मुस्कुराती चिट्ठियां
ग़ज़ल .... मुस्कुराती चिट्ठियां *************** दिल जिगर से भी प्यारी, हैं तुम्हारी चिट्टियां। जान जाती लौट आती,पा तुम्हारी चिट्टियां।। घेर लेती है कभी जब, गम- ए- तन्हाई हमें। गुदगुदाती- खिलखिलाती,...
"कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता