Rajesh Kumar Kaurav 250 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Rajesh Kumar Kaurav 23 Mar 2024 · 1 min read सत्य सनातन सत्य नाम ईश्वर आत्मा का धाम दोनों पक्ष भूलकर , सत्य सब खोजते । सत्य कहना आसान, स्वीकारें वही महान, सत्य सनातन पथ, सत्यवादी दौडते । जिनको होता विश्वास,... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 21 Share Rajesh Kumar Kaurav 23 Mar 2024 · 1 min read सत्य का बल सत्यदेव एक कथा महभारत आई। सत्य फलित जीवन में भाई ।। सत्यदेव इक नामी राजा ।धर्म शास्त्र सम्मत हर काजा।। एक बार नृप के दरबारा।नार रूप लक्ष्मी ने धारा।। विदा... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता 38 Share Rajesh Kumar Kaurav 17 Feb 2024 · 1 min read राम दर्शन राम दर्शन प्राण प्रतिष्ठा हो गई,पौष में दिवाली भई, खत्म हुआ इंतज़ार, दर्शन तो कीजिए । शुक्ल पक्ष की द्वादशी,संवत नाम है अस्सी, सिंहासन बैठें राम,दर्शन तो कीजिए । राम... Poetry Writing Challenge-2 59 Share Rajesh Kumar Kaurav 17 Feb 2024 · 1 min read आजादी /कृपाण घनाक्षरी आजादी /कृपाण घनाक्षरी भारत अब आजाद ,धन जन से आबाद, करलो वो दिन याद ,सत्ता विदेशियों हाथ । सपूतों का बलिदान, किये न्योछावर प्रान, करें सबका सम्मान ,अमर वीरों के... Poetry Writing Challenge-2 23 Share Rajesh Kumar Kaurav 17 Feb 2024 · 1 min read ऊँ ऊँ ऊँ शब्द एक मंत्र है,ध्वनि सृष्टी जग मूल । जड़ चेतन में व्याप्त है, उत्पत्ती निर्मूल ।। यही ब्रह्म आभास है,ऊँ ब्रह्म हरि नाम।। ऊर्जा शक्ति पुंज सदा, प्राण... Poetry Writing Challenge-2 88 Share Rajesh Kumar Kaurav 17 Feb 2024 · 1 min read नशा छोडो नशा छोडो नशा त्याग दो भैया बहना ।जीवन लाभ निरोगी रहना ।। पीते खाते बीड़ी जर्दा।गल जाता तालू मुँह पर्दा ।। नशा करें जो भाँग गुडाकू।स्वास्थ्य नाश करते बन ड़ाकू।।... Poetry Writing Challenge-2 70 Share Rajesh Kumar Kaurav 17 Feb 2024 · 1 min read जिन्दगी जिन्दगी जिन्दगी कल भी थी,जिन्दगी आज भी है । जिन्दगी कल भी रहेगी ,निश्चित नहीं है । जिन्दगी दिखती भी है ,अदृश्य भी है । यह तन रहे या न... Poetry Writing Challenge-2 43 Share Rajesh Kumar Kaurav 16 Feb 2024 · 1 min read प्रदूषण प्रदूषण कारण क्या जो बढे प्रदूषण, दोषी है इंसान। छेडछाड प्रकृति संग करता, बना स्वयं भगवान।। पर्वत खोद बनाता नदियाँ, उल्टा करें ढलान। गिट्टी मिट्टी रेत निकाले, बन मूरख अनजान।।... Poetry Writing Challenge-2 42 Share Rajesh Kumar Kaurav 16 Feb 2024 · 1 min read #दोहे (व्यंग्य वाण) #दोहे (व्यंग्य वाण) अंतर्मन की चाह पर,कब चलता इंसान। द्वेष कलह पाखंड से , जीवन भर हैरान ।। बुद्धि ज्ञान विवेक बहुत,बहरे मानव कान। अंदर की आवाज पर,दिया नहीं है... Poetry Writing Challenge-2 73 Share Rajesh Kumar Kaurav 16 Feb 2024 · 1 min read नारी शक्ति नारी शक्ति ब्रह्मा विष्णु देव महेश,आदि शक्ति