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8 Sep 2016 02:19 PM

स्वच्छ गंगा***
स्वच्छ भारत***

9 Sep 2016 12:50 PM

*एक बार मैने मॉ गंगा से पुछा -*
“हे माता, आप लाखों वर्षों से लोगों के पाप धो रही हैं | आखिर आप इतने सारे पापों का क्या करती हैं ?”
मां गंगा बोली. *”मै सारे पाप समुद्र मे डाल देती हुं |”*
मैने समुद्र से पुछा – *”आप क्या करते हैं इतने पापों का ?”*
समुद्र ने जवाब दिया. *”मै सारे पाप बादलों को सौंप देता हूं |”*
मैने बादलों को पुछा – *”आप कहां ले जाते हैं, इतने पापों को ?”*
*”मै उऩहे पानी बनाकर वहीं बरसा देता हूं, जहां से वो आए थे |”*
बादलों ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया |
*The Moral thing is:-* कुदरत हमे वही लौटाती है, जो हम उसे देते हैं |

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