Sandeep Albela 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sandeep Albela 4 Jul 2021 · 3 min read विधाता का वरदान (व्यंग्य) एक धातु का टुकड़ा अत्यंत ही परेशान था, कि वह किस वस्तु में अपने आप को ढाले। जब उसे कुछ समझ नहीं आया तो वह तपस्या करने लगा। अंततः ब्रह्मा... Hindi · लघु कथा 2 813 Share Sandeep Albela 14 May 2022 · 1 min read आप कौन है अपनी दास्तान-ए-गम जो सुनाई आइने को वह भी बोल पड़ा ये तो मैं हूँ आप कौन है? आपको लगता है मैं आपको ठीक से नहीं जानता, आप खुद भी जानते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 752 Share Sandeep Albela 22 Jun 2022 · 2 min read ऐ वक्त ठहर जा जरा सा ऐ वक्त ठहर जा जरा सा बड़ी दुआओं और मन्नतों से मिली है मुझे यह पगली सी लड़की जो सोई है मेरी गोद में अपना सर रखकर किसी अबोध बच्चे... Hindi 3 899 Share Sandeep Albela 17 Aug 2021 · 1 min read अगर तेरी तस्वीर बोलती कितनी बातें बनाती कितने राज खोलती अगर तेरी तस्वीर तुझसे बोलती.. तुमसे कितनी बातें करता हूं तेरे चेहरे पर कितना मरता हूं तुझे याद में कितना करता हूं राज सारे... Hindi · कविता 2 469 Share Sandeep Albela 10 Aug 2021 · 1 min read चुरा लेता बगैर ठोकरों के ही मिल जाती कोई सीख बड़ी हर कोई राह चलते हुए हर कदम नया तजुर्बा लेता, मेरी एक ही मुराद सुन सुन कर क्या तू ऊबता नहीं?... Hindi · शेर 2 488 Share Sandeep Albela 3 May 2022 · 1 min read आप कौन है अपनी दास्तान-ए-गम जो सुनाई आइने को वह भी बोल पड़ा ये तो मैं हूँ आप कौन है? मैं उसके प्यार में इस कदर बच्चा हो गया हूं लोग पूछते है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 403 Share Sandeep Albela 23 Jul 2021 · 1 min read बिन बच्चों के स्कूल बिना बच्चों का स्कूल जैसे बिन बगिया का फूल चारों तरफ अजीब सा सन्नाटा पसरा रहता है मुझे खेलने वाले कहां गए हर एक खिलौना कहता है स्कूल की घण्टी,... Hindi · कविता 1 428 Share Sandeep Albela 11 Jul 2021 · 1 min read बुरा मानता है ये दिल भी शैतान बच्चे सा है कहां ये मेरा कहा मानता है, तेरी तस्बीह पढ़़ता है मुशलशल तुम्हें ही दुनिया और खुदा मानता है, हमारे दरमियाँ फ़ासले रहें इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 395 Share Sandeep Albela 12 Aug 2021 · 1 min read तेरा दुपट्टा आज कमरा एक भीनी खुशबू से भरा था पर खबर नहीं थी कि हवा में क्या घुला था मैंने मेज की दराज टटोली फिर अंदर की कुछ किताबें खोली मैं... Hindi · कविता 3 2 353 Share Sandeep Albela 7 Jul 2021 · 1 min read भूल जाओगे यूँ हर बात पर शर्त न लगाओ हार जाओगे बहुत काम रहतें है तुम्हें, भूल जाओगे, मोमबत्तियां पिघल कर बुझ गई तेरे इंतजार में अब आये हो, मैंने कहा था... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 329 Share Sandeep Albela 6 Aug 2021 · 1 min read क्या होगा फरेब कर के भी तुम पाक रहोगे इस जहां में पर खयाल रहे एक दिन रब से सामना होगा, तुम खुद ही खुदा की गजल हो और क्या कहूँ तुमसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 361 Share Sandeep Albela 21 May 2022 · 1 min read लगा हूँ... कुछ टूटे हुए सपनों को सजाने में लगा हूँ कुछ रूठे हुए अपनो को मनाने में लगा हूं, ऐ आंधियो बदल लो रास्ता अपना मै उजड़े हुए चमन को बसाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 378 Share Sandeep Albela 13 May 2022 · 1 min read के लिए कभी तमाम वजहें भी नाकाफी होती है किसी को पाने के लिए फकत एक वजह ही काफी होती है जां गवांने के लिए, मैं सोचता हूं कि कब जिऊँगा अपनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 