उपजाए। सृष्टि संचालन के लिए ,शक्ति माँ ने अजमाए । सौप सृष्टि सृजन भार,स्वयं नारी रूप लिया । लक्ष्मी शिवा व ब्रह्माणी,रूपों में... Poetry Writing Challenge-2 50 Share Rajesh Kumar Kaurav 16 Feb 2024 · 1 min read समय समय शुभ समय भोर का,भजन करो जोर का, जन्म मिला पुनः अब,जागकर सोचिए । रात है मृत्यु संकेत,निद्रा देवी गोद लेत, जागते ही पुनर्जन्म, रोज रोज मानिए। साधना की सफलता... Poetry Writing Challenge-2 67 Share Rajesh Kumar Kaurav 16 Feb 2024 · 1 min read सत्यदेव सत्यदेव एक कथा महभारत आई। सत्य फलित जीवन में भाई ।। सत्यदेव इक नामी राजा ।धर्म शास्त्र सम्मत हर काजा।। एक बार नृप के दरबारा।नार रूप लक्ष्मी ने धारा।। विदा... Poetry Writing Challenge-2 47 Share Rajesh Kumar Kaurav 16 Feb 2024 · 1 min read #रंग (व्यंग्य वाण) #रंग (व्यंग्य वाण) बहुत रंगीली दुनिया,बिखरे रंग हजार । कुछ होते हैं प्राकृतिक,कुछ मानव व्यवहार।। जीवन के हर मोड़ पर,रंगों की बरसात। कुछ को दिन अच्छे लगें,कुछ को अच्छी रात।।... Poetry Writing Challenge-2 70 Share Rajesh Kumar Kaurav 16 Feb 2024 · 1 min read #भ्रष्टाचार #भ्रष्टाचार #दोहे भ्रष्टाचारी युग हुआ,लुप्त हुआ ईमान। मिलना मुश्किल आज है,सत वादी इंसान।। भ्रष्ट आचरण कर रहे,जिनके हाथ लगाम। ऊँचे पद पर बैठकर,कहें भोर को शाम।। बैच रहे ईमान सभी,धन... Poetry Writing Challenge-2 57 Share Rajesh Kumar Kaurav 15 Feb 2024 · 1 min read नववर्ष (व्यंग्य गीत ) नववर्ष (व्यंग्य गीत ) दिनकर जी क्या खूब लिखा ये नया वर्ष स्वीकार नहीं है पर देखो ये भारतीय जन कहना कभी मानता नहीं है चार हजार वर्ष पहले ही... Poetry Writing Challenge-2 74 Share Rajesh Kumar Kaurav 15 Feb 2024 · 1 min read #विषय उलझन #विषय उलझन #विधा चौपाई छंद उलझन है जीवन का हिस्सा । सुने पढ़े हमने बहु किस्सा ।। जब जब आती है कठिनाई । उलझन बन जाती दुखदाई ।। कुछ में... Poetry Writing Challenge-2 1 59 Share Rajesh Kumar Kaurav 15 Feb 2024 · 1 min read बस्ते का बोझ बस्ते का बोझ आप हम सब जानते हैं , बच्चे बोझ उठाते हैं, मजबूरी बनी हमारी , पढाना जो चाहते हैं । शासन बनाता योजना , बच्चों का पढना लिखना... Poetry Writing Challenge-2 1 58 Share Rajesh Kumar Kaurav 15 Feb 2024 · 1 min read बंदिश बंदिश बिन बंदिश शोभा कहाँ,होते लोग स्वछन्द। नियम हीन अच्छा नहीं,कभी काव्य मय छ्न्द ।। बंदिश है मर्याद की,मनाव तभी महान। बिन मर्यादा यदि रहे,कौन कहे इंसान ।। बंदिश कुछ... Poetry Writing Challenge-2 1 36 Share Rajesh Kumar Kaurav 15 Feb 2024 · 1 min read आल्हा छंद आल्हा छंद सात दशक की यह आजादी,भारत निज भाषा से हीन। चाहे जितनी करें तरक्की ,भाषा बिन लगता है दीन।। चन्द्रयान का डंका पीटा,सूर्ययान की भरता शान। वीर शहीदों की... Poetry Writing Challenge-2 54 Share Rajesh Kumar Kaurav 15 Feb 2024 · 1 min read #व्यंग्य वाण #व्यंग्य वाण अंग्रेजी