Ranjana Mathur 479 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ranjana Mathur 10 Sep 2017 · 1 min read बेटा तुझको जन्म दिन मुबारक ओ लाड़ले ! राहें तेरी हो निष्कंटक, जीवन सदा रहे खुशहाल। स्वस्थ रहे तू, प्रसन्न रहे तू, जुग जुग जिए तू मेरा लाल। खुशियाँ हर पल चूमें तेरे कदम, तरक्की... Hindi · कविता 4k Share Ranjana Mathur 12 Oct 2017 · 1 min read *****मन बावरा *** मन बावरा मन चंचल मन बावरा पंछी दूर दूर तक सैर कराए। पल में यहां तो पल में वहां पंख लगा कर उड़ता जाए। कभी तो लेकर यह उड़ जाता... Hindi · कविता 3k Share Ranjana Mathur 3 Oct 2017 · 1 min read ? पिता के जन्मदिवस पर ? छोटे हैं हम, अबोध हैं हम, सम्मुख आप के नादान हैं। आपसे पाया हमने जीवन आप हमारे लिए ईश्वर समान हैं। आप के स्नेहिल बड़प्पन का, करते बहुत - बहुत... Hindi · कविता 1 2k Share Ranjana Mathur 30 Aug 2017 · 1 min read नारी तेरे रूप अनेक परमात्मा की सबसे प्यारी कृति है नारी। नारी में निहित की उसने जग की शक्तियाँ सारी।। ईश्वर ने ह्रदय दिया है उतना ही कोमल। जितनी सृजित की यह आकृति प्यारी।।... Hindi · कविता 1 2k Share Ranjana Mathur 21 Jan 2019 · 4 min read "जान बची तो लाखों पाए" बात बहुत पुरानी नहीं है। 24 नवंबर 2018 की बात है। मैं अपने पति देव के साथ झुंझनू (राजस्थान ) से एक समारोह में भाग लेने के बाद जयपुर को... Hindi · कहानी 1k Share Ranjana Mathur 11 Jan 2019 · 1 min read "पाप-पुण्य " पाप-पुण्य का लेखा-जोखा प्राणी तेरा लिखा जाएगा। कर्म भले या बुरे जो करेगा दंड अवश्य ही तू पाएगा। यही है वह कथन जो हम आदिकाल से सुनते आए। किन्तु जो... Hindi · कविता 1k Share Ranjana Mathur 24 Dec 2018 · 1 min read भक्ति की शक्ति हे सृष्टा तेरी शक्ति ने, किया सदा जग का उद्धार। कृपा है तेरी अपरिमित, तेरी भक्ति की शक्ति है अपार।। जब-जब कष्ट भक्त पर आया, तूने बेड़ा पार लगाया। कण-कण... Hindi · कविता 1k Share Ranjana Mathur 28 Mar 2018 · 1 min read आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी महान मूर्धन्य विद्वान से सुसज्जित हुआ हिन्दी साहित्य का प्रांगण। जब १९अगस्त सन् १९०७ को दुबे का छपरा ग्राम बलिया में पुत्र जन्मा अनमोल ज्योति जी के आंगन। आचार्य हजारी... Hindi · कविता 1 1k Share Ranjana Mathur 13 Feb 2019 · 1 min read बसंत पर मुक्तक ??? पात पुराने बिछुड़े डाली- डाली नव पल्लवों ने बिखेरी हरियाली हुई पद आहट ऋतुराज वसंत की कुहू कुहू बोले कोयलिया काली । ??? छायी खेतों में सरसों पीत प्रकृति... Hindi · मुक्तक 1k Share Ranjana Mathur 31 Mar 2019 · 2 min read साहित्य और सावन कजरारी काली घटाएं... उमड़ते घुमड़ते बादल.... रिमझिम बुंदियां..... भीना भीना मौसम..... सावन शब्द ही अपने आप में बड़ा मनभावन है। मन का सम्बन्ध भावों से और भाव तो साहित्यकार का... Hindi · लेख 1k Share Ranjana Mathur 18 Nov 2018 · 1 min read माँ ये माँ की दुआ का असर है ग़म क्या है मुझे ना ख़बर है। देखे जिस जगह सिर्फ ख़ुदा माँ की उस जगह भी नज़र है। जिसके सिर पर न... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 25 1k Share Ranjana Mathur 14 Sep 2021 · 4 min read नारी हृदय के पारखी" -शरतचंद्र चट्टोपाध्याय । आलेख शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय को कौन नहीं जानता ? आप बांग्ला भाषा के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार थे। आपका जन्म प. बंगाल के हुगली जिले के देवानंदपुर गांव में 15 सितंबर 1876 में... Hindi · लेख 1 1 1k Share Ranjana Mathur 2 Dec 2018 · 1 min read कलम संग दवात का नाता कोरे कागज पर कभी कलम से लफ्ज़ थिरकते थे डूब डूब कर दवातों में स्याही संग निखरते थे। कागज़ संग कलम की दोस्ती बड़ी ही पुरानी है बिन कलम के... Hindi · कविता 994 Share Ranjana Mathur 4 Jan 2019 · 2 min read वक्त की साज़िश पिता की मृत्यु के बाद 12 वर्ष तक मांँ को संभाला तथा छोटे भाई व बहन को खुद की संतान से बढ़कर परवरिश दी सौरभ ने। सद्चरित्र व सुसंस्कृत सुदर्शन... Hindi · लघु कथा 1 1 1k Share Ranjana Mathur 15 May 2020 · 3 min read हास्य व्यंग्य - एक सेल्फी ले लो यार आज के युग में यह"खुद-खेचूँ"यानि सेल्फी भी बड़ी ही अद्भुत वस्तु है बंधु। सेल्फी "मेरा, मेरे द्वारा, मेरे लिए खींचा गया चित्र है।" पहले अपना चित्र खींचने या खिंचवाने हेतु... Hindi · लेख 1 1 952 Share Ranjana Mathur 15 May 2020 · 1 min read ग़ज़ल-221 2121 1221 212 मजबूरियाँ हमें तड़पाती कभी-कभी। लाचारियाँ फितरत दिखाती कभी-कभी।। मिलता नहीं कहीं भी मरहम सुन ले ख़ुदा, मुफ़लिस को भूख बहुत रुलाती कभी-कभी। उजड़ा चमन तो शाख़ पे पत्ता भी था... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 950 Share Ranjana Mathur 16 Sep 2017 · 2 min read - - मत समझो इतना कमजोर - - शांत स्तब्ध नीरव वातावरण। सांय सांय करता रात का सन्नाटा। माँ की आँखों में नींद न देख शलभ ने पूछा - "अम्माँ सोई नहीं क्या। " " तू सो जा... Hindi · लघु कथा 972 Share Ranjana Mathur 20 Jan 2019 · 1 min read अग्नि फेरा ? वैदिक मंत्रोच्चारण के संग है साक्षी यह अग्नि पावन पाणिग्रहण कर अग्नि फेरे दो प्राण और एक हो जीवन। सप्त पदी अग्नि के चहुंओर बंधे गये दो तन-मन इक... Hindi · कविता 892 Share Ranjana Mathur 28 Sep 2021 · 2 min read "नदियाँ हमारी पोषक" नदियों के अभाव में पृथ्वी पर जीवन अकल्पनीय है। नदियां है तो जीवन है। नदियां हमारा वर्तमान भी हैं और वे हमारा भविष्य भी है। नदियों के प्रदूषित होने से... Hindi · लेख 923 Share Ranjana Mathur 25 Sep 2017 · 1 min read =}}* स्वर्ग से