डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' Tag: ग़ज़ल/गीतिका 119 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल "तुम्हारे बिन" तुम्हारी याद के साए सताते हैं चले आओ हमें जीने नहीं देते रुलाते हैं चले आओ। तुम्हारे गेसुओं में पा पनाह हर शाम गुज़री थी फ़लक से चाँद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 219 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल बहर २१२२ १२१२ २२ काफ़िया- आ रदीफ़- देना ख्वाब आए नहीं जगा देना। बुझ गया तो दिया जला देना। रात आकर मुझे सताती है नींद आती नहीं सुला देना।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 235 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल बहर २१२२ १२१२ २२ काफ़िया- आ रदीफ़- देना ख्वाब आए नहीं जगा देना। बुझ गया तो दिया जला देना। रात आकर मुझे सताती है नींद आती नहीं सुला देना।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 228 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल “कहाँ इंकार करता हूँ” बहर- १२२२ १२२२ १२२२ १२२२ रदीफ़ करता हूँ काफ़िया- आर सुनाके हाल दिल का आपसे इकरार करती हूँ। मुहब्बत है अजी कब आपसे इंकार करती हूँ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 299 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल “अनबुझी प्यास” बह्र 1222×4 काफ़िया-आ रदीफ़- जाओ छलकते जाम बन कर आप नयनों से पिला जाओ। महकते ख़्वाब बन कर आप नींदों में समा जाओ। धधक रिश्ते यहाँ नासूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 275 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल मापनी-2122 2122 2122 212 काफ़िया-"अरने" रदीफ़-"आ गया" रंग खुशियों के तेरे दामन में भरने आ गया। नफ़रतों को पर्व होली दूर करने आ गया। भूल मजहब बैर हम सब एक-दूजे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 396 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल बेरुखी” रदीफ़–बैठे हैं काफ़िया-आके दिखाते बेरुखी चिलमन गिराके बैठे हैं । मिजाज़े बादलों सा रुख बनाके बैठे हैं। नज़र में शोकियाँ दिखती अदा में उल्फ़त है गुलाबी हुस्न में काँटे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 247 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल "प्रीत के रंग" प्रीत नैनों में बसा चाहत लुटाके देखना बन हिना सूनी हथेली को रचाके देखना। जानते हो पीर हरके कुछ सुकूँ मिल जाएगा बन निवाला भूख दूजी तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 240 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल 122 122 122 122 *जवाँ हसरतें ------------------ झुकी है नज़र कुछ सँभलने तो दो। ज़रा देर हमको ठहरने तो दो। अभी प्यार से मन भरा ही नहीं चरागों को थोड़ा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 237 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-आस रदीफ़-बाक़ी है बह्र-1222 1222 1222 1222 *मिलन की प्यास बाकी है* --------------------------------- तरसता प्यार को तेरे मिलन की आस बाक़ी है। जलाए दीप नयनों के सनम विश्वास बाक़ी है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 246 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया- अर रदीफ़- जाऊँ मैं बह्र-122 122 122 12/22 *वफ़ा की महक* उतर प्रीत दरिया उबर जाऊँ मैं। वफ़ा की महक से सँवर जाऊँ मैं। नज़ारे अगर साथ दे दें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 226 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल काफ़िया-आम रदीफ़ -कर बैठा तर्ज़-ग़रीब जान के हमको न..... *मुहब्बत के नाम* जो करना था मुझे वो आज काम कर बैठा। मैं ख़ुद से ख़ुुद को ही तेरा गुलाम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 469 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल "कितना रुलाओगे" *************** खड़ी तन्हा किनारे सोचती कैसे भुलाओगे। करूँ फ़रियाद आ जाओ हमें तुम छल न पाओगे। अनबुझे प्रश्न लेकर खोजतीं नज़रें जवाबों को ज़माने के सवालों से कहो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 195 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल आशिक़ी रोग उल्फ़त का लगा हमको जगाया रातभर। जाम चितवन का चख़ा हमको सताया रातभर। प्रीत की तहरीर नज़रों से बयाँ की आपने वार सीने पर किया आशिक़ बनाया रातभर।