सतनाम हैं यार रेहान हैं दोस्त लैम्बर्ट है शत्रु बुरहान हैं सींग दैत्यों के अब तो... Hindi · गीत 272 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 2 min read इन्तजार करिए बस साहब... इन्तजार करिए बस साहब... इन्तजार करिए बस साहब अपनी अपनी बारी का. काश्मीर में मौत बँट रही हाल देख गद्दारी का.. आतंकी को करें समर्थन घर में उन्हें छुपाते हैं,... Hindi · गीत 200 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read डॉ० विश्वनाथ मिश्र के प्रति ... स्नेहभाव पूरित हृदय, सरल सौम्य व्यवहार. विश्वनाथजी नित्यप्रति, बरसाते थे प्यार.. शुचि संस्कारित शुद्ध मन, त्याग समर्पण भाव. अति विनम्र गंभीरता, मोहक मृदुल स्वभाव.. हमें छोड़ कर जा बसे, उस... Hindi · दोहा 505 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read नफरत को मत दिल में पालो... गम सहकर भी प्यार बिखेरो अपनों में मत फ़र्क करो, नफरत को मत दिल में पालो उसका बेड़ा गर्क करो, रोज सुकूं दिल को जो देती वो है अपनी बीवी... Hindi · मुक्तक 200 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read असहनीय है कृत्य.... खुलेआम है खेलता, पैशाचिक जो खेल। बने एकजुट रामपुर, उस पर कसे नकेल। उस पर कसे नकेल, सबक ऐसा सिखलाये। नहीं दुशासन क्रूर जन्म फिर से ले पाए। असहनीय है... Hindi · कुण्डलिया 576 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read दोहा मीन -मेख भारी पड़ा, झेल रही दुःख त्रास. व्यथित स्वार्थी भावना,भावुक हुआ उदास.. --इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर' Hindi · दोहा 470 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read जेवर-बुलंदशहर हाइवे पर हुई दुर्दान्त ह्त्या व महिलाओं के साथ हुए गैंगरेप से द्रवित होकर उपजे हुए कुछ मुक्तक... जेवर-बुलंदशहर हाइवे पर हुई दुर्दान्त ह्त्या व महिलाओं के साथ हुए गैंगरेप से द्रवित होकर उपजे हुए कुछ मुक्तक... हाइवे पर हैं दरिन्दे, लूटते जो गाँव में. आ फँसा परिवार... Hindi · मुक्तक 409 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read दिव्यांग मित्रों के प्रति कुछ मुक्तक ... पांव यदि है एक तो शत पर्वतों को लांघिये. एक है यदि हाथ तो दस के बराबर मानिए. आँख भी है एक अथवा हैं नहीं दोनों नयन, हर परिस्थिति से... Hindi · मुक्तक 273 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read समसामयिक कुण्डलिया छंद: करिए हस्तक्षेप मत, भले जिन्दगी नर्क. घातक तीन तलाक है, कर दे बेड़ा गर्क. कर दे बेड़ा गर्क, औरतें तिल-तिल मरतीं. चले हलाला साथ, महज उत्पीड़न, डरतीं. मजहब का यदि... Hindi · कुण्डलिया 366 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 3 min read 'रसवृष्टि धरा पर फिर होगी' आओ मेरे प्यारे मित्रों रिश्तों की बात बताता हूँ जो दिल मिलकर टूटे बिछड़े उन सबकी व्यथा सुनाता हूँ युग-युग से है सबको पसंद बस रंग स्वार्थी चोखा है हर... Hindi · कविता 236 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read कुण्डलिया कातिल नाबालिग़ मगर, घातक उसकी सोच। बलात्कार कर क्रूरतम, अंतड़ियों को नोच। अंतड़ियों को नोच, राक्षसी जागी ज्वाला। फाड़ दिया गुप्तांग, रॉड लोहे की डाला। थी वयस्क ही सोंच, मरी... Hindi · कुण्डलिया 271 Share Previous Page 2 Next