MITHILESH RAI Language: Hindi 503 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid MITHILESH RAI 24 Aug 2018 · 1 min read मुक्तक कभी तो किसी शाम को घर चले आओ। कभी तो ग़मों से बेख़बर चले आओ। हर रात बीत जाती है मयखाने में- कभी तो रास्ते से मुड़कर चले आओ। मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 1k Share MITHILESH RAI 12 Jan 2020 · 1 min read मुक्तक दर्द तन्हा रातों की कहानी होते हैं। तड़पाते हालात की रवानी होते हैं। कभी होते नहीं जुदा यादों के सिलसिले- दौरे-आज़माइश की निशानी होते हैं। मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 1 2 631 Share MITHILESH RAI 3 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक हादसे कुछ इस क़दर हो गये हैं। हम ग़में-हालात से रो गये हैं। ज़िन्दग़ी बिख़री है रेत की तरह- हम राहे-बेख़ुदी में खो गये हैं। मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 619 Share MITHILESH RAI 17 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक क्यों तुम मेरी यादों में ग़म कर जाते हो? आकर मेरी निगाह को नम कर जाते हो। दर्द की आहट से डर जाती है ज़िन्दग़ी- मेरी ख़ुशियों के पल को... Hindi · मुक्तक 1 688 Share MITHILESH RAI 29 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक तेरा ख्याल जब भी बार-बार आता है! दिल में बेचैनी का किरदार आता है! बेताब नजर से लिपट जाती हैं यादें, तेरी गुफ्तगूं का इंतजार आता है! #महादेव_की_कविताऐं' (23) Hindi · मुक्तक 587 Share MITHILESH RAI 12 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक दर्द तन्हा रातों की कहानी होते हैं! तड़पाते हालात की रवानी होते हैं! कभी होते नहीं जुदा यादों के सिलसिले, दौरे-आजमाइश की निशानी होते हैं! मुक्तककार -#मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 562 Share MITHILESH RAI 25 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक मैं तेरी सूरत का दीवाना हूँ कबसे। मैं तेरी चाहत का अफ़साना हूँ कबसे। अंज़ामें-बेरुख़ी से बिख़री है ज़िन्दग़ी- मैं तेरे ज़ुल्मों का नज़राना हूँ कबसे। मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 2 532 Share MITHILESH RAI 30 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक दिन गुजर जाएगा मगर रात जब होगी! तेरी चाहत से मुलाकात तब होगी! सिसकियाँ ख्यालों की तड़पाएगीं कबतक? तुमसे दिल की रू-ब-रू बात कब होगी? मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 565 Share MITHILESH RAI 21 Sep 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी चाहत मेरी आदत सी बन गयी है! मेरी जिन्दगी की अमानत सी बन गयी है! पलकों में चलते रहते हैं यादों के कदम, मेरी बंदगी की इबारत सी बन... Hindi · मुक्तक 557 Share MITHILESH RAI 14 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक उठती नजर में तेरा चेहरा नजर आता है! मुझपर तेरे प्यार का पहरा नजर आता है! ख्वाबों के दायरे में ठहर जाती है जिन्दगी, ख्वाहिशों का हर आलम गहरा नजर... Hindi · मुक्तक 560 Share MITHILESH RAI 24 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक मैं इत्तेफाक से गुनाह कर बैठा हूँ! तेरे रुखसार पर निगाह कर बैठा हूँ! शामों-सहर रहता हूँ बेचैन इस कदर, तेरे लिए जिन्दगी तबाह कर बैठा हूँ! मुक्तककार-#मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 523 Share MITHILESH RAI 15 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक जिन्दगी मिलती नहीं किसी को सस्ती बनकर! कोई तन्हा है कहीं कोई हस्ती बनकर! नेकियाँ करते चलो तुम भी कुछ जमाने में, जिन्दगी जी लो तुम राहों में मस्ती बनकर!... Hindi · मुक्तक 1 521 Share MITHILESH RAI 11 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक तेरी याद कभी-कभी मुस्कान देती है! तेरी याद कभी-कभी तूफान देती है! टूटी हुई चाहत भी जुड़ जाती है कभी, कभी-कभी हर आलम सूनसान देती है! