Ranjana Mathur 479 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Ranjana Mathur 13 Sep 2017 · 1 min read प्यारे पापा को सस्नेह समर्पित हम तो हैं इक अंश आप का, आप से मिला ये तन, ये काया।। पहला कदम पहला शब्द, आपसे ही हमने पाया।। पल- पल मिलती रही हमें, आपके प्यार की... Hindi · कविता 623 Share Ranjana Mathur 18 Sep 2017 · 1 min read सुन रे मन हौसला तुम्हारा होगा और उसे पकड़े रखना तुम मजबूती से । पता है तुमने जन्म लिया है एक ऐसी जिन्दगी की शक्ल में जो कहलाती है नारी। इस ब्रह्मांड में... Hindi · कविता 558 Share Ranjana Mathur 19 Sep 2017 · 1 min read - ## - भूख - ## - भूख है वह बीमारी जिससे कोई न बच पाया। जन्म से लेकर अंत सांस तक अपना पीछा न छुड़ा पाया।। भूख वो बुरी है लत जिसने हर प्राणी को भरमाया।... Hindi · कविता 1 1 560 Share Ranjana Mathur 29 Aug 2017 · 1 min read आएगी सबकी बारी ==आएगी सबकी बारी== जो घर में रख न सके तुम अपनों को कभी अब गैरों को हमदर्दी दिखाते क्यूँ हो।। माता-पिता को तो तरसाया सूखी रोटी को वृद्धाश्रम में हलवा... Hindi · कविता 545 Share Ranjana Mathur 11 Mar 2019 · 2 min read रिश्तों में कैंची रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय। टूटे से फिर न जुड़े, जुड़े गांठ पड़ जाय।। वह समय बीत गया जब अपने तो क्या पराए व अनाथ भी घरों में... Hindi · लेख 1 560 Share Ranjana Mathur 23 Jan 2019 · 1 min read ज्वाला प्रचंड हूँ अब बीत चुका वह समय जब मेरी दुनिया थी घर आंगन। हालातों ने किया विवश है तब मैंने संभाला रणआंगन। मर्यादा की ओट लिए मैं अग्नि प्रखंड हूँ भारत की... Hindi · कविता 2 574 Share Ranjana Mathur 10 Mar 2021 · 1 min read क्यों हताश रे मानव जीवन रथ के दो हैं चक्र और एक दूजे के हैं पूरक, तुम प्रज्वलित जीवनदीप मैं बाती जिजीविषा सूचक। सृष्टि के दो अंग अभिन्न तुम पुरुष और मैं नारी हूँ,... Hindi · कविता 581 Share Ranjana Mathur 31 Mar 2019 · 1 min read बरखा हाइकू श्यामल घटा दमकत दामिनी घन बरसे। ओ घनप्रिया मेघाच्छादित नभ आयी बरखा। श्रावण मास नाचे सौदामिनी बरसे नैना। छाये बदरा घनप्रिया के संग झूम घटाएँ। मैं विरहिन चमके है... Hindi · हाइकु 549 Share Ranjana Mathur 10 Sep 2017 · 1 min read ले लो दुआएँ माँ-बाप की (वर्ण पिरामिड) ओ मेरे लाडले तुझको दूं जी भर कर अपनी दुआएं जुग-जुग जिए तू ! ********** मांँ हूँ ना तभी तो बेचैन हूँ अपने लाल की याद करके अँखियाँ भिगोती हूँ।... Hindi · कविता 534 Share Ranjana Mathur 3 Sep 2017 · 1 min read माँ *माँ * माँ तो माँ है, मांँ से न कोई महान है। मांँ के भीतर बसी सारी दुनिया जहान है। मांँ वो शख्सियत है जो सींचती, हमारे तन-मन और प्राण... Hindi · कविता 554 Share Ranjana Mathur 7 Sep 2017 · 1 min read *** थाह नहीं *** तेरा यह गांभीर्य, लिए है कितनी गहराई? है आभास नहीं। मांँ कहलाना हे वसुंधरे, क्या होता है आसान कभी? जगत् माता निज उर पर, तू सहिष्णुता की प्रतिमूर्ति बन, सहती... Hindi · कविता 558 Share Ranjana Mathur 7 Oct 2017 · 1 min read ]]]]] नारी तू पृथ्वी की धुरी है [[[[[ नारी तू पृथ्वी की धुरी है नारी तू जग की संचालिका है। नारी तू संस्कृति की संवाहिका है। नारी तू सभ्यता की समृद्धिका है। नारी तू समाज की संयोजिका है।... Hindi · कविता 1 1 598 Share Ranjana Mathur 10 Mar 2019 · 1 min read उपन्यास क्या है कोई भी