लक्ष्मी सिंह Tag: बाल कविता 32 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid लक्ष्मी सिंह 4 Aug 2023 · 1 min read बादल आओ बादल आओ बादल। आकर नभ में छाओ बादल। प्यासी धरती तुझे पुकारे, छम-छम जल बरसाओ बादल। जीव-जन्तु सब तड़प रहें हैं सबकी प्यास बुझाओ बादल। ताल तलैया सूख रहें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · चौपाई · बाल कविता 5 8 318 Share लक्ष्मी सिंह 3 Aug 2023 · 1 min read बादल काले काले प्यारे बादल। नीर भरे कजरारे बादल। श्वेत रुई की फाहे जैसी, धुँधला धूम-धुआँरे बादल। इंद्रनील की माला डाले , मृदुल मनोरम सारे बादल। नील फर्श पर धना-धना-सा, बैठा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · चौपाई · बाल कविता 5 5 430 Share लक्ष्मी सिंह 16 Sep 2022 · 1 min read बच्चे थिरक रहे हैं आँगन। छम छम छम छम बरसे सावन। बच्चे थिरक रहे हैं आँगन। पाँव पटक कर छप छप करते। अपनी अँजुरी में जल भरते। झूम-झूम मृदु मुस्कानों सें- मंत्र मुग्ध हो मन... Hindi · गीत · चौपाई · बचपन · बाल कविता · सावन 5 3 266 Share लक्ष्मी सिंह 23 Feb 2021 · 1 min read प्रात काल की शुद्ध हवा प्रात काल की शुद्ध हवा ******************* प्रात काल की शुद्ध हवा है। सबसे अच्छी एक दवा है। बलवर्धक सबसे हितकारी। सेहतमंद सदा गुणकारी। साँस-उसाँसे होती ताजा। रग-रग में तब बजता... Hindi · कविता · बाल कविता · हवा 4 1 596 Share लक्ष्मी सिंह 15 Mar 2022 · 1 min read दूर क्षितिज के पार माँ! चल ले चल तू मुझे,दूर क्षितिज के पार। जहाँ हृदय हो पुष्प सा, स्वार्थ हीन हो प्यार ।। इंसा में इंसानियत,हो निर्मल व्यवहार। सत्य सुर्य सा हो प्रखर,करे झूठ... Hindi · गीत · दोहा · दोहा गीत · बाल कविता · माँ 4 3 260 Share लक्ष्मी सिंह 20 Aug 2022 · 1 min read इतने मधुर बनो जीवन में। इतने मधुर बनो जीवन में। शहनाई बजती आँगन में।। जैसी सोच रखोगे मन में। वैसा पाओगे जन-जन में।। सुख सौरभ सुरभित कानन में। जल थल अंबर जड़ चेतन में।। सुधा... Hindi · बाल कविता 3 1 217 Share लक्ष्मी सिंह 20 Mar 2017 · 1 min read बाल कविता —टेडी बेयर बाल कविता—टेडी बेयर ??????? टेडी बेयर, टेडी बेयर, लगता हमको प्यारा। नर्म मुलायम,कोमल -कोमल, मोहक रूप तुम्हारा। ?? मम्मी-पापा ऑफिस जाते, घर में तुम ही रहते। एक अकेलेपन का साथी,... Hindi · कविता · बाल कविता 3 1k Share लक्ष्मी सिंह 24 Aug 2017 · 1 min read मेरी गुड़िया ????? आफत की पुड़िया, है मेरी गुड़िया, हरदम करती है शैतानी। बात किसी की कभी न सुनती, करती वही जो मन में ठानी। ????? भोली-भाली नादां है ये दुनिया से... Hindi · कविता · बाल कविता 2 2 799 Share लक्ष्मी सिंह 1 Sep 2017 · 1 min read बाल अधिकार ???ललित छंद??? हम छोटे-छोटे बच्चे हैं, दे दो अधिकार सही। हमेशा बड़ों की मनमानी, हमको स्वीकार नहीं। खेलें - कूदे धूम मचाये, हम बच्चों का नारा। खुलकर बचपन को जीने... Hindi · कविता · बचपन · बाल कविता 2 1 2k Share लक्ष्मी सिंह 8 Feb 2021 · 1 min read गिलहरी बालकनी में दिखी गिलहरी, नजर हमारी उस पर ठहरी। नन्हीं छोटी-सी है प्यारी, जिसके तन पर गहरी धारी। रोयेंदार पूँछ झबरीली, काली पीली बड़ी फबीली। कंचे जैसे आँखें दिखते, दाँत... Hindi · कविता · बाल कविता 2 295 Share लक्ष्मी सिंह 21 Sep 2019 · 1 min read कर्म