Ranjana Mathur Tag: ग़ज़ल/गीतिका 75 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ranjana Mathur 22 Mar 2021 · 1 min read ग़ज़ल मेरी नई ग़ज़ल आपकी नज़्र……. हुआ एक अरसा कहा कुछ नहीं है। सबब बोलने का रहा कुछ नहीं है।। जो भर आँख आईं तकब्बुर में बोले महज़ है ये पानी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 288 Share Ranjana Mathur 15 May 2020 · 1 min read ग़ज़ल कोरोना भागेगा ख़ुद कुछ दिन के अफ़साने हैं। ग़म का है क्यूँ ग़म यारा ग़म तो आने जाने हैं।। जलती तो है शम्मा फिर मरते क्यूँ परवाने हैं।। लफ़्ज़ों की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 262 Share Ranjana Mathur 15 May 2020 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल दुनिया में बहुत दर्द है मरहम भी चाहिए। हर कदम पे जकड़न है कुछ दम भी चाहिए।। राहें बहुत कठिन हैं मगर हौसले बड़े, मजबूत फिर हमारे अब कदम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 241 Share Ranjana Mathur 15 May 2020 · 1 min read ग़ज़ल-221 2121 1221 212 मजबूरियाँ हमें तड़पाती कभी-कभी। लाचारियाँ फितरत दिखाती कभी-कभी।। मिलता नहीं कहीं भी मरहम सुन ले ख़ुदा, मुफ़लिस को भूख बहुत रुलाती कभी-कभी। उजड़ा चमन तो शाख़ पे पत्ता भी था... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1k Share Ranjana Mathur 15 May 2020 · 1 min read एक बेबह्र ग़ज़ल मुफ़लिसी तो मेरे यार खुद ही एक मर्ज़ है। वो जीएं या न जीएं यहाँ पर किसे गर्ज़ है। दर्द तो है दर्द उसकी हरिक रग में रवानी करता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 283 Share Ranjana Mathur 21 Feb 2020 · 1 min read शिकायत तो नहीं कोई हमें तुमसे शिकायत तो नहीं कोई कि तुमने की शरारत तो नहीं कोई। हमें तुम मान सकते हो अजीज़ों में कि हम करते अदावत तो नहीं कोई। जलाओ आंधियों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 567 Share Ranjana Mathur 20 Feb 2020 · 1 min read गुनगुनाना छोड़ दें ये घटाएँ अब्र से बूँदें गिराना छोड़ दें आंसुओं से भी कहो आँखों में आना छोड़ दें। ख़ाक में मिलकर हो हासिल गर मुहब्बत आपकी बारहा सांसों का आना और... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 244 Share Ranjana Mathur 20 Feb 2020 · 1 min read खिलता हुआ इक गुलाब तू फ़लक का शबाब लगता है। तेरा चेहरा इक किताब लगता है। तिश्नगी है तुझी को पाने की इफ़्फ़त ए आफ़ताब लगता है। चाहता हूँ करूं परस्तिश तेरी क़ल्ब तेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 533 Share Ranjana Mathur 20 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल जहां से बदी को हटाना पड़ेगा। कि घर नेकियों का बसाना पड़ेगा। कभी तो मुकद्दर को रोशन करेगा कि सूरज इधर भी बुलाना पड़ेगा। चमन में खिलेंगे कभी गुल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 271 Share Ranjana Mathur 20 Feb 2020 · 1 min read मन लुभाता हूँ महीना आ गया सावन का मैं खुशियाँ मनाता हूँ। कि त्योहारों के मौसम में मगन मन गुनगुनाता हूँ। पड़े हैं बाग में झूले बरसती झूम कर बरखा प्रिया के साथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 429 Share Ranjana Mathur 20 Feb 2020 · 1 min read इस गुमां से दिल महकता है मेरी नई ग़ज़ल कमल का फूल तो हरदम ही कीचड़ में निखरता है। खरा सोना वही जो आग में तप कर निकलता है। कि दुनिया आब-ओ-गिल ये खबर बंदे को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 234 Share Ranjana Mathur 20 Feb 2020 · 1 min read आख़िर किसलिए मेरी एक नई ग़ज़ल - ख़ुशनुमा सी शाम आख़िर किसलिए। प्यार का पैग़ाम आख़िर किसलिए। क्यूँ मुखौटे डालते मासूम बन छुप रहे अस्क़ाम आख़िर किसलिए। उंगली हम औलाद पर कैसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 212 Share