लंबी कहानी जो काल्पनिक हो तथा कई पात्रों एवं घटनाओं से युक्त हो उसे उपन्यास कहा जाता है। यह गद्य की वह विधा है जो कथा वस्तु के... Hindi · लेख 579 Share Ranjana Mathur 16 Jun 2020 · 1 min read प्रभु आशीष कोई ऐसी रात नहीं है जिसका हुआ न हो सवेरा दुख जाएगा सुख आएगा चाहे दुख तेरा हो या मेरा रोने से दुख कम होता हो तो अश्रु बहा ले... Hindi · कविता 1 1 575 Share Ranjana Mathur 25 Dec 2018 · 1 min read भोर की चहक ऊषा नववधु ओढ़े लालिमा की चूनर टंका गोटा किरण रवि रश्मियों का जड़े हैं नगीने ओस के फैलाए आँचल सरिता रूपी जिसका न ओर-छोर सुर जल तरंगिणी का करता कल-कल... Hindi · कविता 549 Share Ranjana Mathur 29 Aug 2017 · 1 min read माता पिता पर हाइकु ?? न होता कभी प्रेम जिसका कम वह होती माँ ?? न पिता जैसा अमीर दुनिया में बच्चों के लिए ?? फिर क्यों है ये आज की युवा पीढ़ी बड़ी... Hindi · हाइकु 568 Share Ranjana Mathur 16 Sep 2017 · 1 min read **= इतिहास दोहराएगा=** जिन्होंने तुझे बनाया, तराशा,निखारा, तूने कर लिया उनसे किनारा। उनके बनाए आशियाने में तूने कैसे डाला खलल, उन्हें किया है पुराने सामान की तरह बेदखल। आगे आगे देखना तू बदले... Hindi · कविता 1 1 529 Share Ranjana Mathur 16 Sep 2017 · 1 min read ==तेरी महिमा न्यारी == पानी रे पानी तेरे रूप निराले हैं। कल कल करता जलप्रपात हो तो, दूध के से बहते धारे हैं। देवालय में चढ़े ईश पर तो, गुंजित होते शिवाले हैं। बारिश... Hindi · कविता 564 Share Ranjana Mathur 3 Sep 2017 · 1 min read विश्वास पिछले कुछ वर्षों में कन्या भ्रूण हत्या की घटनाएं बढ़ने तथा बेटी के प्रति समाज में बढ़ती जागरूकता के चलते अधिक- तर रचनाकारों की लेखनी बेटी के पक्ष में... Hindi · लेख 502 Share Ranjana Mathur 29 Aug 2017 · 1 min read ऐ हिमालय सुन मां का दर्द एक सजग प्रहरी की शहादत पर एक दुखिया माँ का प्रश्न---- ऐ हिमालय सुन मां का दर्द तेरी ऊंची चोटी सा था वह सुदृढ़ विशाल। वीर बहादुर मेरा लाल। तू... Hindi · कविता 1 545 Share Ranjana Mathur 8 Sep 2017 · 2 min read तुझे किस नाम से पुकारूं भोलेनाथ को समर्पित (शिव जी के 51 नाम सहित कविता ) भोलेनाथ ओ शंकर त्रिपुरारी, ओ त्रिपुरारी - - - - शर्व तेरी है महिमा बड़ी न्यारी। बेलपत्र आक धतूरा... Hindi · कविता 579 Share Ranjana Mathur 21 Feb 2020 · 2 min read जीवित हैं संस्कार अभी "चलो कुछ खा पी लें" पापा बिट्टू से बोले। बिट्टू माँ-पापा के साथ रेस्टोरेंट में बैठा था। मैन्यू कार्ड बिट्टू के हाथ में था। उसने मसाला डोसा या पनीर डोसा... Hindi · लघु कथा 1 1 551 Share Ranjana Mathur 22 Jun 2021 · 1 min read समय समय समय से न टक्कर लेना समय बड़ा ही शक्तिमान। संग चलने में ही सार है समय है प्रबल गतिमान। सूर्य चन्द्रमा सारी प्रकृति समय चक्र की दासता से मुक्त... Hindi · कविता 2 1 557 Share Ranjana Mathur 22 Sep 2017 · 1 min read =**= हंसी =**= (1) ये दर्द कभी रोने से कम तो हुआ नहीं तो आओ जरा दर्द में हंस कर ही देख लें। ******** (2) तन से न मन से और न धन... Hindi · शेर 520 Share Ranjana Mathur 29 Oct 2020 · 3 min read काश काश ! "अरे ! कांता तुम आ गईं ?" अमर एकाएक घर आई कांता की डबडबाई आँखें देख मन ही मन घबरा उठे। फिर भी अनभिज्ञ से बनकर बोले। "गुड़िया... Hindi · लघु कथा 510 Share Ranjana Mathur 6 Feb 2018 · 1 min read जीवन का मर्म मानव जीवन मिला