सोनू हंस 95 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 सोनू हंस 4 Apr 2017 · 2 min read महाशिव प्रार्थना #ॐ नम: शिवाय# महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भगवान् शिव को समर्पित मेरी ये रचना- हे कल्याण स्वरूप शिव जी, माया अधीश महेश्वर जी। शंभु आनंद दो मन मेरे, कर... Hindi · कविता 286 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 2 min read शहरी व ग्रामीण जीवन मैं ग्राम का हूँ मैं शहर में भी हूँ अधिक दूर नहीं मैं ग्राम से औ' शहर से ग्राम जिन्दगी मनभावन है वो बचपन जो बीता है मेरा ग्राम में... Hindi · कविता 749 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read मुझे बेवफा न समझ मुझे बेवफा न समझ, सितारों की तरह हर बार टूटता रहा हूँ आखिर यूँ कब तक टूटता रहूँगा एक दिन अपना वजूद खो दूँगा मिल जाऊँगा मैं भी इस जमीं... Hindi · कविता 404 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 2 min read प्रायश्चित भास्कर ने उषा के साथ आँखें खोली ही थी कि चिडि़यों की चहचहाहट ने सम्राट अशोक को नींद से जगा दिया। "बस एक और विजय, और फिर समस्त आर्यावर्त मेरा... Hindi · लघु कथा 504 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 2 min read नीड़ का मोह एक पंछी को अपने कुछ कार्यों की निष्पत्ति के लिए किसी आश्रय की आवश्यकता थी। अचानक एक घने वृक्ष पर उसे एक नीड़ दिखाई दिया। उसने उसे अपना आश्रय बना... Hindi · लघु कथा 823 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read अक्स एक अक्स है जो, रातों की मेरी परवाह करता है; मुझमें समाहित सा मुझमें साँसे भरता रहता है जिन्दगी जो कभी कारगर नहीं हुई संघर्षों में मगर वो रहा साथ... Hindi · कविता 433 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read वो बात अब नहीं जमाने में वो बात नहीं अब जमाने में, जो कभी हुआ करती थी; वो हवाएँ अब नहीं चलती, जो कभी चला करती थी। जिंदगी मसरूफ थी तो क्या हुआ, दिलो में प्यार... Hindi · कविता 266 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read अरे मूढ़ मन अरे मूढ़ मन! इतना हठी न बन ऐसी चंचलता भी ठीक नहीं व्यर्थ क्यूँ सामर्थ्य का दहन करता है कभी कंदराओं में कभी अट्टालिकाओं पर कभी कलकल बहती सरित् की... Hindi · कविता 2 538 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read मैं.... इंतजार में हूँ प्रिये मैं..... इंतजार में हूँ प्रिय तुमने वादा किया था जो आने का कि मैं आऊँगी और सराबोर कर दूँगी तुम्हें अपने प्यार के सुनहरे रंगों से मगर कितने फागुन आए... Hindi · कविता 229 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 2 min read नारी शक्ति जागो क्यूँ हवस का सामान समझी जाती हैं नारियाँ! क्यूँ भोग्या की दृष्टि से देखी जाती हैं नारियाँ! क्यूँ दाग ये लगता है पुरुष समाज पर! क्यूँ पुरुष प्रधान समाज का... Hindi · कविता 331 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read भूलें नजर आज सब कुछ मुझे आ रहा है, कोई मुझसे यूँ जुदा हुए जा रहा है; उम्र थी जब न कुछ सोच पाया, जिसे खोजना था न खोज पाया। क्यूँ... Hindi · कविता 584 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read मेरे श्याम मुझे साथ अपने ले चल, मेरे श्याम.... साँवरे..... रहता है तू जहाँ पर मेरे श्याम..... साँवरे..... वो डारियाँ कदंब की, तेरा साथ मेरे होना; मेरे सामने रहे ये, तेरा रूप... Hindi · कविता 304 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read किस्मत ए रंज इस मद्धिम रोशनी में कोई पिघल रहा है अपने आगोश में ही कोई जल रहा है हमें खामोशियों को मगर साथ रखना है वजूद को जिंदा जिंदगी के बाद भी... Hindi · कविता 317 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read प्लास्टर प्लास्टर........ अजीब चीज है न पर काम की है हाथ टूट जाए तो प्लास्टर पैर टूट जाए तो प्लास्टर कुछ भी टूट जाए तो प्लास्टर बड़े अजीब हैं न ये... Hindi · कविता 1 1 446 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 2 min read पुष्प और अलि एक उपवन में यूँ खिली एक इठलाती कली, देख उसको पास में जा पहुँचा आवारा अलि। मुसका उठा वो उस प्यारी कली को देखकर, रोज उसको देखने आता वो झूम-झूमकर।... Hindi · कविता 454 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read अ मेरी कलम जानता हूँ तुझसा श्रेष्ठ, मेरे लिए कोई नहीं। अ 'कलम' तेरे प्रति, प्रीत मेरी कभी सोई नहीं॥ पर तेरी श्रेष्ठता पर प्रश्न चिह्न, क्या मैं लगा नहीं रहा। तेरी प्रतिष्ठा... Hindi · कविता 269 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read समय मैं.............. वक्त को दरकिनार कर चलता रहा, अपनी जवानी की उमंग में वक्त को मसलता रहा। नहीं.... नहीं आज नहीं... कल पर छोड़ता रहा, वक्त के हर नियमों को लापरवाही... Hindi · कविता 348 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read जो हो रहा है होने दो मुझे जिंदगी से शिकवा नहीं, जो हो रहा है वो होने दो, हम शायद किसी काबिल नहीं, जो खो गया वो खोने दो। आखिर खिजाएँ आ गईं, और वो कली... Hindi · कविता 605 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read अनुशासन अनुशासन से ही मनुजता की पहचान है, अन्यथा मनुज फिर पशु के समान है। अनुशासन ही उच्चता का सोपान है, सड़ते संस्कारों का निदान है। अनुशासन से ही जन्म लेते... Hindi · कविता 307 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read राधिका प्रेम *विधा*- राधिका छंद (प्रति चरण 22 मात्रा, यति 13, 9) मेरे प्रेम की न श्याम नहीं मिले थाह। तकूँ तकूँ दिनि-रैन मैं तेरी यूँ राह॥ अँसुवन रुकै न दिनि-रैनि पथराए... Hindi · कविता 353 Share सोनू हंस 4 Apr 2017 · 1 min read श्याम और राधा (प्रथम बार) देखत नैना श्याम के, राधा है हरषाय। ऐसे मंजुल सुमन तो, मानस* भी नहिं पाय॥ **************************** हिरदय में हिलोर रही, प्रेम लहरें अपार। वृषभानुजा पूछ रही, कान्हा कौन कुमार॥ ****************************... Hindi · दोहा 200 Share सोनू हंस 26 Mar 2017 · 1 min read चार दोहे मेरे जीवन में नहीं, कोई भी इक आस। स्वाति बूँद मिले नहिं फिर, चातक बुझै न प्यास॥ *************************** राह कोई सूझत नहिं, छानू पथ-पथ खाक। जैसे बिना श्राद्ध दिवस, पूछै... Hindi · दोहा 297 Share सोनू हंस 22 Mar 2017 · 5 min read वो एक रात 8 नीलिमा की हालत बहुत ही खराब थी। वह हाँफती सी छत की सीढ़ियों को चढ़ती चली गई। छत पर पहुँचते ही नीलिमा को रवि दिखाई नहीं दिया। "चीख तो यहीं... Hindi · कहानी 428 Share सोनू हंस 22 Mar 2017 · 1 min read उजली-सी किरण वो उजली सी किरण चली थी कुछ यूँ निकलकर नभ से गिरी सी धरा पर चली आई कभी शाख पर कभी पात पर कभी किसी नीर के विविध गात पर... Hindi · कविता 509 Share सोनू हंस 20 Mar 2017 · 8 min read वो एक रात 7 बटुकनाथ धूनी के पास पहुँच गए। वहाँ उपस्थित वे व्यक्ति बटुकनाथ को विस्मय और डर से देख रहे थे। लेकिन बटुकनाथ वहाँ जाकर शांति से बैठ गए।थोड़ी देर निस्तब्धता बनी... Hindi · कहानी 604 Share सोनू हंस 20 Mar 2017 · 6 min read वो एक रात 6 #वो एक रात 6 रवि अंदर की ओर भागता चला गया। अचानक वह किसी से टकराया। वह नीलिमा थी जो रवि की चीख सुनकर बाहर चली आई थी। रवि को... Hindi · कहानी 346 Share सोनू हंस 20 Mar 2017 · 6 min read वो एक रात 5 #वो एक रात 5 चारों दोस्त भी गाँव से आई आवाज की ओर चल दिए। शोर बढ़ता जा रहा था। भीड़ ने एक घेरा सा बना रखा था। न जाने... Hindi · कहानी 378 Share सोनू हंस 20 Mar 2017 · 7 min read वो एक रात 4 #वो एक रात 4 उसके चलने से जंगल के सूखे पत्तों पर चड़-चड़ की आवाज उत्पन्न हो रही थी। उसका व्यक्तित्व अपने आप में अद्भुत था। सिर पर सन से... Hindi · कविता 373 Share सोनू हंस 20 Mar 2017 · 7 min read वो एक रात 3 #वो एक रात 3 चीख सुनकर रवि हैरत में पड़ गया तथा थोड़ा घबरा भी गया कहीं नीलिमा को कुछ हो तो नहीं गया। वह तुरंत किचन की ओर भागा।... Hindi · कविता 303 Share सोनू हंस 20 Mar 2017 · 7 min read वो एक रात 2 #वो एक रात 2 रवि की हालत देखकर नीलिमा के हाथ पैर