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 1 574 Share MITHILESH RAI 20 Sep 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी यादों की तन्हाई से डर जाता हूँ! तेरी चाहत की परछाई से डर जाता हूँ! टूट गये हैं ख्वाब सभी तेरी रुसवाई से, तेरी जुल्फ की अंगड़ाई से डर... Hindi · मुक्तक 549 Share MITHILESH RAI 4 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक क्यों मेरी जिन्द़गी से दूर हो गये हो तुम? हुस्न के रंगों से मगरूर हो गये हो तुम! भूला नहीं हूँ आज भी मैं कसमों को तेरी, वेवफाओं में मगर... Hindi · मुक्तक 501 Share MITHILESH RAI 24 Sep 2019 · 1 min read मुक्तक ख़्वाब टूटते हैं मग़र यादें रह जातीं हैं। चाहतों की दिल में फ़रियादें रह जातीं हैं। देख़तीं रहतीं हैं आँखें राहें मंज़िल की- वस्ल की भटकी हुई मुरादें रह जातीं... Hindi · मुक्तक 2 541 Share MITHILESH RAI 31 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक कौन है किसी का हमदर्द इस जमाने में? कैद ख्वाहिशें हैं हालात के तहखाने में! किसी को कहीं खौफ है हर वक्त उजालों से, कोई मश़गूल है ख्वाबों को जलाने... Hindi · मुक्तक 484 Share MITHILESH RAI 27 Jun 2019 · 1 min read मुक्तक कभी-कभी रिश्ते भी बेग़ाने नज़र आते हैं। कभी-कभी अपने भी अनज़ाने नज़र आते हैं। जब यादें तोड़ देतीं हैं क़िस्तों में दिलों को- उस वक़्त आदमीं को पैमाने नज़र आते... Hindi · मुक्तक 1 481 Share MITHILESH RAI 14 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक तुम बार बार नजरों में आया न करो! तुम बार बार मुझको तड़पाया न करो! जिन्दा है अभी जख्म गमें-बेरुखी का, तुम बार बार दर्द को बुलाया न करो! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 523 Share MITHILESH RAI 11 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक अपनी तन्हाई को कबतक सहूँ मैं? अपनी बेचैनी को किससे कहूँ मैं? टपक रही हैं बूँदें यादों की मगर, अश्कों के भंवर में कबतक रहूँ मैं? मुक्तककार -#मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 499 Share MITHILESH RAI 11 Jan 2019 · 1 min read मुक्तक जुस्तज़ू क़ुरबत की फ़िर से बहक रही है। तेरी बेरुख़ी से मगर उम्र थक रही है। रात है ठहरी सी तेरे इंतज़ार में- तिश्नगी आँखों में फ़िर से चहक रही... Hindi · मुक्तक 499 Share MITHILESH RAI 4 Aug 2018 · 1 min read मुक्तक तेरा ख़्याल ख़ुद को समझाने का रास्ता है। तेरी याद दिल को बहलाने का रास्ता है। जब जाग जाती है लबों पर तेरी तिश्नगी- हर शाम मयखानों में जाने का... Hindi · मुक्तक 536 Share MITHILESH RAI 4 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक मेरी आरज़ू मेरा मुकाम तुम हो। मेरी मंज़िल मेरा अंज़ाम तुम हो। तुमसे ही हासिल है मेरी हर ख़ुशी- मेरी हर सुबह मेरी शाम तुम हो। मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 507 Share MITHILESH RAI 11 Aug 2017 · 1 min read मुक्तक आओ फिर से एक बार नादानी हम करें! नजरों में तिश्नगी की रवानी हम करें! जागी हुई है दिल में चाहत की गुदगुदी, आओ फिर से जख्मों की कहानी हम... Hindi · मुक्तक 499 Share MITHILESH RAI 2 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक कभी तो तेरे लब पर मेरा नाम आएगा! कभी तो मेरी चाहत का पैगाम आएगा! खींच लेगी तुमको कभी यादों की खूशबू, कभी तो तेरी नजरों का सलाम आएगा! