Dinesh Sharma Tag: कविता 44 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dinesh Sharma 23 Nov 2021 · 1 min read दाग दाग तो लगता ही है चाँद भी न बचा न बचा भगवान फिर हम तो ठहरे इक साधारण इंसान सही थे ...... गलत थे, सबकी अपनी अपनी नजर जानती अपनी... Hindi · कविता 2 1 265 Share Dinesh Sharma 20 Dec 2016 · 1 min read *बेदाग बादशाह जब देखता हूँ खिलते कमल को भोर में, अंधेर घोर में, आँखों में उतर जाती है पवित्रता की किरणें, कीचड़ में खिले कमल की पवित्रता देखकर, दर्शनीय है,वंदनीय है नमन... Hindi · कविता 1 654 Share Dinesh Sharma 18 Oct 2016 · 1 min read माँ का हीरो**** पढ़ ले बेटा पढ़ ले कुछ कर ले काम आयेगा नहीं तो रह जायेगा जीरो मास्टर जी के गूंजते ये शब्द.... सच में रुला देते थे भारी कदमो से लौटते... Hindi · कविता 2 2 958 Share Dinesh Sharma 10 Oct 2016 · 1 min read एक रावण मरता सौ तैयार है... आज के रावण को भी नहीं मिलता वो राम है जो दे रावण से मुक्ति, आज के रावण का काम तमाम रावण के ही हाथ है, एक रावण मरता सौ... Hindi · कविता 1 781 Share Dinesh Sharma 3 Oct 2016 · 1 min read जय देवी*** देवी के मंदिर सर झुका कर फल-फूल धुप बत्ती वस्त्र श्रृंगार चढ़ा कर भक्ति बखान दण्डवत् नमन तेरा, पत्थर की मूर्ति पर अपार श्रद्धा हैरान भगवान भी हैरान मैं भी... Hindi · कविता 1 1 479 Share Dinesh Sharma 28 Sep 2016 · 1 min read शहीदों की इच्छा*** चल दिये अपनी जान वतन पर फिदा करके, सोच रही है तड़पती आत्मा वार भारी पक्का होगा, आतंक के खिलाफ निर्णायक जंग होगा, जीत अपनी पक्की पक्का इंसाफ होगा, मिलेगी... Hindi · कविता 1 460 Share Dinesh Sharma 19 Sep 2016 · 1 min read अब खैर नही पाक तेरी..... अब खैर नहीं पाक तेरी तेरे मिटने की बारी है, बहुत हो चुका तेरा आतंक का दंगा हिंदुस्तान से लेकर पंगा मति तेरी मारी है, पीठ पर वार करना ना... Hindi · कविता 5 599 Share Dinesh Sharma 15 Sep 2016 · 1 min read निर्दोष बेजुबां का लाल खून.... निर्दोष बेजुबां पर चली होगी जब कटार तड़पा होगा बदन उसका दिल भी रोया होगा, धरती हो गयी लाल उस खून से जो उस बेगुनाह से निकला होगा, उस मासूम... Hindi · कविता 572 Share Dinesh Sharma 10 Sep 2016 · 1 min read क्यों हो खफा हम.... खफा है बहुत से मुझ से, पर हम खफा नही किसी से, क्यों हो खफा हम किसी से, किसी से हमने लिया कुछ नही, दे दिया जो था सब कुछ,... Hindi · कविता 498 Share Dinesh Sharma 8 Sep 2016 · 1 min read कर दी मैली..... बदल गये गंगा तट वासी पर न बदली गंगा माँ सच में माँ तो माँ ही है सदियो से वही निर्मल पवित्र धारा*** पालनहार इस धरा पुत्रो की सहनशीलता की... Hindi · कविता 2 420 Share Dinesh Sharma 6 Sep 2016 · 1 min read अब तो राशन कार्ड बनाना.... कैसे है ये जनता के सेवक जो जनता पर राज करते है पहले करते जनता की चाकरी बाद चक्कर