फूल गए। वह भागी हुई कमरे के अंदर गई और पानी की बोतल लाकर उसके छींटे रवि के... Hindi · कविता 434 Share सोनू हंस 20 Mar 2017 · 5 min read वो एक रात 1 रवि दीक्षित को आज और दिन से ज्यादा वक्त हो गया था, ओफिस में काम करते-करते। यूँ तो 8 बजे ओफ हो जाता था परंतु अभी भी बहुत सी फाईलों... Hindi · कहानी 311 Share सोनू हंस 21 Feb 2017 · 1 min read अरे ग्राम देवताओं शुभाशीष दो अविचल, अशेष, अवशेष से खडे़, निर्जन, श्मशान, क्षेत्रों में अडे़; जंगम, प्रस्तरों पर करे निवास, पीपर, आम तले हुआ अधिवास; तुम ही सर्वश्रेष्ठ अरु मनीष हो, अरे ग्राम देवताओं शुभाशीष... Hindi · कविता 303 Share सोनू हंस 13 Feb 2017 · 2 min read कृष्ण चालीसा मेरे प्रिय मित्रों और विद्वत जनों को सोनू हंस का प्रणाम। मैं आपके समक्ष अपने प्यारे कान्हा की स्वरचित #चालीसा# रख रहा हूँ। आपकी प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा रहेगी। हे माधव... Hindi · कविता 318 Share सोनू हंस 11 Feb 2017 · 1 min read नववधु #हाइकु# पल में रोए उजाड़ सी होकर वो नववधु महकती थी बाबुल के आँगन विदा हो रही माँ की लाड़ली आँगन की चिड़िया है उड़ चली बापू की परी चुनरिया... Hindi · हाइकु 271 Share सोनू हंस 11 Feb 2017 · 1 min read नफरत करते हो? नफरत करते हो? कोई बात नहीं! शौक से करो; मगर किससे? मैं बताता हूँ! घृणा से करो, प्रेम से नहीं! अश्लीलता से करो, शीलता से नहीं। क्रूरता से करो, दयता... Hindi · कविता 498 Share सोनू हंस 11 Feb 2017 · 1 min read देखा है कभी? देखा है कभी? दूर क्षितिज में उतरती डूबते रवि की रश्मियों को, लगता है जैसे जिंदगी उदास हो रही हो कोई कहीं अश्रुजल से दामन भिगो रही हो। लगता है... Hindi · कविता 258 Share सोनू हंस 10 Feb 2017 · 1 min read राधा का विरह #गीतिका छंद# गीतिका चार पदों का एक सम-मात्रिक छंद है. प्रति पंक्ति 26 मात्राएँ होती हैं तथा प्रत्येक पद 14-12 अथवा 12-14 मात्राओं की यति के अनुसार होता है, पदांत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 503 Share सोनू हंस 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटियों को मारकर क्यूँ लिखते हो खून से तकदीर अपनी, देखना ये बेटियाँ ही एक दिन तेरे काम आएँगी। जब कोई बेटा तेरा दुत्कार कर घर से निकाल देगा, देने... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 866 Share सोनू हंस 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटियों को मारकर क्यूँ लिखते हो खून से तकदीर अपनी, देखना ये बेटियाँ ही एक दिन तेरे काम आएँगी। जब कोई बेटा तेरा दुत्कार कर घर से निकाल देगा, देने... Hindi · कविता 401 Share सोनू हंस 31 Dec 2016 · 1 min read मयखाना अब मुझे मयखाना भा गया है, यूँ ये 'हंस' मधुशाला आ गया है। देख मंजर इस हसीं शाम का, है छलकता यहाँ पैमाना जाम का। फिक्र नहीं अब मुझे पीना... Hindi · कविता 558 Share सोनू हंस 17 Dec 2016 · 1 min read भोर हुई अचल छंद मात्राएँ प्रति पद- 27, वर्ण- 18 चार चरण; दो-दो पद तुकांत 1 2 1 2 2 1 2 1 1 1 2 2 1 1 2 2 2... Hindi · कविता 421 Share सोनू हंस 17 Dec 2016 · 1 min read भोर हुई अचल छंद मात्राएँ प्रति पद- 27, वर्ण- 18 चार चरण; दो-दो पद तुकांत 2 2 1 2 2 1 2 1 1 1 2 2 1 1 2 2 2... Hindi · कविता 466 Share सोनू हंस 17 Dec 2016 · 4 min read वो 500 का नोट मिस्टर मेहता 500 व 1000 रुपयों की गड्डी लेकर बैंक की लाइन में खड़े थे। नवंबर 2016 की रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी ने 500 व 1000 के... Hindi · लघु कथा 447 Share सोनू हंस 16 Dec 2016 · 1 min read निर्भया 16 दिसंबर की ही वो सर्द रात जब एक लड़की के साथ अमानवीय खेल खेला गया था। परंतु ये वहशी खेल आज भी जारी है। कोई न कोई निर्भया यहाँ... Hindi · कविता 375 Share सोनू हंस 16 Dec 2016 · 1 min read एक मुक्तक- जीने की वजह हो एक तुम ही तो जीने की वजह हो, मिले हर गम को पीने की वजह हो, रहना हमेशा सनम साथ हमारे, तुम हर दर्द को सहने की वजह हो। सोनू... Hindi · मुक्तक 188 Share Previous Page 2