Laxmi Narayan Gupta 89 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Laxmi Narayan Gupta 4 Sep 2018 · 1 min read आस्तीन के साँप धुआँ उठा हैं, सुलग रहा कुछ छुपे हुए अंगारों से । वर्षा फिर से मेहरबान है वामांगी गद्दारों से । हवा देखिये मेघ देखकर उन्हें उड़ाने को निकली । नहीं... Hindi · कविता 1 1 572 Share Laxmi Narayan Gupta 28 Jul 2016 · 1 min read कुण्डलियाँ मानवीय सद्गुणों से, हुए कभी परतंत्र सदियों के संघर्ष से, मिला हमें जनतंत्र मिला हमें जनतंत्र, मिला न मन्त्र स्वदेशी संविधान ने किया, देश में ही परदेशी अंग्रेजी की पूँछ,... Hindi · कुण्डलिया 1 578 Share Laxmi Narayan Gupta 11 Nov 2018 · 1 min read माँ की महिमा ज्ञानवती होती है माता, मन की भाषा पढ़ लेती है । संतानें कब क्या चाहती, अनुभूति से तड़ लेती है । इतने गहरे मनोज्ञान को, कैसे मैं कविता में बांधूँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 34 548 Share Laxmi Narayan Gupta 25 Jul 2016 · 1 min read दोहे कविता किरकी कांच जस, हर किरके को मोह छपने की लोकेषणा, करे छंद से द्रोह आत्म मुग्ध लेखन हुआ, पकड़ विदेशी छन्द ताका, महिया, हाइकू, निरस विदेशी कंद तंत्र बड़ा,... Hindi · दोहा 1 582 Share Laxmi Narayan Gupta 9 Apr 2020 · 1 min read कलम उसके हाथ में कलम थी जादुई छड़ी की जगह दुपट्टा लहरा रहा था सफेद पंखों की जगह वह परी नहीं थी पर लग रही थी परी की तरह अपने हाथ... Hindi · कविता 2 543 Share Laxmi Narayan Gupta 30 Aug 2020 · 1 min read मुक्तक कहमुकरी विधा द्वार बजा उठ सांकर खोली बैरी ने घुस सेज उकेली+ खिंचता चीर हाथ से रोका थे सखि साजन? ना वत झोंका । सावन सूखा आंखें भदवा विधवा लगती... Hindi · मुक्तक 3 502 Share Laxmi Narayan Gupta 10 Aug 2020 · 1 min read सेल प्रेम का मौसम निकल जाने के बाद तुमने एक पर एक फ्री की तर्ज पर मेरा मूल्यांकन किया व्यापारियों की तरह नया स्टाक लाने की गर्ज पर । यह बात... Hindi · कविता 4 497 Share Laxmi Narayan Gupta 5 Feb 2017 · 1 min read प्रभु के चरण माना है जब से सुख को सपन दुःख में भी खुश हैं तब से अपन सामर्थ इतनी देना विधाता मुरझाए न दुःख में तेरा चमन दिन चार रहना सुख दुःख... Hindi · कविता 509 Share Laxmi Narayan Gupta 14 Nov 2017 · 1 min read मैं आदमी हूँ ख़ास मैं आदमी हूँ खास रोजाना सुबह से शाम तक निकालता हूँ बाल की खाल फिर बुनता हूँ मकड़जाल कोई फसे क़ामयाब हो चाल | जागने से सोने तक साथ रखता... Hindi · कविता 470 Share Laxmi Narayan Gupta 18 Jul 2018 · 1 min read कुण्डलियाँ कद काठी में वे बड़े, ऊपर से धनवान । धनवानों का खासकर, अफसर रखते ध्यान ॥ अफसर रखते ध्यान, कहें जो वे करते हैं । नीरव जैसे संत, इन्हींके बल... Hindi · घनाक्षरी 1 479 Share Laxmi Narayan Gupta 7 Oct 2017 · 1 min read उसे पसंद करने वाला कोई नहीं हैं मेरी बेटी कविता चालीस की हो रही है उसे छै सौ से अधिक लोग देख चुके पर पसंद न होने की बात जहाँ की तहीं है | उसे कोई पसंद... Hindi · कविता 441 Share Laxmi Narayan Gupta 9 Aug 2020 · 1 min read छ: दीपक “शांति” का दीपक बुझे नहीं, यह जरूरी आजकल जला लेंगे शेष दीपक, हैं बुझे जो आजकल । “उत्साह” दीपक जले को, वे बुझाते फूंक कर चोरियों में नामजद जो, खुले... Hindi · दोहा 474 Share Laxmi Narayan Gupta 20 Jul 2016 · 1 min read सम-सामयिक दोहे सहिष्णु नर होता सफल, पकड़ सबूरी डोर| असहिष्णु नर ढोर सम, चरता चारों ओर| नगर, ग्राम, घाट, तट, सरिता की सौगात| नारी समपुरण तभी, सीरत भी हो साथ| बोया पेड़... Hindi · दोहा 3 439 Share Laxmi Narayan Gupta 21 Jul 2016 · 1 min read प्रश्न पूछते थकते पांव प्रश्न पूछते थकते पांव कितनी दूर रहा अब गाँव पद चिन्हों पर चलते चलते जंगल तो कर आये पार पथरीली चट्टानें भी हम छोड़ चुके है अब उस पार चलने... Hindi · कविता 1 416 Share Laxmi Narayan Gupta 5 Jun 2021 · 1 min read पावस बहुत रुलाती हो पावस बहुत रुलाती हो, तरसा तरसा कर आती हो…. पीली चमड़ी वाली गर्मी, होजाती जब बहुत अधर्मी झुलसाती धरती का आँचल बिन पानी रीते सब बादल । पावस हड़काओ सूरज... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 1 431 Share Laxmi Narayan Gupta 29 Jan 2017 · 1 min read मेरी बेटी बेटों से ज्यादा मां बाप को प्यार करे मेरी बेटी । दो घरों का तन-मन से ध्यान धरे मेरी बेटी । बिटिया न होने के कारण है दुखी मेरी बेटी... Hindi · कविता 1 401 Share Laxmi Narayan Gupta 19 Aug 2020 · 1 min read चन्दा मामा चन्दा मामा जादूगर हो ? ऐसा कैसे कर पाते हो ? धीरे धीरे छुपते पहले फिर बैसे ही हो जाते हो । मामा बोले सुनो भानजे बेटा जब भी माँ... Hindi · कविता · बाल कविता 2 1 419 Share Laxmi Narayan Gupta 25 Jul 2016 · 1 min read पावस बहुत रुलाती हो पावस बहुत रुलाती हो तरसा तरसा कर आती हो पीली चमड़ी वाली गर्मी हो जाती जब बहुत अधर्मी उमस से भीगा है आँचल थमी हवा मन करे विकल पावस हडकाओ... Hindi · कविता 1 431 Share Laxmi Narayan Gupta 2 Aug 2016 · 1 min read राष्ट् कवि मैथिली शरण गुप्त ( जन्म : ३ अगस्त १८८६) चिर प्रतिष्ठा चिरगांव गाँव को देने वाले 'दद्दा' देश नमन करता है तुमको ह्रदय बसाये श्रद्धा तीन अगस्त अठारह छियासी, जनपद झाँसी में वैष्णवों के कुल में जन्मे, शुभ दिन... Hindi · कविता 406 Share Laxmi Narayan Gupta 30 Mar 2018 · 1 min read जय जय जय बजरंगबली अंजनी सुत पवन पुत्र ने वनवासी मित्रों को संग ले कदम कदम पर राम राम भज ढूंढ लिया लंकेश छली । जय जय जय बजरंगबली । थे संगठित वानर, भालू... Hindi · कविता 368 Share Laxmi Narayan Gupta 16 Jul 2018 · 1 min read समाज को दर्पण दिखाती दो कुण्ड़लियाँ समाज को दर्पण दिखाती कुण्डलियाँ ऋण लिया और घी पिया, किया बैंक को भ्रष्ट । भोगवाद से देश की, मानवता है तृष्त ॥ मानवता है तृष्त, हम सहभागी इसमें ।... Hindi · कुण्डलिया 353 Share Laxmi Narayan Gupta 30 Sep 2017 · 1 min read रावण की ओर से शुभ कामनाएँ दशहरे की हँसकर रावण बोल रहा है आज यदि होते श्री राम कितने रावण मार गिराते ? इतने तीर कहाँ से लाते ? आ भी जाते चल भी जाते बचता कौन ?... Hindi · कविता 348 Share Laxmi Narayan Gupta 27 Oct 2020 · 1 min read भारत जानता है विश्व भारत की अहमियत जानता है । विश्व भी पाकको आतंकी जानता है । हम पड़ौसी धर्म में ही मशगूल रहे कैसे निपटना अब भारत जानता है । मित्र होना... Hindi · लेख 2 348 Share Laxmi Narayan Gupta 2 Aug 2018 · 1 min read सच्चाई नहीं कोई भी सर्वेसर्वा सब की हैं सीमायें । जब जानें श्रावण भादौ में बादल नहीं छायें । चुकता हो चुकती है किरणें बादल से लड़-भिड़ कर आठ माह के... Hindi · कविता 333 Share Laxmi Narayan Gupta 22 Aug 2020 · 1 min read वर्ण पिरामिड कविता विधा गणेश श्री श्री जी विविध नामधारी चूहा सवारी जय गजानन करें हम नमन Hindi · कविता 4 1 338 Share Laxmi Narayan Gupta 27 Feb 2017 · 1 min read कुछ दोहे कविता किरकी कांच जस, हर किरके को मोह । छपने की लोकेषणा, करे छंद से द्रोह । आत्म मुग्ध लेखन हुआ, पकड़ विदेशी छंद । ताका, महिया, हाइकू, निरस विदेशी... Hindi · दोहा 388 Share Laxmi Narayan Gupta 27 Sep 2017 · 1 min read कहाँ छुपे तुम तात विभीषण । छाती सहती नित पद प्रहार हो रही सहिष्णुता तार तार हम भाई समझ कर बार बार न्योछावर करते रहे त्राण वे सब तो निकले खर दूषण कहाँ छुपे तुम तात... Hindi · कविता 365 Share Laxmi Narayan Gupta 2 Oct 2017 · 1 min read लाल बहादुर शास्त्री जी का स्मरण लाल बहादुर जैसा कर्मठ, भारत माँ का प्यारा पाकिस्तान पराजित करके, खुद किस्मत से हारा दुष्ट पाक की कूट्नीति ने, पलटा जीता पासा रहस्यमयी उनकी मृत्यु पर, अब तक नहीं... Hindi · कविता 320 Share Laxmi Narayan Gupta 4 Jun 2017 · 1 min read एक स्वप्न एक तरइया पापी देखे दो दिखें चण्डाल को । तीन तरइयाँ राजा देखे सब दिखें संसार को । होश संभाला जब से मैंने तब से गगन निहारा । अंधियारा आने... Hindi · कविता 324 Share Laxmi Narayan Gupta 4 Jun 2021 · 1 min read सावन में सावन की रिमझिम से गीली चुनरिया चिपकी है जैसेकि चिपकें सवरिया । बरसो भले ही, पर कड़को न बदरा अकेली हूँ घर में, मैं उनकी दुलरिया । सावन में तन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 1 329 