रक्ता छंद मापनी-2121212 कर्म देव द्वार है। एक दिव्य धार है तुष्टि-पुष्टि प्यार है। युक्ति-मुक्ति सार है। कर्म रत्न खान है। स्वेद रक्त दान है कर्म ही प्रधान है। सर्व... Hindi · कविता · बाल कविता · रक्ता छंद 2 147 Share लक्ष्मी सिंह 23 Jan 2021 · 1 min read मेथी मम्मी लाई मेथी ताजी, और बनाई उसकी भाजी । उसमें थोड़ा आलू डाला, और मिलाया गरम मसाला। स्वाद-गंध का रहा खजाना, बड़े चाव से इसको खाना। यह सब्जी है सेहत... Hindi · कविता · बाल कविता 2 2 333 Share लक्ष्मी सिंह 27 Feb 2022 · 1 min read मेरी प्यारी बूढ़ी नानी । मेरी प्यारी बूढ़ी नानी । नित्य सुनाती हमें कहानी।। बात बताती नई पुरानी। सुन होती सबको हैरानी।। चोर सिपाही राजा रानी। वीरों की गाथा बलिदानी।। रामायण गीता की वाणी। याद... Hindi · कविता · बाल कविता 1 1 860 Share लक्ष्मी सिंह 14 Dec 2019 · 1 min read वीर बालिका नन्हीं-मुन्हीं वीर बालिका, भय नाशक अरु देश सेविका । शीश उठाकर सीना ताने। ये दीवाने हैं मस्ताने। खाकी वर्दी टोपी डाले। कांधे पर बंदूक सँभाले। श्रम बिन्दु का लगा के... Hindi · कविता · गीत · चौपाई · बाल कविता · बेटी/बेटियां 1 837 Share लक्ष्मी सिंह 17 Feb 2021 · 1 min read पालक . पालक होता है गुणकारी। सुपरफूड है शाकाहारी। हरे रंग का पत्तों वाले। जड़ होती है गुच्छो वाले। भरा हुआ पोषक तत्वों से। तन पोषित करता सत्वों से। प्रचुर आयरन... Hindi · कविता · बाल कविता 1 200 Share लक्ष्मी सिंह 15 Feb 2021 · 1 min read तितली तितली रानी तितली रानी, कौन देश से आई हो। रंग बिरंगे पंख सजीले, कहो कहाँ से लाई हो। सुबह सबेरे आ जाती हो, फूल-फूल पर मँडराती। मीठा-मीठा रस पीती हो,... Hindi · कविता · बाल कविता 1 1 207 Share लक्ष्मी सिंह 4 Jan 2021 · 1 min read सुन लो बच्चों चौपाई छंद सुन लो बच्चों ध्यान लगाकर, पीलो अमिय ज्ञान का गागर । जल्दी उठना जल्दी सोना , केवल सपनों में मत खोना। नित्य नियम से जीवन जीना, रसना आदर्शों... Hindi · कविता · चौपाई · बाल कविता 1 1 282 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2017 · 1 min read दोस्त मेरे सभी दोस्तों को“ फ्रेन्डशीप डे "की ढेर सारी शुभ कामनाएँ— ??? हर किसी को, एक दोस्त की चाह होती है । ??? साथ दोस्त हो, तो आसान हर राह... Hindi · कविता · बाल कविता 1 538 Share लक्ष्मी सिंह 24 Nov 2019 · 1 min read वीर साहसी बनो - रक्ता छंद रगण जगण+गुरु =(७वर्ण) वीर साहसी बनो। यूँ न आलसी बनो। सूर्य चंद्र -सा बनो। रत्न यत्न से चुनो। लक्ष्य साध के बढ़ो। धैर्य बाँध के बढ़ो। तुंग... Hindi · कविता · बाल कविता · रक्ता छंद 1 1 185 Share लक्ष्मी सिंह 3 Jun 2017 · 1 min read आईसक्रीम ???? तीखी धूप, चिलचिलाती गर्मी, आईसक्रीम देख मुँह में आये पानी। ? बूढ़े-बच्चे सभी आईसक्रीम के प्रेमी। चाहे हो स्टोबेरी या वेनिला चेरी। ? नई-नई किस्में मैंगो,पिस्ता अंजीर। गर्मी के... Hindi · कविता · बाल कविता 1 481 Share लक्ष्मी सिंह 24 May 2017 · 1 min read पापा की बिटिया ???? गर्मी की छुट्टी ढेर सारी मस्ती। जिन्दगी फूलों सी खिल खिला उठी। नये-नये करतब, नये-नये कलाकारी। कभी खूब शरारतें, कभी खातिरदारी। कभी कांधे पे चढ़ती, कभी पीठ की सवारी।... Hindi · कविता · बाल कविता · बेटी/बेटियां 1 642 Share लक्ष्मी सिंह 3 Mar 2017 · 1 min read चलो करें धूम - धड़ाका.. ??