उतरी परी *{{= स्वर्ग से उतरी परी होती हैं बेटियाँ खुशियों से भरी होती हैं बेटियाँ। जिस घर में ये नहीं है मौजूद वहाँ नहीं है सुख का वजूद। अमृत की बूंदें हैं... Hindi · गीत 842 Share Ranjana Mathur 18 Sep 2017 · 1 min read ****बूंद**** समुन्दर में कोई खुली सीप जब समेट लेती है अपने अंक में। तब अंतराल में मोती का रूप ले लेती है वही बूंद। श्रावण की मधुरम रिमझिम में प्रियतम... Hindi · कविता 769 Share Ranjana Mathur 4 Jun 2021 · 1 min read गीता छंद गीता छंद डाली नभ रक्तिम चूनर,धरणी सजी वधु वेश। मंद मंद मारुत प्रवाह,रश्मिरथी का प्रवेश।। खगवृंद का सुखद विचरण,गौ धन चरण शुचि धूल। भिनसारे निरखी बेला,हृदय जाता दुख भूल।। माँ... Hindi · कविता 722 Share Ranjana Mathur 7 Oct 2017 · 1 min read #)) माँ तुम याद आती हो ((# जब-जब चमकती है बारिश में बिजलियाँ माँ तुम याद आती हो। जब-जब बजती हैं कांच की चूड़ियाँ माँ तुम याद आती हो। जब-जब बनती हैं चूल्हे पर रोटियाँ माँ तुम... Hindi · गीत 674 Share Ranjana Mathur 9 Sep 2017 · 1 min read हमें जवाब चाहिए आक्सीजन की कमी से दम तोड़ते मासूम बाढ़ों के सैलाब में बहते बेबस नर नारी ट्रेन हादसों में ढेर होती लाशें शायद हैं सारे महज तमाशे विद्यालयों में बालकों की... Hindi · कविता 690 Share Ranjana Mathur 16 Sep 2017 · 1 min read प्रभु वन्दन मैं तेरा प्रभु तू है मेरा तूने दिया एक नया सवेरा। दूर हुआ निशा का अंधेरा नव रश्मियों ने डाला डेरा। सूर्य देवता का हुआ पग फेरा चहुंओर खुशियों का... Hindi · कविता 716 Share Ranjana Mathur 29 Aug 2017 · 3 min read मेरा बंगला मोनू दोस्तों से तन कर बोला-"फिकर न कर मैं ले आता हूँ तेरी गेंद। ये तो मेरा ही बंगला है।" पानी से भरे स्वीमिंग पूल में दोस्त कल्लू की फूटी... Hindi · कहानी 731 Share Ranjana Mathur 7 Sep 2017 · 1 min read ~~~~~दर्पण~~~~~ ===दर्पण=== सीखिए आईने से हिम्मत रखना। नाजुक इतना कि टूट जाता है एक पत्थर से ही। लेकिन सच्चाई की तस्वीर दिखाने में डरता नहीं। झूठ कभी बोलने की कोशिश करता... Hindi · कविता 720 Share Ranjana Mathur 30 Aug 2017 · 1 min read त्राहि-त्राहि ==त्राहि-त्राहि== हे इन्द्र देवता कृपा करो, इतना कहर न बरपा करो। कहीं फट रहे हैं बादल, कहीं बाढ़ कर रही है पागल। रंगीले राजस्थान हो या, दिल्ली की हो आबादी।... Hindi · कविता 677 Share Ranjana Mathur 6 Sep 2017 · 2 min read =सुन रहा है न तू= ===सुन रहा है न तू=== (एक असहाय वृद्धा माँ के दर्दनाक अंत की कहानी) जिस दिन तेरा एहसास हुआ, न पांव जमीं पर पड़ रहे थे मेरे। नौ माहों... Hindi · कविता 630 Share Ranjana Mathur 12 Jan 2019 · 2 min read "क्षण भर जीवन मेरा परिचय।" वे अपना परिचय कुछ इसी तरह से दिया करते थे - - "मिट्टी का तन मस्ती का मन क्षण भर जीवन मेरा