Ranjana Mathur 20 Feb 2020 · 1 min read आपकी नज़रे इनायत आपकी नज़रे इनायत हो तो फिर क्या चाहिए, प्यार में थोड़ी शरारत हो तो फिर क्या चाहिए। धूप भी छाया है जब हो साथ दामन आपका, साथ में थोड़ी मुहब्बत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 374 Share Ranjana Mathur 20 Feb 2020 · 1 min read मौत को ज़िन्दगानी लिखेंगे अजब प्यार की हम कहानी लिखेंगे कि हम मौत को ज़िन्दगानी लिखेंगे। कि बहने लगीं आँख गर तेरे ग़म में तो दरिया की उसको रवानी लिखेंगे। जो बुझते चिरागों को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 388 Share Ranjana Mathur 4 Dec 2019 · 1 min read ग़ज़ल ****** हम किस तरह चलते रहे, कदमों को भी है खबर नहीं। किसके लिए है तड़प मेरी, मुझे कोई आता नज़र नहीं। गुमनामियों में गुज़र रहा, है फ़कीर दिल का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 253 Share Ranjana Mathur 4 Dec 2019 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल सुनहरा सवेरा बुलाता हमें है। कि उजली किरण से मिलाता हमें है। सुनाकर हमें धुन सदा प्यार की ही वो जीने का लहज़ा सिखाता हमें है। कहीं धूप थोड़ी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 241 Share Ranjana Mathur 3 Dec 2019 · 1 min read ग़ज़ल मुझे ऐसा गुमां क्यों हो रहा है कहीं ईमान दिल का खो रहा है। चलो सहरा को हम कर दें खियाबां कि सूखा बाग भी अब रो रहा है। किया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 262 Share Ranjana Mathur 3 Dec 2019 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल *** क़फ़स में बंद पंछी को उड़ाना भी ज़रूरी है। कि घुटती ज़िन्दगी में सांस आना भी ज़रूरी है। करो तुम बागबां बनकर के रखवाली ख़ियाबां की कि मुरझाए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 305 Share Ranjana Mathur 3 Dec 2019 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल लुटा दी लाख अत्फ़ें रब ने दुनिया को सजाने में बड़ी ही नेमतें बिखरी हैं कुदरत के खज़ाने में। नहीं आसां यहाँ हर शख्स की हो दूर रुसवाई पड़ें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 334 Share Ranjana Mathur 3 Dec 2019 · 1 min read आखिर किसलिए ख़ुशनुमा सी शाम आख़िर किसलिए प्यार का पैग़ाम आख़िर किसलिए। क्यूँ मुखौटे डालते मासूम बन छुप रहे अस्क़ाम आख़िर किसलिए। उंगली हम औलाद पर कैसे करें खूं हमारा ख़ाम आख़िर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 339 Share Ranjana Mathur 10 Oct 2019 · 1 min read ग़ज़ल रूह भी चाहती न दूरी है आपके बिन ये जां अधूरी है इब्तिदा दिन की होती तुझसे ही सांस भी तेरे बिन न पूरी है तिश्नगी इश्क की न मिट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 293 Share Ranjana Mathur 8 Jun 2019 · 1 min read ग़ज़ल - बदगुमानी बदल दे न किस्मत लिखे मुंह जबानी बदल दे कभी तो ख़ुदा ज़िन्दगानी बदल दे। लो आए खुशी के ये दिन और रातें जो रातें थीं काली आसमानी बदल दे। हुई खार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 409 Share Ranjana Mathur 8 Jun 2019 · 1 min read ग़ज़ल - सलीका ज़िन्दगी का मुहब्बत में मज़ा तो दिल की क़ुर्बानी से आया है कि मिटने की कसम है दिल तो मनमानी से आया है। पियो तुम जाम आँखों से कि मयखाने में तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 263 Share Ranjana Mathur 8 Jun 2019 · 1 min read ग़ज़ल- "रिझाती है मुझे" ज़िन्दगी तू क्यों सताती है मुझे। गीत यादों के सुनाती है मुझे। आसमां में संग तारों के कभी चांद बन कर तू रिझाती है मुझे। वो किनारा झील का सूना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 235 Share Ranjana Mathur 28 May 2019 · 1 min read ग़ज़ल आसमां उस रात कुछ ज़्यादा हसीं हो जाएगा। चाँद भी करके शरारत शबनमी हो जाएगा। छा उठेगीं ख़ुशबुएं जब रात रानी की वहां नूर तेरे रूप का अपनी अदा दिखलाएगा।