Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2023 · 1 min read

तुम से मिलना था

(1)
फूल से हम जो खिल नहीं पाये।
तुम से मिलना था मिल नहीं पाये ।।

दर्द रिसता है आज भी उन से।
ज़ख्म दिल के जो सिल नहीं पाये।।

ज़ब्त में भी कमाल था इतना ।
अश्क पलकों से हिल नहीं पाये ।।

भूल सकते थे आप को हम भी ।
आपसा हम जो दिल नहीं पाये ।।

हम को लग जाती है नज़र सब की।
क्या करें रुख पे तिल नहीं पाये ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
14 Likes · 523 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
हम बच्चों की आई होली
हम बच्चों की आई होली
लक्ष्मी सिंह
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
राह कठिन है राम महल की,
राह कठिन है राम महल की,
Satish Srijan
शकुनियों ने फैलाया अफवाहों का धुंध
शकुनियों ने फैलाया अफवाहों का धुंध
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
फाग (बुंदेली गीत)
फाग (बुंदेली गीत)
umesh mehra
#आज_की_बात
#आज_की_बात
*Author प्रणय प्रभात*
मेरे भईया
मेरे भईया
Dr fauzia Naseem shad
दिल हमारा तुम्हारा धड़कने लगा।
दिल हमारा तुम्हारा धड़कने लगा।
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
देशभक्त
देशभक्त
Shekhar Chandra Mitra
घर के आंगन में
घर के आंगन में
Shivkumar Bilagrami
!! दूर रहकर भी !!
!! दूर रहकर भी !!
Chunnu Lal Gupta
त्याग समर्पण न रहे, टूट ते परिवार।
त्याग समर्पण न रहे, टूट ते परिवार।
Anil chobisa
पिय
पिय
Dr.Pratibha Prakash
एक पल में ये अशोक बन जाता है
एक पल में ये अशोक बन जाता है
ruby kumari
चकोर हूं मैं कभी चांद से मिला भी नहीं।
चकोर हूं मैं कभी चांद से मिला भी नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
पुस्तक
पुस्तक
जगदीश लववंशी
💐प्रेम कौतुक-288💐
💐प्रेम कौतुक-288💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कैसे भुला दूँ उस भूलने वाले को मैं,
कैसे भुला दूँ उस भूलने वाले को मैं,
Vishal babu (vishu)
सुई नोक भुइ देहुँ ना, को पँचगाँव कहाय,
सुई नोक भुइ देहुँ ना, को पँचगाँव कहाय,
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मां
मां
Sûrëkhâ Rãthí
"ये तन किराये का घर"
Dr. Kishan tandon kranti
जब  भी  तू  मेरे  दरमियाँ  आती  है
जब भी तू मेरे दरमियाँ आती है
Bhupendra Rawat
हार स्वीकार कर
हार स्वीकार कर
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
"लाचार मैं या गुब्बारे वाला"
संजय कुमार संजू
“ बधाई आ शुभकामना “
“ बधाई आ शुभकामना “
DrLakshman Jha Parimal
वक्त के थपेड़ो ने जीना सीखा दिया
वक्त के थपेड़ो ने जीना सीखा दिया
Pramila sultan
हम सुधरेंगे तो जग सुधरेगा
हम सुधरेंगे तो जग सुधरेगा
Sanjay ' शून्य'
अधूरी रह जाती दस्तान ए इश्क मेरी
अधूरी रह जाती दस्तान ए इश्क मेरी
Er. Sanjay Shrivastava
गज़ल सी कविता
गज़ल सी कविता
Kanchan Khanna
सुनो बुद्ध की देशना, गुनो कथ्य का सार।
सुनो बुद्ध की देशना, गुनो कथ्य का सार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...