कटवाते है, जीत का जश्न बना कर जाने कहाँ छिप जाते... Hindi · कविता 4 587 Share Dinesh Sharma 5 Sep 2016 · 1 min read सच में लगा इंसान सा...... एकांत में चुपचाप सा शांत सा मगन में मगन इंसान सा, तल्लीन किसी लय में ऊँगली से बजती चुटकी को संगीत बना, कुछ गुनगुना रहा था मन ही मन दिल... Hindi · कविता 1 543 Share Dinesh Sharma 4 Sep 2016 · 1 min read गणपति आ गये आशीष देने.... बर्ष बीत गया गणपति आ गये आशीष देने.... वायदों को याद दिलाने गंगा के स्वच्छ्ता की नदियो की जहाँ मिलकर हो जाती है सदभाव से एक एकता की, एकता में... Hindi · कविता 1 622 Share Dinesh Sharma 3 Sep 2016 · 1 min read वायदा है.... मत भटक दर बदर तुझे है क्या खबर संवरेगा तेरा भी मुकद्दर खुदा का वायदा है ईमान के दिन भी पलटेंगे।। ^^^^^दिनेश शर्मा^^^^^ Hindi · कविता 2 351 Share Dinesh Sharma 2 Sep 2016 · 1 min read तू बरस इतना बरस कि........ बदली भी बदल गयी काली घटा देख बादल में, कही फट चली बोझ से.... तबाही का मंजर देकर, कही बरस पड़ी अन्न दाता की झोली में खुशियों की सौगात देकर,... Hindi · कविता 2 615 Share Dinesh Sharma 1 Sep 2016 · 1 min read जीने की कला जीने की भी कला है जी रहे है सब कुछ होश में कुछ बेहोशी में, पर सब जी ही रहे है रंग में भी बेरंग में भी, बदरंग के बचने... Hindi · कविता 8 710 Share Dinesh Sharma 30 Aug 2016 · 1 min read कुछ है जो... कुछ है जो घूरते है आँखों में छिपी काली आँखों से, आँखों में शर्म नहीं बहाते है पानी आँसू नही कुछ है जो घूरते है आँखों में छिपी काली आँखों... Hindi · कविता 417 Share Dinesh Sharma 27 Aug 2016 · 1 min read मौन...एक खोज चल दिये उस राह पर जहाँ हर कोई जाता न था, न कोई चहकता था न कोई महकता था, नितांत मौन थी राह जो केवल मौनता के साथ अंदर उतर... Hindi · कविता 2 350 Share Dinesh Sharma 22 Aug 2016 · 1 min read तुझ पर कुरबां..... शहीदों की शहादत देख आँखों से आँसू छलक पड़े, पर गिरे न जमीं पर वो आसमां पर लिपट गये, शहीदों की सहादत देख आँखों से आँसू छलक पड़े, माँ की... Hindi · कविता 626 Share Dinesh Sharma 17 Aug 2016 · 1 min read कभी इस पार ,कभी.... कभी इस पार कभी उस पार, खिच लेता है एक दूजे को बहन-भाई का प्यार रक्षा बंधन का त्यौहार चलता रहे,निभता रहे अमर प्रेम की है गाथा, बहन भाई के... Hindi · कविता 1 438 Share Dinesh Sharma 16 Aug 2016 · 1 min read ऊँचे चबूतरे पर... ऊँचे चबूतरे पर जलता दीया निचे रोशनी बिखेरना चाहता था उन हवा के झोंके से बुझ गया जो ऊँची ही चलती थी ऊंचाई के अहसास के साथ हवा यूँ ही... Hindi · कविता 1 605 Share Dinesh Sharma 14 Aug 2016 · 1 min read पुनः सोने की चिड़िया बनने को... मेरा प्यारा देश चल पड़ा तरक्की की राह पर पुनः सोने की चिड़िया बनने को खुशहाली होगी जहाँ हर घर-आँगन में जहाँ बसता है ईश्वर कण कण में चंदा-सूरज देख... Hindi · कविता 625 Share Dinesh Sharma 13 Aug 2016 · 1 min read जी लेती है जी भरकर के...