शिक्षा अब ज्यादा । हुई प्रचारित कर कर वादा ।। मना रहे हिंदी पखवाडा । अंग्रेजी का रोज अखाड़ा ।। शहर गली या गाँव मुहल्ला। सुना रहा... Poetry Writing Challenge-2 1 73 Share Rajesh Kumar Kaurav 14 Feb 2024 · 1 min read युग बदल गया युग बदल गया कलयुग में त्रेतायुग आया,अवध विराजे राम। दर्शन करने दूर देश से,आते लोग तमाम। साधु संत सब महिमा गाते,भक्त करें जयकार। त्रेता जैसी लगे अयोध्या,सजा राम दरबार ।... Poetry Writing Challenge-2 64 Share Rajesh Kumar Kaurav 14 Feb 2024 · 1 min read प्रलोभन प्रलोभन प्रलोभनों के आकर्षण से बचता वो जो रहे जतन से अच्छे अच्छे फँस जाते हैं चतुर चोर के पाखंडो से । मन की चंचलता के आगे बुद्धि ज्ञान घायल... Poetry Writing Challenge-2 62 Share Rajesh Kumar Kaurav 14 Feb 2024 · 1 min read तीखे दोहे तीखे दोहे तप बल के आधार पर, होते संकट दूर। युगों युगों से मान्यता, हैं प्रमाण भरपूर ।। तपस्या कलियुगी हुई,भूले उच्च विधान । ऋषि संतों की साधना,दूर करे अज्ञान... Poetry Writing Challenge-2 54 Share Rajesh Kumar Kaurav 14 Feb 2024 · 1 min read #धरती के देवता #धरती के देवता #कविता (व्यंग्य वाण) धरती के भगवान अब पत्र पुष्प नहीं चाहते चढोत्री के रूप में छिपकर रिश्वत मांगते नेता हो चाहे अधिकारी लिपकीय सेवक कर्मचारी भगवान स्वयं... Poetry Writing Challenge-2 57 Share Rajesh Kumar Kaurav 14 Feb 2024 · 1 min read #विषय उत्साह #विषय उत्साह #विधा चौपाई अति उत्साह देश में भाई। चहुंओर अब राम दुहाई ।। राम चन्द्र बैठें सिंहासन । राम राज्य सा हो अनुशासन।। बैर भाव सब त्यागें लोगा। ईश... Poetry Writing Challenge-2 26 Share Rajesh Kumar Kaurav 13 Feb 2024 · 1 min read श्री राम राम स्वयं परमात्मा,जीव अंश जग आत्मा, सबके मन में बास,दूर मत खोजिए। आस्था श्रद्धा व विश्वास,राम दर्शन की आस, दुर्लभ मानव जन्म,राम भज लीजिए। ख़ुद को लो पहचान,देव रूप है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 52 Share Rajesh Kumar Kaurav 13 Feb 2024 · 1 min read गणेश वंदना उमासुत विनायक , देवों के आप नायक, प्रथम पूजा आपकी, स्वीकार तो कीजिए । लीला है अपरंपार , आदि देव अवतार , एकदंत गजानन , दर्शन तो दीजिए । श्री... Poetry Writing Challenge-2 57 Share Rajesh Kumar Kaurav 7 Jan 2024 · 1 min read दर्शन तो कीजिए #घनाक्षरी गीत प्राण प्रतिष्ठा हो रही,पौष माह यह सही, खत्म होगा इंतज़ार, दर्शन तो कीजिए । शुक्ल पक्ष की द्वादशी,संवत नाम है अस्सी, सिंहासन बैठें राम, दर्शन तो कीजिए ।... Hindi · गीत 360 Share Rajesh Kumar Kaurav 24 Oct 2023 · 1 min read दशहरा सावधान रहना सभी,रावण पुतला देख। मार दिया श्रीराम ने,लिखा वेद में लेख।। विजय पर्व के रूप में, मना रहे सब लोग। रावण के गुण कर्म तो ,जिंदे कैसा योग ।।... Hindi · दोहा 1 119 Share Rajesh Kumar Kaurav 16 Oct 2023 · 1 min read नवरात्रि पर माता को भोग आदि शक्ति