Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Aug 2017 · 1 min read

**जय हिंद,जय भारत**

उन वीरों को शत-शत नमन जिनके बलिदानों की खातिर आज हम स्वतंत्र भारत की खुली हवा में सांस ले रहे हैं ।।

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !

स्वतंत्र है देश हमारा
इस मिट्टी के हम वासी हैं ।।
भारत देश की शान की खातिर
हर राही के हम साथी हैं ।।
सीमा की रक्षा पर जो वीर
तैनात हैं भारतवासी हैं ।।
उनके हर कतरे-कतरे पर
हम हिंदवासी आभारी हैं ।।

‘जय हिंद,जय भारत’

Language: Hindi
457 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बिन फ़न के, फ़नकार भी मिले और वे मौके पर डँसते मिले
बिन फ़न के, फ़नकार भी मिले और वे मौके पर डँसते मिले
Anand Kumar
नवम दिवस सिद्धिधात्री,सब पर रहो प्रसन्न।
नवम दिवस सिद्धिधात्री,सब पर रहो प्रसन्न।
Neelam Sharma
हूं बहारों का मौसम
हूं बहारों का मौसम
साहित्य गौरव
अचानक से
अचानक से
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे हिस्से सब कम आता है
मेरे हिस्से सब कम आता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
चाय और गपशप
चाय और गपशप
Seema gupta,Alwar
नारी है तू
नारी है तू
Dr. Meenakshi Sharma
जून की दोपहर (कविता)
जून की दोपहर (कविता)
Kanchan Khanna
बेटी की बिदाई ✍️✍️
बेटी की बिदाई ✍️✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आहत बता गयी जमीर
आहत बता गयी जमीर
भरत कुमार सोलंकी
समय यात्रा संभावना -एक विचार
समय यात्रा संभावना -एक विचार
Shyam Sundar Subramanian
■ लघुकथा...
■ लघुकथा...
*Author प्रणय प्रभात*
ठिठुरन
ठिठुरन
Mahender Singh
मेरी हथेली पर, तुम्हारी उंगलियों के दस्तख़त
मेरी हथेली पर, तुम्हारी उंगलियों के दस्तख़त
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
भ्रम अच्छा है
भ्रम अच्छा है
Vandna Thakur
*दो स्थितियां*
*दो स्थितियां*
Suryakant Dwivedi
2559.पूर्णिका
2559.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सच है, दुनिया हंसती है
सच है, दुनिया हंसती है
Saraswati Bajpai
हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
कवि दीपक बवेजा
"डिजिटल दुनिया! खो गए हैं हम.. इस डिजिटल दुनिया के मोह में,
पूर्वार्थ
गांव की ख्वाइश है शहर हो जानें की और जो गांव हो चुके हैं शहर
गांव की ख्वाइश है शहर हो जानें की और जो गांव हो चुके हैं शहर
Soniya Goswami
ज़रा मुस्क़ुरा दो
ज़रा मुस्क़ुरा दो
आर.एस. 'प्रीतम'
चलती है जिन्दगी
चलती है जिन्दगी
डॉ. शिव लहरी
बेनाम रिश्ते .....
बेनाम रिश्ते .....
sushil sarna
*प्रभु का संग परम सुखदाई (चौपाइयॉं)*
*प्रभु का संग परम सुखदाई (चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल
Pratibha Pandey
नए साल की नई सुबह पर,
नए साल की नई सुबह पर,
Anamika Singh
रिमझिम बरसो
रिमझिम बरसो
surenderpal vaidya
हमेशा समय के साथ चलें,
हमेशा समय के साथ चलें,
नेताम आर सी
चुनाव
चुनाव
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...