264 Share Sandeep Albela 22 Jul 2021 · 1 min read घर में रहिए, सतर्क रहिए गुजरा वक्त खुद को दुहरा रहा है मंजर कुछ धुंधला नज़र आ रहा है ऐहतियात बरतिए कि जितना हो सके की हर जानिब एक स्याह धुन्ध से अटी पड़ी है... Hindi · कविता 1 265 Share Sandeep Albela 2 Jul 2021 · 1 min read गजल गर्दिश में अपने तारे थे तो क्या बुरे थे दिन?? यही सोच कर अपने अच्छे दिनों को कोसता है भारत, पूरा बदन है छलनी और तार - तार आबरू सम्राट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 237 Share Sandeep Albela 29 Sep 2022 · 1 min read अच्छा लगा सूखी जमीन पर अब्र गिरा तो अच्छा लगा तेरे नाम से फोन बजा तो अच्छा लगा, मैं तो हार ही चुका था उसे किस्मत के हाथों वह ख्वाब में भी... Hindi 3 282 Share Sandeep Albela 24 Jul 2021 · 1 min read चुटकी में चाँद मुझे आज भी याद है बचपन के वो दिन दादी-नानी की कहानीओं में चाँद, तारों व जादुई लोक की दुनिया किस तरह से जी उठती थी कभी-कभी तो दिल करता... Hindi · कविता 269 Share Sandeep Albela 15 Aug 2022 · 3 min read मेरी हर शय बात करती है मेरी हर शय बात करती है ये जो सारी चीजें हैं मेरे कमरें की मैं इन्हें बेजा़ और मेरी समझता था, पर देखो कैसे तुमसे मिलते ही सब तुम्हारी तरफ... Hindi · Sandeep_albela Top_writter 3 246 Share Sandeep Albela 6 Jul 2021 · 1 min read कमाई और जकात कुछ परिन्दे लौट कर आये हैं बाग में यहां की खामोशी भी यही है और बात भी, आज बादल बिना बरसे ही निकल गये इन आँखों का ज़र्द भी तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 234 Share Sandeep Albela 10 Aug 2022 · 2 min read उसकी बातें ओ प्यारी सी शैतान लड़की उठ जा अब तक सोई है तुम्हें पता भी है तुमने क्या किया मिस कर दिया तुमने सारी रात बातें की है जैसे कोई बच्चा.... Hindi · Sandeep_albela · कविता 2 253 Share Sandeep Albela 9 Sep 2021 · 1 min read मैं हाथ मिलाऊँगा गले नहीं लगाऊंगा तुम क्या जानो मैं कितने दफे बचा हूं डूबने से प्यासा मर जाऊंगा पर दरिया के पास नहीं जाऊंगा, लहरों का क्या भरोसा कब वादाखिलाफी कर दें भीग जाऊँगा मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 208 Share Sandeep Albela 22 Oct 2021 · 1 min read गलत पते के खत एक घर में हम छह लोग हैं मैं, चार दिवारें और छत है, उसकी फिकर उसकी याद कहीं जाती नहीं मैं शराबी और वो..... वो एक बुरी लत है, हमें... Hindi · शेर 1 208 Share Sandeep Albela 25 Feb 2023 · 3 min read जायका चाय का मैं ज्यादा चाय नहीं पीता और अब तो छोड़ दिया है मुझे याद नहीं है कि पिछली बार मैंने कब चाय पी थी पर मैं समझता हूं कि आप पीते... Hindi · Chay · Sandeep_albela · SandeepKumar · Tea · कविता 262 Share Sandeep Albela 17 Oct 2022 · 1 min read हास्य गजल मैं सारी रात तेरी याद में रो कर आया हूं पिछले हफ्ते के सारे कपड़े धो कर आया हूं, पागलों की तरह तेरी तस्वीर से बात करने पर खुद को... Hindi 3 2 295 Share Sandeep Albela 5 Jan 2023 · 1 min read रविश कुमार हूँ मैं बिना चिल्लम-चिल्ली वाला समाचार हूं मैं नमस्कार प्राइम टाइम पर रवीश कुमार हूं मैं, अंधी - बहरी सियासत के कानों पर लोकतंत्र की पुकार हूं मैं, रवीश कुमार हूँ मैं,... Hindi · Political News · कविता 1 243 Share Sandeep Albela 18 Aug 2023 · 1 min read Open mic Gorakhpur फैन बोले तो और अमृत लेखन आपके लिए आपके शहर गोरखपुर में लाएं UnmuteX Open Mic जहां है आपके लिए Singing /Comedy/Mimicry Poetry/Story telling/ And lots of fun Masti तो... Hindi · Gorakhpur · Sandeep_albela · Saurabh Pandy · ओपनमाइक · कविता 247 Share