माँ जय जगदम्बे । दुर्गा नाम जपें माँ अम्बे।। नवरात्री आवे दो बारा। शक्ति साधना हित अति प्यारा।। नो दिवसी चलते उपवासा। धरा लोक करती माँ वासा।। प्रथम... Hindi 1 92 Share Rajesh Kumar Kaurav 7 Sep 2023 · 1 min read कृष्ण जन्म की आज बधाई बधाई जन्म लिया है कृष्ण कन्हाई। कृष्ण जन्म की आज बधाई ।। मथुरा में जन्मे भगवाना। मातु देवकी मन घबराना ।। चतुर्भुजी प्रभु रूप दिखाया । पूर्व जन्म वृतांत बतलाया... 1 94 Share Rajesh Kumar Kaurav 20 Aug 2023 · 1 min read सदगुरू जिन्हें नहीं है स्वयं भरोसा गुरु अलग वो खोजते अदला-बदली के चक्कर में आत्म विकास रोकते सुनते हैं जिसकी भी महिमा लगता है श्रेष्ठ वही श्रृद्धा और विश्वास बिना गुरु... Hindi · कविता 1 121 Share Rajesh Kumar Kaurav 11 Jul 2023 · 1 min read फितरत मनहरण घनाक्षरी फितरत अच्छी बुरी , सपाट या खुरदुरी , स्वभाव में झलकती , आदत सुधारिए। जैसी जिसकी प्रकृति , मानव मन प्रवृति , सतसंग से प्रेरित, प्रयास तो कीजिए... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 2 233 Share Rajesh Kumar Kaurav 11 Jun 2023 · 1 min read नारी शक्ति कविता ब्रह्मा विष्णु देव महेश आदि शक्ति उपजाए। सृष्टि संचालन के लिए शक्ति माँ ने अजमाए । सौप सृष्टि सृजन भार स्वयं नारी रूप लिया । लक्ष्मी शिवा व ब्रह्माणी... Poetry Writing Challenge 1 131 Share Rajesh Kumar Kaurav 11 Jun 2023 · 1 min read आजादी का पर्व गीत पर्व मनाएँ आजादी का, वीरो का गुणगान हो। देशभक्ति संकल्प साधने,संविधान का मान हो। कर्तव्यों का बोध जरूरी, नव भारत निर्माण में । भेदभाव मिटाना होगा, अब तो हिंदुस्तान... Poetry Writing Challenge 286 Share Rajesh Kumar Kaurav 11 Jun 2023 · 1 min read आचरण वर्ण पिरामिड है युग प्रभाव आचरण नदारद है पथ भ्रष्ट लोग कर्म धर्म है कहाँ । क्या हुई गायब मानवता श्रद्धा विश्वास टुकड़े टुकड़े होती रहती जहाँ । ये सभी... Poetry Writing Challenge 178 Share Rajesh Kumar Kaurav 11 Jun 2023 · 1 min read विजय पथ कविता विजय पथ की राह कठिन है अगर मगर कहाँ ऊँचा तल है सहज नहीं इस पर चल पाना संकल्पी का ही संभव जाना दृढ़ निश्चय होता है जिसका विजय... Poetry Writing Challenge 328 Share Rajesh Kumar Kaurav 11 Jun 2023 · 1 min read मदद हाइकू सावधान हो मदद माँगना रे समय बुरा । परेशानी में लाभ उठाते लोग देखे जातेहैं । विश्वासघाती मदद के सहारे स्वार्थ साधते। विरले लोग करते सहयोग मददगार । करें... Poetry Writing Challenge 208 Share Rajesh Kumar Kaurav 11 Jun 2023 · 1 min read गणेश वंदना #साहित्य मनहरण घनाक्षरी गौरा सुत को नमन रोज सुबह वंदन मंगल हो सारा दिन कृपा ऐसी कीजिए । द्वादश नाम की माला जपता नित गौशाला दुष्ट प्रवृत्ति से पाला नष्ट... Poetry Writing Challenge 91 Share Rajesh Kumar Kaurav 11 Jun 2023 · 1 min read चाँद कविता दूर है चाँद हमसे रूप लगता चाँदी सा पास गये वो कहते चमक हीन