सभी दोस्तों को क्रिसमस की ढेर सारी शुभकामनाएँ?? ?????? चलो करें धूम-धड़ाका, और खूब ढ़ेर सारी मस्ती। नव वर्ष है आनेवाला, आज क्रिसमस की है छुट्टी। चलो दोस्तों संग मिलकर,... Hindi · कविता · बाल कविता 1 466 Share लक्ष्मी सिंह 6 Mar 2023 · 1 min read हम बच्चों की आई होली मीठी मीठी गुझियावाली,हम बच्चों की आई होली। मस्ती के बारात सजाए,संग लिए खुशियों की डोली। जल्दी उठकर सुबह सवेरे, गली मुहल्ला करते फेरे, खटकाते सबके दरवाजे़,आओ चंपा आओ मोली। पानी... Hindi · गीतिका · चौपाई · बाल कविता · होली 200 Share लक्ष्मी सिंह 18 Jan 2021 · 1 min read मैं छोटी नन्हीं सी गुड़िया । गीतिका-आधार छंद चौपाई मैं छोटी नन्हीं सी गुड़िया । सब कहते जादू की पुड़िया। तुतला कर करती हूँ बातें, हिन्दी लगती है तब उड़िया। छोटे-छोटे बाल घनेरे, छोटी-छोटी मेरी चुटिया।... Hindi · कविता · चौपाई · बाल कविता 2 499 Share लक्ष्मी सिंह 27 Jan 2021 · 1 min read एक तिरंगा मुझको ला दो एक तिरंगा मुझको ला दो, मैं भी इसको फहराऊँगा नील गगन से ऊँचा जाकर, पूरे जग में लहराऊँगा देश हमारा सबसे प्यारा, इस दुनिया को बतलाऊँगा विश्व शांति का दूत... Hindi · कविता · चौपाई · बाल कविता 1 425 Share लक्ष्मी सिंह 8 Aug 2019 · 1 min read गाँधी जी के बंदर गाँधी जी के तीनों बंदर। सबक सिखाते हैं अति सुंदर। प्रथम सिखाता मुख मत खोलो। जब भी बोलो मिश्री घोलो। मौन साध कर करो तपस्या, सभी समस्या ऐसे टालो। मधुर... Hindi · गीत · चौपाई · बाल कविता 254 Share लक्ष्मी सिंह 15 Feb 2018 · 1 min read चाॅक्लेट (बाल कविता) ? ? ? ? रंग-बिरंगी रैपर में लिपटी, चाॅक्लेट भला किसे नहीं भाती। नाना - नानी, दादा-दादी, सबके मुँह में पानी लाती। चाॅक्लेट देखकर जी ना माने। खाते रहते कर-कर... Hindi · कविता · बाल कविता 342 Share लक्ष्मी सिंह 19 Jul 2017 · 1 min read फिर से मैं छोटी-सी बच्ची बन जाती ???? काश एक जादू की छड़ी मिल जाती। फिर से मैं छोटी-सी बच्ची बन जाती।। गुड्डा-गुड़िया का फिर से ब्याह रचाती। फिर से झूठी-मूठी का बारात सजाती।। फिर से वही... Hindi · कविता · बाल कविता 544 Share लक्ष्मी सिंह 9 Jun 2017 · 2 min read ?गर्मी की छुट्टी? ? ? ? ? ? ? आया मौसम गर्मी की छुट्टी का , बच्चो के रुचिपूर्ण मस्ती का। ?????? ये मौसम बड़ा है रुखा , पर हम बच्चो को भाता।... Hindi · गीत · बाल कविता 481 Share लक्ष्मी सिंह 13 Apr 2017 · 1 min read कुछ मन की कर जाऊँ ???? आज मैं कुछ मन की कर जाऊँ। बिना पंख गगन में उड़ जाऊँ। ? चाँद सितारे तोड़ के लाऊँ। अपने बगिया में मैं लगाऊँ। ? प्रकृति से मैं रंग... Hindi · कविता · बाल कविता 369 Share लक्ष्मी सिंह 18 Feb 2017 · 1 min read हर बच्चा कलाकार होता है। ???? हर बच्चा कलाकार होता है, मन कल्पना से भरा होता है। मन में विचारों का द्वन्द होता है, तब कोई नया सृजन होता है हर बच्चा कलाकार होता है।... Hindi · कविता · बाल कविता 880 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2017 · 1 min read मैं एक तितली सी होती। ??????? जिन्दगी भले ही छोटी होती। पर मैं एक तितली सी होती। प्रकृति सौन्दर्य सहेजे संग में। सोभा बड़ी निराली होती। पंख सुनहरे सजते मेरे। मैं फूलों की रानी होती।... Hindi · कविता · बाल कविता 576 Share