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 225 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read कविता “पिता” आँगन की फुलवारी हरदम लहू दे सींचते हैं जो, दु:ख हरते पोषण करते सबल सशक्त पिता हैं वो। प्रसव समय दे मातु सहारा परिवार का आधार बने , रोटी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 507 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-आना रदीफ़-हो गया वज़्न-2122 2122 2122 212 *हमसफ़र* हमसफ़र का साथ जीने का ठिकाना हो गया। बाँट लीं तन्हाइयाँ ये दिल दिवाना हो गया। प्रीत अधरों पे सजा मुझको हँसाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 217 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-आन रदीफ़-ए जाने ज़िगर 2122 2122 2122 212 मान से ज़्यादा मिला सम्मान ए जाने ज़िगर। हो गए पूरे सभी अरमान ए जाने ज़िगर। ज़िंदगी में शख़्सियत थी कुछ सवालों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 241 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-आर रदीफ़-बिकते हैं अजब मालिक की दुनिया है यहाँ किरदार बिकते हैं। कहीं सत्ता कहीं ईमान औ व्यापार बिकते हैं। पड़ी हैं बेचनी सांसें कभी खुशियाँ नहीं देखीं निवाले को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 233 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 7 Oct 2018 · 1 min read कविता *किताब* -------------- आज किताबें व्यथा सुनातीं कैसा ये कलयुग आया है? मोबाइल हाथों में देकर पुस्तक का मान घटाया है। ज्ञान स्रोत गूगल बन बैठा जग में ऐसा तोड़ कहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 217 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 2 Sep 2018 · 1 min read ग़ज़ल "मुहब्बत" ********* रोज़ आते रहे ख़्यालों में। गुल महकते रहे किताबों में। मुस्कुराने का' दौर आया है गीत छेड़ा गया बहारों में। ये मुलाकात बस बहाना है बात होती रही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 253 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 2 Sep 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-अता रदीफ़- कह रहा अपनी कहानी 2122 2122 2122 212 मंज़िलों को मैं भटकता कह रहा अपनी कहानी। रंज़ोग़म से मैं गुज़रता कह रहा अपनी कहानी। रात-दिन आँसू बहाता नींद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 197 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 30 Aug 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-अता रदीफ़-रहा 2122 2122 2122 212 दर्द आँखों से मेरी नासूर बन रिसता रहा। याद में तकिया भिगो हर ज़ख्म को सहता रहा। रौंदकर ख़ुदगर्ज़ दिल को खुद ख़ुदा बनकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 189 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Aug 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-अत रदीफ़-रहे वज़्न-2122 2122 2122 212 मुफ़लिसी पे ए ख़ुदा तेरी सदा रहमत रहे। भूख से मरते जनों के मुल्क़ में बरकत रहे। चंद सिक्कों के लिए बिकता यहाँ इंसान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 282 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 29 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल गोपालदास नीरज को समर्पित ग़ज़ल- काफ़िया-ईत रदीफ़-लिख दूँगी वज़्न-1222 1222 1222 1222 तुम्हारी याद में नीरज नया एक गीत लिख दूँगी। सँजोके आज सरगम में नया संगीत लिख दूँगी। रचे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 430 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल 'मुहब्बत' काफ़िया-ओं रदीफ़-से वज़्न- 1222 1222 1222 1222 किया क़ातिल निगाहों ने मिलीं जब ये निगाहों से। मुहब्बत हो गई हमको तुम्हारी इन अदाओं से। सुनाने जब लगे तुम बज़्म... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 286 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया -आ रदीफ़-लगा 2122 2122 212 "बेबसी" ******* छिन गईं खुशियाँ चमन लूटा लगा। आसमाँ भू पर गिरा ऐसा लगा। नफ़रतों के बीज इतने बो दिए बेरहम पतझड़ समाँ सारा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 199 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 20 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-ई रदीफ़-नहीं आती 2122 1212 22 आँख रोती नमी नहीं आती। बेवफ़ा है खुशी नहीं आती। रौंद के ज़िस्म को मसल डाला होठ पे अब हँसी नहीं आती। शाख से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 254 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 20 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-ई रदीफ़-नहीं आती 2122 1212 22 आँख रोती नमी नहीं आती। बेवफ़ा है खुशी नहीं आती। रौंद के ज़िस्म को मसल डाला होठ पे अब हँसी नहीं आती। शाख से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 430 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 19 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल 2122 2122 212 आशिकों का क्या ज़माना आ गया। दर्द सहकर मुस्कुराना आ गया। वस्ल की उम्मीद में दूरी बढ़ी सेज काँटों की बिछाना आ गया। दे भरोसा प्यार में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 252 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 18 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल 'रातभर' ख़्वाब आँखों को दिखा हमको जगाया रातभर। नूर चितवन का दिखा हमको सताया रातभर। ज़ुल्फ़ से रुख ढ़ाँक कर क्यों आपने पर्दा किया शबनमी घूँघट गिरा हमको लुभाया रातभर।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 219 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल 'क्या यही प्यार है' काफ़िया-गी रदीफ़-देखो वज़्न-1222 1222 1222 1222 लुटाते प्यार ख़्वाबों में सनम की दिल्लगी देखो। समंदर अश्क में डूबा बुझे न तिश्नगी देखो। किया सजदा मुहब्बत में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 344 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल विषय-"दिल्लगी" काफ़िया-इल रदीफ़-नहीं समझा वज्न-1222 1222 1222 1222 मुहब्बत आजमाती है हमें क़ाबिल नहीं समझा। लुटाए ग़म दिवाने ने हमें संगदिल नहीं समझा। कभी गज़रा लगा मेरी नहीं जुल्फें सँवारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 534 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 14 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल 2122 1212 22/112 प्यार में जाँ निसार मत करना। गैर पे एतबार मत करना। इश्क का रंग मौसमों सा है दिल कभी बेकरार मत करना। पाक़ अस्मत तुझे बचानी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 300 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 2 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-आना रदीफ़- है वज़्न-1222 1222 1222 1222 जिधर देखूँ सरे महफ़िल उधर तेरा फ़साना है। सजा अरमान हम बैठे जहाँ तेरा दीवाना है। दिए जो ज़ख्म उल्फ़त में बड़े महफ़ूज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 293 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 20 Jun 2018 · 1 min read ग़ज़ल "इंतिहाँ अब हो गई" काफ़िया-आने रदीफ़-आइए वज़्न-2122 2122 2122 212 तोड़ खामोशी सनम मुझको रुलाने आइए। है फ़रेबी यार उल्फ़त आज़माने आइए। वादियों ने राग छेड़ा थम गई धड़कन मेरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 509 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 20 Jun 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-ई रदीफ़-है बह्र-1222 1222 122 "अधूरे ख़्वाब" अधर पे प्यास नयनों में नमी है। अधूरे ख़्वाब जीवन में कमी है। सदायें दे रही हैं धड़कनें भी नहीं बरसात अश्कों की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 231 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 20 Jun 2018 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल काफ़िया- आरों रदीफ़- को वज़्न-2122 1212 22/112 क्या कहूँ बात इन बहारों को। कर दो गुलज़ार रेज़गारों को। शीरि फ़रहाद प्यार को तरसे कौन समझाए आबशारों को। दीप जलते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 230 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Jun 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-आ रदीफ़-कौन है वज़्न- 2122 2122 2122 212 ग़ज़ल राग छेड़ी सुरमयी मुझको रिझाता कौन है। गीत अधरों पे सजा मुझको बुलाता कौन है। मैं पवन का मस्त झोंखा बादलों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 264 