मुस्कुराती सी सुबह की मस्त सुहानी हवा से झूमते पत्तो फूलो की डाली सूरज की पहली किरण इठलाती सी ओस की बुँदे को स्पर्श कर जो नाच रही चमक रही मोती सी... Hindi · कविता 413 Share Dinesh Sharma 12 Aug 2016 · 1 min read काबिल है हम दोनों के.... बेपनाह मोहब्बत कीजिए या नफ़रत काबिल है हम दोनों के ऐ मेरे दोस्त, नजरिया आपका अपना है विश्वास न तोड़ना ऐ मेरे दोस्त हमें धोखे से डर लगता है, मोहब्बत... Hindi · कविता 374 Share Dinesh Sharma 11 Aug 2016 · 1 min read एक शांत मौन..... आओ इस कोरे कागज पर कुछ लिख देते है ना मिटने वाला शब्द जो दिल की गहराई में उतर जाये शब्द तो शब्द है शब्द के अर्थ भी होंगे अर्थ... Hindi · कविता 677 Share Dinesh Sharma 10 Aug 2016 · 1 min read दौड़ा चला जा रहा है.... बस इंसान दौड़ा चला जा रहा है, उदासी की गठरी सर पर उठाय बस जिये जा रहा है, पल पल मरे जा रहा है एक उम्मीद की खोज में बस... Hindi · कविता 1 3 719 Share Dinesh Sharma 10 Aug 2016 · 1 min read कुछ होते है मतलब से..... कुछ होते है मतलब से होते है, शायद मतलबी दुनियां से होते है रिश्ते नाते प्यार भरी बाते लंबे-चोड़े वायदों की भरी पराते मतलब से आते, मतलब से जाते खाते-पीते... Hindi · कविता 1 479 Share Dinesh Sharma 9 Aug 2016 · 1 min read नियत दिखला देता तो मैं.... आइना बोला इंसान से हे इंसान तू मुझ में अपना चेहरा देख कर कितना खुश होता है, बाल संवारता है,बे धड़क निगाह मिलाता है तू जैसा चाहता है वैसा दिखलाता... Hindi · कविता 1 2 507 Share Dinesh Sharma 8 Aug 2016 · 1 min read बेदर्दो को क्या पता..... दर्दे दिल में एक बात तो खास होती है, सच्चाई से रूबरू बे हिसाब होती है, बे दर्दो को क्या पता सच का स्वाद सच ही तो खुदा है, दर्दे... Hindi · कविता 529 Share Dinesh Sharma 7 Aug 2016 · 1 min read तू आ जा...सावन जाने को पड़ा है सावन में सब हरा भरा है रिम झिम फुहारों में मस्त नशा चढ़ा है मेहंदी की खुशबू से महक उठा तन मन, तेरे इंतजार में, तू आया क्यों नही इस... Hindi · कविता 329 Share Dinesh Sharma 6 Aug 2016 · 1 min read मैं लाचार द्रोपदी नही.....पुकारूँगी मैं विघ्न बिंघनेश्वरी हूँ मैं कोई लाचार कुचली डरपोकनी नहीं हूँ मुझे अंधे राज की द्रोपदी न समझना कि पुकारूगी लाचार सी इस दुःशासन के सामने अब राज अँधा ही... Hindi · कविता 1 3 479 Share Dinesh Sharma 5 Aug 2016 · 1 min read दौड़े चले जा... जिंदगी की पटरी पर दौड़े चले जा रहे है, कुछ छूट रहा है कुछ छोड़े चले जा रहे है एक दूसरे को पीछे छोड़ने की होड़ में दौड़े चले जा... Hindi · कविता 781 Share Dinesh Sharma 4 Aug 2016 · 1 min read मुस्कुराएंगे तो... सोचा था तुम्हारे आने से खुशियाँ आएगी मुस्कुराएंगे खुशियां आयी भी मुस्कुराये भी, समय बिता