रे प्राणी कर नेकी कर कुछ सत्कर्म परोपकार करने में ओ बंधु न करना तू जरा भी शर्म। अरे भला करके दुखियों का तू कर ले कुछ... Hindi · कविता 508 Share Ranjana Mathur 17 Sep 2017 · 1 min read -सपूत भारत माता का - वाणी में जिसकी मिलती, सिंह जैसी दबंग दहाड़। कर्मठ ऐसा वह जैसे, हो कोई सुदृढ़ पहाड़। जिसने विश्व में भारत, का परचम लहराया। दुश्मन भी अब हम पर, आंख उठाने... Hindi · कविता 1 1 489 Share Ranjana Mathur 30 Sep 2017 · 1 min read =* * चमके किस्मत का तारा * *= हाथों की लकीरों पर न करो अंधा विश्वास कभी-कभी ये कर देती हैं भविष्य का नाश। इंसान की किस्मत की ये लकीरें बन जाती हैं कई बार दिमाग की जंजीरें।... Hindi · कविता 534 Share Ranjana Mathur 19 Feb 2019 · 3 min read युद्ध घर में गमगीन माहौल है। सब बेचैन हैं । सबका मन भारी है। "कौन आ रहा है दादी ?" नन्हा रघु बोला। "अरे रघु अपने पापा ।" तुरन्त बहन रिमझिम... Hindi · कहानी 544 Share Ranjana Mathur 9 Sep 2017 · 1 min read *=* नारी शक्ति को समर्पित *=* नारी न कहिए उसको बेचारी। नही है बेबस न कोई लाचारी। पुरुष को देना छोडो़ दोष। वह नहीं है अत्याचारी। बुराई तो छिपी है खुद जड़ों में हमारी। पुरुष ने... Hindi · कविता 501 Share Ranjana Mathur 13 Sep 2017 · 1 min read - - रह गया - - मेरी खातिर आप ने जो कुछ किया, उस का तो कर्ज ही चुकाना रह गया। आप ने तो संवारी मेरी जिंदगी, मुझसे ये फर्ज भी निभाना रह गया। आप ने... Hindi · गीत 479 Share Ranjana Mathur 14 Sep 2017 · 1 min read == थोड़ी ठंड रखिए == दिल भी सही रखिए, दिमाग सही रखिए। दिल में उठने वाले, खयालात सही रखिए। उस जगह जहाँ पर न समझे कोई आपको, वहां चुप रह कर हालात सही रखिए। जहाँ... Hindi · कविता 522 Share Ranjana Mathur 12 Jan 2019 · 1 min read धैर्य हौले हौले खेना प्राणी अपनी जीवन नैया हम हैं कौन चलाने वाले खेवनहार कन्हैया। धैर्य सदा तुम रखना संतोष कभी न खोना भैया चाहे मिले फूलों भरी राहें या कांटों... Hindi · कविता 522 Share Ranjana Mathur 11 Sep 2017 · 2 min read कसें लगाम नन्हे निर्दोष बालक की स्कूल में चाकू से गोद कर हत्या ? मासूम अबोध बालिका के साथ स्कूल के भीतर अमानवीय घृणित कुकृत्य ? स्कूल में धूप में दौड़ लगवाते... Hindi · लेख 509 Share Ranjana Mathur 23 Feb 2021 · 1 min read बीती दास्तान बीती दास्तान सूरत ही बता रही है कि इमारत बुलंद थी इक बीती दास्तान मेरे दिल में ही बंद थी। इस झील के किनारे कभी रौनक की थी दुनिया किस्से... Hindi · कविता 1 506 Share Ranjana Mathur 14 Sep 2017 · 3 min read आओ सोचें ! यदि करते हैं हम हिन्दी से प्यार। सभी भारतवासियों को आज दिनांक 14सितम्बर 2017 को " हिन्दी दिवस " एवं दिनांक 14 सितम्बर 2017 से 28 सितंबर 2017 तक " हिन्दी पखवाड़ा "की हार्दिक बधाईयाँ । यह... Hindi · लेख 483 Share Ranjana Mathur 22 Mar 2019 · 1 min read सतरंगी मीठे फल प्यारे लाल रंग का गोल सेब है हरे रंग का है अमरूद। पीला पीला मस्त आम है और हरे भरे गुच्छे अंगूर। नारंगी होता है संतरा और चीकू का रंग है... Hindi · कविता · बाल कविता 494 Share Ranjana Mathur 12 Sep 2017 · 1 min read ***दरद जिया का *** * सावन आयो सजनवा ना आयो जी ** लायो बहार संग दुःखवा भी लायो जी। *** रिमझिम बरसे बदरिया से बुंदियां **** झरझर बरसे हैं गोरिया के अंसुवा। ***** यूं... Hindi · कविता 498 Share Ranjana Mathur 