डॉ सुलक्षणा अहलावत 129 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next डॉ सुलक्षणा अहलावत 30 Aug 2016 · 1 min read जिंदगी तपते रेगिस्तान के रेत सी हो गयी है जिंदगी। दुनिया की दिए गमों में खो गयी है जिंदगी। दुनिया की भीड़ से हटकर पहचान बनानी थी, सच की चाह में... Hindi · कविता 538 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 6 Oct 2016 · 1 min read बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना कुछ बैठे दिखेंगे तुम्हें सड़क किनारे, कुछ मिलेंगे तुम्हें रेहड़ी लगाये बेचारे, बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना। इससे चंद खुशियाँ उन्हें भी मिल जाएँगी, दिल की मुरझाई कलियां खिल... Hindi · कविता 1 1 531 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 6 Aug 2016 · 1 min read मन का मीत मन का मीत तोड़ प्रीत छोड़ अकेली चला गया, प्यार में खोया मन रोया जीवन मेरा छला गया। चिंता जगी आग लगी चिराग बुझा मोहब्बत का, हुई ख़ता मिली सजा... Hindi · कविता 1 1 504 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 11 Oct 2016 · 1 min read अपने अंदर बसे रावण को जलाते हैं चलो इस बार कुछ ऐसा दशहरा मनाते हैं, बस अपने अंदर बसे रावण को जलाते हैं। अहंकार ही थी उसकी सबसे बड़ी बुराई, चलो इस अहंकार को जलाकर आते हैं।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 480 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Oct 2016 · 1 min read पीट कर मुझे तुम मर्द बनते हो पीट कर मुझे तुम मर्द बनते हो, तनते हो मेरे ही सामने, भूल गए उन वचनों को दिए थे जब आये थे हाथ थामने। असली मर्दानगी मुझ पर हाथ उठाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 542 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 6 Aug 2016 · 1 min read सिसकता बचपन इन सड़कों पर सिसकता बचपन देखा मैंने, फटे कपड़ों से झांकता तन बदन देखा मैंने। अपनी छोटी सी इच्छाओं को मन में दबाकर, झूठी मुस्कान बिखेरता मायूस मन देखा मैंने।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 483 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 8 Aug 2016 · 1 min read एक दुआ ये भी हे मेरे मालिक मेरे हिन्दुस्तान पर ऐसी दया दृष्टि बनाये रखना, दो वक़्त की रोटी मेरे प्रभु हर किसी की थाली में सजाये रखना। ये कैसा इंसाफ पिता को लगे... Hindi · शेर 489 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 29 Sep 2016 · 1 min read वीर जवानों ने कमाल कर दिया वीर जवानों ने कमाल कर दिया। एलओसी पार धमाल कर दिया। आंतकियों के ना-पाक खून से, पाकिस्तान को लाल कर दिया। चुप्पी को कमजोरी समझ बैठा, हल उसका ये सवाल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 480 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 2 Jun 2021 · 1 min read सावन जैसी झड़ी रूक रुक कर होती ये बरसात ठीक नहीं, मेरे लिए आपके ये ख्यालात ठीक नहीं। मत लगाओ प्रभु ये सावन जैसी झड़ी, जानते हो आप तो मेरे हालात ठीक नहीं।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 3 547 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 19 Aug 2016 · 1 min read रच दिया इतिहास रच दिया इतिहास तन्नै, अमर होग्या यू नाम तेरा। दिल तै करूँ सूं तन्नै, कर लिए कबूल सलाम मेरा। दुनिया नै देख्या जी जान तै खेल्या तन्नै मैच फाइनल, पहला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 500 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 10 Aug 2016 · 1 min read वेश्या दिन में उसकी गली बदनाम रहती है, रात को रहती है आबाद, देकर चंद खुशियाँ दूसरों को अपनी जिंदगी कर रही है बर्बाद। दूसरों के तन की भूख मिटाती है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 512 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 24 Sep 2016 · 1 min read गरीबी का मजाक (रिम्स घटना पर रचना) क तुम यूँ मेरी गरीबी का मजाक मत उड़ाओ, परमपिता परमात्मा के खेल बड़े निराले हैं। इतिहास पढ़ना फुर्सत में सच जान जाओगे, रंक से राजा और राजा से रंक... Hindi · कविता 467 