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 525 Share MITHILESH RAI 23 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक मैं तेरी तस्वीर को कब तलक़ देख़ूँ? मैं दर्द की लक़ीर को कब तलक़ देख़ूँ? सिसक रहें हैं लफ़्ज़ भी मेरी ज़ुबाँ पर- मैं ज़ख़्में-तक़दीर को कब तलक़ देख़ूँ? मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 1 483 Share MITHILESH RAI 3 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक होते ही सुबह तेरी तस्वीर से मिलता हूँ! तेरी तमन्नाओं की जागीर से मिलता हूँ! नजरों को घेर लेता है यादों का समन्दर, चाहत की बिखरी हुई तकदीर से मिलता... Hindi · मुक्तक 487 Share MITHILESH RAI 10 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक जब वादों की जश्ने-रात होती है! ख्वाबों की नजरों से बात होती है! ढूंढती है सब्र को मेरी जिन्दगी, जब भी यादों की बरसात होती है! मुक्तककार -#मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 487 Share MITHILESH RAI 28 Jan 2019 · 1 min read मुक्तक आज फ़िर हाथों में जाम लिए बैठा हूँ। तेरे दर्द का पैगाम लिए बैठा हूँ। वस्ल की निगाहों में ठहरी हैं यादें- आज फ़िर फुरक़त की शाम लिए बैठा हूँ।... Hindi · मुक्तक 464 Share MITHILESH RAI 1 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक क्यों तुम मेरे ख्यालों में आकर चली जाती हो? अपनी जुल्फों को बिखराकर चली जाती हो! रग रग में उमड़ आता है तूफान हुस्न का, तुम जो फूल सा मुस्कुराकर... Hindi · मुक्तक 490 Share MITHILESH RAI 28 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक मिलते हो तुम रोज मगर बेगानों की तरह! जिन्द़गी की राहों में अनजानों की तरह! किस्तों में मिल जाते हैं ख्वाहिशों के लम्हें, महफिलों में रोता हूँ नादानों की तरह!... Hindi · मुक्तक 483 Share MITHILESH RAI 17 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक कई बार वक्त का मैं निशान देखता हूँ! कई बार मंजिलों का श्मशान देखता हूँ! दर्द की दहलीज पर बिखरा हूँ बार-बार, कई बार सब्र का इम्तिहान देखता हूँ! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 439 Share MITHILESH RAI 16 May 2019 · 1 min read मुक्तक अपनी तन्हाई को कब तक सहूँ मैं? अपनी बेचैनी को किससे कहूँ मैं? बूँदें टपक रही हैं यादों की मग़र- अश्क़ों के भंवर में कब तक रहूँ मैं? मुक्तककार -#मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 499 Share MITHILESH RAI 1 Jul 2019 · 1 min read मुक्तक तेरी ज़िन्दग़ी भर मुलाक़ात याद रहेगी। तेरी नज़रों की सौग़ात याद रहेगी। मुझे देख़कर शर्माती हुई तेरी अदाएँ- तेरे ख़्वाबों की हंसीं रात याद रहेगी। मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 471 Share MITHILESH RAI 9 Apr 2018 · 1 min read मुक्तक तुम मेरी जिन्दगी से यादों को ले लो! तुम मेरे दर्द की फरियादों को ले लो! मैं कब तलक सहता रहूँ आहे-तमन्ना? तुम मेरे ख्यालों से इरादों को ले लो!... Hindi · मुक्तक 435 Share MITHILESH RAI 5 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक आप ज़बसे ज़िन्दग़ी में मिल गये हैं। रास्ते मंज़िल के फ़िर से ख़िल गये हैं। ज़ाग़े हुए से ख़्वाब हैं निग़ाहों में- ज़ख़्म भी जिग़र के जैसे सिल गये हैं।... Hindi · मुक्तक 470 Share MITHILESH RAI 11 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक मेरी जिन्दगी गमें-ख्याल बन गयी है! तन्हा बेखुदी की मिसाल बन गयी है! मेरे दर्द की कभी होती नहीं सहर, रात जुदाई में बेहाल बन गयी है! मुक्तककार-#मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 488 Share MITHILESH RAI 16 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक मेरी जिन्दगी को तन्हाई ढूँढ लेती है! मेरी हर खुशी को रुसवाई ढूँढ लेती है! ठहरी हुई हैं मंजिलें अंधेरों में कबसे, मेरे दर्द को तेरी जुदाई ढूँढ लेती है!... Hindi · मुक्तक 455 Share MITHILESH RAI 26 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक थोड़ा होश है मुझे थोड़ी सी मदहोशी है! मेरी तन्हाई में यादों की सरगोशी है! शामों-सहर रुलाती हैं करवटें इरादों की, रंग है ख्वाबों का मगर गम की खामोशी है!... Hindi · मुक्तक 494 Share MITHILESH RAI 9 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे दीदार को एक जमाना हो गया है! चाहत का जूनून भी पुराना हो गया है! जिन्दगी भटकी हुई है दर्द की राहों में, रश्म और वफाओं को निभाना हो... Hindi · मुक्तक 493 Share MITHILESH RAI 5 Jul 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी मुलाकात मुझे याद आ रही है! भीगी हुई रात मुझे याद आ रही है! खोया हुआ हूँ फिर से यादों में तेरी, शबनमी बरसात मुझे याद आ रही है!... Hindi · मुक्तक 471 Share MITHILESH RAI 18 May 2017 · 1 min read मुक्तक कबतक जी सकूँगा नाकाम होते होते? कबतक जी सकूँगा गुमनाम होते होते? भटक रहा हूँ तन्हा मंजिल की तलाश में, कबतक जी सकूँगा बदनाम होते होते? #महादेव_की_कविताऐं' Hindi · मुक्तक 513 Share MITHILESH RAI 31 Jul 2019 · 1 min read मुक्तक जब कभी भी तुमको देखता है कोई। बेताब रास्तों से गुज़रता है कोई। किस तरह रुकेगा निग़ाहों का तड़पना? जब हुस्न की आग़ से ज़लता है कोई। मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 490 Share MITHILESH RAI 3 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक तुमको भूल जाने का बहाना नहीं आता! तुमसे अपने प्यार को बताना नहीं आता! बुझती नहीं है रोशनी चाहतों की लेकिन, अपने जख्मे-जिगर को दिखाना नहीं आता! #महादेव_की_कविताऐं'(25) Hindi · मुक्तक 427 Share MITHILESH RAI 28 Nov 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी आरजू में जमाना भूल गया हूँ! तेरी याद में मुस्कुराना भूल गया हूँ! रात गुजर जाती है मेरी मयखानों में, तेरे प्यार में आशियाना भूल गया हूँ! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 434 Share MITHILESH RAI 19 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक तुमको मैं जबसे खुदा मान बैठा हूँ! जिन्द़गी को गुमशुदा मान बैठा हूँ! खोजती हैं महफिलें जमाने की मगर, खुद को मैं सबसे जुदा मान बैठा हूँ! #महादेव_की_कविताऐं'(22) Hindi · मुक्तक 466 Share MITHILESH RAI 25 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक जो साथ नहीं देते वे रूठ जाते हैं! रास्तों में अक्सर हमसे छूट जाते हैं! दूरियाँ बन जाती हैं दिलों के दरमियाँ, हौसले भी जिन्दगी के टूट जाते हैं! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 464 Share MITHILESH RAI 10 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक आज भी मुझको तेरा हसरत-ए-दीदार है! आज भी मेरी नजर को तेरा इंतजार है! जोड़ता रहता हूँ तेरी चाहतों की कड़ियाँ, आज भी मुझको तमन्ना तेरी बार बार है! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 470 Share MITHILESH RAI 17 Jul 2019 · 1 min read मुक्तक तुम मुझको ग़म देकर भी ज़ीने नहीं देते। तुम ज़ख़्म-ए-जिग़र को भी सीने नहीं देते। मैं ढूँढ़ता हूँ सब्र को पैमानों में मग़र- तुम ज़ाम को भी चैन से पीने... Hindi · मुक्तक 458 Share MITHILESH RAI 3 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक हादसे कुछ इस क़दर हो गये हैं। हम ग़में-हालात से रो गये हैं। ज़िन्दग़ी बिख़री है रेत की तरह- हम राहे-बेख़ुदी में खो गये हैं। मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 445 Share Page 1 Next