16 Jun 2020 · 1 min read अनुभव अनुभव का पिटारा है मस्तिष्क के भंडारगृह का वह कोना जो भरा है खचाखच उन बेशकीमती यादगार लम्हों से जो समय की रेत पर फिसल-फिसल कर रगड़ खा-खाकर आज इतने... Hindi · कविता 1 483 Share Ranjana Mathur 31 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक (1) जिसका बहुमत उसी की *सत्ता दिखलाए वह अपनी प्रभुत्ता उससे पंगा लिया तो जैसे आ पड़ा मधुमक्खी का छत्ता। (2) अतुल *सुंदरी थी पद्मावती थी वह पतिव्रता नारी सती... Hindi · मुक्तक 498 Share Ranjana Mathur 23 Sep 2017 · 1 min read ::::: रक्षा करो माता रानी ::::: दुनिया की माया नगरी में, उलझ कर रह गई नश्वर काया। हे माता! मैंने तुझे बुलाया।। छल प्रपंच स्वार्थ ने दबोचा, दूर हुआ अपनों का साया। हे माता! मैंने तुझे... Hindi · गीत 532 Share Ranjana Mathur 6 Feb 2018 · 2 min read मुन्नी का सपना "निकाल पैसे मुझे दे वरना ".... "सारे पैसे तुम्हें दारू के लिए कैसे दे दूँ। अनाज पानी ईंधन कहां से लाऊँ" ...... माँ मार खाते हुए सिसक कर धीरे से... Hindi · लघु कथा 507 Share Ranjana Mathur 11 May 2018 · 2 min read पछतावा लघुकथा ?पछतावा ? आज साहूकार रामधन व भोलाराम पक्के मित्र हैं।जरूरतमंदों की मदद व गरीबों से ब्याज न लेना अब रामधन अपना धर्म मानता है। किसी समय धूर्तता के लिए... Hindi · लघु कथा 458 Share Ranjana Mathur 27 Mar 2018 · 2 min read मैं कविता हूँ "विश्व कविता दिवस" पर मेरे हृदय के सुरों को शब्दमाला में गूंथने वाली साहित्य जगत में मेरी सबसे चहेती विधा "कविता" को मेरी सस्नेह भेंट समर्पित है --- मुझे पहचानिए... Hindi · कविता 504 Share Ranjana Mathur 26 Jun 2021 · 4 min read विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर आलेख "धुंध से बाहर निकलो यारों " कहते हैं कि…… "पहले-पहल ये लगता प्यारा, फिर जिव्हा के मुंह लग जाता। केवल तुम न तुम्हारे संग-संग, परिवार का विनाश लाता।।" इस धुएं की महक में न भटको मित्रों।... Hindi · लेख 514 Share Ranjana Mathur 18 Jul 2021 · 2 min read तीन बार कहानी "तीन बार" "तू चाहे तो मेरे घर एक हफ्ते तक न आ, लेकिन तू आराम कर। " "सुन ले तारा।" "समझी कि नहीं।" "जी भाभी! समझी। कर लूंगी आराम.."... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 1 471 Share Ranjana Mathur 24 Sep 2017 · 1 min read =_= असत् पर सत् की विजय =_= दंभ आडम्बर छल प्रपंच का परिचायक था रावण। सत्य पौरुष मर्यादा व संयम के प्रतीक थे राम। असत्य पर सत्य की जय है विजयादशमी, बुराई पर अच्छाई की जीत है... Hindi · कविता 496 Share Ranjana Mathur 30 Aug 2017 · 1 min read नेह की डोरी नेह की डोरी राखी केवल नहीं है धागा है यह स्नेह की इक डोर सबल। इस प्यार को निभाता हर भाई रक्षा बहन की करे हल पल। बिन बहना के... Hindi · कविता 497 Share Ranjana Mathur 28 Nov 2017 · 1 min read न जाने क्यों उफ ये कारी बदरिया.... ऐसे मुझको क्यूँ रिझाए। देख इसे क्यूँ बार बार मुझे.... अपना कोई याद आए। झांकना भी चाहे मन.... यादों के झरोखों में। बह गये वो प्यारे... Hindi · गीत 565 Share Ranjana Mathur 15 Mar 2020 · 1 min read मर्यादा पुरुषोत्तम भारत है वह देश जिसको करता सकल विश्व प्रणाम। यह वो पावन देश है जिसमें जन्मे मर्यादा पुरुषोत्तम राम। थे श्री राम मर्यादा के सागर नियमबद्ध चरित्र की मिसाल आज... Hindi · कविता 449 Share Previous Page 2 Next