नन्हा सा दिल आया ढेरो खुशियां लाया, फिर मुस्कुराये, मीठी-कड़वी यादो के साथ समय बीतता... Hindi · कविता 312 Share Dinesh Sharma 3 Aug 2016 · 1 min read बदला नही बदल दो** बदला लेने की ख़ुशी दिल में एक बार तो उठी अगले ही पल दिल के कोने से छिपा नन्हा सा छोटा दिल हिम्मत करके बोला बदला लेने से तुझ में... Hindi · कविता 538 Share Dinesh Sharma 3 Aug 2016 · 1 min read कौन अपने- कौन गैर दिल में याद बना लेते है गैर भी... अपने भी... कुछ चुभते है कुछ यादगार बन जाते है अपने भी-गैर भी पहचान न पाये अपनों को भी गैरो को भी... Hindi · कविता 2 3 509 Share Dinesh Sharma 2 Aug 2016 · 1 min read मुस्कुराते है चंद चेहरे.... दुःख के तपिश में फिर भी मुस्कुराते है चंद चेहरे अपने दम पर, बादशाह से कम नहीं इनकी हस्ती, हर पल है इनकी मस्ती जीना इसी का नाम है खिलखिलाती... Hindi · कविता 485 Share Dinesh Sharma 2 Aug 2016 · 1 min read नासमझ है... उसने मुझे एक कागज थमाया,मुस्कुराते हुए कहा इसमें लिखा है बहुत कुछ दिल की आँखों से पड़ सकते हो तो पढ़ लेना शब्दों का मर्म समझ लेना दिल की गहराइयो... Hindi · कविता 1 590 Share Dinesh Sharma 1 Aug 2016 · 1 min read निगाह जलता है मन जलती हुई निगाह देखकर डरती है कली काले मन का काला नाग जाने कब डस ले ये सुनसान राह की काली निगाह से भी खतरनाक हो गए... Hindi · कविता 514 Share Dinesh Sharma 1 Aug 2016 · 1 min read बदलते चेहरे बदलते रिश्ते... दिया था.... मांग कर जाने क्या गुनाह हो गया अपनों में बुरे हो गये अपनों के बदलते चेहरे देखकर झूठे है वो रिश्ते जो निभते है केवल देकर बस केवल... Hindi · कविता 1k Share Dinesh Sharma 1 Aug 2016 · 1 min read माँ तेरी याद के है बहुत मौके जब गूंजते ये शब्द कानो में किसी माँ के, बेटा अभी खाया ही क्या है ले एक और खा ले चपाती तब माँ तेरी याद है बहुत आती याद है... Hindi · कविता 1k Share Dinesh Sharma 31 Jul 2016 · 1 min read चमत्कार चमत्कार को नमस्कार है आज धन ही चमत्कार है इंसान के पास अगर धन है वह इंसान ही चमत्कार है ऐ धन तुझे नमस्कार है, तुझको पाने की ललक सब... Hindi · कविता 2 550 Share Dinesh Sharma 30 Jul 2016 · 1 min read शहंशाह जो बीत गया पल सुख का भी था दुःख का भी मन में था बोझ बीते पल का जो आनंद की लहरो को उठने नहीं देता था, जाने क्यों व्यर्थ... Hindi · कविता 1 317 Share Dinesh Sharma 30 Jul 2016 · 1 min read खुशबू का झोंका थका सा कुछ निराश सा सो गया नींद के इंतजार में सुबह के इंतजार में बिगर नहाये चले गये पानी के इंतजार में दुकान पर जा बैठे,ग्राहक के इंतजार में... Hindi · कविता 527 Share Dinesh Sharma 29 Jul 2016 · 1 min read मुस्कुराना तेरा ये रूठ कर मुस्कुराना आँखों ही आँखों में कुछ कहना मुझ नासमझ के समझ से पार है बस हम तो इतना समझे मामला या तो आर है या पार... Hindi · कविता 574 Share