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 248 Share Ranjana Mathur 7 May 2019 · 1 min read ज़िन्दगी ग़ज़ल लगने लगी है बन मुहब्बत का वो साज बजने लगी प्यार की धुन से आवाज़ सजने लगी। ज़िन्दगी के खियाबां में गुल प्यार के क्या खिले सारी दुनिया महकने लगी। होगा तेरा भला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 358 Share Ranjana Mathur 7 May 2019 · 1 min read नज़ारा बाद का..... सभी वादे निभाने जा रहे हैं कि वो मूरख बनाने जा रहे हैं। नया क्या देखने को अब मिलेगा उसी हरकत को तो दुहरा रहे हैं। वही हल्ला वही गुल्ला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 313 Share Ranjana Mathur 16 Apr 2019 · 1 min read कर सकता नहीं ??? चाह तेरी नज़र की इन्कार कर सकता नहीं, अश्कों से लबरेज ये अब्सार कर सकता नहीं। ??? सुबह का है आफ़ताब कि चाँद है तू रात का, क्या कहूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 245 Share Ranjana Mathur 10 Apr 2019 · 1 min read जहाँ माँ मुस्कुराती है दिलों जां वार कर वो ज़िन्दगी सबकी बनाती है ज़हर पीकर वो सबको ही सदा अमृत पिलाती है। कड़ी तपती दुपहरी हो कि मौसम तेज़ बारिश का बनी वो ढाल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 472 Share Ranjana Mathur 8 Apr 2019 · 1 min read माँ ये माँ की दुआ का असर है ग़म क्या है मुझे ना ख़बर है। देखे जिस जगह सिर्फ ख़ुदा माँ की उस जगह भी नज़र है। जिसके सिर पर न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 219 Share Ranjana Mathur 6 Apr 2019 · 1 min read हूँ वो शाइर हूँ वो शाइर जो अजाबों की अज़ल लिखती हूँ अश्कों के हर्फों से मैं दर्दे ग़ज़ल लिखती हूँ। तुम मुझे चाहे समझ लेना धरा की माटी मैं तो तुमको ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 225 Share Ranjana Mathur 6 Apr 2019 · 1 min read ग़ज़ल---- ज़ख्म किसी को दिखाना नहीं। राज़ दिल के किसी को बताना नहीं है भरोसे के लायक जमाना नहीं। रहम उन पर करो जो हैं बेबस पड़े तुम कभी भी दुखी को सताना नहीं । मान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 386 Share Ranjana Mathur 31 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल "टूटे दिल को क्यूँ अश्कों से भीगा तेरा चहरा लगता है देखे न सुने न ज़माना ये बहरा लगता है। ?? वो चोटें जो एवज वफ़ा के खाई थीं मैंने उनका घाव दिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 320 Share Ranjana Mathur 28 Mar 2019 · 1 min read उसी का ये ज़माना है इरादा ये कि अब रूठे हुए रब को मनाना है, दिलों में आस औ उम्मीद के दीपक जलाना है। तमन्ना झूम कर नाचे सफलता भी कदम चूमे, हमें हर इक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 268 Share Ranjana Mathur 21 Mar 2019 · 1 min read इस बार होली में ? भरी हों नेमतें खुशियों की अब हर एक झोली में करें हम बैर औ नाराज़गी रुखसत अब डोली में। ? चलाओ आज पिचकारी अनोखे प्रेम रंगों की सजा डालो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 223 Share Ranjana Mathur 16 Mar 2019 · 1 min read एतबार मांगा था हमने दिल का करार मांगा था अपने हिस्से का प्यार माँगा था। भूले थे हम तो सब गिले शिकवे तू भी हो खुश गवार माँगा था। सहरा में फिर से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 283 Share Ranjana Mathur 10 Mar 2019 · 1 min read कुछ भी नहीं गर चाहो तो नामुमकिन कुछ भी नहीं है। है भुजबल की शक्ति कठिन कुछ भी नहीं है । ताकत ही उड़ने की देती है गवाही पंखों में जो जज्बा नभ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 435 Share Ranjana Mathur 7 Mar 2019 · 1 min read ख्वाब कैसे फ़ना हो जाएगा। मेरा