परिचय।" जी हाँ, मैं यह सुप्रसिद्ध कवि व... Hindi · लेख 691 Share Ranjana Mathur 7 Oct 2017 · 1 min read /// माँ जैसा कोई नहीं /// घर के कोने कोने में बसा एहसास है मां तेरे भीतर ही ईश्वर का वास है मां। अंधेरी रात में दिये का उजाला है मां रेगिस्तान में शीतल जल का... Hindi · कविता 642 Share Ranjana Mathur 4 Sep 2017 · 1 min read **पृथ्वी तेरे नाम अनेक** हे माँ वसुंधरा ! ह्रदय तेरा अतुल्य स्नेहिल ममत्व से भरा, तभी कहलाती है तू धरा। तेरे विशाल उर पर हे मही, काल ने असंख्य कथाएं कही। धन्य है तू... Hindi · कविता 632 Share Ranjana Mathur 4 Jun 2021 · 2 min read मेरी पहली हास्य कविता मेरी पहली हास्य कविता बहना का आदेश हुआ कल, हास्य की कविता पढ़नी ही है। मन में सोचा आए न आए, चुरा चुरु के गढ़नी ही है।। उठा डायरी पकड़... Hindi · कविता 1 651 Share Ranjana Mathur 11 Sep 2017 · 1 min read प्रातःकालीन वन्दन जय जय जय प्रभु दीनदयाला हर क्षण हर पल तूने संभाला तू ही है सब का रखवाला जपते हम तेरे नाम की माला। ----रंजना माथुर दिनांक 06/07/2017 मेरी स्व रचित... Hindi · कविता 620 Share Ranjana Mathur 19 Sep 2017 · 1 min read =-=-=-दुनिया के रंग - =-=-= मतलब की है यह दुनिया, चले दो रंगी चाल। जब तक आपसे स्वार्थ है, आप हो बेमिसाल।। आप हो बेमिसाल, कोई न आप से प्यारा। ज्यों ही मकसद पूर्ण हुआ,... Hindi · कुण्डलिया 661 Share Ranjana Mathur 4 Sep 2017 · 1 min read = प्यार की खातिर = खुशियाँ ही खुशियाँ होती जिन्दगी में, तो गम बेचारा कहां जाता। इसीलिये हमने जोड़ लिया उससे नाता। जीत ही जीत होती अगर दुनिया में, तो हार बेचारी कहां जाती। इसीलिए... Hindi · कविता 1 1 643 Share Ranjana Mathur 14 Sep 2017 · 1 min read ____ * स्वावलंबन * _____ किसी की भी चाहत अधिक न करो। अपने रास्ते खुद तय करो।। इस संसार की यही रीत है। कोई किसी का नहीं इस जहाँ में।। इसलिए जहाँ तक हो सके... Hindi · मुक्तक 597 Share Ranjana Mathur 3 Sep 2017 · 1 min read किस्मत हाथों की लकीरों की चित्रकारी में साथियों, कुछ डालो मेहनत के रंग। फिर जो अक्स उभरेगा भविष्य का उसमें निखर कर आएगा, तुम्हारी किस्मत का असली रूप रंग। किस्मत की... Hindi · कविता 596 Share Ranjana Mathur 15 Sep 2017 · 1 min read हे ! माँ हे ! माते ! तू क्षितिज को छू सकती है । ऐसा किया भी, है तूने कई बार। जगजननी बनकर किया है तूने। सकल विश्व का ही उद्धार। सर्वस्व मिलेगा... Hindi · गीत 608 Share Ranjana Mathur 11 May 2020 · 2 min read उपहार "हैलो मम्मी। हैप्पी मदर्स डे माँ!" "सच आपकी बहुत याद आ रही है। आज तो आपको हमारे साथ होना था आपको उपहार भी तो देना था। है न राजीव।" फोन... Hindi · लघु कथा 2 1 587 Share Ranjana Mathur 24 Dec 2018 · 1 min read लघुकथा - गुरु दक्षिणा उसे सरकारी