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Jun 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-आ रदीफ़-रखिए बह्र- 2122 1212 22/112 ज़िंदगी को न यूँ ख़फ़ा रखिए। दरमियां यूँ न फ़ासला रखिए। ज़ख्म मिलता है तो हरा रखिए दर्द सहने का हौसला रखिए। प्यार में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 335 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Jun 2018 · 1 min read ग़ज़ल 122 122 122 12 झुकी है नज़र कुछ सँभलने तो दो। ज़रा देर हमको ठहरने तो दो। अभी प्यार से मन भरा ही नहीं चरागों को थोड़ा सा जलने तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 255 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Jun 2018 · 1 min read ग़ज़ल बह्र- 1222 1222 122 काफ़िया-आ रदीफ़-करेंगे तुम्हारी याद में रोया करेंगे। समंदर आँख से छलका करेंगे। फ़रेबी आइना भी हो गया है बताओ किससे हम शिकवा करेंगे। फ़कत अहसास बन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 213 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 25 May 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-आत रदीफ़- करती है बह्र- 1222 1222 1222 1222 हया से मुस्कुराकर वो नज़र से बात करती है। पिला कर जाम नज़रों का सुहानी रात करती है। बहारों से चुरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 263 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 May 2018 · 1 min read बुढ़ापे की सौगात विषय- "बुढ़ापे की सौगात" है बुढ़ापे का तकाज़ा दिल लगाना चाहिए। धूल दर्पण पर जमीं उसको हटाना चाहिए। भूल पाते हम नहीं गुज़रा ज़माना चाहकर हर किसीको अब यहाँ कोई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 511 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 19 May 2018 · 1 min read आरजू काफ़िया- आनी रदीफ़-सनम दे दो बह्र-1222 1222 1222 1222 "आरजू" ******** अकेले रो लिए तुम आज वीरानी सनम दे दो। तरसती आरजू को आज हैरानी सनम दे दो। बहुत तड़पे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 593 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 14 Apr 2018 · 1 min read प्रेम के रंग "प्रीत के रंग" प्रीत नैनों में बसा चाहत लुटाके देखना बन हिना सूनी हथेली को रचाके देखना। जानते हो पीर हरके कुछ सुकूँ मिल जाएगा बन निवाला भूख दूजी तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 350 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Mar 2018 · 1 min read दर्द का सिलसिला ग़ज़ल काफ़िया-आ रदीफ़-वो क्या जाने बह्र-2122 1212 22 "दर्द का सिलसिला" **************** दर्द का सिलसिला वो क्या जाने। ज़िंदगी का मज़ा वो क्या जाने। अश्क देकर गया जो आँखों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 238 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Mar 2018 · 1 min read बेरुखी (ग़ज़ल) बेरुखी” रदीफ़–बैठे हैं काफ़िया-आके दिखाते बेरुखी चिलमन गिराके बैठे हैं । मिजाज़े बादलों सा रुख बनाके बैठे हैं। नज़र में शोकियाँ दिखती अदा में उल्फ़त है गुलाबी हुस्न में काँटे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 473 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Mar 2018 · 1 min read भाषा (ग़ज़ल) बह्र-1222 1222 1222 1222 काफ़िया-आर रदीफ़-की भाषा *भाषा* सजाना प्रीत अधरों पर मिटा तकरार की भाषा। भुलाकर बैर अपनाना मृदुल उद्गार की भाषा। किया ज़ख्मी ज़माने ने यहाँ अपने हुए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 302 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 Mar 2018 · 1 min read ग़ज़ल मिसरा-कहीं जहां में वफ़ा नहीं है। वज्न- 12122-- 12122 काफ़िया-आ रदीफ़-नहीं है नज़र मिलाना ख़ता नहीं है। कहीं किसी से छिपा नहीं है। सदा मुहब्बत निभाई हमने मिटाया' खुद को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 286 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 Mar 2018 · 1 min read भूख(ग़ज़ल) बह्र-1222 1222 1222 1222 काफ़िया-आते रदीफ़-हैं "भूख" ****** ग़रीबों की न पूछो जात आँसू ये बहाते हैं। छुपाकर ज़ख़्म अपनों से नज़र उनसे चुराते हैं। पड़ा जब भूख से पाला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 499 Share Previous Page 2 Next