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4 Feb 2019 · 1 min read

मुक्तक

मेरी आरज़ू मेरा मुकाम तुम हो।
मेरी मंज़िल मेरा अंज़ाम तुम हो।
तुमसे ही हासिल है मेरी हर ख़ुशी-
मेरी हर सुबह मेरी शाम तुम हो।

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
502 Views
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