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6 Oct 2016 · 1 min read

झूठ की अम्मा रो दी…:हास्य कुण्डलिया :

मोदी, राउल भूख में, भटके रेगिस्तान.
मस्जिद देखी सामने. संकट में थी जान.
संकट में थी जान, तंग हो राउल बोलें,
मैं हमीद औ तुम शफीक, बन मस्जिद हो लें.
मैं मोदी ही ठीक, झूठ की अम्मा रो दी,
‘रोजा’, हाय नसीब! छक रहे जमकर मोदी.

प्रस्तुति: इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’

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