डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 179 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 24 May 2018 · 2 min read हिंदी भाषा का प्राथमिक स्तर व्याकरण प्राथमिक स्तर पर ही विद्यार्थियों की भाषा को आधार प्रदान करता है किंतु इसके लिए यह अनिवार्य है कि उसका अभ्यास निरंतर बना रहे । षष्ठी स्तर पर विद्यार्थियों... Hindi · लेख 4 868 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 13 Jan 2018 · 1 min read पतंग 1. बंधी पतंग मांझा-डोरी के संग लिए उमंग 2. शून्य तल में नृतन है करती मेरी पतंग 3. कटी पतंग दूजे को मिल जाए जागे तरंग 4. बयार संग बहती... Hindi · हाइकु 4 726 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 12 Jan 2018 · 1 min read सूर्याय नम: 1. भौर की बेला जगदीश्वर वास करो प्रणाम 2. नवीन प्रात: नव रश्मियाँ आएँ सूर्याय नम: 3. धरा गगन है स्वर्णिम जगत योग मगन 4. उषा किरण नव चेतना संग... Hindi · हाइकु 2 1 615 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 4 Jan 2018 · 1 min read शीत लहर विषय- शीत लहर विधा- हाइकु १.बर्फीली वात बारिश की फुहार प्यास बढ़ाए ???? २.शीत पवन कोहरे की चादर करे दमन ???? ३.सर्दी की मार गरीब सहे जाए दिखे लाचार ????... Hindi · हाइकु 2 589 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 3 Jan 2018 · 1 min read नारी शक्ति की संवाहक चुप रहती नारकीय जीवन नारी सहती चिंगारी जैसे सुलगती औरत रहती शांत सीमा से बंधी जैसे होती है नदी नारी की छवि नारी है घन झरती बरसती सदैव प्यासी ... Hindi · हाइकु 2 1 563 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 1 Jan 2018 · 1 min read नन्हा नव वर्ष नन्हा नवीन वत्सर नन्हें कदम बढ़ाता आ गया समक्ष करो इसका स्वागत मनाओ खुशियाँ भरपूर दिन बीतेंगे बढ़ता यह जाएगा हज़ारों रंग और खुशियाँ हर पग पर बरसाएगा बनाना है... Hindi · कविता 2 458 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 1 Jan 2018 · 2 min read रंग नहीं ये…नासूर का मर्म है रंग नहीं ये…नासूर का मर्म है एक रंग चढ़ा है दिल पर एक तन पर चढ़ गया । मिटाना चाहा जितना उतना ही देह पर बढ़ गया । दिल पर... Hindi · कविता 2 243 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 1 Jan 2018 · 1 min read आया नया साल झूम उठा है अंबर आज नव प्रभात नव कोपल के साथ पुराने संजोकर नए सपनों में आज आगे बढ़े हम सभी साथ-साथ मिटाकर वैर-वैमस्य को जगाएँ प्रीत, प्रेम व्यवहार यहाँ... Hindi · कविता 2 453 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 31 Dec 2017 · 1 min read मनभावन १० हाइकु मिट्टी का माधो मत बन इंसान जीवन साध क्रोध है आता भवंडर मचाता त्रासदी लाता प्रात: की बेला उदित प्रभाकर लगा है मेला तरु की छाया है राहत दिलाए प्रभु... Hindi · हाइकु 2 498 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 31 Dec 2017 · 1 min read शहीदों को नमन आज मैं नमन करती हूँ उन वीरों को जिनके बलिदानों की खातिर आज हम सबको यह साल भी नसीब हुआ । सीमा के सभी रक्षकों को जिनकी खातिर हम सब... Hindi · लेख 1 271 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 31 Dec 2017 · 1 min read विदाई साल के अंतिम विचार के साथ विदाई ले रहे हैं हम सब साथ-साथ खुशनुमा यादों को संजोकर हम सब करे नए साल का आगाज़ साथ-साथ देहरी पर दीप जलता रहेगा... Hindi · कविता 1 495 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 10 Dec 2017 · 1 min read मैं हूँ प्रसून मैं हूँ प्रसून गुलाब, गेंदा, सूरजमुखी, मोगरा कहो या कहो चमेली । फूल हूँ मैं... रंग रूप हजार नाम से ही मेरी पहचान । लाल गुलाब कहलाता हूँ । पीला... Hindi · कविता 1 536 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 27 Nov 2017 · 5 min read आरक्षण नहीं संरक्षण चाहिए लेख आरक्षण सामाजिक विषमता को प्राप्त करने के लिए दिया गया है न कि उसे हथियार बनाकर सामाजिक भेदभाव खड़ा करने तथा राजनीतिक स्वार्थ पूरा करने के लिए। नारी हूँ... Hindi · लेख 1 575 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 