Share Laxmi Narayan Gupta 15 Oct 2017 · 1 min read हर क्षण नारायण नारायण नारायण गाएँ माँ के गर्भ कैद से जीवा मुक्त करो हे राम पुकारे | जग में आकर बाहर भूले दुःख के नाम उचारे | भेज ले हर का नाम, कि ताकि पुनर्जन्म... Hindi · कविता 304 Share Laxmi Narayan Gupta 27 Mar 2018 · 1 min read जाने क्यों ? कलम रुकी है जाने क्यों ? अधर मौन हैं जाने क्यों ? सत्य झूठ है सब कुछ सम्मुख फिर भी चुप है दर्पण क्यों ? रहा हितैशी जन मन का... Hindi · कविता 317 Share Laxmi Narayan Gupta 28 Oct 2020 · 1 min read वर्ण धनुष शीर्षक : दर्पण पी कर पचाले तब जानूँ । उगलता क्यूँ सीधी तस्वीरों को मुँह देखी करके । दर्प में भूल मत तेरी पीठ पर लगा रोगन चमकाता तुझको दर्प... Hindi · लेख 337 Share Laxmi Narayan Gupta 11 Aug 2020 · 1 min read हरि (कृष्ण) स्मरण (1) हरियाली हरी की कृपा, यदि चाहो चहुँ ओर। भजिए हरी को अहर्निश, बिना कसर बिंन कोर॥ बिना कसर बिंन कोर, काम सब चलाने दीजे । जहां दिखे अवरोध, ध्यान... Hindi · कुण्डलिया 307 Share Laxmi Narayan Gupta 26 Feb 2017 · 1 min read लगे सभी कुर्सी कब्जाने यहाँ चली है बहस गधों पर कब्रिस्तानों, श्मशानों पर साइकिल- हाथी चिह्नों पर उत्तर-प्रत्युत्तर के चलते प्रजातंत्र के अजब नमूने सभी चले हैं सत्ता छूने अच्छे दिन भी रहे कुंआरे... Hindi · कविता 294 Share Laxmi Narayan Gupta 3 Mar 2019 · 1 min read अंक गणित मेरे तुम्हारे संबंध आंकड़ों की भाषा में छतीस जैसे नहीं हैं तैतीस भी नहीं हैं । हम इससे खुश हैं अंक बारह और इक्कीस और ऐसे ही अन्य अंकों की... Hindi · कविता 301 Share Laxmi Narayan Gupta 26 Oct 2020 · 1 min read भानु रथ रुके न एक ही गाँव दिनभर मेहनतकश मेहनत कर करे प्रतीक्षा आए शाम । ढले शाम, हो रात आगमन मन भर कर करने विश्राम । यो ही नित्य चले है नश्वर दिन के बाद रात... Hindi · कविता 293 Share Laxmi Narayan Gupta 8 Jun 2021 · 1 min read पानी न बरसने की पीड़ा वर्षा की राह जोहते लोग बेमन से तीज त्योहार मना रहे हैं पिछली अवर्षा से प्रभावित गाँव-शहर आज अभी तक पानी नहीं, पसीने से नहा रहे है । कलमुँहे बादल... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 4 300 Share Laxmi Narayan Gupta 30 Jan 2017 · 1 min read फिर वसन्त आया … सूरज की किरणों ने पोर पोर चूमा अलसाया सूर्य-कमल मस्ती में झूमा मंद पवन झोकों ने, वन-चमन महकाया.... पेड़ों पर तरुणाई, वलनाती बेलें रंग भरे बागों मे, आओ चलो खेलें... Hindi · कविता 339 Share Laxmi Narayan Gupta 7 Nov 2017 · 1 min read जीवन प्रवाह अक्र बक्र दो नदी किनारे बीच बहे जीवन की धारा | गंगा सागर में मिलने तक सुख-दुःख ये ही सहें हमारा | दो कंधों से सटा रपटता धरा धरातल पर... Hindi · कविता 