जब तू आश्र्ना हो जाएगा प्यार ही मेरा गहना हो जाएगा। फिर बचेगा न कहने कुछ बाकी तुमसे मिलना जो मना हो जाएगा। आवाज़ दिल की सुनो पहले रूह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 243 Share Ranjana Mathur 5 Mar 2019 · 1 min read दिन आ रहे हैं बदी को मिटाने के दिन आ रहे हैं। नया दौर लाने के दिन आ रहे हैं। अरे ओ फरेबी न तुझ पर भरोसा कि तुझको मिटाने के दिन आ रहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 216 Share Ranjana Mathur 2 Mar 2019 · 1 min read मेरे हिस्से का सूरज जो ज़िन्दगी को एक दुराहे पे ला गये बद किस्मती है हमारी कि हम उन को भा गये। जिनके न हम कभी थे और न ही कभी हुए नादान उन्हीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 358 Share Ranjana Mathur 22 Feb 2019 · 1 min read ग़ज़ल मासूमों का कातिल है तू ओछा है औ जाहिल है तू हरकत से बाज़ न आएगा धूर्त बदी की मंजिल है तू जिसमें मौतें ही बहती हों उस दरिया का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 207 Share Ranjana Mathur 21 Feb 2019 · 1 min read कब तलक अब नहीं शेरों का यूं बलिदान ज़ाया जाएगा अब न वीरों की शहादत को भुलाया जाएगा। ऐ पड़ोसी तू न अपनी ओछी हरकत पर अकड़ क्या है तेरी हैसियत तुझको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 481 Share Ranjana Mathur 13 Feb 2019 · 1 min read हसरतों को गले से लगाते रहे तीर खाकर सनम मुस्कुराते रहे हम मुहब्बत में खुद को मिटाते रहे। फूल ही फूल दामन न कांटा कहीं ख्वाब यूं जिन्दगी के सजाते रहे। रात रोशन रहे खुशनुमा ख्वाब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 279 Share Ranjana Mathur 25 Jan 2019 · 1 min read तुम्हारे बिना अगर आए कयामत तो तेरे पहलू में दम निकले बड़े बेताब लेकर ख्वाब ये नज़रों में हम निकले । तिरा ही ख्वाब रातों में हैं दिन में भी तिरे जलवे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 254 Share Ranjana Mathur 22 Jan 2019 · 1 min read आओ खुशियाँ बाँटें हज़ारों खिल गये गुल फिर भी यह गुलशन तरसता है कि लाखों पत्थरों के बीच इक हीरा तरशता है। सुखाओ फूंक कर इंसानियत तुम उनके छालों को कि दहशत से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 181 Share Ranjana Mathur 18 Jan 2019 · 1 min read तन्हाइयाँ देखिये रोई बहुत शहनाइयाँ बहुत तड़पाएगी ये रुसवाइयाँ। नींद रातों को न अब मिलती गले आग दिल में लगा रही पुरवाइयाँ। सुबह की जो किरण पहली देख ली याद तेरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 459 Share Ranjana Mathur 17 Jan 2019 · 1 min read तमन्ना दुनिया दर्दों की इक रवानी है हँस कर उम्र फिर भी बितानी है। दे दो मुस्कान तुम उस लब को भी जिसकी रोती - सी ज़िन्दगानी है। बन जा लाठी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 237 Share Ranjana Mathur 14 Jan 2019 · 1 min read तुम क्या जानो समझेगा वही इसको जो दीवाना किसी का कभी हुआ भी है भला ये जमाना किसी का। रहते हैं जो हवेलियों में ठाठ-बाट से उनको न सुहाता है गरीब खाना किसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 234 Share Ranjana Mathur 11 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल - हैं बहुत हम तो खुशियों के दीवाने हैं बहुत। गम भुलाने के बहाने हैं बहुत। बैठिए नज़दीक किसी बुज़ुर्ग के खुशियाँ पाने के ठिकाने हैं बहुत। बिखरा है क्या रूप देखो हर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 228 Share Ranjana Mathur 9 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल हम तो ग़म में भी खुशियाँ हज़ार देख लेते हैं हम तो सहरा में फसले बहार देख लेते हैं। नींद आती है तुमको तो महलों में यारों झोंपड़ी में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 240 Share Page 1 Next