27 Nov 2017 · 1 min read जंगल में पाठशाला गीदड़ को पढ़ने जाना है पढ़ लिखकर बाबू बनना है जंगल का राजा बन करके शेर की तरह शासन करना है गधे को गीदड़ की भांति पढ़कर नाम कमाना है... Hindi · कविता 1 389 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 27 Nov 2017 · 2 min read फोन हानिकारक घर की घंटी बजती है । माँ दरवाजा खोलती है । राजू - माँ आज बहुत भूख लगी है मुझे खाना दे दो स्कूल से बहुत काम मिला है मुझे... Hindi · कहानी 1 440 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 12 Nov 2017 · 1 min read महादेवी वर्मा---देश का गौरव महादेवी वर्मा---देश का गौरव ************************ प्रतिभावान कवयित्री मीराबाई की उपाधि पाई है । स्वतंत्रता सेनानी भी महादेवी युग छायावाद की प्रमुख स्तंभ कहलाई है । आधुनिक हिंदी की सशक्त कवयित्री... Hindi · कविता 1 392 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 12 Nov 2017 · 1 min read ममता,प्यार,करुणा,त्याग की मूर्त ( पन्नाधाय ) ममता,प्यार,करुणा,त्याग की मूर्त पन्नाधाय *************************** राणा के पुत्र को जीवन देकर अपने पुत्र का बलिदान किया । पन्नाधाय न अपनेे ममता, प्यार, करुणा का प्रमाण दिया । देहांत हुआ... Hindi · कविता 1 2k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 12 Nov 2017 · 1 min read सुंदरता और त्याग का प्रमाण रानी पद्मावती सुंदरता और त्याग का प्रमाण रानी पद्मावती ********************************** पद्मिनी पतिव्रता नारी थी वो जौहर के लिए तैयार हुई । चित्तौड़ की खातिर रानी पद्मा अग्नि को भी प्राप्त हुई ।... Hindi · कविता 1 1k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 12 Nov 2017 · 2 min read वीरता की मिसाल --झाँसी की रानी वीरता की मिसाल --झाँसी की रानी ******************************* *मोरोपंत ताम्बे की बेटी मणिकर्णिका ताम्बे थी । नाना की थी बहन छबीली लक्ष्मीबाई झाँसी थी । हुआ विवाह झाँसी नरेश से लक्ष्मी... Hindi · कविता 1 564 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 12 Nov 2017 · 4 min read सौतेली मां इंसानियत कहीं खो गई अरुण घर में प्रवेश करता है आज भी रोशनी बहुत गुस्से में दिखाई दे रही थी । बच्चे दूसरे कमरे में सहमे से बैठे थे ।... Hindi · कहानी 3 1 1k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 12 Nov 2017 · 1 min read बम पटाखे प्रदूषण कारक रानी देखो क्या है बाहर धुआं -धुआं ही है बस आज सांस नहीं ली जाती है आँखें भी जलन मचीती हैं दीदी सच में आज धुआं है पर्यावरण खराब हुआ... Hindi · कविता 1 543 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 11 Nov 2017 · 1 min read कागज बचाओ पेड़ बचाओ कागज का उचित प्रयोग करो दुरूपयोग न इसका आज करो कल को तुम्हें संवारना है पर्यावरण को भी संभालना है कागज को अगर बचाओगे पेड़ोंकी जान बचाओगे पेड़ों से ही... Hindi · कविता 1 662 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 11 Nov 2017 · 2 min read फोन हानिकारक घर की घंटी बजती है । माँ दरवाजा खोलती है । राजू - माँ आज बहुत भूख लगी है मुझे खाना दे दो स्कूल से बहुत काम मिला है मुझे... Hindi · कहानी 1 594 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 1 Nov 2017 · 3 min read ****सफेद जोड़ा**** आज मन क्यूं इतना घबराया है । ईश्वर की इस धरा पर यह कैसा मंज़र छाया है । सफेद जोड़े में सिमटी-सी बैठी हूँ । मन में रह-रहकर सिर्फ माँ-बाप... Hindi · कविता 1 298 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 17 Oct 2017 · 1 min read दिपावली ## खुशियों की क्यारी दीपों का जगमग त्योहार दीपज्योत्स्ना करें प्रकाश मावस के तम को हर लेती दीप आवाली जब घड़ लेती उत्साह उमंग उल्लास है लाती हर जन को संदेश दे जाती कुटिल... Hindi · कविता 1 233 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 16 Oct 2017 · 3 min read ***यह कैसी शिक्षा*** विषय - नई शिक्षा नीति नीति चाहे नई हो या पुरानी उसका उद्देश्य केवल विद्यार्थियों का सर्वाँगिण विकास होना चाहिए । क्योंकि आज जिनके भविष्य को हम संवारने की बात... Hindi · लेख 1 234 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 13 Oct 2017 · 1 min read वर्तमान शिक्षा प्रणाली और बच्चे * नैतिक मूल्य रह गए है कम शिक्षा का अंत * भावी पीढ़ी है अंधकार में लुप्त शिक्षा त्रुटिपूर्ण * छात्र हुए है अनुशासन हीन शिक्षक मूढ़ * भेड़चाल है... Hindi · हाइकु 1 639 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 3 Oct 2017 · 2 min read ****मैं और मेरे पापा**** माँ का प्यार कैसा होता है । पापा के सीने से लगकर ही यह जाना है । माँ की सूरत तो नहीं देखी है । हर वक्त पापा को ही... Hindi · कविता 1 434 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 26 Sep 2017 · 2 min read सरल सुगम हिंदी व्याकरण (जानने योग्य बातें - ई और यी, ए और ये ,एँ और यें) करते है हिंदी लिखने में अकसर ये गलती क्योंकि नहीं है ज्ञान लगाएँ कहाँ ई और यी ए और ये एँ और यें हिंदी नहीं है आसान समझ लो ज़रा... Hindi · कविता 1 690 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 24 Sep 2017 · 3 min read ***अनुभव*** * कहते हैं एक चिंगारी या तो आग लगाती है या प्रकाश फैलाती है । रोशनी देने वाली चिंगारी का इस्तेमाल अगर ध्यान से किया जाए तो वह जीवन में... Hindi · लेख 2 1 373 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 24 Sep 2017 · 1 min read **नवरात्रि शुभ फलदायी** विषय- नवरात्रि /नौ देवियाँ रचनाकार -नीरू मोहन विद्या - तांका पूर्ण करती रेंगा काव्य शैली * माँ का वास हो संकटों का नाश हो संपूर्ण धरा सुख शांति संचार नवरात्रि... Hindi · हाइकु 1 654 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 24 Sep 2017 · 1 min read **आज भी तुझको याद करता हूँ** ****गज़ल**** आज भी तुझको याद करता हूँ हर घड़ी इंतजार करता हूँ देखने को भी आज तुझको में हर घड़ी बेकरार रहता हूँ क्या बीती मुझपे तेरे जाने के बाद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 430 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 24 Sep 2017 · 1 min read ***खोजता स्वअस्तित्व अपना*** विषय- खोज/तलाश रेंगा काव्य शैली 5+7+5+7+7+5+7+5+7+7----- * माँ दरबार मनोकामना पूर्ण तलाश मेरी संपूर्ण फलीभूत इच्छाएँ हैं संतुष्ट * खोजता आज स्वअस्तित्व अपना रात्रि का तम प्रकाश है फैलाए चंद्रज्योत्सना... Hindi · हाइकु 1 474 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 20 Sep 2017 · 1 min read * खोजता आज स्वअस्तित्व अपना * विषय- खोज/तलाश रेंगा काव्य शैली 5+7+5+7+7+5+7+5+7+7----- * माँ दरबार मनोकामना पूर्ण तलाश मेरी संपूर्ण फलीभूत इच्छाएँ हैं संतुष्ट * खोजता आज स्वअस्तित्व अपना रात्रि का तम प्रकाश है फैलाए चंद्रज्योत्सना... Hindi · हाइकु 1 260 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 19 Sep 2017 · 1 min read **आज भी तुझको याद करता हूँ** ****गज़ल**** आज भी तुझको याद करता हूँ हर घड़ी इंतजार करता हूँ देखने को भी आज तुझको में हर घड़ी बेकरार रहता हूँ क्या बीती मुझपे तेरे जाने के बाद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 465 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 17 Sep 2017 · 1 min read हमने गुरबत में भी दम साँसो में छिपा रखा था । गज़ल हमने गुरबत में भी दम साँसो में छिपा रखा था । कतरे-कतरे पे स्याही का असर लगता था । यूँ तो देखी थी जमाने की रुसवाई हमने । खाली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 240 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 17 Sep 2017 · 1 min read यूँ तो जिंदगी से मुझे शिकवे भी शिकायत भी यूँ तो जिंदगी से मुझे शिकवे भी शिकायत भी जाने किस मोड़ पे मिल जाए पुराना साथी । गम जो जिंदगी का नासूर मुझे लगता है सोचते ही उसे हर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 292 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 17 Sep 2017 · 3 min read ***** अनुभव ***** * कहते हैं एक चिंगारी या तो आग लगाती है या प्रकाश फैलाती है । रोशनी देने वाली चिंगारी