286 Share Laxmi Narayan Gupta 26 Oct 2020 · 1 min read वास्तविकता हम दिन नहीं काट रहे दिन हमें काट रहे हैं । दिन प्रतिदिन दिन हमे काट रहे हैं । सम्मिलित परिवार से धार्मिक आस्थाओं से और सबसे महत्वपूर्ण हमको मानवता... Hindi · मुक्तक 2 277 Share Laxmi Narayan Gupta 30 May 2017 · 1 min read विडम्बना ममता मरी समता मरी अतृप्ति जीवित । मानवी संवेदनाएँ चुक गयीं होकर व्यथित । घर छोड़ती हद तोड़ती गृह लक्ष्मी विश्वास को ठेंगा बताती बन रही है कुलक्षणी । पाश्चात्य... Hindi · कविता 275 Share Laxmi Narayan Gupta 24 Jul 2016 · 1 min read कागा केंद्रित पद (१) सखी री पहुँन भये पिया कागा जब जब गाये अटरिया, आते तबहि पिया रात न बोलें, न बतराबें, तडफत रहत जिया अँधियारा गहराए के पहिले, सोबत रख तकिया रहें... Hindi · कविता 276 Share Laxmi Narayan Gupta 26 Jul 2020 · 1 min read वही करोना का रोना ताल किनारे महुआ महकी कूप किनारे चम्पा गमकी आम्र खेत में दिखे न झूले वर्षा फिरती बहकी बहकी सावन मास उदासी बहना हाथ लिए राखी सा गहना कैसे जाऊँ?, भाई... Hindi · कविता 3 10 290 Share Laxmi Narayan Gupta 2 Feb 2017 · 1 min read भ्रम मानव मन ने निराकार के, जो जो रूप गढ़े पीढ़ी दर पीढ़ी ने उनके, मंदिर किये खड़े धनुष कमान एक को देकर झापित राम किया मोर मुकुट और वंसी वाला... Hindi · कविता 270 Share Laxmi Narayan Gupta 13 Jan 2020 · 1 min read बगुला राजनीति सत्य के लिए आतंक के विरुद्ध लड़नेवाले जटायु कुल के अघोरी गिद्ध गद्दी के लिए हैव हैवनोट (अंग्रेजी शब्द} लड़ाने के लिए नीड़ को घेरे हुए हैं | गांधी के... Hindi · कविता 2 285 Share Laxmi Narayan Gupta 4 Oct 2017 · 1 min read हँसी और मुस्कान की बस्तियाँ बहुत दूर गुमगयीं बस्तियाँ हँसी और मुस्कानों की । जीवन की दो सगी सहेली मोहताज पहचानों की । भागी हँसी छोड़कर आंगन हँसने बाग बगीचों में । मुस्काने हो गयीं... Hindi · कविता 267 Share Laxmi Narayan Gupta 1 Nov 2017 · 1 min read हो ली जो होनी थी होली जो होना थी कल तक सन चौदह तक आते आते । वंशवाद, जनवादी देखे सहिष्णुता से बैर बढ़ाते । प्रह्लाद को जला न पाये वाद प्रमादी कंड़े काठी ।... Hindi · कविता 258 Share Laxmi Narayan Gupta 9 Feb 2017 · 1 min read उम्र बहुत थोडी पाते हैं यदा कदा ही तो आते हैं भारत के रख वाले उम्र बहुत थोड़ी पाते हैं, देश जगाने वाले कोलकता की काली माँ से देव तत्व को पाकर सन्यासी बन कर... Hindi · कविता 265 Share Laxmi Narayan Gupta 21 Oct 2017 · 1 min read कैसे हरूँ मुरलिया बंसीधर ने जब जब बंसी बाजुबन्द में बांधी । चिंतित हो कह उठते ग्वाले आने को है आंधी । मोर मुकुट का पंखी चंदवा गत आगत का ज्ञाता । कुछ... Hindi · कविता 264 Share Page 1 Next