Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Feb 2021 · 1 min read

गिलहरी

बालकनी में दिखी गिलहरी,
नजर हमारी उस पर ठहरी।

नन्हीं छोटी-सी है प्यारी,
जिसके तन पर गहरी धारी।

रोयेंदार पूँछ झबरीली,
काली पीली बड़ी फबीली।

कंचे जैसे आँखें दिखते,
दाँत दूध से उजले लगते।

उछल- उछल कर वो चलती है,
सबके मन को हर लेती है।

लगती कितनी सुन्दर कोमल ,
है विद्युत के जैसी चंचल।

दिन भर डाली से उस डाली,
फिरती रहती है मतवाली।

श्रम से कभी नहीं थकती है,
काम करो सबसे कहती है।

कुतर-कुतर कर फल को खाती ,
मृदा खोद कर बीज छुपाती।

जिससे वृक्ष निकल आते हैं,
सभी जीव छाया पाते हैं।

-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

2 Likes · 291 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
घाव मरहम से छिपाए जाते है,
घाव मरहम से छिपाए जाते है,
Vindhya Prakash Mishra
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
अब किसे बरबाद करोगे gazal/ghazal By Vinit Singh Shayar
अब किसे बरबाद करोगे gazal/ghazal By Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
*
*"मुस्कराहट"*
Shashi kala vyas
क्यू ना वो खुदकी सुने?
क्यू ना वो खुदकी सुने?
Kanchan Alok Malu
नन्हीं परी आई है
नन्हीं परी आई है
Mukesh Kumar Sonkar
खो गए हैं ये धूप के साये
खो गए हैं ये धूप के साये
Shweta Soni
सुनो जीतू,
सुनो जीतू,
Jitendra kumar
गुरु की महिमा
गुरु की महिमा
Ram Krishan Rastogi
क्यों पढ़ा नहीं भूगोल?
क्यों पढ़ा नहीं भूगोल?
AJAY AMITABH SUMAN
उस पार की आबोहवां में जरासी मोहब्बत भर दे
उस पार की आबोहवां में जरासी मोहब्बत भर दे
'अशांत' शेखर
“Your work is going to fill a large part of your life, and t
“Your work is going to fill a large part of your life, and t
पूर्वार्थ
छोड़ दिया किनारा
छोड़ दिया किनारा
Kshma Urmila
*रोते बूढ़े कर रहे, यौवन के दिन याद ( कुंडलिया )*
*रोते बूढ़े कर रहे, यौवन के दिन याद ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
प्रेम जीवन धन गया।
प्रेम जीवन धन गया।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मुक्तक
मुक्तक
anupma vaani
अपने ज्ञान को दबा कर पैसा कमाना नौकरी कहलाता है!
अपने ज्ञान को दबा कर पैसा कमाना नौकरी कहलाता है!
Suraj kushwaha
चेतावनी हिमालय की
चेतावनी हिमालय की
Dr.Pratibha Prakash
"सियासत का सेंसेक्स"
*Author प्रणय प्रभात*
परिवर्तन
परिवर्तन
RAKESH RAKESH
"मयखाना"
Dr. Kishan tandon kranti
हिजरत - चार मिसरे
हिजरत - चार मिसरे
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
एक तूही ममतामई
एक तूही ममतामई
Basant Bhagawan Roy
राजू और माँ
राजू और माँ
SHAMA PARVEEN
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ज़िंदगी तुझको
ज़िंदगी तुझको
Dr fauzia Naseem shad
खामोश रहना ही जिंदगी के
खामोश रहना ही जिंदगी के
ओनिका सेतिया 'अनु '
2601.पूर्णिका
2601.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
युद्ध घोष
युद्ध घोष
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
गुरु महादेव रमेश गुरु है,
गुरु महादेव रमेश गुरु है,
Satish Srijan
Loading...