अस्पताल में कस्टमर काउंटर पर कार्य करते देख वृद्ध रामनाथ जी चौंक पड़े। "अरे! यह तो मेरा स्टूडेंट रहा है। चलो मिल लेता हूँ। वह भी खुश होगा... Hindi · लघु कथा 545 Share Ranjana Mathur 23 Feb 2021 · 1 min read पंचचामर छंद पंचचामर छंद ✔️ शिल्प~ [रगण जगण रगण जगण रगण](गुरुलघु ×7 "सरस्वती वंदना" नमो सरस्वती करूं प्रणम्य मातु भारती। करूँ उपासना चढ़ा प्रसून शुभ्र आरती।। कृपानिधान वत्सला प्रसीद ज्ञान दायिनी। अज्ञानमर्दिनी... Hindi · कविता 2 632 Share Ranjana Mathur 16 Jun 2020 · 2 min read प्यारा भारत देश मेरा युगों-युगों से जगत् गुरु है भारत का सुन्दर परिवेश। आदिकाल से विजय दुंदुभि बजा रहा है भारत देश।। गणित और विज्ञान का उद्भव भारत है यह स्मरण कराएं। प्यारे भारत... Hindi · कविता 1 2 592 Share Ranjana Mathur 9 Sep 2017 · 1 min read =आओ प्रकृति की पूजा करें= प्रकृति मित्र है मानव मात्र की, वह संरक्षक है संसार की। हमारी श्वास है वह, उच्छवास है वह, जीवन का आधार है वह, प्राण वायु की वाहक है वह। प्रकृति... Hindi · कविता 552 Share Ranjana Mathur 26 Jun 2021 · 2 min read परिवार समाज की एक अपरिहार्य इकाई भारत एक विपुल व सुसमृद्ध सांस्कृतिक विरासत का स्वामी एक उच्चतम सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित देश है। "वसुधैव कुटुंबकम "की महान् अवधारणा के मूल में भारत के विज्ञ एवं प्रबुद्ध... Hindi · लेख 580 Share Ranjana Mathur 15 Nov 2017 · 2 min read === खुशी === खुशी एक ऐसा अनोखा एहसास है जो व्यक्ति की आंतरिक इच्छा से जुड़ा होता है। यदि मन में उमंग है /ललक है/ जीने की चाह है /उत्साह है तो चारों... Hindi · लेख 558 Share Ranjana Mathur 8 Sep 2017 · 1 min read कौन उत्तरदायी ? ब्लू व्हेल गेम से हो रही आत्महत्याएं और इस से उपजे भय के लिए कौन उत्तरदायी है ? उत्तर दायित्व हैं बच्चों के अभिभावक। पाश्चात्य संस्कृति व सभ्यता का अंधानुकरण... Hindi · लेख 1 577 Share Ranjana Mathur 10 Sep 2017 · 1 min read बीती यादों के बसेरे तन्हा रातों में बिसरी यादों को आवाज दे बुला रहा हूँ मैं। जुबां तो हो चुकी खामोश सदा दिल की सुना रहा हूँ मैं। दवा तो हो चुकी बेअसर कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 609 Share Ranjana Mathur 9 Jan 2019 · 1 min read राष्ट्रप्रेम आओ हम उस सोन चिरैया का सबसे परिचय करवाएं गौरवशाली भारत के वैभव का परचम फिर लहराएं। अविच्छिन्न था देश हमारा सकल विश्व में था विख्यात उत्तुंग हिमालय किरीट सजे... Hindi · कविता 643 Share Ranjana Mathur 7 Sep 2017 · 1 min read वो भी क्या दिन थे आज के दोहे - - 1.छत पर जल छिड़काय के, बिस्तर दियो लगाय। पड़ते ही आती थी निंदिया, प्रभु ए सी दियो चलाय।। 2.रखते छत पर रोज इक, पानी भरी... Hindi · दोहा 1 1 586 Share Page 1 Next