माटी सा फिर भी स्वीकार नहीं कही सुनी कोई बात हमे दिखाई देती है चाँदनी... Poetry Writing Challenge 96 Share Rajesh Kumar Kaurav 10 Jun 2023 · 1 min read चिड़िया बाल- गीत मुँह में दाने लेकर लाई, देखो बच्चों चिडिया आई। बैठ डाल पर देख रही घोसला पहचान रही नहीं दिखा कोई संकट प्रवेश किया तब निष्कंटक हर बार करती... Poetry Writing Challenge 94 Share Rajesh Kumar Kaurav 10 Jun 2023 · 1 min read कुहरा #साहित्य संगम मनहरण घनाक्षरी 01 मौसम में बदलाव,ठंड पानी का भराव। सघन हो जल वाष्प , बना देती कुहरा। वायु व्याप्त जल वाष्प, नमी की बढ़ती नाप। प्रकाश की कमी... Poetry Writing Challenge 71 Share Rajesh Kumar Kaurav 10 Jun 2023 · 1 min read मध्यप्रदेश महिमा मध्यप्रदेश में रहता हूँ । गुण आज उसी के गाता हूँ । मातु नर्मदा के तट वासी। कमी न होती जल धन राशी। चंबल की बहती जल धारा । क्षिप्रा... Poetry Writing Challenge 93 Share Rajesh Kumar Kaurav 10 Jun 2023 · 1 min read किताबी ज्ञान गीत किताबों में ज्ञान जो पढता इंसान है । ज्ञानवान बनने जीवन खपाता है । हजारों में दो चार बनते हैं ज्ञानवान, पढा लिखा ज्ञान जिनके काम आ जाता हैं... Poetry Writing Challenge 296 Share Rajesh Kumar Kaurav 10 Jun 2023 · 2 min read आत्मदेव की कथा आत्मदेव की सुनो कहानी । समझा रहे वेद गुरु ज्ञानी ।। आत्मदेव ब्राह्मण था एका। बुद्धिमान अति ज्ञान विवेका।। उत्तम सुख पाया परिवारा। पुत्र चाह से दुखी विचारा।। निकल गया... Poetry Writing Challenge 155 Share Rajesh Kumar Kaurav 10 Jun 2023 · 1 min read नाराजगी मुक्तक 01 नाराजगी सदा रहती परिवार के लोगों में। मन में लगती ठेस कभी आपस के व्यवहारो में। विचार का मेल न होना मतभेद भी होता कारण। नाराजगी स्थायी कहाँ... Poetry Writing Challenge 143 Share Rajesh Kumar Kaurav 10 Jun 2023 · 1 min read चाहत कविता परिभाषा चाहत की अपरिभाषत ही मानिए अलग अलग भाव विचार अलग सबकी चाहत एक रूप होती नहीं खूब विचार कीजिए कोई चाहता धन दौलत कहीं रूप रंग उलझन कोई... Poetry Writing Challenge 201 Share Rajesh Kumar Kaurav 10 Jun 2023 · 1 min read सफल साधना सरसी छंद सफल साधना को अनुमानों , कुछ लक्षण पहचान । हल्कापन शरीर में आता । उत्साहित मन जान। विशेष सुगंध देह समाती मिटती तन की पीर। त्वचा अंग फैले... Poetry Writing Challenge 260 Share Rajesh Kumar Kaurav 10 Jun 2023 · 1 min read विवेकानंद मुक्तक 01 हे भारत के जननायक । नहीं था कोई सहायक । स्वयं आपने दिखलाया । हिंद नेतृत्व के लायक । 02 संयासी का रूप देख । खींच ली दूरी... Poetry Writing Challenge 380 Share Rajesh Kumar Kaurav 10 Jun 2023 · 1 min read परंपराएँ कविता बिन समझें सब निभा रहे हैं । परंपराएं चला रहे है ।। परंपरा जो हुई पुरानी। कुछ अच्छी कुछ बुरी कहानी।। मृत्यु भोज उनमें से एका। परवश करते लोग... Poetry Writing Challenge 179 Share Previous Page 2 Next