का इस्तेमाल अगर ध्यान से किया जाए तो वह जीवन में... Hindi · लेख 1 273 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 16 Sep 2017 · 1 min read ***मेरी आवाज़ सुनो*** जापानी काव्य शैली(तांका) 5+7+5+7+7+5+7+5+7+7---- ***मेरी आवाज़ सुनो*** वहशी जन करें कुकर्म सब ममता घुटे तिल-तिल मरे माँ ममता की पुकार रोज करती न्यायालय से माँग मिलेगा न्याय माँ की आस... Hindi · कविता 1 421 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 15 Sep 2017 · 1 min read मुझे इंसाफ चाहिए (एक माँ की पुकार) * लोरी सुनाकर सुलाया था जिसको, प्रभात के आते ही जगाया था जिसको, अपने हाथों से स्कूल के लिए संवारा था जिसको, स्नेह भरे सीने से लगाया था जिसको, *... Hindi · कविता 600 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 30 Aug 2017 · 5 min read ***गुरु बिन ज्ञान नहीं*** **रोज की तरह अध्यापिका कक्षा में प्रवेश करती हैं सभी बच्चों को आई लव यू ऑल कहती हैं ।बच्चों को भी पता है कि अध्यापिका सभी से उतना प्यार नहीं... Hindi · कहानी 372 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 26 Aug 2017 · 1 min read **बहू हमारी 'गृह लक्ष्मी'** * रोशन की बाबुल अँगनाई, उषा सी प्रभात तुम लाईं, कलरव गीत सुनाया तुमने, किलकारी जब कंठ समाई। * बेटी का फर्ज़ सहज निभाया, अब अपने घर भी आना है,... Hindi · कविता 1k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 20 Aug 2017 · 1 min read ** 'हिंदी की आत्म कथा' ** *उठ कर गिरी हूँ, गिरकर उठी हूँ, यही संघर्ष मेरा, अभी भी निरत है। *अस्तित्व कायम रखकर, कटाक्ष सबके सहकर, सर्वस्व कायम रखकर, श्लाघनीय बनी हूँ। *हाँ,हूँ मैं वही, राजभाषा... Hindi · कविता 704 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 15 Aug 2017 · 2 min read **आजाओ माखनचोर एक बार फिर जग में** ** सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस और जन्माष्टमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ ! यह कविता स्वतंत्र भारत की गाथा सुनाती है । कृष्ण को याद करके भारत का हाल बताती है|... Hindi · कविता 318 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 13 Aug 2017 · 2 min read 'कि' और 'की' का प्रयोग सुगम सरल हिंदी व्याकरण *** अध्यापिका हूँ बच्चों की परेशानी भांप जाती हूँ | कहाँ उन्हें है आती परेशानी जल्दी पहचान जाती हूँ | ***आज तक के अनुभव से है यह पाया | कहाँ... Hindi · कविता 3k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 13 Aug 2017 · 1 min read **झंडा ऊँचा रहे हमारा** जिसकी मिट्टी की खुशबू भी चंदन के जैसी लगती है ।। जिसकी ठंडी और शीतल वात मलय की भाँति बहती है ।। जिसके लोगों में अपनापन उनका अस्तित्व बनाता है... Hindi · कविता 538 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 13 Aug 2017 · 1 min read **भारत की शान 'तिरंगा'** जय हिंद ! भारत माता की जय ! ****** तिरंगा मान भारत का सम्मान शीश कुर्बान भारत महान तिरंगा पहचान जान निसार तिरंगा ऊँचा लहर लहराए नभ की शान वीर... Hindi · हाइकु 1k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 12 Aug 2017 · 1 min read **जय हिंद,जय भारत** उन वीरों को शत-शत नमन जिनके बलिदानों की खातिर आज हम स्वतंत्र भारत की खुली हवा में सांस ले रहे हैं ।। स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ! स्वतंत्र है... Hindi · कविता 461 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 29 Jul 2017 · 5 min read **प्रतिभा पलायन** क्यों ? ज़रा सोचिए ! *देश के हित को सोच कर ही हम सब को आगे बढ़ना है| प्रतिभा पलायन नहीं निष्कर्ष, हिंदुस्तान में ही अपना सर्वस्व कायम रखना है| प्रतिभा संपन्न व्यक्ति ही किसी... Hindi · कविता 1k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 27 Jul 2017 · 1 min read ***समय है 'अनमोल' **** **समय का जानो मोल , है यह बहुत अनमोल, हाथ नहीं फिर आएगा, एक बार निकल जाने पर, पछतावा ही रह जाएगा, खाली हाथ रह जाने पर | **कुछ नहीं... Hindi · कविता 238 Share Previous Page 2 Next