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 23 Aug 2016 · 1 min read दोषी कौन? नेता या जनता मैं नेता हूँ एक राजनेता इसीलिए बहुत बदनाम हूँ मैं। मुँह पर तुम जैसों से सुनता प्रशंसा सुबह शाम हूँ मैं। पीठ पीछे तुम जैसे मुझे गाली देते हैं देते... Hindi · कविता 517 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 16 Oct 2016 · 1 min read सपना म्ह बी टोहै ना पावैं थमनै ये स्कूल सरकारी (हरियाणवी) सपना म्ह बी टोहै ना पावैं थमनै ये स्कूल सरकारी, इनकी जो या हालत होरी स सब कमी स र म्हारी। कई यूनियन बन री पर आपस म्ह तालमेल कोणी,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 522 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 11 Oct 2016 · 1 min read पूछ रहा है रावण कब तक मुझे ही जलाते रहोगे पूछ रहा है रावण कब तक मुझे ही जलाते रहोगे, कब तक अपने दोषों को तुम यूँ ही छिपाते रहोगे। मैंने कौनसा ऐसा गुनाह किया था जो जलाते हो, कब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 487 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 8 Aug 2016 · 1 min read सच का आइना सच का आइना क्या दिखाया उन्हें तिलमिला उठे वो। जरा सा सच क्या कहा एकदम से बिलबिला उठे वो। सच दिखाने से कोई सरोकार नहीं बस पैसे चाहिए उन्हें, पैसे... Hindi · कविता 517 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 4 Oct 2016 · 1 min read दर्द एक फौजन का चिंता नै घेर लेई पिया जी मेरी या काया। तीन रोज होयै सजन तेरा फ़ोन ना आया।। चौबीस घँटे रह नहीं सकता बात करै बिना। फ़ोन प ऐ हँसी मजाक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 450 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 31 Aug 2018 · 2 min read हाँ मैं शूद्र हूँ हाँ मैं शूद्र हूँ सही कहा तुमने आज मैं औरत नहीं शूद्र हूँ सच में हर रूप में शूद्र हूँ मैं माँ के रूप में भी शूद्र हूँ मैं क्योंकि... Hindi · कविता 7 4 444 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 11 Aug 2016 · 1 min read खुशियों का भंडार अपना परिवार सभी खुशियों की चाबी मनुष्य का अपना परिवार है। कोई दुःख छु भी नहीं सकता यदि आपस में प्यार है। बताओ दूसरों में अपनों को खोजते ही क्यों हो तुम,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 467 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Aug 2016 · 1 min read इस स्वतंत्रता दिवस पर मोदी जी स्वतंत्रता दिवस पर एक नई पहल की शुरुआत करो, इस दिन लाल किले पर तिरंगे की डोर जवानों के हाथ करो। नेताओं ने बहुत फहरा लिया तिरंगा स्वतंत्रता... Hindi · कविता 1 500 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 16 Sep 2016 · 1 min read गणपति विसर्जन या धर्म का उपहास कैसा यह त्यौहार हुआ, हिन्दू खुद शर्मसार हुआ। खंडित हुई सारी मूर्तियाँ, आस्था पर ये प्रहार हुआ। कोसते थे औरों को हम, पर हिन्दू खुद लाचार हुआ। बड़े चाव से... Hindi · कविता 3 453 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 2 Jun 2021 · 1 min read बारिश की बूंदें बारिश की बूँदों में अपनी पहली मुलाक़ात याद आई, दिल से दिल मिले जिसमें फिर वो बरसात याद आई। वो कुछ पल की मुलाक़ात हमारे दिलों को धड़का गई, बरसात... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 5 475 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 22 Sep 2016 · 1 min read शराब मत पीना कोय दारु ना पियो भाइयों या स घणी खोटी। छुड़वा दे स या दारु भाइयों मानस की रोटी।। शुरू शुरू म्ह शौकियां पीवैं फेर होज्यां आदि। इस दारु के कारण... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 455 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 11 Nov 2016 · 1 min read यादों को उनकी दिल से मिटाने चली हूँ फिर से मोहब्बत की बस्ती बसाने चली हूँ, यादों को उनकी दिल से मिटाने चली हूँ। जब अकेली थी तब बड़ी खुश रहती थी, अब फिर से वो ही जिंदगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 438 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 2 Jun 2021 · 1 min read छम छम गिरती बरसात खिड़की के बाहर छम छम गिरती बरसात, दिल में उमड़ उमड़ आते तुम्हारे ख्यालात, अब वो खुदा ही जाने क्या होगा। मेरे दिल की बढ़ती जा रही हैं बेचैनियां, काबू... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 5 448 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 24 Jun 2018 · 1 min read मिजाज ए दुनिया पता नहीं दुनिया वाले क्या सोचते रहते हैं, सच कहने सुनने वालों को कोसते रहते हैं। मोहब्बत में हदें हर कोई पार करता है यहाँ, पर पता लगने पर औरों... Hindi · कविता 5 464 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 7 Nov 2016 · 1 min read माटी स यू चाम बावले तज दे नै काम बावले, माटी स यू चाम बावले, एक दिन पछतावैगा, ना टैम उल्टा आवैगा, हो ज्यागा बदनाम बावले। काम के वश म्ह हो कै मान मर्यादा भुला,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 467 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 28 Nov 2016 · 1 min read ये जिंदगी हरिश्चंद्र के वचन जैसी, मीरा बाई के भजन जैसी, है ये जिंदगी। ऋषियों के तप जैसी, राम नाम के जप जैसी, है ये जिंदगी। श्री कृष्ण के योग जैसी, ईश्वर... Hindi · कविता 2 469 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 5 Aug 2016 · 1 min read मैं खुश थी मिट्टी का कच्चा घर बनाकर ही खुश थी, कागज की कश्ती चलाकर ही खुश थी। कहाँ आ गयी इस समझदारी के दौर में, गुड्डे गुड़ियों की शादी रचाकर ही खुश... Hindi · मुक्तक 1 434 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 15 Aug 2016 · 1 min read ऐसी आज़ादी से गुलामी अच्छी थी कित के आज़ाद होये हाम चैन सुख म्हारा खोग्या। दो टुकड़े होये भारत माता के न्यू जुल्म घना होग्या।। इसी आज़ादी त हाम सौ गुणा गुलाम भले थे। रोज के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 398 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 5 Aug 2016 · 1 min read तीज मनावां आ जाओ कुछ इस तरियां आपाँ तीज मनावां। भाईचारे अर प्रेम की लांबी पींग आपाँ बधावां। रल मिल कै बहु भाण बेटियां नै झुलाण चालां, कोय बी पेड़ खाली ना... Hindi · कविता 407 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Oct 2016 · 1 min read बंध सात फेरों के बंधन में बंध सात फेरों के बंधन में, प्रिये तुम आई जीवन में, अब तुम्हें कैसे छोड़ दूं बेसहारा। सात जन्मों का रिश्ता अपना, नहीं है कोई झूठा ये सपना, अब तुमसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 405 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 7 Aug 2016 · 1 min read ज्ञान की अलख अज्ञान के अंधकार को भगाने को ज्ञान की अलख घर घर जगाने को निकल पड़ी हूँ मैं लेकर अटल इरादा कुछ लोग खूब आलोचना करेंगे मेरी कुछ लोग बहुत सराहना... Hindi · कविता 423 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 7 Aug 2016 · 1 min read एक शे'र दिल के अहसासों को आँखों से कर बयाँ देना, मेरे तन्हा तड़पते लफ़्ज़ों को अपनी जुबाँ देना। एक पल में ही सातों जन्म जी लुंगी तेरे इश्क में, खुदा कसम... Hindi · मुक्तक 1 479 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 10 Aug 2016 · 1 min read मृत्यु के बाद मौत होते ऐ आदमी की आड़े सब किमै ऐ बदल जावै स, जिसकै काँधे प थी जिम्मेदारी वो हे बोझ नजर आवै स। चारपाई प तै फटदे सी तलै लुटां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 427 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 24 Sep 2016 · 1 min read तड़प जुदाई की दिल से निकली बद्दुआ कर असर गयी, मैं ना चाहते हुए भी टूटकर बिखर गयी। तुमने कोशिश नहीं की दर्द जानने की, कौन सी बात इतना मजबूर कर गयी। तुमसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 419 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 12 Aug 2016 · 2 min read हे पुरुष मानसिकता बदल लो हे पुरुष मेरी तुझसे हाथ जोड़ कर इतनी सी विनती है। मानसिकता बदल ले तू अगर तेरी देवताओं में गिनती है। मेरी ही कोख से तूने जन्म लिया। मेरी ही... Hindi · कविता 1 393 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 30 Aug 2016 · 1 min read सच की हालत आज सच पराजित होने की कगार पर खड़ा है। पर सच है कि झूठ को हराने की जिद्द पर अड़ा है। झूठ की चालों का तोड़ नहीं है आज सच... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 385 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 20 Nov 2016 · 1 min read यादों का कोहरा यादों के कोहरे ने ढ़क लिया बेवफाई का आसमान, मुझसे ही दगा कर रहा है देखो ये मेरा दिल बेईमान। आज भी धड़कनें तेज़ हो जाती हैं तेरे नाम से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 416 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 4 Oct 2016 · 1 min read जै बेरा होता अंजाम (हरियाणवी) जै बेरा होता अंजाम मन्नै तो मोहब्बत ना करती, एक एक पल म्ह मैं सौ सौ बार हरगज ना मरती। अनजान बनी रहती तेरे तै सारी उम्र दुनिया म्ह, पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 414 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 16 Oct 2018 · 1 min read देखो कह कर बात नेता जी मुकर गए देखो कह कर बात नेता जी मुकर गए कहा था सत्ता में आते ही लोकपाल लाएंगे, भ्रष्टाचार करने वालों को जेल में भिजवाएंगे, पर देखो कह कर बात नेता जी... Hindi · कविता 8 398 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 7 Oct 2016 · 1 min read दो वक़्त की रोटी आगे सच कहूँ, मुझे कहाँ फुर्सत मैं किसी और के बारे में सोचूँ, साहब मुझे दो वक़्त की रोटी के आगे कुछ सूझता ही नहीं। इन हाथों से अपने बड़े बड़े... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 408 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 7 Aug 2016 · 1 min read नजर आ रहा है जिधर देखो उधर आज अभिमान ही नजर आ रहा है। इंसानों के अंदर बैठा हैवान ही नजर आ रहा है। संवेदनशीलता मरती जा रही है आज के इस दौर में,... Hindi · कविता 384 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 15 Oct 2018 · 1 min read कहानी लिखूँगी कांपते हाथों से मेरे देश की कहानी लिखूँगी, इन राजनेताओं का खून हुआ पानी लिखूँगी। फ़ौजी हर रोज़ शहीद हो रहे हैं वहाँ सीमा पर, फ़ौजियों के नाम पर हो... Hindi · कविता 7 378 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 30 Aug 2016 · 1 min read कौन हूँ मैं कौन हूँ मैं लाडली बेटी के रूप में मेरी माँ ने जनी। मैं किसी की बहन तो किसी की पोती बनी। समय के साथ साथ मैं बढ़ती गयी। पाबंदियां मुझ... Hindi · कविता 1 384 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 2 Dec 2016 · 1 min read इंतजार मेरी सुबहों को तेरी शामों का इंतजार रहता है, मेरे टूटे हुए दिल में बस तेरा ही प्यार रहता है। मेरी आँखों से तेरे दिए दर्द का दरिया बहता है,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 377 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 16 Aug 2016 · 1 min read कड़वी सच्चाई लिखूँगी गरीब की आह लिखूँगी, अमीर की चाह लिखूँगी, आम जनता के लिये राजनेता हैं बेपरवाह लिखूँगी। गरीब का दर्द लिखूँगी, वासना में डूबा मर्द लिखूँगी, मर्यादा छोड़ दी औरत ने,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 364 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 21 Dec 2016 · 1 min read हर कोई ताकने लगा लगता है जवानी की दहलीज पर कदम रख दिया, मेरी बेटी को अब हर कोई ताकने लगा है। सुनसान पड़ी गली हमारी में चहलकदमी बढ़ गयी, जिसे देखो गली के... Hindi · कविता 4 1 342 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 2 Nov 2016 · 1 min read आंतकियों के इस एनकाउंटर पर देखो मचा है बवाल आंतकियों के इस एनकाउंटर पर देखो मचा है बवाल, जिसे देखो उठा रहा है वो इस एनकाउंटर पर सवाल। कोई बता रहा है इसे फर्जी, कोई कह रहा है इसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 358 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 19 Sep 2016 · 1 min read प्रभु का नाम लिया कर लिया कर तू नाम उस प्रभु का लिया कर, तेरे सारै संकट कट ज्यांगे ध्यान चरणां म्ह दिया कर। एक उस प्रभु का नाम साचा इस जगत म्ह,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 350 Share Previous Page 2 Next