Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2016 · 1 min read

करिए नष्ट समूल….( छंद दोहा)

काले बादल छा चुके, आरक्षण चहुँ ओर.
दे अयोग्य को नौकरी, करे देश कमजोर..

इसे पालते स्वार्थी, बँटता नित्य समाज.
लाभ सबल ही ले रहे, निर्धन रोते आज..

मूढ़ मलाई खा रहे, कुण्ठित योग्य समाज.
दैत्य दबाये दांत में, प्रतिभा भक्षित आज..

बँटें नहीं, मिलकर चलें, वोट बने हथियार.
आरक्षण पर क्रांति हो, नष्ट करें आधार..

श्वेत श्वान हैं भौंकते, सिद्ध हो रहा स्वार्थ.
गांडीव को धार कर, लक्ष्य भेदिए पार्थ..

सिंह जगें, फरसा उठे, अस्त्र लेखनी साथ.
हर-हर गूंजे, काट दें, आरक्षण का माथ..

राजनीति का है प्रसव, तभी रहा फल फूल.
आरक्षण अभिशाप है, करिए नष्ट समूल..

–इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’

Language: Hindi
275 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2329. पूर्णिका
2329. पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
National YOUTH Day
National YOUTH Day
Tushar Jagawat
मन में क्यों भरा रहे घमंड
मन में क्यों भरा रहे घमंड
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*हूँ कौन मैं*
*हूँ कौन मैं*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
कोशिश मेरी बेकार नहीं जायेगी कभी
कोशिश मेरी बेकार नहीं जायेगी कभी
gurudeenverma198
शहरों से निकल के देखो एहसास हमें फिर होगा !ताजगी सुंदर हवा क
शहरों से निकल के देखो एहसास हमें फिर होगा !ताजगी सुंदर हवा क
DrLakshman Jha Parimal
सतशिक्षा रूपी धनवंतरी फल ग्रहण करने से
सतशिक्षा रूपी धनवंतरी फल ग्रहण करने से
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
एक generation अपने वक्त और हालात के अनुभव
एक generation अपने वक्त और हालात के अनुभव
पूर्वार्थ
सुख मिलता है अपनेपन से, भरे हुए परिवार में (गीत )
सुख मिलता है अपनेपन से, भरे हुए परिवार में (गीत )
Ravi Prakash
फिर कब आएगी ...........
फिर कब आएगी ...........
SATPAL CHAUHAN
"प्रीत-बावरी"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
धीरज रख ओ मन
धीरज रख ओ मन
Harish Chandra Pande
उलझा रिश्ता
उलझा रिश्ता
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
-- धरती फटेगी जरूर --
-- धरती फटेगी जरूर --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
मेरी संवेदबाएं
मेरी संवेदबाएं
*Author प्रणय प्रभात*
-------ग़ज़ल-----
-------ग़ज़ल-----
प्रीतम श्रावस्तवी
वक्त की रेत
वक्त की रेत
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है और खासकर जब बुढ़ापा नजदीक
जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है और खासकर जब बुढ़ापा नजदीक
Shashi kala vyas
💐प्रेम कौतुक-372💐
💐प्रेम कौतुक-372💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जानता हूं
जानता हूं
Er. Sanjay Shrivastava
तुम से मिलना था
तुम से मिलना था
Dr fauzia Naseem shad
पापा मैं आप सी नही हो पाऊंगी
पापा मैं आप सी नही हो पाऊंगी
Anjana banda
रंगों का त्यौहार है, उड़ने लगा अबीर
रंगों का त्यौहार है, उड़ने लगा अबीर
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कितना अजीब ये किशोरावस्था
कितना अजीब ये किशोरावस्था
Pramila sultan
मानवता
मानवता
Rahul Singh
जिसने अस्मत बेचकर किस्मत बनाई हो,
जिसने अस्मत बेचकर किस्मत बनाई हो,
Sanjay ' शून्य'
भेद नहीं ये प्रकृति करती
भेद नहीं ये प्रकृति करती
Buddha Prakash
हिन्दी हाइकु
हिन्दी हाइकु
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दिवाली त्योहार का महत्व
दिवाली त्योहार का महत्व
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Loading...