Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Aug 2016 · 1 min read

तीज मनावां

आ जाओ कुछ इस तरियां आपाँ तीज मनावां।
भाईचारे अर प्रेम की लांबी पींग आपाँ बधावां।

रल मिल कै बहु भाण बेटियां नै झुलाण चालां,
कोय बी पेड़ खाली ना पावै सब प पींग घालां,
ले कै दो दो चार चार झुटे आपाँ कानां नै गालां,
पकड़ कै लंगर आपाँ पींग नै शिखर म्ह चढ़ावां।

छोरी बहु गीत गावैंगी जद न्यारा आनंद छावैगा,
तीजां नै राम बी राजी हो सुथरा मींह बरसावैगा,
मीठी मीठी बूँदा म्ह झुल्दा हाणी जिस्सा आवैगा,
कह कै नै उण धोरै सासु जी का नाक तुड़वावां।

देसी खाना बणावां आपणै घरां कढ़ाही चढ़ा कै,
सारै राजी होज्यां खीर, हालवा, गुलगुले खा कै,
घी सा घल ज्या भई हाँसी ख़ुशी त्यौहार मना कै,
भुला कै आपणी दुश्मनी सबनै आपाँ गले लगावां।

कह गुरु रणबीर सिंह आड़े रीत रिवाज न्यारी सं,
भाईचारे अर प्रेम की ये हामनै देवैं सीख भारी सं,
सुलक्षणा नै बी लागैं रीत रिवाज जी तै प्यारी सं,
चालो रल मिल कै आपणी रीत रिवाजां नै बचावां।

©® डॉ सुलक्षणा अहलावत

Language: Hindi
400 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सूरज नमी निचोड़े / (नवगीत)
सूरज नमी निचोड़े / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
लागे न जियरा अब मोरा इस गाँव में।
लागे न जियरा अब मोरा इस गाँव में।
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
एक तेरे प्यार का प्यारे सुरूर है मुझे।
एक तेरे प्यार का प्यारे सुरूर है मुझे।
Neelam Sharma
चलो बनाएं
चलो बनाएं
Sûrëkhâ Rãthí
जल रहे अज्ञान बनकर, कहेें मैं शुभ सीख हूँ
जल रहे अज्ञान बनकर, कहेें मैं शुभ सीख हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak
कौन कहता है ज़ज्बात के रंग होते नहीं
कौन कहता है ज़ज्बात के रंग होते नहीं
Shweta Soni
*होली*
*होली*
Shashi kala vyas
हम वर्षों तक निःशब्द ,संवेदनरहित और अकर्मण्यता के चादर को ओढ़
हम वर्षों तक निःशब्द ,संवेदनरहित और अकर्मण्यता के चादर को ओढ़
DrLakshman Jha Parimal
मैं पीपल का पेड़
मैं पीपल का पेड़
VINOD CHAUHAN
मुक्तक
मुक्तक
डॉक्टर रागिनी
*संस्मरण*
*संस्मरण*
Ravi Prakash
अंबेडकर जयंती
अंबेडकर जयंती
Shekhar Chandra Mitra
बच कर रहता था मैं निगाहों से
बच कर रहता था मैं निगाहों से
Shakil Alam
जय श्री राम।
जय श्री राम।
Anil Mishra Prahari
अल्फाज़.......दिल के
अल्फाज़.......दिल के
Neeraj Agarwal
किधर चले हो यूं मोड़कर मुँह मुझे सनम तुम न अब सताओ
किधर चले हो यूं मोड़कर मुँह मुझे सनम तुम न अब सताओ
Dr Archana Gupta
किसी तरह मां ने उसको नज़र से बचा लिया।
किसी तरह मां ने उसको नज़र से बचा लिया।
Phool gufran
मेरे मन के धरातल पर बस उन्हीं का स्वागत है
मेरे मन के धरातल पर बस उन्हीं का स्वागत है
ruby kumari
अंतस के उद्वेग हैं ,
अंतस के उद्वेग हैं ,
sushil sarna
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀 *वार्णिक छंद।*
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀 *वार्णिक छंद।*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
Satyaveer vaishnav
"कविता क्या है?"
Dr. Kishan tandon kranti
2751. *पूर्णिका*
2751. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरा कल! कैसा है रे तू
मेरा कल! कैसा है रे तू
Arun Prasad
16)”अनेक रूप माँ स्वरूप”
16)”अनेक रूप माँ स्वरूप”
Sapna Arora
परवरिश
परवरिश
Dr. Pradeep Kumar Sharma
इंडियन सेंसर बोर्ड
इंडियन सेंसर बोर्ड
*Author प्रणय प्रभात*
स्वर्ग से सुंदर अपना घर
स्वर्ग से सुंदर अपना घर
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
SHELTER OF LIFE
SHELTER OF LIFE
Awadhesh Kumar Singh
फितरत आपकी जैसी भी हो
फितरत आपकी जैसी भी हो
Arjun Bhaskar
Loading...